सोमवार, 11 नवंबर 2019

राजधानी में जारी है डेंगू का प्रकोप

ज्ञान प्रकाश


नई दिल्ली। राजधानी में तमाम कवायदों के बावजूद अब डेंगू डेंजर होता नजर आ रहा है। बीते चौबीस घंटे के दौरान एक बच्ची की डेंगू से मौत होने का मामला सामने आया है। बता दें कि बीते सप्ताह रोहणी के एक अस्पताल में एक महलिा की भी डेंगू फीवर वार्ड में मौत का मामला आया था। फिलहाल प्रशासन इस मामले को संदिग्ध श्रेणी में रखा है। रविवार को आए दूसरे मामले में पूर्वी किदवई नगर के ई1 टाइफ 3 में रहने वाली इस बच्ची का इलाज मैक्स पटपडगंज में चल रहा था। इसके पहले उसे केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के क्लीनिक में चल रहा था। माना जा रहा है कि राजधानी में इस मौसम में डेंगू से यह पहली मौत है। हालांकि मैक्स अस्पताल प्रशासन ने इस मामले को फिलहाल डेंगू संदिग्ध श्रेणी में रखा गया है। उनका तर्क है कि मृत्यु की वजह डेंगू फीवर था या फिर बच्ची को कोई अन्य बीमारी थी। इस विषय में कुछ जांच रिपोर्ट्स के आने का हमें इंतजार है।
सरकार ने नकारा:
हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद के जरीवाल ने ट्वीट के जरिया दावा किया है कि अभी दिल्ली में किसी भी पीड़ित की डेंगू पोजिटिव की मृत्यु की पुष्टि नहीं हुई है। दरअसल, पीड़ित के रिश्तेदार ने इस खबर को श्री केजरीवाल को टैग कर यह जानकारी दी थी। इसके जबाव में उन्होंने इस आश्य की पुष्टि की।
डेंगू फीवर से ही हुई मौत:
मृतक बच्ची 12वीं कक्षा की छात्रा थी। उसके पिता गोपाल रक्षा मंत्रालय में कार्यरत है। वह अपने परिवार के साथ किदवई नगर में रहती थी। इस कालोनी का निर्माण हाल ही एनबीसीसी ने किया था। इसके बाद लंबे समय यहां रहने वाले कें द्रीय कर्मचारियों को फ्लैट अलाट किया है। उधर, मैक्स हास्पिटल, पटपड़गंज के अधिकारी ने कहा कि बच्ची को यहां 8 नवम्बर को भर्ती कराया गया था। उसे डेंगू फीवर था जांच में पोजिटिव पाई गई थी। उसे तेज बुखार के साथ ही प्लेटलेट्स संख्या कम हो गई थी। जो समान्य थी। उसे सां लेने में भी तकलीफ हो रही थी। अन्तिम जांच के लिए रिपरेट दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) को भेजी गई है। फिलहाल इसे संदिग्ध कैटेगरी में रखा गया है।
परिजनों ने किया हंगामा:
बालिका की मौत से क्रोधित हो कर कॉलोनी वासियों ने एनबीसीसी के अधिकारी का घेराव किया और धरना दिया।
ईस्ट किदवई नगर में निर्माण कार्य पूरा करने से पहले ही इस्टेट्स आफिस ने सरकारी कर्मचारियों की जबरन यहां शिफ्ट जार दिया। यहां जगह पानी भरा हुआ है जिसके कारण याब तक 79 से अधिक लोग डेंगू की चपेट में आ गए है और कल रात एक बालिका की मौत भी हो गयी रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष निरंजन सिह के अनुसार, कॉलोनी में कोई सुविधा नहीं है। लेने का पानी साफ नहीं है, सफाई नहीं होती, जलभराव की संभावना रहती है। आरोप है कि केंद्रीय कर्मियों के लिए यहां एक भी सीजीएचएस डिस्पेंसरी तक नही खोली गई है। कॉलोनी वासियों ने रोष जताने के कजये आज धरना दिया और एनबीसीसी के परियोजना प्रबंधक आकाश सक्सेना का घेराव किया। लोगों ने एस्टेट्स आफिस में तैंनात कर्मचारियों के खिलाफ नारेबाजी की। इस मामले में श्री सक्सेना ने दावा किया कि स्वच्छ पानी आज से ही सामान्य कर दिया गया है। अन्य समस्याओं के लिए वे युद्धस्तर पर कार्रवाई करने का भी भरोसा दिलाया। दरअसल, यहां पर सरोजिनीनगर तो तोड़ने के लिए वहां के लोगों को अनिवार्य रूप से शिफ्ट किया गया है।


एक्सरसाइज से फ्रैक्चर का खतरा कम

अच्छी सेहत के लिए फिजिकल एक्सरसाइज के फायदे तो आपने खूब सुने होंगे। आपको बता दें कि फिजिकल ऐक्टिविटी बुजुर्गों महिलाओं में फ्रैक्चर के खतरे को भी दूर करता है। एक स्टडी में फिजिकल ऐक्टिविटी और मेनोपॉज के बाद महिलाओं में होने वाले फ्रैक्चर का संबंध देखा गया। बता दें कि यह रिसर्च अमेरीका के बफेलो स्कूल ऑफ हेल्थ में की गई है। इस स्टडी में रिसर्चर्स ने 77 हजार माहिलाओं को शामिल किया था। 14 सालों तक इनकी निगरानी की गई।


इस स्टडी में पाया गया कि जो महिलाएं फिजिकली ऐक्टिव थीं या घर के काम करती थीं, उनमें हिप फ्रैक्चर का खतरा 18 प्रतिशत तक कम था। वहीं, टोटल फ्रेक्चर का खतरा 6 प्रतिशत कम था। इस स्टडी के लीड ऑथर का कहना है कि इससे पता चलता है कि फिजिकल एक्सरसाइज के कई फायदों में से एक फ्रैक्चर का कम खतरा होना भी है।बता दें कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में फ्रैक्चर काफी आम समस्या है। इससे उनकी आत्मनिर्भरता कम हो जाती है, उनकी शारीरिक क्षमता सीमित हो जाती है और मृत्यु दर भी बढ़ जाता है। ऐसे में इस स्टडी के परिणामों से कई महिलाओं को काफी फायदा मिल सकता है। पब्लिक हेल्थ के लिए यह एक महत्वपूर्ण रिसर्च है।


नई तकनीक से यमुना बनेगी स्वच्छ

ज्ञानप्रकाश


नई दिल्ली। यमुना नदी की गंदगी को लेकर उठ रहे सवाल के बीच दिल्ली सरकार एक नई तकनीक पर काम करने की फुल प्रूप तैयारी की है। दरअसल, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) का काम अब तक सिरे नहीं चढ़ सका है। इसकी शुरुआत हालांकि तीन साल पहले ही की गई थी। लेकिन कानूनी अड़चनों और वित्तीय अड़चन के चलते इस योजना का अब तक गति नहीं मिल सकी है। ऐसे में सरकार बैक्टीरियल बायॉरेमेडिएशन तकनीक के जरिए दिल्ली से बहने वाले यमुनानदी के पानी को स्वच्छ बनाना चाहती है। नई योजना के तहत सीवेज-इटिंग माइक्रोब्स का प्रयोग किया जाएगा। यह एसटीपी योजना से कम खर्चीली और अत्यंत आसान है।
योजना तैयार, खास बातें: बाढ़ नियंतण्रविभाग द्वारा तैयार इस योजना को अंजाम दे रहे एक अधिकारी ने बताया कि गंदगी खाने वाले जीवाणुओं (सीवेज-इटिंग माइक्रोब्स) के इस्तेमाल से बड़े पैमाने पर जैविक उपचार (बायॉरेमेडिएशन) कर कुछ हद तक यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता को सुधारा जा सकता है। इस बायॉरेमेडिएशन टेक्नीक के तहत ऐक्टिवेटेड माइक्रोब्स नदी के पानी में मौजूद प्रदूषकों जैसे तेल और ऑर्गनीक मैटर को खा लेते हैं। सीवेज के ट्रीटमेंट में ये बैक्टीरिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खास बात यह है कि ये बैक्टीरिया किसी प्रकार की गंध नहीं छोड़ते हैं। इस प्रक्रिया में नाले से आ रही बदबू भी घटती है।
एम्स के एक्सर्ट्स भी है शामिल: यमुना की सफाई योजना में शामिल एम्स फैकल्टी वैज्ञानिक कमेटी के सदस्य शोधार्थी डा. विवेक दीक्षित ने कहा कि ट्रीटमेंट की प्रक्रिया के दौरान भारी धातु और जहरीले रसायन जैसे प्रदूषक कम हो जाते हैं। इस तकनीक के तहत माइक्रोब्स की डोज सीवेज में मौजूद ऑर्गनिक प्रदूषकों की मौजूदगी के आधार पर निर्धारित की जाती है। ओखला बैराज, लोकनायक सेतु, मजनू का टीला, गीता घाट, वजीराबाद स्थित यमुनानदी के घाटों पर इस तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनसीजीएम) की ओर से हाल ही में दो और पायलट प्रॉजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। एक एनसीआर उत्तर प्रदेश की ओर दिल्ली से निकलने वाली जगह में दूसरा हरियाणा से दिल्ली की ओर आने वाले हिस्से में होगा।
प्रदूषित अवयव छोडने वाले नालों की पहचान: सिचाई एवं बाढ नियंतण्रविभाग ने 154 नालों की पहचान की है, जिस पर आगे काम शुरू किया जाएगा। इनमें से पहले चरण में 54 स्थानों पर बायॉरेमेडिएशन तकनीक के जरिए सीधे नदी में मिल रहे गंदे पानी को रोका जा सकता है। ऐसे में प्रदूषक तत्वों को रोकने की जरूरत है। दुनिया में कई नई तकनीक मौजूद हैं। वास्तविक स्थान पर होने वाला यह ट्रीटमेंट काफी सरल होता है और इसे आसानी से संचालित किया जा सकता है। इसके लिए ड्रेन में किसी बड़े बदलाव की भी जरूरत नहीं होती है।
तकनीक है कम खर्चीली: स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य सचिव संजीव खिरवार ने कहा कि बायॉरेमेडिएशन तकनीक काफी कम खर्चीली है और इसके शुरू होने में महज 6 से 8 महीने का ही समय लगता है। निर्धारित किए गए प्रॉजेक्ट्स की लागत 7 लाख से 7 करोड़ रु पये के मध्य आने का अनुमान है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के निर्देशन में यह कार्य होगा। 'इन लो-कॉस्ट प्रॉजेक्ट्स को प्राइवेट/पब्लिक कंपनियों की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी से जुड़ी गतिविधियों के जरिए शुरू किया जाएगा।


पुनर्विचार याचिका पर अलग-अलग राय

भारत चौहान


नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के संकेत दिए हैं। लेकिन कई दूसरे प्रमुख मुस्लिम नेताओं एवं संगठनों का कहना है कि इस विषय पर आगे अपील की जरूरत नहीं है। इस बहुचर्चित मामले पर शीर्ष अदालत का निर्णय आने के कुछ देर बाद ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव एवं वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि फैसला संतोषजनक नहीं है। आगे वकीलों के साथ एवं संगठन की कार्य समिति की बैठक में विचार-विमर्श करके पुनर्विचार याचिका पर फैसला होगा। उन्होंने यह भी कहा, ''ऐसा लगता है कि पुनर्विचार याचिका की जरूरत पड़ेगी।'' पर्सनल लॉ बोर्ड के इस रुख को एआईएमआईम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पर्सनल लॉ बोर्ड के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायलय के फैसले को ''तथ्यों पर विास की जीत'' करार दिया है । हैदराबाद के सांसद ने शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं । दूसरी तरफ, रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के अहम पक्षकार रहे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा कि वह इस फैसले को चुनौती नहीं देगा। बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारुकी ने कहा कि वह न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं और बोर्ड का इस फैसले को चुनौती देने का कोई विचार नहीं है। इसी तरह, उच्चतम न्यायालय में बाबरी मस्जिद की पैरोकारी कर रहे प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-ंिहद भी पुनर्विचार याचिका दायर करने के पक्ष में नहीं है। जमीयत से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''इस मामले में हमने पूरी ताकत से लड़ाई लड़ी, लेकिन फैसला उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। देश की सबसे बड़ी अदालत ने फैसला दिया है। अब जमीयत की राय है कि इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने की जरूरत नहीं है।'' पुनर्विचार याचिका पर 'ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत' के अध्यक्ष नवेद हामिद ने कहा कि पुनर्विचार याचिका दायर करने या नहीं करने का निर्णय 'सावधानी के साथ' करना चाहिए। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने भी पुनर्विचार याचिका दायर करने के खिलाफ राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले को अब आगे नहीं बढाना चाहिए और उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की जरूरत नहीं है। देश के एक अन्य मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामींिहद के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि पुनर्विचार याचिका पर पर्सनल लॉ बोर्ड जो भी फैसला करेगा, हम उसका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, ''इस फैसले से हम संतुष्ट नहीं है। हमें लगता है कि इंसाफ नहीं हुआ है। अब आगे पर्सनल लॉ बोर्ड जो भी फैसला करेगा, जमात-ए-इस्लामी उसका समर्थन करेगी।'' गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को सर्वसम्मति के फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केन्द्र को निर्देश दिया कि नयी मस्जिद के निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया।


सड़क हादसे में भाजपा नेत्री की मौत

पंकज राघव


संभल। चंदौसी में भाजपा नेत्री पूर्व एमएलसी प्रत्याशी आशा सिंह का चंदौसी-बहजोई रोड ग्राम आटा के निकट बालाजी से दर्शन कर लौटते समय सुबह 4:00 बजे चालक को नींद आने के कारण गाड़ी पेड़ में टकराने पर दुर्घटना हो गई। जिसमें एक उनके चचेरे भाई एवं एक चालक गंभीर रूप से घायल हो गए और वही मौके पर भाजपा नेत्री आशा सिंह ने दम तोड़ दिया। जिसकी सूचना पर भाजपा जिला अध्यक्ष एवं अन्य भाजपा पदाधिकारी व सदस्य भारी संख्या में मौके पर पहुंच गए एवं उनके परिवार में अचानक दुर्घटना से कोहराम मच गया। भाजपाइयों में भाजपा नेत्री की सड़क दुर्घटना में मौत होने से शोक है।


पराविद्या की दीक्षा

गतांक से...
हमारा जीवन वास्तव में पराविद्या में सुशोभित होना चाहिए। जिससे हम पराविद्या को पान करते हुए, यह जो मान और अपमान वाला समाज हमें दृष्टिपात आ रहा है। इस सागर से पार हो जाए। मेरे पुत्रों, मैं विशेष विवेचना करते हुए वेद का मंत्र क्या कह रहा है? वेद मंत्र यही तो कह रहा है कि 'परो वरुण स्त्थ्थामन यज्ञे देवत्व ब्राह्मणे संभव:; वेद का वाक्य कहता है कि हम अपने उस महान देवत्व को जानने वाले बने। जिस देवत्व को जानने के पश्चात मानव के शरीर में ऐसा कोई क्रियाकलाप नहीं रहता है। जिसमें वह न पहुंच पाए और अमृत को प्राप्त न हो जाए। बेटा वेद मंत्र यही कहता है कि हम अपने में महानता का दर्शन करते हुए, महानता की ज्योति में सदैव रत हो जाए और महान मृत्यु को प्राप्त करते हुए। इस पुरोहितपन को विचारे की यह क्या है? पुरोहित राष्ट्रवाद में भी होता है और विद्यालय में भी और जन समूह में भी। पुरोहित अपनी पराविद्या से कहलाता है। मुझे स्मरण आता रहता है कि महर्षि वशिष्ठ मुनि महाराज अपने आसन पर विद्यमान थे। महर्षि विश्वामित्र उनके समीप पहुंचे और विश्वामित्र उनके चरणों की वंदना करके अपनी स्थली पर विद्यमान हो गए। महर्षि वशिष्ठ मुनि महाराज बोले कहो विश्वामित्र कैसे आगमन हुआ है? उन्होंने कहा कि आज वेद मंत्रों में अध्ययन कर रहा था। "परा विज्ञानमत: प्रा: वर्णनं ब्रवीह कृत: देवा:" हे प्रभु मैं पुरोहित को जानना चाहता हूं। ऋषि वशिष्ठ मुनि बोले हे ऋषिवर पुरोहित तो वह कहलाता है। जो पराविद्या को जानने वाला है। मानव जो पराविद्या में निष्ठावान रहता है। उसी का नाम पुरोहित है। ऋषि ने विवेचना करते हुए कहा कि पुरोहित कौन होता है। पुरोहित वह होता है जो भू से लेकर के और अंतरिक्ष के विज्ञान को जानने वाला हो। वह जो पराविद्या को प्रदान करने वाला हो। वह पुरोहित कहलाता है। क्योंकि पराविद्या बड़ी सार्थक मानी गई है। वेद के आचार्य ने उन्हें यह प्रश्न किया कि महाराज पराविद्यावादी कौन है? उन्होंने कहा कि पराविद्या में परमपिता परमात्मा निहित रहते हैं। परंतु "पराविद्या ब्रह्मे" जो पुरोहित जन है, हम उन पुरोहितों की विद्या को पान करते हुए। संसार सागर से पार हो जाए।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 12, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-98 (साल-01)
2. मंगलवार, नवंबर 12, 2019
3. शक-1941, कार्तिक-शुक्ल पक्ष, तिथि- पूर्णिमा, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:33,सूर्यास्त 05:34
5. न्‍यूनतम तापमान -14 डी.सै.,अधिकतम-25+ डी.सै., छिटपुट बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...