सोमवार, 21 अक्टूबर 2019

राष्ट्रीय स्वयंसेवक का पथ भ्रमण संपन्न

संजय सोनी
रतनपुर! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विजयादशमी उत्सव आज सरस्वती शिशु मंदिर रतनपुर मे दिव्यकांतदास महराज के मुख्य आथित्य मे,संपन्न हुआ,उत्सव में मुख्य वक्ता जिला कार्यवाह गोवर्धन देवांगन रहे।विदित हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर होने वाले इस आयोजन मे कोटा विकासखंड के विभिन्न स्थानों से आये सैकड़ों स्वयंसेवको ने शासकीय कन्या उ.मा. वि.से पथ संचलन के माध्यम से नगर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुये सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचे,पथ संचलन के दौरान हिंदुत्व धर्म के रक्षार्थ नारे नगर में चहुओर गुंजायमान रहे ,
आयोजन स्थल सरस्वती शिशु मंदिर में मुख्य अतिथि महंत दिव्यकांतदास ने स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए कहा की संघ का कार्य समाज की सेवा एवं हिन्दूत्व की रक्षार्थ बनी है समाज के विभिन्न भागो मे होने वाली आपदाओं मे पीडीत लोगों की सेवा के लिए संघ हमेशा आगे रहता है,इस देश की जनता सुखी हो राष्ट्र का विकास हो यही चिंता संघ की रहती है।



मुख्य वक्ता गोवर्धन जी ने कहा की संघ आज 94वर्ष का होनेवाला है ऐसे मे हम सबकी महती जिम्मेदारी बनती है की देश की सेवा के लिए हिन्दूत्व की रक्षा के लिए संघ के कार्यो को जाने व समझे,संघ की मूल भावना ही यही की” तेरा वैभव अमर रहे माँ हम दिन चार रहे न रहे” शिक्षक मृत्युंजय यादव ने गीत प्रस्तुत किया।खंड संघचालक पंडित रामकृष्ण तिवारी ने आभार प्रकट किया।इस अवसर पर विभाग सह कार्यवाह संतोष यादव ,जिला प्रचारक नकुल जी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के प्रारम्भ के पूर्व पथ संचलन कर सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचे स्वयंसेवको का विद्यालय परिवार द्वारा पुष्प वर्षा एवं आरती करके हार्दिक स्वागत किया गया, मूसलाधार बरसते पानी में भी स्वयंसेवक मैदान में बैठे रहे,व पूरी तन्मयता एवं अनुशासन के साथ वक्ताओं के विचारों को सुनते रहें,इस अवसर पर नगर संघचालक माणिक लाल सोनी, कोटा से वेंकट अग्रवाल, जनपद पंचायत अध्यक्ष लखनलाल पैकरा ,सरस्वती शिशु मंदिर के कोषाध्यक्ष सुरेश सोनी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष घनश्याम रात्रे, पूर्व एल्डरमैन रोहणी बैसवाड़े, प्रशांत अग्रवाल, राजू शर्मा, लवकुश कश्यप,चंदू जायसवाल, भानू कश्यप, मूलचंद जायसवाल,डाँ.जय चंदेल, सहित बड़ी संख्या मे स्वयंसेवक उपस्थित रहे।


पर्यटक वाहनों को तत्काल रोकने का आदेश

भोपाल! मध्य प्रदेश के चार टाइगर रिजर्व (कान्हा, पन्ना, पेंच और बांधवगढ़) में तय से अधिक संख्या में पर्यटन वाहनों को प्रवेश देने के मामले में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने आपत्ति ली है। संस्था ने सीधे टाइगर रिजर्व संचालकों को पत्र लिखकर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं और प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा है। एनटीसीए इस बात से ज्यादा नाराज है कि फरवरी 2019 में निर्देश देने के बाद भी संरक्षित क्षेत्रों में अधिक वाहनों का प्रवेश नहीं रोका गया।


मामले में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अजय दुबे ने एनटीसीए से दोबारा शिकायत की है।पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने चारों टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को भ्रमण कराने वाले वाहनों की संख्या पिछले साल बढ़ा दी थी। दुबे ने एक नवंबर 2018 को मामले की शिकायत एनटीसीए से की थी और संस्था ने 10 दिसंबर 2018 को प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को इस पर रोक लगाने को कहा था। 24 दिसंबर 2018 को वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने टाइगर रिजर्व क्षेत्र संचालकों को आदेश भेजकर पूर्व निर्धारित वाहनों को ही संचालित करने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।दुबे ने आरोप लगाया है कि बड़े पर्यटन ऑपरेटर्स के व्यावसायिक हितों की पूर्ति के लिए वन विभाग ने यह फैसला लिया है।


इस कारण संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई। इसका असर बाघों की मनोस्थिति पर पड़ रहा है। दुबे की इस बात का समर्थन करते दो अध्ययन भी सामने आ चुके हैं। दुबे ने साफ कहा कि इस मामले में वाइल्ड लाइफ मुख्यालय एनटीसीए को भ्रमित कर रहा है।दुबे के आरोप हैं कि पार्कों में वाहनों की संख्या बढ़ाने से पहले स्थानीय सलाहकार समिति से बात नहीं की गई। एनटीसीए के उप वन महानिरीक्षक सुरेंद्र मेहरा के पत्र में साफ कहा गया है कि बाघ संरक्षण योजना में परिवर्तन के बिना पार्कों में वाहनों की संख्या नहीं बढ़ाई जा सकती है। इसमें एनटीसीए की अनुमति भी लेना पड़ेगी।उन्होंने कहा है कि जरूरी अनुमतियों के बगैर वाहनों की संख्या में किसी भी तरह की बढ़ोतरी न की जाए। उन्होंने सुधारात्मक कार्रवाई कर एनटीसीए को सूचित करने को कह दिया है। ज्ञात हो कि वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने चार पार्कों में वाहनों की संख्या बढ़ाई थी। जबकि सतपुड़ा और संजय दुबरी पार्क में संख्या कम की थी।


गहरी खाई में गिरने से कर्नल की मौत

इंदौर! समीपस्थ मेहंदी कुंड में रविवार दोपहर को सेना के एक अधिकारी की गिरने से मौत हो गई। घटना के समय सेना के अधिकारियों का ट्रैकिंग कैंप चल रहा था और अधिकारी नदी पार कर दूसरी ओर जा रहे थे, इस दौरान पैर फिसलने से वे करीब नब्बे फीट गहरी खाई में गिर गए। अधिकारी सेना की एमसीटीई शाखा में कर्नल थे।
बड़गोंदा पुलिस के अनुसार मेहंदी कुंड में सेना की एमसीटीई के अधिकारियों का एक ट्रैकिं ग कै ंप लगा था। इसमें करीब पचास अधिकारी मौजूद थे। दोपहर करीब 12 बजे अधिकारी कुंड के ऊपर नदी पार कर दूसरी ओर जा रहे थे।इसी दौरान कर्नल पीपी रविंद्र नाथ पिता पुरुषोत्तम (50) निवासी एमसीटीई मूल निवासी ग्राम तालुक चालाकुडी जिला त्रिशूर (के रल) का पैर फिसल गया और देखते ही देखते नब्बे फीट गहरी खाई में जा गिरे। अचानक हुए हादसे से अन्य अधिकारियों में हड़कंप मच गया, तत्काल बड़गोंदा पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद आसपास मौजूद ग्रामीणों की मदद से नीचे गहरी खाई में पहुंचे।
इस दौरान पुलिस जवान भी मौके पहुंच गए। पुलिस व ग्रामीणों की मदद से शव को कि सी तरह ऊपर लाया गया। बताया जाता है कि कर्नल पत्थरों से टकराते हुए खाई में पत्थर पर गिरे, जिस कारण उनका सिर व मुंह क्षत-विक्षत हो गया। कि सी तरह शव को सेना के वाहन में रखकर पोस्टमार्टम के लिए शासकीय अस्पताल लाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।



पिता-पुत्र में विवाद हो सकता है:मकर

राशिफल


मेष-राशि के लोगों का आज के दिन किसी करीबी की मदद करें! आज का दिन आपके लिए शुभ है और आपके सारे काम समय पर पूरे होने की संभावना है! लाइफ पार्टनर के साथ बाहर घूमने का प्लान कर सकते हैं! रिश्तों में मधुरता आएगी!


वृष-राशि वाले लोगों के दांपत्य जीवन में खुशी आ सकती है! आज किसी पुराने दोस्त से मुलाकात हो सकती है! इस मुलाकात से आपको रोजाना के कार्यों के मदद मिलेगी! अगर आप का पैसा किसी कारोबार में फंसा हुआ है तो, वह भी वापस मिलने के पूरे आसार हैं!


मिथुन-आज का दिन आपके लिए खास है. आपके अधूरे काम आज पूरे हो सकते हैं! आपको धन लाभ हो सकता है! साथ ही पैसे कमाने का नया उपाय भी मिल सकता है! प्रेम प्रसंग के मामलों में भी आज आपको सफलता मिलेगी!


कर्क-राशि के लोगों का दिन उतार चढ़ाव भरा रहेगा! किसी भी नई जिम्मेदारी लेने में आपको परेशानी हो सकती है! किसी को कोई बात सोच समझकर बोलें! घर में किसी बात को लेकर अच्छी खबर मिल सकती है! घर में बच्चों के साथ पार्टी का आयोजन कर सकते हैं!


सिंह-राशि के लोग का आज का दिन सामान्य रहने वाला है! किसी पुराने विवाद में बहस करने से बचें. किसी बात को लेकर जिद पर ना अड़े रहें, आपको नुकसान पहुंच सकता है! निवेश करने से पहले अपने परिवार से सलाह अवश्य लें!


कन्या-राशि के लोगों का दिन आज शानदार रहेगा! आज आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है! साहित्य से जुड़े लोगों को आज का दिन कोई बड़ी खुशखबरी लेकर आ सकता है! जिससे भी मदद मांगेंगे उससे मदद मिलने के पूरे आसार हैं!


तुला-राशि के लोगों के लिए आज का दिन सामन्य ही रहने वाला है! कई दिनों से अटका हुए कोई जरूरी काम आज पूरा हो सकता है! किसी भी मामले को लेकर एक तरफा सोच ना बनाएं! अपने शब्दों का चयन सोच समझकर करें! किसी काम को पूरा करने में ज्यादा समय लग सकता है!


वृश्चिक-राशि के लोगों का दिन शानदार रहेगा! आज किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है! आपके स्वास्थ्य में अच्छापन आएगा! मार्केंटिंग से जुड़े लोगों को ऑफिस में पदोन्नति मिल सकती है!


धनु-राशि के लोगों को आज अचानक धन लाभ हो सकता है! किसी रिश्तेदार से आज आपकी मुलाकात फायदेमंद साबित हो सकती है! कारोबार से जुड़े लोगों को उम्मीद से ज्यादा धन लाभ मिल सकता है! सामाजिक कार्यों में आपकी भागीदारी बढ़ेगी! पड़ोसी लोग आपके काम को देखकर प्रेरित होंगे!


मकर-राशि के लोगों का दिन आज का सुस्ती भरा रह सकता है! संतान के साथ किसी पुरानी बात को लेकर विवाद हो सकता है! ऐसे में किसी भी बात को सुलझाने के लिए संयम बरतें और शांति से सोचें!


कुंभ-राशि के लोगों के लिए आज का दिन अच्छा रहने वाला है! आपके परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहेगा और आपके ज्यादातर काम समय पर पूरे होंगे! अपनी ऊर्जा से आप सफलता हासिल करेंगे! ऑफिस के साथी आपके काम की तारीफ करेंगें!


मीन-राशि के लोगों को आज कोई शुभ समाचार से आपका मन प्रसन्न रहेगा! अपनों सलाह मानेंगे तो काम में सफलता अवश्य मिलेगी! दफ्तर में भी किसी सीनियर की मदद मिल जाए तो अच्छी बात है! बॉस आपके काम की सराहना करेंगे! वेतन में बढ़ोतरी की खबर आपको भी जल्द मिल सकती है!


ऊंचे पठारो का महाद्वीप

अफ्रीका ऊँचे पठारों का महाद्वीप है, इसका निर्माण अत्यन्त प्राचीन एवं कठोर चट्टानों से हुआ है। जर्मनी के प्रसिद्ध जलवायुवेत्ता तथा भूशास्त्रवेत्ता अल्फ्रेड वेगनर ने पूर्व जलवायु शास्त्र, पूर्व वनस्पति शास्त्र, भूशास्त्र तथा भूगर्भशास्त्र के प्रमाणों के आधार पर यह प्रमाणित किया कि एक अरब वर्ष पहलें समस्त स्थल भाग एक स्थल भाग के रूप में संलग्न था एवं इस स्थलपिण्ड का नामकरण पैंजिया किया। कार्बन युग में पैंजिया के दो टुकड़े हो गये जिनमें से एक उत्तर तथा दूसरा दक्षिण में चला गया। पैंजिया का उत्तरी भाग लारेशिया तथा दक्षिणी भाग गोंडवाना लैंड को प्रदर्शित करता था। अफ्रीका महादेश का धरातल प्राचीन गोंडवाना लैंड का ही एक भाग है। बड़े पठारों के बीच अनेक छोटे-छोटे पठार विभिन्न ढाल वाले हैं। इसके उत्तर में विश्व का बृहत्तम शुष्क मरुस्थल सहारा स्थित है। इसके नदी बेसिनों का मानव सभ्यता के विकास में उल्लेखनीय योगदान रहा है, जिसमें नील नदी बेसिन का विशेष स्थान है। समुद्रतटीय मैदानों को छोड़कर किसी भी भाग की ऊँचाई 324 मीटर से कम नहीं है। अफ्रीका के उत्तर-पश्चिम में एटलस पर्वत की श्रेणियाँ हैं, जो यूरोप के मोड़दार पर्वत आल्प्स पर्वतमाला की ही एक शाखा है। ये पर्वत दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में फैले हुए हैं और उत्तर की अपेक्षा दक्षिण में अधिक ऊँचे हैं। इसकी सबसे ऊँची चोटी जेबेल टूबकल है जिसकी ऊँचाई 4,167 मीटर है। यहाँ खारे पानी की कई झीलें हैं जिन्हें शॉट कहते हैं। मध्य का निम्न पठार भूमध्य रेखा के उत्तर पश्चिम में अन्ध महासागर तट से पूर्व में नील नदी की घाटी तक फैला हुआ है। इसकी ऊँचाई 300 से 600 मीटर है। यह एक पठार केवल मरुस्थल है जो सहारा तथा लीबिया के नाम से प्रसिद्ध है। यह प्राचीन पठार नाइजर, कांगो (जायरे), बहर एल गजल तथा चाड नदियों की घाटियों द्वारा कट-फट गया है। इस पठार के मध्य भाग में अहगर एवं टिबेस्टी के उच्च भाग हैं जबकि पूर्वी भाग में कैमरून, निम्बा एवं फूटा जालौन के उच्च भाग हैं। कैमरून के पठार पर स्थित कैमरून (4,069 मीटर) पश्चिमी अफ्रीका की सबसे ऊँचा चोटी है। कैमरून गिनि खाड़ी के समानान्तर स्थित एक शांत ज्वालामुखी है। पठार के पूर्वी किनारे पर ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत है जो समुद्र तट की ओर एक दीवार की भाँति खड़ा है। दक्षिणी-पश्चिमी भाग में कालाहारी का मरूस्थल है।


पूर्व एवं दक्षिण का उच्च पठार भूमध्य रेखा के पूर्व तथा दक्षिण में स्थित है तथा अपेक्षाकृत अधिक ऊँचा है। प्राचीन समय में यह पठार दक्षिण भारत के पठार से मिला था। बाद में बीच की भूमि के धँसने के कारण यह हिन्द महासागर द्वारा अलग हो गया। इस पठार का एक भाग अबीसिनिया में लाल सागर के तटीय भाग से होकर मिस्र देश तक पहुँचता है। इसमें इथोपिया, पूर्वी अफ्रीका एवं दक्षिणी अफ्रीका के पठार सम्मिलित हैं। अफ्रीका के उत्तर-पश्चिम में इथोपिया का पठार है। 2,400 मीटर ऊँचे इस पठार का निर्माण प्राचीनकालीन ज्वालामुखी के उद्गार से निकले हुए लावा हुआ है। नील नदी की कई सहायक नदियों ने इस पठार को काट कर घाटियाँ बना दी हैं। इथोपिया की पर्वतीय गाँठ से कई उच्च श्रेणियाँ निकलकर पूर्वी अफ्रीका के झील प्रदेश से होती हुई दक्षिण की ओर जाती हैं। इथोपिया की उच्च भूमि के दक्षिण में पूर्वी अफ्रीका की उच्च भूमि है। इस पठार का निर्माण भी ज्वालामुखी की क्रिया द्वारा हुआ है। इस श्रेणी में किलिमांजारो (5,895 मीटर), रोबेनजारो (5,180 मीटर) और केनिया (5,490 मीटर) की बर्फीली चोटियाँ भूमध्यरेखा के समीप पायी जाती हैं। ये तीनों ज्वालामुखी पर्वत हैं। किलिमंजारो अफ्रीका की सबसे ऊँचा पर्वत एवं चोटी है।



दक्षिण अफ्रीका के तट का उपग्रह से खींचा गया चित्र
अफ्रीका महाद्वीप की एक मुख्य भौतिक विशेषता पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण अफ्रीका के पठार के पूर्वी भाग में भ्रंश घाटियों की उपस्थिति है। यह दरार घाटी पूर्वी अफ्रीका की महान दरार घाटी के नाम से प्रसिद्ध है तथा उत्तर से दक्षिण फैली है। यह विश्व की सबसे लम्बी दरार घाटी है तथा 4,800 किलोमीटर लम्बी है। अफ्रीका की महान दरार घाटी की दो शाखाएँ हैं- पूर्वी एवं पश्चिमी। पूर्वी शाखा दक्षिण में मलावी झील से रूडाल्फ झील तथा लाल सागर होती हुई सहारा तक फैली हुई है तथा पश्चिमी शाखा मलावी झील से न्यासा झील एवं टांगानिका झील होती हुई एलबर्ट झील तक चली गयी है। भ्रंश घाटियों में अनेक गहरी झीलें हैं। रुकवा, कियू, एडवर्ड, अलबर्ट, टाना व न्यासा झीलें भ्रंश घाटी में स्थित हैं। अफ्रीका महाद्वीप के चारो ओर संकरे तटीय मैदान हैं जिनकी ऊँचाई 180 मीटर से भी कम है। भूमध्य सागर एवं अन्ध महासागर के तटों के समीप अपेक्षाकृत चौड़े मैदान हैं। अफ्रीका महाद्वीप में तटवर्ती प्रदेश सीमित एवं अनुपयोगी हैं क्योंकि अधिकांश भागों में पठारी कगार तट तक आ गये हैं और शेष में तट में दलदली एवं प्रवाल भित्ति से प्रभावित हैं। मॉरीतानिया और सेनेगल का तटवर्ती प्रदेश काफी विस्तृत है, गिनी की खाड़ी का तट दलदली एवं अनूप झीलों से प्रभावित है। जगह-जगह पर रेतीले टीले हैं तथा अच्छे पोताश्रयों का अभाव है। पश्चिमी अफ्रीका का तट की सामान्यतः गिनी तट के समान है जिसमें लैगून एवं दलदलों की अधिकता है। दक्षिणी अफ्रीका में पठार एवं तट में बहुत ही कम अन्तर है। पूर्वी अफ्रीका में प्रवालभित्तियों की अधिकता है। अफ्रीका में निम्न मैदानों का अभाव है। केवल कांगो, जेम्बेजी, ओरेंज, नाइजर तथा नील नदियों के सँकरे बेसिन हैं।


सामाजिक पशु कमिलिड अथवा लामा

लामा (Lama glama), एक कैमिलिड पशु है जो दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है। इसे एक पालतू पशु के रूप में एंडियन लोगों द्वारा प्रागैतिहासिक काल से भी पहले से पाला जाता है और यह उनकी बोझा ढोने, ऊन और मांस की आवश्यकताओं को पूरा करता है।पूर्ण विकसित लामा की ऊँचाई 1.7 मीटर (5.5 फुट) से 1.8 मीटर (6 फुट) तक होती है। इनका वजन 130 किग्रा (280 पाउंड) and 200 किग्रा (450 पाउंड) के बीच होता है। जन्म के समय एक लामा छौने, जिसे क्रिआ कहते हैं का वजन 9.1 किग्रा (20 पाउंड) and 14 किग्रा (30 पाउंड) के बीच हो सकता है। लामा एक सामाजिक पशु है और यह दूसरे लामाओं के साथ झुंड में रहना पसन्द करते हैं। इनसे प्राप्त ऊन अत्यन्त मुलायम और लैनोलिन (अंग्रेजी: Lanolin; ऊन का मोम) से मुक्त होता है। लामा एक बुद्धिमान प्राणी है जो किसी सरल काम को कुछ प्रयासों के बाद करना सीख सकता है। यदि किसी लाम को बोझा ढोने के काम में लगाया जाये तो यह अपने वजन का 25% से 30% तक वजन कुछ मीलों तक ढो सकते हैं।


लामाओं का प्रादुर्भाव उत्तरी अमेरिका के मैदानों में लगभग ४ करोड़ वर्ष पहले हुआ था। जहां से प्रवास कर दक्षिण अमेरिका में आये। पिछले हिमयुग के अंत में (10,000–12,000 वर्ष पहले) उत्तरी अमेरिका से कैमेलिड विलुप्त हो गये। 2007 तक दक्षिण अमेरिका में लगभग 70 लाख लामा और अलपाका थे और 20 वीं सदी के अंत में आयात होने के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में इनकी संख्या क्रमश: 158000 और 100000 के करीब है।


'जेवर' की घटती आबादी

जेवर (western tragopan) या (western horned tragopan) (Tragopan melanocephalus) एक मध्य आकार का फ़ीज़ॅन्ट कुल का पक्षी है जो हिमालय में पश्चिम में उत्तरीय पाकिस्तान के हज़ारा से पूर्व में भारत के उत्तराखण्ड तक पाया जाता है।इस जाति को आईयूसीएन लाल सूची के अंतर्गत असुरक्षित वर्ग में वर्गीकृत किया गया है क्योंकि इसकी छोटी और छितरी हुयी आबादी घटती जा रही है और निरन्तर वनोन्मूलन और वनों के घटने के कारण इसका संकुचित क्षेत्र खण्डित होता जा रहा है।


आकार:-नर का आकार लगभग २८ इंच (७२ से.मी.) का होता है जबकि मादा का आकार तक़रीबन २४ इंच (६१ से.मी.) तक का होता है। नर की पूँछ की लंबाई लगभग १०.५ इंच (२७ से.मी.) जबकि मादा की पूँछ लगभग ८ इंच (२१ से.मी.) तक की होती है। पंखों का फैलाव नर में क़रीब ११ इंच (२८ से.मी.) तथा मादा में ९.५ इंच (२४ से.मी.) तक का होता है।


आहार:-इस पक्षी का आहार मूलतः वृक्षों और बांस की पत्तियाँ होता है।


आवास:-यह प्रायः जंगलों में रहने वाला पक्षी है और ग्रीष्म ऋतु में पहाड़ों के हिम क्षेत्रों के आसपास ही रहना पसंद करता है जबकि शीत ऋतु में यह ५,००० फ़ीट की ऊँचाई तक उतर आता है।


प्रजनन:-यह पक्षी अप्रैल से मई तक प्रजनन करते हैं और इनके घोंसले में छः अण्डे भी देखे गये हैं।


रेल परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास करेंगे

रेल परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास करेंगे  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसि...