पटना । बिहार में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस (Congress) का पूर्व घोषित आंदोलन (Movement) कमजोर तैयारी की भेंट चढ़ रहा है। पांच नवंबर से आरंभ हुआ यह आंदोलन 15 नवंबर तक चलेगा। आंदोलन की मॉनिटरिंग (Monitoring) के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा को पर्यवेक्षक बनाया है। दो दिनों तक प्रदेश में कैंप करने के पश्चात वह गुरुवार को वाराणसी वापस लौट गए। वह दोबारा नौ नवंबर को पटना आएंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार हर प्रखंड में पर्चा भी पहले दिन नहीं बांटा जा सका।
केंद्र की नाकामियां दिखाते पर्चे का वितरण नहीं
एआइसीसी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर दो पृष्ठों का पर्चा प्रकाशित किया है, जिसका शीर्षक 'भयंकर बेरोजगारी, बेहाल अर्थव्यवस्था, कृषि संकट एवं आरसेप: एक कड़वा सत्य' रखा है। इसमें बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, कृषि संकट एवं आरसेप पर विस्तार से चर्चा की गई है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार छह एवं सात नवंबर को प्रखंड स्तर पर इसका वितरण किया जाना था। मगर, पहले दिन अधिकांश प्रखंडों में इनका वितरण नहीं हो सका। गुरुवार को पटना सहित कुछ जिलों में पर्चे बांटे गए। मगर, बड़े पैमाने पर इसका वितरण किसी भी जिले में देखने को नहीं मिला।
अभियान शुरू होने के बाद नियुक्त किए गए जिला पर्यवेक्षक
सूत्रों ने बताया कि जिला स्तर पर भी पर्यवेक्षक नियुक्त होने थे, मगर जिला पर्यवेक्षकों की सूची बुधवार को जारी की गई। जबकि, अभियान एक दिन पूर्व मंगलवार को ही आरंभ हुआ। जिला पर्यवेक्षकों को अपनी रिपोर्ट 18 नवंबर तक प्रदेश कार्यालय भेज देने की हिदायत दी गई है। एक जिला पर्यवेक्षक ने गुरुवार की शाम में बताया कि व अभी पटना में हैं, शुक्रवार को वे उस जिले में जा रहे हैं, जहां के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। हालांकि, आरा, मुजफ्फरपुर जैसे कुछ जिलों के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों ने गुरुवार को अपने जिम्मे के जिलों में बैठक की।
अब पूरा फोकस अभी 11 नवंबर की रैली की तैयारी पर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद माधव ने कहा कि हमारा पूरा फोकस अभी 11 नवंबर की रैली की तैयारी पर है। रैली की तैयारी युद्ध स्तर पर की जा रही है। तय कार्यक्रम के अनुसार, 11 नवंबर को सदाकत आश्रम से शहीद स्मारक तक रैली निकाली जाएगी। आनंद माधव ने बताया कि रैली जिस मार्ग से गुजरेगी उसपर जगह-जगह, प्याऊ और मेडिकल कैंप की व्यवस्था की जाएगी। विभिन्न जिलों से भी कांग्रेस कार्यकर्ता इस रैली में भाग लेने आएंगे।
दस दिवसीय आंदोलन के लिए प्रति दिन का जो कार्यक्रम निर्धारित है, उसके तहत आठ एवं 10 नवंबर को नुक्कड़ सभाएं आयोजित होंगी। 12 एवं 13 नवंबर को किसानों की समस्याओं पर जनसुनवाई होगी। 14 नवंबर को 'पंडित जवाहर लाल नेहरू के सपने का भारत' विषय पर सेमिनार होना है। अंतिम दिन हर जिला मुख्यालय पर धरना दिया जाएगा।