गुरुवार, 24 अक्टूबर 2019

विषैला जल लील रहा ग्रामीणों की जान

रायपुर। छत्तीसगढ़ का एक गांव ऐसा है, जहां का भूमिगत पानी जहरीला है। लोग इस पानी को मजबूरी में पीते हैं और अपनी जान गंवाते हैं। एक अभिशाप की तरह लोग इस जहरीले पानी के शिकार हो रहे हैं। लोगों की मजबूरी है कि इन्हें पीने के लिए यही पानी उपलब्ध है। लोगों को पता है कि यह पानी अंदर-अंदर उनकी किडनी गला रहा है और जिस्म को खोखला बना रहा है, बावजूद इसके लोगों के पास अपनी प्यास बुझाने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। धीरे-धीरे यहां की आबादी सिमट रही है। लोग या तो गांव छोड़कर पलायन कर रहे हैं या फिर मौत के मुंह में समा रहे हैं। इस गांव में रह रहे युवक-युवतियों की शादियां भी नहीं हो रहीं, जिसकी वजह से यहां की जनसंख्या बढ़ने की बजाय कम हो रही हैं।
गरियाबंद के सुपेबेड़ा गांव के लोग एक ऐसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं, जिसकी वजह से यहां की आबादी घटती जा रही है। सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी को लेकर इस कदर दहशत है कि लोग पलायन कर रहे हैं। गरियाबंद जिले के इस 900 की आबादी वाले गांव में सन 2005 से लगातार किडनी की बीमारी से मौत का सिलसिला जारी है। अब तक यहां 68 मौतें हो चुकी हैं। साल 2005 में ही सुपेबेड़ा में मौतों का सिलसिला शुरू हो गया था, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। साल 2017 में यहां 32 लोगों की मौत हुई। यह खबरें जब अखबारों की हेडलाइन बनीं, तब सरकार जागी। तत्कालीन मंत्रियों ने दौड़ लगाई। कैंप लगाए गए, डॉक्टरों को भेजा गया। कई गंभीर मरीजों को इलाज के लिए रायपुर लाया गया। गांव में अस्पताल खोला गया और अब राज्यपाल ने गांव का दौरा कर वहां प्रभावित मरीजों के एम्स और रायपुर के अन्य सुपर स्पेसिलिटी अस्पताल में मुफ्त उपचार का आश्वासन दिया है।
रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सुपेबेड़ा की मिट्टी का परीक्षण किया था। मुम्बई के टाटा इंस्टीटयूट और दिल्ली के डॉक्टर भी अपने स्तर पर जांच कर चुके हैं। जबलपुर आइसीएमआर की टीम भी यहां जांच के लिए पहुंची। पीएचई विभाग ने पानी की जो जांच की थी, उसमें उन्हें फ्लोराइड और आरसेनिक की मात्रा ज्यादा मिली थी। उसके समाधान के लिए गांव में फलोराइड रिमुवल प्लांट लगा दिया गया था, मगर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा की गई मिट्टी की जांच में हैवी मैटल पाए गए थे, जिसमें कैडमियम और क्रोमियम भी ज्यादा मात्रा में शामिल है।
वर्तमान में कांग्रेस की सरकार ने सुपेबेड़ा में शुद्घ पेयजल पहुंचाने के लिए योजना बनाई है। करीब दो करोड़ रुपये की इस योजना से पास में बहती तेल नदी से पानी पहुंचाया जाएगा। तेल नदी पर पुल निर्माण और वाटर फिल्टर प्लांट के लिए 24 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं। यहां के लोगों को शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए पूर्व में जो वाटर फिल्टर और आर्सेनिक रिमुवेबल प्लांट स्थापित किए गए हैं, इनकी कार्यक्षमता पर सवाल उठते रहे हैं। प्लांट में पानी ठीक तरीके से शुद्ध नहीं हो पाने के कारण स्थिति में विशेष सुधार नहीं हुआ।


पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस में किया तब्दील

 भिण्ड। कोटा-भिण्ड पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस में तब्दील करते हुए इटावा तक  शुरू किया जा चुका है। इस ट्रेन को भिण्ड-दतिया सांसद संध्या राय ने भिण्ड रेलवे स्टेशन पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेलवे ने कोटा पैंसेजर को न केवल एक्सप्रेस ट्रेन में तब्दील किया है, बल्कि इसे इटावा तक के लिए भी शुरू करा दिया है। इससे पहले यह ट्रेन भिण्ड-कोटा के बीच चलती थी और अब यह इटावा और कोटा के बीच शुरू कर दी गई है। मंगलवार को पहले दिन यह ट्रेन सुबह 11:40 बजे कोटा से भिण्ड की ओर रवाना हुई और बुधवार को दोपहर 1:30 बजे इटावा पहुंची। बता दें कि कोटा-इटावा एक्सप्रेस के 49 स्टापेज रखे गए है। इसके अलावा रेलवे ने ग्वालियर से भिण्ड के बीच चलने वाली ग्वालियर-भिण्ड ट्रेन का भी इटावा तक विस्तार कर दिया्र है। ये गाड़ी अब सुबह 6 बजे ग्वालियर से चलकर 9:30 बजे इटावा पहुंचेगी और फिर इटावा से 10 बजे ग्वालियर के लिए प्रस्थान करेगी। हालांकि एक साथ दो ट्रेनों का विस्तार किए जाने से यात्रियों में खुशी का माहौल है।


आधुनिकता में जल उपयोगी बिंदु

भिण्ड। रौन जनपद के अंतर्गत गौरई गांव मे गुरूवार दोपहर युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के अधीन नेहरू युवा केन्द्र संगठन एवं रामजानकी युवा मण्डल द्वारा रौन क्षेत्र के गौरई गांव मे जल शक्ति अभियान कार्यक्रम के तहत ग्रामीण युवाओं को जल बचाने के लिये जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  जिसमे रामजानकी युवा मण्डल की अध्यक्ष रेखा सिहं, सचिव सतेंन्द्र सिहं चौहान, कोषाध्यक्ष महावीरसिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान मण्डल अध्यक्ष रेखा सिहं ने कहा कि जल की अधिकाधिक बर्बादी होने से हमारे बीच का जलस्तर घटता है इसे व्यर्थ न करें। इन्द्र सिंह  चौहान ने कहा कि वास्तव में आज की स्थिति में जल हमारे लिये बहुत ही उपयोगी बिंदु है जिसे हमे सहज के रखना होगा। युवा समाजसेवी जितेन्द्र सिंह चौहान जीतू भैया गौरई ने संबोधित किया।


स्वच्छ भारत अभियान के तहत रैली

इंदौर। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के तहत, प्रतिभा सिंटेक्स लिमिटेड और विचार फाउंडेशन ने बुधवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दशहरा मैदन से नीलकंठ मंदिर, सागौर में स्वच्छता अभियान सह रैली का आयोजन किया। प्रतिभा सिंटेक्स और विचार फाउंडेशन की इस 2 किलोमीटर लंबी रैली में सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र और शिक्षक, नगर पालिका टीम के सदस्य और ग्रामीण उपस्थित रहे। बच्चों ने स्वच्छता के नारे लगाए, जबकि प्रतिभा के कर्मचारियों, ग्रामीणों और नगर पालिका के सदस्यों ने प्लास्टिक के थैलों, पॉलीथिन और रैपरों को एकत्र कर लोगों को प्लास्टिक के उपयोग से दूर रहने और सागौर को स्वच्छ व सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रेरित कदम। मदन सिंह भंडारी ने कहा की स्वच्छता का ये अभियान सागौर के लोगो को स्वच्छता रखने के लिए प्रेरित करेगा | इस अभियान को रामनारायण चौधरी ने भी सराहा |


 यह अभियान प्रतिभा के सीएसआर प्रोग्राम के सात मॉड्यूलों में से एक था, जिसे विचार फाउंडेशन द्वारा कार्यान्वित किया गया था। सीएसआर कार्यक्रम के तहत, एक अन्य मॉड्यूल शिक्षा को लेकर भी है। नैतिक शिक्षा पर शिक्षा मॉड्यूल कार्यशाला का आयोजन किया गया है और सागौर और बरदरी के विभिन्न स्कूलों में नैतिक मूल्यों पर फिल्में दिखाई गई हैं।  इस महीने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाते हुए, महात्मा गांधी के जीवन पर एक फिल्म अगली पीढ़ी को महात्मा के जीवन के उपाख्यानों के बारे में सूचित करने के लिए प्रदर्शित की गई थी। सितंबर के महीने में, शहीद भगत सिंह की जयंती को चिह्नित करने के लिए, स्वतंत्रता सेनानी पर विचार फाउंडेशन द्वारा बनाई गई फिल्म को विभिन्न स्कूलों में प्रदर्शित किया गया था। फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद बच्चों की फिल्म से सीखने के बारे में उनकी समझ को परखने के लिए एक एक छोटी परीक्षा का आयोजन भी किया जाता है।


सरस्वती शिशु मंदिर की प्रधानचार्य श्रीमती रेखा शर्मा ने कहा की इस तरह की कार्यशालाए बच्चो में नैतिक मूल्यों को रोपित करने में बहुत ही सहायक है | विद्यालय के संयोजक  प्रह्लाद रघुवंशी ने कहा की ये मोड़युल बच्चो को सर्वागीण विकास के लिए बहुत ही जरूरी है|


हिम तेंदुआ की गणना के लिए प्रोटोकॉल

नई दिल्ली। केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने हिम तेंदुओं की रक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में प्रमुख पहल करते हुए अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस के अवसर पर भारत में हिम तेंदुए की संख्या का आकलन करने के लिए आज प्रथम राष्ट्रीय प्रोटोकॉल का शुभारंभ किया। देश में हिम तेंदुओं की गणना का अपने किस्म का पहला कार्यक्रम वैज्ञानिक विशेषज्ञों द्वारा उन राज्यों/संघ शासित प्रदेशों, के सहयोग से विकसित किया गया है, जहां हिम तेंदुए पाए जाते हैं। इन राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।


वैश्विक हिम तेंदुआ एवं पारिस्थितिकी संरक्षण (जीएसएलईपी) कार्यक्रम की संचालन समिति की चौथी बैठक में प्रमुख भाषण देते हुए आज श्री जावड़ेकर ने इस रेंज में आने वाले देशों से प्रकृति के संरक्षण तथा हिम तेंदुओं की संख्या की गणना में सामूहिक रूप से कार्य करने की दिशा में विचार करने का अनुरोध किया। पर्यावरण मंत्री ने कहा, 'आने वाले दशक में हम दुनिया में हिम तेंदुओं की आबादी को दोगुना करने का प्रयास करेंगे। यह दो दिवसीय सम्मेलन महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान होने वाला विचार-विमर्श, चर्चाएं, सहयोग और एक-दूसरे से सीखना और सर्वोत्तम पद्धातियों को साझा करना हम सभी के लिए लाभदायक होगा। इसलिए, हम प्रकृति को बेहतर तरीके से संरक्षित कर सकते हैं और हम सामूहिक रूप से सकारात्मक कार्य कर सकते हैं।'
             श्री जावड़ेकर ने बाघों की आबादी के संबंध में भारत की सफलता के बारे में भी जानकारी दी। इस समय 2967 बाघ हैं, यानी 77 प्रतिशत बाघों की आबादी भारत में निवास करती है, उनकी तादाद का लगभग सटीक आकलन करने के लिए 26000 कैमरों का इस्तेमाल किया गया। भारत में 500 से अधिक शेर, 30000 से अधिक हाथी, 2500 से अधिक एक सींग वाले गैंडे भी हैं।
            श्री जावड़ेकर ने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि यह विचार-विमर्श व्यावहारिक कार्यक्रम तैयार करने में सफल होगा और इसकी बदौलत प्रकृति के संरक्षण और उसमें सुधार लाने के जरिए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जंग जीतने तथा तेंदुए, बाघ, शेर, हाथी, गैंडे और समस्त पशु साम्राज्य सहित पारिस्थितिकी के प्रतीकों की संख्या में वृद्धि होने का मार्ग प्रशस्त होगा। श्री जावड़ेकर ने कहा, “हमें क्षमता निर्माण, आजीविका, हरित अर्थव्यवस्था और तो और हिमालयी क्षेत्र के हिम तेंदुएं वाले इलाकों में और हरित मार्ग के बारे में देशों के बीच सहयोग के बारे में विचार मंथन करना चाहिए। यह उन सभी देशों के लिए आधार बनता है, जहां हिम तेंदुए पाए जाते हैं।"
               पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव  श्री सी.के. मिश्रा ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हिम तेंदुए की अहमियत के बारे में जागरूकता फैलाने और उसे समझने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “ये सम्मेलन अन्य देशों की सर्वोत्तम पद्धातियों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करते हैं। चर्चाएं पर्यावास और पारिस्थितिकी तंत्र पर केंद्रित होनी चाहिए। हमें बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र और बेहतर पर्यावास बनाने का प्रयास करना चाहिए।”


यहां इस बात का उल्लेख करना महत्वपूर्ण होगा कि हिम तेंदुएं 12 देशों में पाए जाते हैं। उन देशों में भारत, नेपाल, भूटान, चीन, मंगोलिया, रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 23-24 अक्टूबर, 2019 को नई दिल्ली में जीएसएलईपी कार्यक्रम की दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बैठक आयोजित की जा रही है।
जीएसएलईपी की संचालन समिति की चौथी बैठक में नेपाल, रूस, किर्गिस्तान और मंगोलिया के मंत्रियों के साथ-साथ हिम तेंदुओं की आबादी वाले नौ देशों के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग ले रहे हैं। जीएसएलईपी की संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता नेपाल और सह-अध्यक्षता किर्गिस्तान कर रहे हैं। इस बैठक में हिम तेंदुए और उसके पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए सहयोगपूर्ण प्रयासों में तेजी लाने के लिए अपने अनुभवों को साझा करेंगे। प्रतिनिधि हिम तेंदुए के पर्यावासों के विकास के लिए निरंतर किए जाने वाले प्रयासों पर भी चर्चा करेंगे।


आज मनाया जाएगा आयुर्वेद दिवस

नई दिल्ली। राजस्थान के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में 25 अक्टूबर, 2019 को चौथा आयुर्वेद दिवस आयोजित किया जाएगा। इस संस्थान में धनवंतरी पूजन और 'राष्ट्रीय धनवंतरी आयुर्वेद पुरस्कार-2019' समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। आयुष (स्वतंत्र प्रभार) एवं रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री श्रीपद येस्सो नाइक भी उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर, 24 अक्टूबर, 2019 को एक राष्ट्रीय सम्मेलन 'दीर्घायु के लिए आयुर्वेद' भी आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत मुख्य अतिथि होंगे।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने 2016 से प्रत्येक वर्ष धनवंतरी जयंती (धनतेरस) के दिन आयुर्वेद दिवस मनाने का निर्णय लिया था। इस अवसर पर, मंत्रालय 3-4 आयुर्वेद विशेषज्ञों को 'राष्ट्रीय धनवंतरी आयुर्वेद पुरस्कार' से भी सम्मानित करता है, जिसमें प्रशस्ति-पत्र, ट्राफी (धनवंतरी की मूर्ति) और पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार शामिल हैं। आयुर्वेद एक व्यापक कार्यक्रम में भरोसा करता है, जिसमें जागरुक भोजन (आहार), रहन-सहन (विहार), नींद (निद्रा), दीर्घायु (स्वस्थ्य जीवनकाल) के विस्तार के लिए व्यवहारात्मक एवं मनोवैज्ञानिक क्रियाकलाप शामिल हैं। रसायन तंत्र, आयुर्वेद की आठ शाखाओं में एक है, जो कायाकल्प, ऊर्जा संचार, रोग प्रतिरक्षण, स्वस्थ रूप से जीवन बढ़ाने और दीर्घायु बनाने के लिए समर्पित है।
आयुष मंत्रालय के संगठन यानी अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) नई दिल्ली, केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस), आयुर्वेद स्नातकोत्तर प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईपीजीटी एंड आरए) जामनगर, भारतीय औषधि एवं होम्योपैथी फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएम एंड एच) गाजियाबाद और पूर्वोत्तर आयुर्वेद एवं होम्योपैथी संस्थान (एनईआईएएच) शिलांग भी इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी कर रहे हैं।


फांसी की सजा, मुठभेड़ में ढेर

 गौतम बुध नगर। उत्तर प्रदेश के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की नोएडा यूनिट ने प्रतापगढ़ जिले में मंगलवार को देर रात मुठभेड़ के दौरान 50 हजार रुपये के एक इनामी बदमाश को मार गिराया। इस बदमाश पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती और लूटपाट के 15 से ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दर्ज हैं।
एसटीएफ के एसएसपी राजीव नारायण मिश्रा ने बुधवार को बताया कि मंगलवार रात को पश्चिमी उप्र एसटीएफ (नोएडा यूनिट) और प्रतापगढ़ जिले की थाना रानीगंज पुलिस को सूचना मिली कि कुछ बदमाश किसी बड़े अपराध को अंजाम देने के लिए रानीगंज थाना क्षेत्र में आ रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने बदमाशों की तलाश शुरू कर दी।
एसएसपी ने बताया कि कुछ देर बाद कुछ संदिग्ध लोग आते दिखाई दिए। उन्हें रुकने का इशारा किया गया। उन्होंने खुद को घिरा देखकर गोली चलानी शुरू कर दी। एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई की और एक गोली एक बदमाश को लगी। मिश्रा ने बताया कि उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...