शनिवार, 9 नवंबर 2019

शांति-व्यवस्था कायम रखने के प्रति मार्च

जेवर में उप जिलाधिकारी एवं पुलिस के अधिकारियों के द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से आयोजित किया गया फ्लैग मार्च


गौतमबुध नगर। अयोध्या के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत जनपद में शांति व्यवस्था एवं आपसी सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से जिला मजिस्ट्रेट बीएन सिंह के निर्देशन में प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों द्वारा बड़े स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। इस क्रम में आज उप जिलाधिकारी जेवर गुंजा सिंह एवं पुलिस के आला अधिकारियों के साथ नगर क्षेत्र में फ्लैग मार्च का आयोजन किया गया। फ्लैग मार्च के दौरान उप जिलाधिकारी एवं पुलिस के अधिकारियों के द्वारा जन सामान्य से कानून व्यवस्था, शांति व्यवस्था एवं आपसी सौहार्द बनाए रखने का आह्वान किया गया। राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी।


128 फिट ऊंचा मंदिर बनाने की योजना

अयोध्या। अयोध्या नाम में अकार, यकार और धकार को क्रमश: ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वाचक माना जाता है। इनके किले, टीले और सरोवर पुराणों में दर्ज हैं, यहां के प्रतापी राजा पूजित हुए। 491 वर्ष पुराने विवाद का पटाक्षेप मंदिर के रूप में सुबह की ताजगी के एहसास से भर देता है। सुप्रीम कोर्ट से अब जब सबसे बड़े और लंबे मुकदमे का फैसला आ चुका है तो यहां यह जानना भी दिलचस्प है कि रामजन्मभूमि पर पांच सदी के बाद जो मंदिर बनेगा, वह कैसा होगा। हम आपको मन में उठ रहे इन सभी सवालों का जवाब देते हैं…


जिस राममंदिर का स्वप्न देखा गया है, वह दो मंजिल का होगा। प्रथम मंजिल की ऊंचाई 18 फीट एवं दूसरी मंजिल की ऊंचाई 15 फीट नौ इंच होगी। बीते 28 वर्षों से राजस्थान, गुजरात, मिर्जापुर व देश के अन्य हिस्सों से आए कारीगर कार्यशाला में करीब एक लाख घनफुट पत्थरों की तराशी का कार्य पूरा कर चुके हैं। विहिप के प्रस्तावित मंदिर मॉडल के भूतल के पत्थरों की तराशी का कार्य हो चुका है। रामजन्मभूमि के पार्श्व में प्रवाहित उत्तरावाहिनी मां सरयू, आग्नेय कोण पर विराजमान हनुमानजी, अयोध्यावासी और श्रद्धावनत साधक अब जल्द अपने रामलला को ऐसे भव्य भवन में विराजमान होते देखेंगे, जिसकी कामना पांच सदी से होती रही।


लंबाई : रामजन्मभूमि पर राममंदिर बनाने के लिए विहिप ने जो नक्शा बनाया है, उसके अनुसार प्रस्तावित मंदिर 268 फीट लंबा है।


चौड़ाई : प्रस्तावित राममंदिर की चौड़ाई करीब 140 फीट है।


ऊंचाई : जन्मभूमि पर बनने वाले राममंदिर की ऊंचाई 128 फीट है।


1984 में लिया था रामजन्मभूमि मुक्ति का संकल्प
8 फीट ऊंची पीठिका : मंदिर की प्रथम पीठिका (चबूतरा) आठ फीट ऊंची होगी। इन तक प्रशस्त सीढ़ियों से पहुंचा जा सकेगा। इसी पीठिका पर मंदिर का 10 फीट चौड़ा परिक्रमा मार्ग होगा। चार फीट नौ इंच ऊंची एक आधार पीठिका पर मंदिर का निर्माण होना है।


होंगे पांच प्रखंड : अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंगमंडप और गर्भगृह के रूप में मंदिर के मुख्यतया पांच प्रखंड होंगे।


लगेंगे 212 स्तंभ : मंदिर में 212 स्तंभ लगेंगे। प्रथम मंजिल में 106 एवं इतने ही दूसरी मंजिल पर लगेंगे। प्रथम मंजिल पर लगने वाले स्तंभों की ऊंचाई 16 फीट छह इंच एवं दूसरी मंजिल पर लगने वाले स्तंभों की ऊंचाई 14 फीट छह इंच होगी।


हर स्तंभ पर यक्ष-यक्षिणियां : प्रत्येक स्तंभ पर यक्ष-यक्षिणियों की 16 मूर्तियां और अन्य कलाकृतियां उत्कीर्ण होंगी। इनका व्यास चार से पांच फीट तक रहेगा।


गर्भगृह : मंदिर के जिस कक्ष में रामलला विराजेंगे, उस गर्भगृह से ठीक ऊपर 16 फीट तीन इंच का विशेष प्रकोष्ठ होगा। इसी प्रकोष्ठ पर 65 फीट तीन इंच ऊंचा शिखर निर्मित होगा।


इस्तेमाल होगा इतना पत्थर : प्रस्तावित मंदिर में एक लाख 75 हजार घन फीट लाल बलुआ पत्थर प्रयुक्त होगा।


दो से ढाई वर्ष में होगा तैयार : यदि तैयारियों पर गौर करें निर्धारित स्थल पर प्रथम तल के तराशे गए पत्थरों को शिफ्ट करने में अधिक से अधिक छह माह का समय लगेगा। इसके बाद दो से ढाई वर्ष में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। पत्थरों को ईंट-गारा की बजाय कॉपर और सफेद सीमेंट से जोड़ा जाएगा। प्रथम तल के पत्थरों की शिफ्टिंग के साथ ही गर्भगृह भी आकार लेगा, जहां रामलला की प्रतिष्ठा होगी।


वर्ष 1990 में बनी कार्यशाला : विहिप की रामघाट स्थित रामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला की स्थापना वर्ष 1990 के सितंबर माह में की गई। कार्यशाला के लिए मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष परमहंस रामचंद्रदास ने जमीन दान दी थी। कार्यशाला में ही प्रस्तावित मंदिर के मॉडल के साथ पूजित शिलाएं व तराशी गईं शिलाएं भी रखीं हैं।


इन्होंने की थी स्थापना : परमहंस के साथ मंदिर आंदोलन के अग्रदूत अशोक सिंहल, आचार्य गिरिराज किशोर, महंत नृत्यगोपाल दास, संघ विचारक मोरोपंत पिंगले आदि ने कार्यशाला की आधारशिला रखी थी।


28 वर्ष पूर्व बना अस्थाई मंदिर


रामजन्मभूमि पर मौजूदा अस्थाई मंदिर की नींव वर्ष छह दिसंबर वर्ष 1992 को उस वक्त पड़ी थी, जब कारसेवकों ने विवादित ढांचे को गिरा दिया। इससे पहले  वर्ष 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने विवादित स्थल का ताला खोलने और एक विशाल मंदिर के निर्माण के लिए अभियान शुरू किया था। वर्ष 1986 में एक फरवरी को जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा की इजाजत दे दी थी। इसके बाद विवादित इमारत का ताला दोबारा खोला गया। वर्ष 1992 में छह दिसंबर को कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर विवादित ढांचा ढहा दिया। ढांचा ढहने के बाद वहां 80 फीट लंबा, 40 फीट चौड़ा व करीब 16 फीट ऊंचा अस्थाई मंदिर बनाया गया। वर्ष 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का आदेश जारी किया। तभी से लेकर अब तक रामजन्मभूमि पर रामलला का पूजन-अर्चन होता आ रहा है।


तीन माह में बना नक्शा


नाप आदि लेने के बाद रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर का नक्शा तैयार करने में तीन माह का समय लगा था। चंद्रकांत सोमपुरा बताते हैं कि तीन माह तक रोजाना थोड़ा-थोड़ा समय निकालकर नक्शा तैयार किया। इसके बाद यह नक्शा अशोक सिंहल को सौंपा। फिर विहिप के शीर्ष नेताओं, संतों और अखाड़ों के प्रमुखों को यह नक्शा दिखाया गया। फिर तय हुआ कि इसी नक्शे के मुताबिक मंदिर का निर्माण किया जाएगा।


1989 में बना था मॉडल


प्रस्तावित राममंदिर का मॉडल सबसे पहले वर्ष 1989 में प्रयागराज कुंभ में रखा गया था। इसे चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया था। कुंभ के बाद इसे कुछ दिनों तक मंदिर के शिलान्यास स्थल पर रखा गया। वर्ष 1990 में जब श्रीरामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला बनी तब मंदिर के मॉडल को भी वहां स्थापित कर किया गया। कार्यशाला आने वाले श्रद्धालु मंदिर मॉडल के सामने सिर झुकाना नहीं भूलते।


आस्था का केंद्र बनी कार्यशाला


मंदिर-मस्जिद विवाद के उभार के बाद अस्तित्व में आई श्रीरामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला श्रद्धालुओं की आस्था का भी केंद्र भी बनी। इसी कार्यशाला में पूजित शिलाएं भी रखी गईं हैं। इसी कार्यशाला को तीर्थ के समान मान रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु कार्यशाला में रखे मंदिर के मॉडल व शिलाओं का दर्शन करने भी पहुंचते रहे।



उप मुख्यमंत्री को अब तक कोई विभाग नहीं

राणा ओबरॉय


चण्डीगढ़। हरियाणा में सरकार को बने लगभग 2 सप्ताह हो गए हैं। जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शपथ ली थी। लगभग 2 सप्ताह बीत जाने के बाद भी हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को किसी भी मंत्रालय की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। हरियाणा में यह पहली बार है की लगभग 2 सप्ताह तक कोई उपमुख्यमंत्री बिना किसी मंत्रालय के उप मुख्यमंत्री रहा हो! हरियाणा की जनता में और सिविल सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों में एक आम सवाल देखा जा रहा है कि ऐसे कब तक चलेगा उप मुख्यमंत्री का कार्यालय। हरियाणा प्रदेश की जनता का मानना है कि मंत्रिमंडल का विस्तार चाहे कभी भी हो। परंतु बिना किसी विभाग के उप मुख्यमंत्री पद की गरिमा नहीं बनती है?


महीनों रही मां और बहन के शव के साथ

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, यहां एक महिला अपनी मां और बहन के शवों के साथ दो महीने से अधिक समय से रहती मिली। देवकली पुलिस थाना क्षेत्र की आदर्श नगर कॉलोनी में पड़ोसियों द्वारा एक घर से तेज बदबू आने की शिकायत किए जाने पर गुरुवार को पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने दरवाजा खोलने पर दीपा को अपनी मां पुष्पा श्रीवास्तव और बहन विभा के मृत शरीर के साथ सोता पाया। सर्किल अधिकारी अरविंद चौरसिया ने संवाददाताओं को बताया कि दीपा के पिता व पूर्व सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट विजेंद्र श्रीवास्तव की 1990 में मौत हो गई थी। वह अपनी मां और तीन बहनों के साथ घर में रहती थी, जिनमें से एक रूपाली की कुछ साल बाद मौत हो गई।
इसके बाद पुष्पा श्रीवास्तव और उनकी बाकी दो बेटियां, विभा और दीपा मानसिक रूप से बीमार हो गईं। उन्होंने पड़ोसियों के साथ बातचीत करना बंद कर दिया था। पुष्पा और विभा की मौत लगभग दो महीने पहले हुई थी और दीपा उनके शवों के साथ रह रही थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि शव इस हद तक सड़ चुके थे कि हड्डियां दिखाई दे रही थीं, जिसका मतलब है कि दोनों की मौत करीब दो महीने पहले हुई होगी। मौत के कारण का पता लगाने के लिए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और दीपा को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है और फिर उसकी स्थिति के आधार पर या तो पागलखाने या फिर आश्रय गृह भेज दिया जाएगा।


चारा घोटाले में लालू की जमानत रद्द

रांची। अविभाजित बिहार के बहुचर्चित अरबों रुपये के चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में आज सुनवाई टल गई, जिससे उन्हें जमानत नहीं मिल सकी।
न्यायमूर्ति अपरेस कुमार सिंह की पीठ में यादव की ओर से दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत याचिका पर आज सुनवाई टल गई, जिससे उनकी जमानत की उम्मीद टूट गई। अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि 22 नवंबर 2019 निश्चित की गई है।
यादव की ओर से दायर याचिका में उनकी बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि वह सजा की अवधि का आधा से अधिक समय जेल में बीता चुके हैं। रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार राजद अध्यक्ष अनियंत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, क्रॉनिक किडनी डिजीज (स्टेज थ्री), फैटी लीवर, पेरियेनल इंफेक्शन, हाइपर यूरिसिमिया, किडनी स्टोन, फैटी हेपेटाइटिस और प्रोस्टेट जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
गौरतलब है कि यादव को चारा घोटाले के देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर 2017 को दोषी पाकर साढ़े तीन साल कारवास की सजा सुनाई थी। हालांकि इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से उन्हें जुलाई 2019 में जमानत मिल चुकी है लेकिन दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत नहीं मिल पाने के कारण वह जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।


फैसले का सम्मान पर 'संतुष्ट' नहीं: जिलानी

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद पर शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पांच मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगई के नेतृत वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया है। शीर्ष अदालत ने सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड इस फैसले से संतुष्ट नहीं है।


सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा-हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे। पूरे मुल्क की आवाम से अपील है कि शांति बनाए रखें। इसे लेकर कहीं भी किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।


जानें फैसला आने के बाद किसने क्या कहा…


उच्चतम न्यायालय का आभारी है निर्मोही अखाड़ा
निर्मोही अखाड़े के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा-निर्मोही अखाड़ा आभारी है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले 150 वर्षों की हमारी लड़ाई को मान्यता दी है और श्री राम जन्मस्थान मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।


अदालत के निर्णय से हल हुआ बहुत बड़ा मसला
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा-हम सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। हमने पहले भी कहा था कि अदालत का फैसला मानेंगे। आज भी कह रहे हैं कि हम इसे मानते हैं। अब देखना है कि सरकार हमें मस्जिद निर्माण के लिए कहां जगह मिलती है। फिलहाल अदालत के इस निर्णय से एक बहुत बड़ा मसला हल हो गया है।


दावा खारिज होने का अफसोस नहीं-निर्मोही अखाड़ा


निर्मोही अखाड़े के वरिष्ठ पंच महंत धर्मदास ने कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है।


हिंदू महासभा ने फैसले को बताया ऐतिहासिक
अदालत का फैसला आने के बाद हिंदू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा-यह ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले के साथ, सर्वोच्च न्यायालय ने विविधता में एकता का संदेश दिया है।


मोदी ने पाक पीएम का शुक्रिया अदा किया

करतारपुर गलियारे के लिए पीएम मोदी ने इमरान खान को कहा'शुक्रिया'


नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री पीएम मोदी, गुरदासपुर के बीजेपी सांसद सनी देओल, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल डेरा बाबा नायक पहुंचें। प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन होना बहुत खुशी की बात है।


पीएम मोदी ने कहा कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश-उत्सव से पहले, इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना हम सभी के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है। गुरु नानक देव सिर्फ सिख पंथ की, भारत की ही धरोहर नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की एकता, भारत की रक्षा-सुरक्षा से लेकर, गुरुनानक देवजी से लेकर गुरु गोविंद जी तब हर गुरु साहब ने कई बलिदान दिए हैं। इसी परंपरा को आजादी की लड़ाई और आजाद भारत की रक्षा में सिख साथियों ने पूरी शक्ति से निभाया है।


पीएम मोदी ने कहा, "बीते 1 साल से देश और विदेश में कीर्तन, कथा, प्रभात फेरी, लंगर, जैसे आयोजनों के माध्यम से गुरु नानक देव की सीख का प्रचार किया जा रहा है। इससे पहले गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव को भी इसी तरह भव्यता के साथ पूरी दुनिया में मनाया गया था।"करतारपुर गलियारे के लिए पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने डेरा बाबा नानक में चेक पोस्ट के उद्घाटन के दौरान कहा, "भारत की भावनाओं का सम्मान करने के लिए मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी का धन्यवाद करता हूं।"


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...