शनिवार, 9 नवंबर 2019

तीर्थ नगरी गढ़गंगा का प्रशासनिक निरीक्षण

हापुड़। जनपद हापुड़ की तीर्थ नगरी गढ़ गंगा बृजघाट मेले पर अधिकारियों ने किया औचक निरीक्षण। आपको बता दें जनपद हापुड़ की तीर्थ नगरी गढ़ गंगा मेले का अधिकारियों ने लिया जायजा। पुलिस महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र मेरठ व पुलिस अधीक्षक हापुड़ द्वारा आज गढ़ गंगा कार्तिक पूर्णिमा मेले का सुरक्षा शांति एवं कानून व्यवस्था का जायजा लिया।


अधिकारियों को क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देश दिए और लोगों से भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपील की। वहीं लोगों ने भी प्रशासन का पूर्ण रूप से सहयोग करने के लिए पूरा आश्वासन दिया, अधिकारियों ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों को दिया धन्यवाद।


प्रविन कुमार


अनियंत्रित स्कूल बस पलटी,12 छात्र घायल

राजस्थान। बहरोड़ क्षेत्र के गांव दुघेड़ा में शनिवार को एक स्कूल बस अनियंत्रित होकर पांच फीट गहरे उतर गई तथा एक खेत में जाकर पलट गई। वहां मौजूद ग्रामीणों ने बस के शीशे तोड़कर बच्चों को निकला। हादसे में करीब 12 बच्चे घायल हुए हैं जिनमें से पांच को ज्यादा चोट आई है। ग्रामीणों के अनुसार बस का ड्राइवर शराब पीए हुआ था। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव दुघेड़ा में यूनिक स्कूल की बस बच्चों को लेकर जा रही थी। बस में करीब 22 स्टूडेंट सवार थे। रास्ते में बस अनियंत्रित होकर कच्चे रास्ते से करीब 5 फीट गहरे खेत में जा कर पलट गई। हादसे से घबराए बच्चे घबरा गए तथा रोने-चीखने लगे। वहां मौजूद ग्रामीण मदद को आए। उन्होंने और लोगों को बुलाया तथा बस के शीशे तोड़कर बच्चों को बस से निकाला। सूचूना पर पुलिस भी वहां पहुंच गई। ग्रामीणों ने पुलिस व स्कूल प्रबंधन को सूचना दी। स्कूल प्रबंधन ने एंबुलेंस के बजाए बस को सीधा करने के लिए क्रेन भेज दी। वहीं बस में सवार बच्चों के घर दो से पांच किमी की दूर पर ही थे। हादसे का पता चलते ही परिजन मौके पर पहुंच गए तथा बच्चों को अपने स्तर पर ही वहां से ले गए। हादसे के करीब दो घंटे बाद स्कूल प्रबंधन मौके पर पहुंचा जिससे ग्रामीण नाराज हो गए। इसको लेकर ग्रामीणों ने स्कूल प्रबंधन को खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हादसे के समय ड्राइवर नशे में था। साथ ही उन्हें बस में से शराब के पव्वे व बोतलें, पानी की बोतलें, नमकीन के पाउच मिले। वहीं विद्यार्थियों ने कहा कि “चालक अंकल” की वजह से यह हादसा हुआ है। हादसे में करीब एक दर्जन बच्चे घायल हुए। बच्चों को अंदरूनी चोटें आई हैं। परिजन अपने स्तर पर बच्चों को अस्पताल लेकर पहुंचे। परिजनों ने ड्राइवर की लापरवाही तथा स्कूल प्रबंधन के मामले को गंभीरता से नहीं लेने पर नाराजगी जताई।


रिपोर्ट:-योगेश शर्मा


यूपी: 5 आईएएस,1पीसीएस का तबादला

लखनऊ। भविष्य निधि घोटाले में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) की एमडी को हटाए जाने के बाद राज्य सरकार ने अब प्रमुख सचिव ऊर्जा व अध्यक्ष यूपीपीसीएल आलोक कुमार को भी हटा दिया है। कारपोरेशन के अध्यक्ष होने के नाते आलोक को भी घोटाले के लिए जिम्मेदार मानते हुए बिजलीकर्मियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा था। घोटाले को लेकर विपक्षी पार्टियां भी सरकार पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं।


आलोक कुमार को हटाए जाने के साथ ही शुक्रवार को शासन ने एक पीसीएस और चार अन्य आइएएस अफसरों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव किया। आलोक कुमार को अब अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास का प्रमुख सचिव बनाया गया है। अरविंद कुमार को प्रमुख सचिव ऊर्जा और अध्यक्ष पावर कारपोरेशन का दायित्व सौंपा गया है। उधर, अयोध्या मंडल में आइएएस अफसर महेंद्र प्रसाद अग्रवाल को विशेष कार्याधिकारी के पद पर भेजा गया है। संकेत है कि 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे अयोध्या के कमिश्नर मनोज मिश्र के स्थान पर उन्हें तैनाती दी जाएगी।


नाम – वर्तमान – नवीन तैनाती


1. अरविंद कुमार – प्रमुख सचिव, परिवहन – प्रमुख सचिव, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन व अध्यक्ष जल विद्युत निगम।


2. आलोक कुमार – प्रमुख सचिव, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन व अध्यक्ष जल विद्युत निगम – प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, प्रमुख सचिव एनआरआइ, प्रमुख सचिव, सार्वजनिक उद्यम एवं महानिदेशक सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो।


3. राजेश कुमार सिंह – प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, प्रमुख सचिव एनआरआइ, प्रमुख सचिव, सार्वजनिक उद्यम एवं महानिदेशक सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो – प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग।


4. अबरार अहमद – सचिव, भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) – विशेष सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, मिशन निदेशक, नमामि गंगे।


5. महेंद्र प्रसाद अग्रवाल – सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग, एमडी, पिकप एवं सीइओ लीडा, लखनऊ – विशेष कार्याधिकारी, अयोध्या मंडल।


एक पीसीएस अफसर का तबादला


1. अजय कुमार अवस्थी – अपर आयुक्त, वाराणसी – सचिव, भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा)।


सौहार्द और बंधुत्व बनाए रखने का समय

नई दिल्ली। अयोध्या जमीन विवाद पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है। ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का प्रतीक है।


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। फैसले में विवादित जमीन पर राम लला विराजमान का हक माना गया है। इसको लेकर कोर्ट ने तीन महीने में मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के लिए कहा है। वहीं, कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जगह देने का आदेश दिया है।


बता दें कि अयोध्या मामले में पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुनाया। इसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने की। इस बेंच में जस्टिस एसए बोबडे जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और डीवाई चंद्रचूड़ शामिल रहे।


गोरखपुर से लगी भारत-नेपाल सीमा सील

अयोध्या। अयोध्या विवादित जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से सटे भारत-नेपाल सीमा को भी सील कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आने वाले ऐतिहासिक फैसले के मद्देनजर एडीजी जोन दावा शेरपा ने यह फैसला लिया है।


बता दें कि प्रदेश में चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर सभी तरह की एहतियात बरते जा रहे हैं। सीमाक्षेत्र के अलावा प्रदेश के बाकी इलाकों में भी फैसले को लेकर हलचल दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्यप्रदेश और राजस्थान के सभी स्कूल व कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है। सीमाक्षेत्र के अलावा प्रदेश के बाकी इलाकों में भी फैसले को लेकर हलचल दिखाई दे रही है।


उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्यप्रदेश और राजस्थान के सभी स्कूल व कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है। वहीं अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और सुप्रीम कोर्ट के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है। कई शहरों में शराब और बोतल में बंद ज्वलनशील प्रदार्थों की बिक्री पर प्रतिंबध लगा दिया गया है। हालांकि इनसब के बीच आयोध्या में आम लोगों का जीवन सामान्य ही नजर आया। बाजारें भी रोज की तरह सुबह करीब आठ बजे तक खुल गईं। वहीं गोरखपुर-लखनऊ फोर लेन को भी बंद कर दिया गया है।


14 साल बाद स्कूल जाने लगे बच्चे

जगदलपुर! बीजापुर जिले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान बाघ परियोजना इलाके में स्थित एक गांव है! जहां, देवगुड़ी और ज्ञान गुड़ी संचालित है। एक तरफ आदिवासी अपने देवी-देवताओं की पूजा करते हैं , दूसरी तरफ शिक्षित करने के लिए देवगुड़ी को ज्ञानगुड़ी में तब्दील भी कर दिये हैं।
इस इलाके में लगातार कई वर्षो से गोला बारूद की आवाज गूंजती रहती है। दहशत के साये में आदिवासी अपने बच्चों को शिक्षित कर रहें हैं। इस इलाके में अनपढ़ आदिवासी अपने बच्चों को पढ़ाने के करने लिए हर संभव मदद कर कहीं निजी मकानों में तो कहीं पेड़ों के नीचे अपनी निगरानी में स्कूल खुलवा रहे हैं। 
ब्लाक भैरमगढ़ के वनग्राम सेंड्रा में महज 5 या 7 बच्चों से शुरू हुई ज्ञानगुड़ी घांसफास की छत और कच्ची मिटटी से घिरी दीवार वाली है। सामने खुले दालान में बैठे बच्चे अपने ज्ञानगुरू की सारी सीख बड़े ध्यान से सुनते हैं। एक बच्चे ने बताया उनके ज्ञानगुरू का कहना है कि हमारे चरण भले मत छूना पर आचरण जरूर अपनाना।


इंद्रावती टाईगर रिजर्व घोषित 2798.08 वर्ग किलो मीटर में फैले पिल्लूर, सागमेटा में से एक है, इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के तहत कुटरू वन भैंसा अभ्यारण। पामैड़ बाघ परियोजना इंद्रावती सहित सहायक नदियों का अथाह जल और सघन वन इलाके की पहचान कभी वन जीव प्रेमियों को रास आती थी।
जिले के धुर माओवाद प्रभावित सेंडरा इलाके के करकावाड़ा और गोंडनुगुर गांव के बाशिंदों ने शिक्षा की ज्योत जलाने गजब की पहल की है। यहां चौदह साल बाद स्कूल की घंटी बजी है, वह भी देवगुडिय़ों में भोपालपट्नम ब्लाक मुख्यालय से तकरीबन 100 किमी दूर इंद्रावती टाइगर रिजर्व में बसे सेण्डरा इलाके के ग्रामीणों ने बच्चों के लिए शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने न सिर्फ स्कूल फिर से खुलवाने में शिक्षा विभाग की मदद की है, बल्कि स्कूल लगाने के लिए छत नसीब न होने की स्थिति में गांव की देवगुडिय़ों में ही शिक्षा का मंदिर स्थापित कर दिया है।
ग्रामीणों के इस पहल की चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है। दरअसल माओवादी उत्पात के चलते केरपे संकुल के पांच गांवों में पिछले 14 वर्षों से स्कूल बंद पड़े थे। लम्बे इंतजार के बाद सेण्डरा इलाके के फरसनार, करकावाड़ा, गोंडनुगुर, दुधेपल्ली, केरपे में स्कूल की घण्टी फिर से बजने लगी है। करकावाड़ा और गोंडनुगुर गांव में स्कूल देवगुड़ी में खोले गए हैं।


बस्तर संभाग में शायद यह पहला मामला है, जब स्कूल के लिए भवन नहीं मिलने पर गांव की देवगुडिय़ों में बच्चों के लिए पढऩे-लिखने की व्यवस्था की गई है। सेण्डरा जैसे दुर्गम इलाके में जहां नक्सलियों की तूती बोलती है, वहां के पांच गांवों में 14 साल बाद दोबारा स्कूल शुरू करवाना, किसी चुनौती से कम नहीं था। बावजूद खण्ड शिक्षा अधिकारी सुखराम चिंतूर के प्रयास से स्कूल की घण्टी फिर से बज रही है।
करकावाड़ा और गोंडनुगुर में स्कूल के लिए भवन उपलब्ध नहीं थे। इसके मद्देनजर ग्रामीणों ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए गांव की देवगुडिय़ों में स्कूल खोलने की अनुमति दी। खण्ड शिक्षा अधिकारी के मुताबिक देवगुड़ी में स्कूल खोलने का यह पहला मामला है! और इससे यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण शिक्षा को लेकर बेहद जागरूक हैं। करकावाड़ा और गोंडनुगुर के अलावा केरपे में पुराने पटवारी आवास में स्कूल खोला गया है, जबकि दुधेपल्ली और फरसानार में ग्रामीणों के सहयोग से निजी मकानों में पाठशाला लग रही है।
दरअसल 2005 में सलवा जुडूम की शुरूआत के बाद इलाके में स्कूल बंद हो गए थे।
बीजापुर जिला शिक्षा अधिकारी केके उदेश ने बताया कि 2005 में नक्सल विरोधी अभियान सलवा जुडूम की शुरूवात हुई थी। नक्सली हिंसा के तहत 270 स्कूलों को बंद किया गया था, जिसमें 233 प्राथमिक शाला तथा 37 पूर्व माध्यमिक शाला बंद पड़े हैं । इनमें से अब तक 12 स्कूलों को अलग- अलग ाव में प्रारंभ किया गया है। शेष स्कूलों को खोलने के लिए  वालों के साथ एक अभियान चलाया जा रहा है।
गांव के प्रमुख हिड़मा जोगा ने बताया कि राष्ट्रीय उद्यान में बसे 56 गंाव जिसकी आबादी 13 हजार से अधिक है, जिसमें लगभग ढाई हजार बच्चे अनपढ़ हैं। हमारे पूर्वज भी और हम भी अनपढ़ हैं। हम अपने बच्चों को हर हाल में पढ़ाना चाहते हैं। अब तक हमने इलाके में गोली, बारूद की आवाज सुनी है, दहशत से जीते आ रहे हैं, किंतु अब पहली सुबह स्कूल की घंटी की आवाज आती है, जिसे हम अब लगातार बनाये रखेगें!


फैसले को हार-जीत से जोड़कर न देखें

फैसले को हार-जीत के साथ जोड़कर ना देखें
यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखें। अफावाहों पर कतई ध्यान न देंं।'
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर पर कल आने वाले फैसले से पहले राज्य की जनता से अपील की है। उन्होंने कहा कि फैसले को हार या जीत के साथ जोड़कर ना देखा जाए। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखें। अफावाहों पर कतई ध्यान न देंं।
मुख्यमंत्री मे कहा कि प्रशासन सभी की सुरक्षा व प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है। कोई भी व्यक्ति यदि कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया  अखिलेश पांडेय  मेलबर्न। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे चौथे टे...