सोमवार, 4 नवंबर 2019

सपा विधायक हत्याकांड में कोर्ट ने सुनाई सजा

प्रयागराज! बहुचर्चित सपा विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड मामला,करवरिया बंधु समेत चारो आरोपीयों को ADJ कोर्ट ने सुनाई सजा!


चारो दोषसिद्ध आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा,
हत्याकांड में पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया,भाई पूर्व विधायक उदय भान करवरिया, भाई पूर्व एमएलसी सूरज भान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी को ADJ बद्री विशाल पाण्डेय की कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा,
ट्रायल कोर्ट ने करवरिया बंधुओं सहित एक अन्य को 31 अक्टूबर को हत्या का दोषी दिया था करार! एडीजे कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद 18 अक्टूबर को फैसला कर लिया था सुरक्षित! 31 अक्टूबर को अदालत ने चारों हत्यारोपियों को दिया था दोषी करार!
13 अगस्त 1996 की शाम 7 बजे जवाहर पंडित की गोलियों से भूनकर हत्या हुई थी, सिविल लाइंस में पैलेस सिनेमा और काफी हाउस के बीच एके-47 राइफल से की गई थी हत्या! करवरिया बंधु केस में आजीवन कारावास एवं ₹7,20000 का जुर्माना !


बृजेश केसरवानी


हरियाणा विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। महाराष्ट्र में अभी जहां सरकार बनाने को दंगल जारी है तो हरियाणा में आज से नई विधानसभा का पहला सत्र भी शुरू हो रहा है। सोमवार से हरियाणा विधानसभा का तीन दिवसीय सेशन शुरू हो रहा है, जिसमें नए विधायक शपथ लेंगे। नई विधानसभा के लिए कांग्रेस विधायक डॉ. रघुबीर सिंह कादियान को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है, जो कि नए विधायकों को शपथ दिलवाएंगे।


रघुबीर कादियान 4 नवंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। प्रोटेम स्पीकर के तौर पर डॉ. कादियान चार नवंबर सुबह 11 बजे राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के हाथों विधिवत रूप से शपथ लेंगे। उसके बाद दो बजे से शुरू होने वाले सत्र में उनके द्वारा विधायकों को एक-एक कर शपथ दिलाई जाएगी।


आपको बता दें कि रघुबीर कादियान छठी बार विधायक के रूप में चुने गए हैं और वे वर्ष 2006 से 2009 तक विधानसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन रह चुके हैं। 2014 में भी कादियान को ही प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था, इस विधानसभा में वो सबसे बुजुर्ग विधायक हैं।


सोमवार को विधायकों की शपथ के बाद उसी दिन स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का भी चुनाव होगा।आपको बता दें कि हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, हालांकि बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। नतीजों के बाद बीजेपी और जेजेपी ने साथ में आकर सरकार बनाई, जिसके तहत मनोहर खट्टर मुख्यमंत्री और दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने।


पुलिस-वकील हिंसा में वाहनों को लगाई आग

नई दिल्ली। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद वकील पुलिस के खिलाफ सड़कों और हिंसा पर उतर आए हैं। सोमवार को पुलिस और वकीलों के बीच कड़कड़डूमा कोर्ट में भी झड़प हुई और वकीलों ने एक पुलिसकर्मी को पीट दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों की वजह से मामला शांत हुआ। खबरों की मानें तो किसी मामूली बात को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि वकीलों ने कथित तौर पर वकील की पिटाई शुरू कर दी।


कड़कड़डूमा कोर्ट का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि वकीलों ने एक बार फिर साकेत कोर्ट में एक पुलिसकर्मी की पिटाई कर दी। साकेत कोर्ट के बाहर का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वकील एक बाइक सवार पुलिसकर्मी की पिटाई करते हुए नजर आ रहे हैं। जब पुलिसकर्मी ने वहां से भागने की कोशिश की तो एक शख्स ने पुलिसकर्मी पर हेलमेट फेंक दिया।


आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी की छह जिला अदालतों – तीस हजारी, कड़कड़डूमा, साकेत, द्वारका, रोहिणी और पटियाला हाउस के वकील आज पूरे दिन हड़ताल पर हैं। वकीलों की हड़ताल के चलते आम जनता को भी अदालत परिसर में जाने नहीं दिया जा रहा है।


दरअसल तीस हजारी अदालत परिसर में शनिवार दोपहर वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई थी जिसमें 21 पुलिस अधिकारी और आठ वकील घायल हो गए थे। हिंसा इस कदर बढ़ गई थी कि कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया जिसमें 14 मोटरसाइकिलों और पुलिस की एक जिप्सी शामिल थी।


दिल्ली उच्च न्यायालय ने तीस हजारी हिंसा के मामले में केंद्र, दिल्ली पुलिस आयुक्त और मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर उनसे इस संबंध में जवाब मांगा।घटना को लेकर मीडिया में आयी खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की अध्यक्षता में एक पीठ ने मामले में तत्काल सुनवाई करने का फैसला भी किया गया है।


22 लाख का पेट्रोल, मैनेजर ने की आत्महत्या

गाज़ियाबाद(यूए)। जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि शहर के सिहानी गेट थाना क्षेत्र में दिल्ली रोड पर मोलटी गांव में एचपी का पेट्रोल पंप है। पंप पर 65 वर्षीय रामपाल निवासी मुजफ्फरपुर बिहार मैनेजर थे। रामपाल ने पंप पर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उनका सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में उन्होंने दो लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। जिनका नाम है सोमवीर तोमर और प्रमोद तोमर। बताया जा रहा है कि इन दोनों का किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध है।


सुसाइड नोट में रामपाल ने दोनों नेताओं पर आरोप लगाया है कि इन्होंने पेट्रोल पंप से 20-22 लाख रुपये का पेट्रोल भरवाया लेकिन पैसे नहीं दिए। इसी बात से आहत होकर मैनेजर ने आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और वहां से सुसाइड नोट बरामद कर लिया है। इसके साथ ही शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।


चक्रवाती तूफान 'महा' लाएगा आंधी-तूफान

नई दिल्ली। महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में 6 से 8 नवंबर तक भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान 'महा' के कारण उत्तर कोंकण और दोनों राज्यों के उत्तर-मध्य क्षेत्रों में आंधी के साथ तेज बारिश होगी। मछुआरों को समुंदर में मछली पकड़ने के लिए नहीं जाने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही सभी जिलाधिकारियों को 'महा' के प्रभाव को कम करने के लिए उपाय करने को कहा गया है। मौसम विभाग के मुताबिक गुजरात के वेरावल तट के दक्षिण में 640 किमी दूर दक्षिण में 'महा' तूफान अपनी दिशा बदल सकता है। महा तूफान 6 नवंबर की सुबह गुजरात के तटीय क्षेत्र की ओर बढ़ सकता है। इस बीच, हवा की गति 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है। जिससे मूसलाधार बारिश हो सकती है।


बारिश और तेज हवाओं का अनुमान:दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में तेज हवाएं चल सकती हैं। हाल ही में क्यार चक्रावत की वजह से दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश हुई थी। जिसकी वजह से किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ।


मछुआरों से समुद्र किनारे ना जाने की अपील:गुजरात के किसानों को 'क्यार'तूफान के बाद अब 'महा' नामक चक्रवात का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने राज्य में एक बार फिर बारिश होने का अनुमान जताया है।


सभी दावेदारों के नाम दौड़ से बाहर

जिनके नाम दावेदारी में वह सभी हुये दौड़ से बाहर 
विनय कुमार अग्रवाल
ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष को लेकर संगठन में मामला अब और उलझ गया हैं। उम्र 50 के फार्मूले के कारण मंडल अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष पद के लिए पार्टी का जिला संगठन पार्टी के गठन के बाद पहली बार चकरघिन्नी हो रहा है। जिलाध्यक्ष के लिए पार्टी नेताओं के जो नाम लगातार सुर्खियों में थे, अब वह लाइन से बाहर होते जा रहे हैं। अब उम्र का फार्मूला अभी भी संगठन ने नहीं बदला तो पार्टी को किसी नौसिखिये को जिले की कमान मजबूरी में सौंपनी पड़ेगी। 
ज्ञांतव्य है कि भाजपा के राज्य संगठन ने अभी हाल ही में 50 वर्ष तक की उम्र के कार्यकर्ता को ही जिलाध्यक्ष की कमान सौंपने की प्लानिंग की है। जिसके कारण पार्टी के उम्रदराज हो चुके नेताओं के चेहरों की हवाईयां उड़ गई है। जिले के जो बड़े नेता अपने आपको जिले की कमान सम्हालने के योग्य मान रहे थे, सभी एक झटके में ही जिलाध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गये हैं। अभी तक पार्टी जिलाध्यक्ष के लिए जो नाम सबसे आगे चल रहे थे उनमे कमल माखीजानी, अशोक बांदिल, चंद्रप्रकाश गुप्ता, राकेश जादौन, अशोक जादौन, रामेश्वर भदौरिया, उदय अग्रवाल, शरद गौतम, पारस जैन, रामप्रकाश परमार, महेश उमरैया के नाम शामिल थे। लेकिन पार्टी संगठन द्वारा 50 वर्ष की उम्र तक के कार्यकर्ता को ही जिलाध्यक्ष बनाने के निर्णय से यह सभी नेता एक झटके में जिलाध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गये हैं।
अब 50 वर्ष तक की उम्र से कम भाजपा नेता की बात करें तो उसमे विनय जैन से लेकर कुछ नेता पुत्र ही प्रमुख रूप से सामने आते हैं, लेकिन इसमे से किसी को भी सीधे संगठन के जिलाध्यक्ष की कमान सौंपना संभव नहीं है। इसी कारण अब पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर की भी अब प्रदेश में सत्ता हटने से रौनक उड़ गई है। इसलिए वह अब ग्वालियर में जिलाध्यक्ष बनने की जुगत में हैं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का दामन साधकर जिलाध्यक्ष पद की वैतरणी पार करने की प्लानिंग की है, ताकि निकट भविष्य में वह भितरवार सीट से भाजपा विधायकी की उम्मीदवारी हासिल कर सकें। कुल मिलाकर पार्टी संगठन का उम्र 50 का फार्मूला अब उन्हीं के लिये गले की हडडी बन गया हे। इसमें भाजपा के कुछ नेता अब अपनी उम्र का फर्जी प्रमाण बनवाने की ओर फेर में भी है, ताकि येन केन प्रकारेण कैसे भी जिलाध्यक्ष की कुर्सी हथियाई जा सकें। 
अब भाजपा में वैसे पारस जैन पी.डी. संस का नाम भी जिलाध्यक्ष के लिये दमदार दावेदार के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने भी केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से लेकर पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, सांसद विवेक शेजवलकर और प्रभात झा तक से अपनी जुगलबंदी बिठा ली है। इसमें एक रोचक पहलू यह भी है कि पारस जैन पी.डी. संस के नाम का फायदा उठाकर मुरार के एक भाजपाई पारस जैन भी अध्यक्षी की कुर्सी पर ललचाई निगाह लगाये बैठे है। वह इकलौते केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह के सहारे ग्वालियर जैसे शहर का जिलाध्यक्ष बनना चाहते हैं।


खतरनाक है साधारण जुकाम

नाक, साइनस, गले या कंठनली (ऊपरी श्वसन तंत्र का संक्रमण (URI या URTI) का तीव्र संक्रमण शरीर के उन अंगों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है जो इससे सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। सामान्य ज़ुकाम मुख्य रूप से नासिका, फेरिंजाइटिस, श्वासनलिका को और साइनोसाइटिस, साइनस को प्रभावित करता है। यह लक्षण स्वयं वायरस द्वारा ऊतकों को नष्ट किए जाने से नहीं अपितु संक्रमण के प्रति हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण उत्पन्न होते हैं। संक्रमण को रोकने के लिए हाथ धोना मुख्य तरीका है। कुछ प्रमाण चेहरे पर मास्क पहनने की प्रभावकारिता का भी समर्थन करते हैं।


सामान्य ज़ुकाम के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का इलाज किया जा सकता है। यह, मनुष्यों में सबसे अधिक होने वाला संक्रामक रोग है। औसत वयस्क को प्रतिवर्ष दो से तीन बार ज़ुकाम होता है। औसत बच्चे को प्रतिवर्ष छह से लेकर बारह बार ज़ुकाम होता है। ये संक्रमण प्राचीन काल से मनुष्यों में होते आ रहे हैं।


संकेत एवं लक्षण 
कारण 
पैथोफिज़ियोलॉजी (रोग के कारण पैदा हुए क्रियात्मक परिवर्तन) 
रोग के लक्षण (रोग-निदान)
रोकथाम 
सामान्य ज़ुकाम के फैलाव को रोकने का एकमात्र प्रभावी तरीका इसके विषाणु को फैलने से रोकना ही है। इसमें मुख्यतः हाथ को धोना और चेहरे पर मास्क पहनना शामिल होता है। स्वास्थ्य रक्षा परिवेश में लम्बे चोंगे (गाउन) और उपयोग पश्चात फेंक दिए जाने वाले दस्ताने भी पहने जाते हैं। संक्रमित व्यक्तियों को अलग रखना इसमें संभव नहीं होता क्योंकि यह बीमारी बहुत व्यापक है और इसके लक्षण बहुत विशिष्ट नहीं होते। अनेक विषाणु इस बीमारी के कारक हो सकते हैं और उनमें बहुत ज़ल्दी-ज़ल्दी बदलाव होते रहते हैं इसलिए इस बीमारी में टीकाकरण भी कठिन सिद्ध हुआ है। व्यापक स्तर पर प्रभावशाली टीके विकसित कर पाने की संभावना बहुत कम है।


नियमित रूप से हाथ धोने से ज़ुकाम के विषाणुओं के संचरण को कम किया जा सकता है। यह बच्चों के बीच सबसे अधिक प्रभावी है। यह ज्ञात नहीं है कि सामान्य रूप से हाथ धोने के दौरान वायरसरोधी या बैक्टीरियारोधी पदार्थों के प्रयोग से हाथ धोने के लाभ बढ़ते हैं या नहीं[35] संक्रमित लोगों के आसपास रहने के दौरान मास्क पहनना लाभकारी होता है। यह निर्धारित करने के लिए पर्याप्त प्रमाण नहीं है कि अधिक शारीरिक और सामाजिक दूरी बनाना इसमें लाभकारी है या नहीं। ज़िंक अनुपूरण, किसी व्यक्ति में ज़ुकाम होने की आवृ्ति कम करने में प्रभावी हो सकता है। नियमित तौर पर लिया जाने वाला विटामिन सी पूरक सामान्य ज़ुकाम की गंभीरता या जोखिम को कम नहीं करता है। विटामिन सी ज़ुकाम की अवधि को कम कर सकता है।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...