मुंबई! बॉलीवुड की लीडिंग लेडी दीपिका पादुकोण अपने फिल्मी सफर में कई विभिन्न किरदारों के साथ अपने अभिनय का जादू बिखेर चुकी है और अब अभिनेत्री महाभारत की “द्रौपदी” को बड़े पर्दे पर पेश करने के लिए तैयार है। महाभारत की पौराणिक कहानी को एक बार फिर बड़े पर्दे पर उतारा जाएगा जिसमें बॉलीवुड की क्वीन दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका निभाएंगी। दिलचस्प बात यह कि, इस बार महाभारत की कहानी को द्रौपदी के नज़रिए से जनता के सामने रखा जाएगा। महाभारत हमेशा से भारत की सबसे लोकप्रिय और सबसे महत्वपूर्ण कहानियों में से एक रही है। हालाँकि, इस फिल्म की नवीनता यह कि इस फ़िल्म को द्रौपदी के नज़रिए से बनाया जाएगा, जिसकी कल्पना पहले इस तरह नहीं की गई है।
शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019
पिता ने दो बच्चों को उतारा मौत के घाट
मस्तूरी पचपेड़ी- शुक्रवार की सुबह क्षेत्रवासियों के लिए दिल दहला देने वाली रही, पचपेड़ी थाना क्षेत्र से आई इस खबर ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर एक पिता कैसे अपनी संतान को मौत के घाट उतार सकता है। पचपेड़ी थाना क्षेत्र के सोनसरी में घटी इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोनसरी में रहने वाले कलयुगी पिता ने अपने दो बच्चों को गला घोंटकर कुएं में फेंक दिया जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि ग्राम सोनसरी(सोन) में दसरथ विश्कर्मा अपनी पत्नी से आये दिन झगड़ा करता था जिसके कारण पत्नी अपने 4 बच्चों में से दो बच्चों को लेकर जांजगीर चाँपा अपने मायके में रहने लगी वही दो बच्चों को लेकर पिता दसरथ गाँव मे ही रहने लगा कल शाम से ही दसरथ विश्कर्मा अपने ही घर मे आतंक मचाने लगा था! जहाँ उसके पिता द्वारा झगड़ा न करने की बार बार समझाइश दी गई! फिर भी नही माना इतने में रात करीब 2 बजे घर मे सो रहे सुमित विश्कर्मा उम्र 10 वर्ष पुत्री आशा विश्कर्मा को पास ही स्थित बाड़ी के कुएं में फेंक दिया! जिसमें दोनों बच्चों की पानी मे डूबने से मौके पर ही मौत हो गई! सुबह सुबह इस घटना के बारे की सूचना पूरे गाँव मे आग की तरह फैल गई! आरोपी के पिता द्वारा पुलिस को घटना की सूचना दी गई, जहाँ मौके पर पहुँची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई कर रही है!
नशा छोड़े 2 साल 10 महीने हो गए
मुम्बई। फिल्म डैडी, सड़क और दिल है के मानता नहीं जैसी सुपरहिट फिल्मों में अपने शानदार अभिनय के जरिए कभी सिल्वर स्क्रीन पर राज करने वाली पूजा भट्ट पिछले कई समय से फिल्मों से दूर हैं! लेकिन एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर आए दिन अपनी पर्सनल लाइफ की जानकारी देती रहती हैं!
एक्ट्रेस पूजा भट्ट कई बार अपनी शराब की लत का जिक्र कर चुकी हैं! 47 वर्षीय अभनिेत्री ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक बेहद भावुक पोस्ट लिखी है! अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा,नशा छोड़े हुए दो साल और 10 महीने हो गए!
उन्होंने तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, आज मुझे नशा छोड़े हुए दो साल और 10 महीने हो गए! अब अतीत को प्रतिबिंबित करने और आत्मसात करने का समय है, आखिरकार कल किसने देखा है? आप में से जो कोई भी अपने अंदर के राक्षस से लड़ाई लड़ रहा है और लत से जूझ रहा है, आपको पता होना चाहिए कि आप अकेले नहीं हैं! अगर मैं कर सकती हूं तो आप भी कर सकते हैं! अगर आप लड़खड़ाते हैं और गिरते हैं तो खुद को संभालिए और फिर आगे बढ़ये! बदले में सिर्फ एक नहीं बल्कि कई तरीके के ईनाम मिलेंगे!
हरियाणा में सरकार बनाने का फार्मूला
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के रिजल्ट आने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दिल्ली पहुंचे हैं! वो यहां बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे! बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक खट्टर आलाकमान के समक्ष नई सरकार बनाने का फॉर्मूला पेश करेंगे! इसके अलावा वो दिल्ली में हरियाणा के निर्दलीय विधायकों से मुलाकात करेंगे! बता दें कि गुरुवार देर शाम बीजेपी की सांसद सुनीता दुग्गल सिरसा से जीते गोपाल कांडा समेत छह निर्दलीय विधायकों को चार्टर्ड प्लेन से लेकर दिल्ली पहुंची थीं!
गुरुवार को आए चुनाव नतीजे में किसी भी पार्टी की सरकार बनती नहीं दिख रही है! भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हैै! वो साधारण बहुमत से छह सीटें दूर है! वहीं कांग्रेस ने 31 सीटें जीती हैं जबकि दुष्यंत चौटाला की जन नायक जनता पार्टी को 10 सीटें मिली हैं! सिरसा से हरियाणा जनहित पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते गोपाल कांडा के संकेत दिए हैं कि वो बीजेपी को समर्थन करेंगे! गुरुवार शाम गोपाल कांडा और रानियां से जीते निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला को लेकर बीजेपी की सांसद सुनीता दुग्गल दिल्ली रवाना हुईं! इन सभी को एक चार्टर प्लेन से दिल्ली लाया गया है!
हार के बाद विपक्ष का बढ़ा हौसला
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजे जहां भाजपा के लिए ज्यादा उत्साहजनक नहीं रहे, वहीं विपक्ष को हार के बावजूद थोड़ी राहत जरूर मिली है। लोकसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत से एकदम निढाल पड़ चुके विपक्ष को अपने प्रदर्शन में सुधार से थोड़ा हौसला मिला है। भले ही दोनों राज्यों में भाजपा सरकार बना रही हो, लेकिन उसकी सीटें घटी हैं और विपक्ष का प्रदर्शन बेहतर हुआ है।
चुनाव नतीजों से विपक्ष को साफ संकेत मिले हैं कि यदि वह रणनीति बनाकर तैयारी के साथ मैदान में उतरे तो भाजपा का मुकाबला कर सकता है। वैसे दोनों राज्यों में भाजपा की सीटें घटने के पीछे पार्टी के पास कई तर्क हो सकते हैं। मसलन, महाराष्ट्र में पिछली बार उसने ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था, या उसे दोनों राज्यों में थोड़ा सत्ता विरोधी लहर झेलनी पड़ी।मगर, यह भी देखना होगा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन होने के बावजूद दोनों सहयोगियों की सीटें घटी हैं। एनसीपी और कांग्रेस अपनी सीटें बढ़ाने में कामयाब रहीं। एनसीपी का प्रदर्शन तो कहीं बेहतर रहा। कांग्रेस बिना तैयारी के मैदान में उतरी फिर भी उसकी सीटें बढ़ती दिख रही हैं।
हरियाणा में भी कांग्रेस गुटबाजी की लड़ाई से जूझती रही और आखिरी समय में उसने इस प्रकार तैयारी की, जैसे रस्म अदायगी कर रही हो। फिर भी उसका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा।
चुनाव नतीजों से कुछ संकेत साफ हैं। एक तो दोनों राज्यों में यदि कांग्रेस बेहतर तैयारी के साथ मैदान में उतरी होती तो उसका प्रदर्शन और बेहतर हो सकता था। इन चुनावों में स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहे। अनुच्छेद 370 को हटाने से भाजपा जैसे चमत्कार की उम्मीद कर रही थी, वह नहीं हुआ। हो सकता है कि इसका थोड़ा लाभ हुआ हो, लेकिन स्थानीय मुद्दे ही ज्यादा हावी रहे। तीसरे, महाराष्ट्र में मराठाओं और हरियाणा में जाटों की नाराजगी पार्टी को झेलनी पड़ी है। चुनावों के बाद अब कुछ ही महीनों के भीतर झारखंड और दिल्ली के चुनाव हैं। माना जा रहा है कि इन नतीजों से विपक्ष का हौसला बढ़ेगा और वह आक्रामकता के साथ मैदान में उतरेगा। मगर, भाजपा के पास भी अपनी रणनीति दुरुस्त करने का समय है।
क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखे:वृष
राशिफल
मेष:–प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नौकरी में नई जिम्मेदारी मिल सकती है। सामाजिक काम करने की इच्छा प्रबल होगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी में संयम रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। कारोबार में वृद्धि होगी।
वृष:–घर में अतिथियों का आगमन होगा। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूर से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। धन प्राप्ति सु्गम होगी।
मिथुन:–भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग बनते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़ी समस्या का हल मिल सकता है। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। धनार्जन होगा।
कर्क:-किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। आय में कमी होगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आ सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आशा व निराशा के भाव रहेंगे। खर्च से हाथ तंग रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेंगे। जोखिम बिलकुल न उठाएं।
सिंह:-बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। लाभ के अवसर
हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है।
कन्या:-शत्रु सक्रिय रहेंगे। चुगलखोरों से सावधान रहें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। नई आर्थिक योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। काफी समय से रुके काम पूर्ण हो सकते हैं। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। प्रमाद न करें।
तुला:–घर-परिवार की चिंता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। कोर्ट-कचहरी व सरकारी कार्यालय के काम मनोनुकूल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से बचें!
वृश्चिक:–पुराना रोग उभर सकता है। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक हानि हो सकती है। किसी भी तरह के विवाद में भाग न लें। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। कुसंगति से बचें। महत्वपूर्ण निर्णय टालें।
धनु:–कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। दांपत्य जीवन में आनंद रहेगा। कोर्ट व कचहरी तथा सरकारी कार्यालयों में रुके कार्य मनोनुकूल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।
मकर:–आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। घर के वृद्धजनों के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। भय रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। लाभ होगा।
कुंभ:–किसी मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग अपने शिक्षण-अध्ययन संबंधी कार्य में सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। जल्दबाजी में कोई कार्य न करें तथा विवाद की स्थिति न आने दें। कोई अरुचिकर घटना संभव है।
मीन:–कोई बड़ी धनहानि की आशंका है। लापरवाही न करें। भावना को वश में रखें। मन की बात किसी को न बतलाएं। नौकरी में अपेक्षाएं बढ़ेंगी। धैर्यशीलता की कमी रहेगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। भागदौड़ होगी।
पर्यावरण में ध्वनि-वायु प्रदूषण
दिवाली खुशियों एवं रौशनी का त्यौहार है लेकिन दिवाली के दौरान छोड़े जाने वाले तेज आवाज के पटाखे पर्यावरण पर कहर बरपाने के अलावा जन स्वास्थ्य के लिये खतरे पैदा कर सकते हैं। दिवाली के दौरान पटाखों एवं आतिशबाजी के कारण दिल के दौरे, रक्त चाप, दमा, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है और इसलिये दमा एवं दिल के मरीजों को खास तौर पर सावधानियां बरतनी चाहिये। नौएडा स्थित मेट्रो हास्पीटल्स एंड हार्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक पद्मविभूषण डा. पुरूषोत्तम लाल बताते हैं कि पिछले कई सालों से यह देखा जा रहा है कि दिवाली के बाद अस्पताल आने वाले हृदय रोगों, दमा, नाक की एलर्जी, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियों से ग्रस्त रोगियों की संख्या अमूमन दोगुनी हो जाती है। साथ ही जलने, आंख को गंभीर क्षति पहुंचने और कान का पर्दा फटने जैसी घटनायें भी बहुत होती हैं। डा. लाल ने आम लोगों को पटाखे नहीं छोड़ने अथवा धीमी आवाज वाले पटाखे छोड़ने की सलाह देते हुये कहा कि दिल और दमे के मरीजों को खास तौर पर पटाखों से पूरी तरह दूर रहना चाहिये। दिवाली के दौरान पटाखों के कारण वातावरण में आवाज का स्तर 15 डेसीबल बढ़ जाता है जिसके कारण श्रवण क्षमता प्रभावित होने, कान के पर्दे फटने, दिल के दौरे पड़ने, सिर दर्द, अनिद्रा और उच्च रक्तचाप जैसी समस्यायें उत्पन्न हो सकती हैं। तेज आवाज करने वाले पटाखों को चलाने का सबसे अधिक असर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दिल तथा सांस क मरीजों पर पड़ता है। दिवाली के दौरान छोड़े जाने वाले पटाखों के कारण वातावरण में हानिकारक गैसों तथा निलंबित कणों का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण फेफड़े, गले तथा नाक संबंधी गंभीर समस्यायें भी उत्पन्न होती हैं। उन्होंने बताया कि दिल तथा दमा के मरीजों के लिये दिवाली का समय न केवल पटाखों के कारण बल्कि अन्य कारणों से भी मुसीबत भरा होता है। दिवाली से पहले अधिकतर घरों में रंग-रोगन कराया जाता है, घरों की सफाई की जाती है। लेकिन पेंट की गंध, घरों की मरम्मत और सफाई से निकलने वाली धूल दमा के रोगियों के साथ-साथ सामान्य लोगों के लिये भी खतरनाक साबित हो सकती है। अंदरूनी प्रदूषण के अलावा बाहरी प्रदूषण और दिवाली के पटाखे से निकलने वाले धुएं, रसायन और गंध दमा के रोगियों के लिए घातक साबित होते हैं। इसलिए दिवाली के दिन और उसके बाद के कुछ दिनों में भी दमा के रोगियों को हर समय अपने पास इनहेलर रखना चाहिये और पटाखों से दूर रहना चाहिये। इन दिनों उनके लिये सांस लेने में थोड़ी सी परेशानी या दमे का हल्का आघात भी घातक साबित हो सकता है।
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