रविवार, 20 अक्टूबर 2019

हर नागरिक को सांस लेने का अधिकार

नई दिल्ली । एनजीटी ने ताजी हवा में सांस लेना हर नागरिक का अधिकार बताया है। एनजीटी ने यह बात दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की उस याचिका को खारिज करते हुए कही, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध से छूट मांगी थी। बता दें कि दिल्ली एनसीआर में सर्दियों के आगमन के साथ ही हवा की गुणवत्ता में आई भारी गिरावट के बाद पर्यावरणीय प्रदूषण (नियंत्रण व रोकथाम) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने 15 अक्टूबर से ग्रैप लागू करते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पेश याचिका में कंपनी ने कहा था कि उसका दायित्व सभी नागरिकों को बिजली वितरित करना है। लेकिन तकनीकी अड़चनों के चलते पूरे क्षेत्र में विद्युत वितरण करने को लेकर कंपनी की अपनी सीमाएं हैं।


यात्री स्पाइसजेट को घेरा फाइटर जेट ने

नई दिल्ली। निजी क्षेत्र की हवाईसेवा स्पाइसजेट के एक विमान को पाकिस्तान में एफ-16 फाइटर जेट्स से घेरे जाने के मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के ही एक अधिकारी की लापरवाही सामने आई है। पता चला है कि उस अधिकारी ने इस यात्री विमान को कमर्शियल एयरलाइनर के स्थान पर मिलिट्री का 'ट्रांसपोंडर कोड' दे दिया था। स्पाइसजेट का वह विमान पिछले महीने दिल्ली से उड़ान भरकर काबुल जा रहा था जब पाकिस्तान के आसमान में बेहद भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा। दरअसल, मिलिट्री ट्रांसपोंडर कोड इस मामले में कमर्शियल कोड से अलग होता कि मिलट्री कोड वाले विमान उड़ान के किसी भी रास्ते पर रहे तो निश्चित तौर पर रेडार की पकड़ में आ जाए। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'डीजीसीए का एक अधिकारी इस लापरवाही के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।' सूत्रों का कहना है कि स्पाइसजेट एयरक्राफ्ट को गलती से एन 32 कोड दिया गया था जिसका इस्तेमाल भारतीय वायु सेना करती है। यह गलती उस वक्त हुई जब जेट एयरवेज का संचालन बंद होने के बाद स्पाइसजेट अपने वायुयानों का बेड़ा तेजी से बढ़ा रहा था।
डीजीसीए अधिकारी की यह चूक इतनी गंभीर थी कि पाकिस्तानी एफ- 16 ने बिना नुकसान पहुंचाए स्पाइसजेट एयरक्राफ्ट को अपनी सीमा से बाहर किया तो भारतीय अधिकारियों ने व्यक्तिगत तौर पर पाकिस्तानी अधिकारियों को धन्यवाद कहा। दरअसल, पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना द्वारा फरवरी महीने के आखिर में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था। उसने 16 जुलाई को ही दोबारा अपना एयरस्पेस खोला था और महीने बाद ही यह घटना हो गई। इस नजरिए से भी बेहद गंभीर इस वाकये को पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने बहुत ज्यादा तूल नहीं दिया। भारतीय अथॉरिटीज ने इसे बेहद संवेदनशीलता से सुलझा लेने के लिए उसका शुक्रिया कहा। दरअसल, लाहौर की एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) स्पाइसजेट को मिले मिलिट्री ट्रांसपोडर कोड से इस उलझन में पड़ गया कि यात्री विमान जैसा दिख रहा एयरक्राफ्ट उसे मिलिट्री कोड कैसे दे रहा है। घटना की गंभीरता के कारण प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी इसकी समीक्षा की और डीजीसीए अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। वहीं, डीजीसीए ने एयरक्राफ्ट्स को ट्रांसपोर्डर कोर्ड के अलॉटमेंट सिस्टम कंप्यूटराइज्ड कर दिया ताकि इस तरह की मानवीय चूक दोबारा नहीं हो।


 


इलाहाबाद जंक्शन पर 16 ट्रेनें रद्द

आज इलाहाबाद जंक्शन आने वाली 16 ट्रेनें निरस्त


टूंडला जंक्शन में यार्ड री मॉडलिंग के चलते ट्रेनें रहेंगी निरस्त


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज! इलाहाबाद जंक्शन से दिल्ली रूट की तरफ चलने वाली 16 ट्रेनें रविवार को निरस्त रहेंगी। ऐसे में रविवार को अगर दिल्ली की ओर जाने का कार्यक्रम बन रहा है तो एक बार निरस्त ट्रेनों के संबंध में रेलवे की इनक्वायरी से संपर्क जरूर कर लिया जाए। ट्रेनों का निरस्तीकरण टूंडला यार्ड की रीमॉडलिंग की वजह से किया जा रहा है।


एनसीआर इलाहाबाद मंडल के टूंडला रेलवे स्टेशन के यार्ड में दो सितंबर से इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग का कार्य चल रहा है। यह कार्य 17 नवंबर तक होना है। इस वजह से रेलवे द्वारा हर रोज कुछ ट्रेनें निरस्त की जा रही हैं। अब यहां 20 अक्तूबर को नॉन इंटर लॉकिंग कार्य होगा। इसी वजह से संबंधित स्टेशन से गुजरने वाली 16 ट्रेनें रविवार को निरस्त रहेंगी। यह सभी ट्रेनें इलाहाबाद जंक्शन से होकर गुजरती है!


मोदी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 23 को

नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव याचिका पर सुनवाई 23 को


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका पर उनकी तरफ से बहस पूरी हो गई है।अब कोर्ट ने याची राज बहादुर का पक्ष सुनने के लिए 23 अक्तूबर की तारीख लगाई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने याची की ओर से पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय मांगे जाने पर दिया।
सुनवाई के दौरान नरेंद्र मोदी के अधिवक्ता सत्यपाल जैन व संतोष जैन ने अपने तर्क में कहा कि याची को याचिका दाखिल करने का न्यायिक अधिकार ही नहीं है, क्योंकि याची ने उन शर्तों और औपचारिकताओं का पालन नहीं किया है, जो एक प्रत्याशी के लिए आवश्यक होती हैं। 
यह भी कहा कि तकनीकी खामियों को देखते हुए याचिका खारिज किए जाने योग्य है।


28 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

दंतेवाड़ा। माओवादियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाये जा रहे पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर 4 इनामी सहित 28 माओवादियों ने नवीन पुलिस कैम्प चिकपाल में पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा डॉ. अभिषेक पल्लव के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित माओवादियों में मंगलू मुरकामी प्लॉट नंबर 26 का सदस्य, बामन कवासी कटेकल्याण एलओएस सदस्य, हांदा एलजीएस सदस्य ओडिय़ामे,  सीएनएन कमांडर तनु मरकाम, जनमिलिशिया सदस्य भीमा कुड़ामी, जोगो कवासी, बुधरा मंडावी जनमिलिशिया सदस्य एवं अन्य माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है!


बचत खाते पर घट जाएगी ब्याज दर

नई दिल्ली! भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई)ने कुछ नियमों में बदलाव करते हुए 1 नवंबर से सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज को घटाने जा रहा है। इससे SBI कस्टमर्स को जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज कम हो जाएगा।


SBI एक लाख रुपये तक की जमा राशि पर ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती करने जा रहा है। एक नवंबर से 1 लाख रुपये की राशि पर मिलने वाला ब्याज दर 3.50 फीसदी से घटकर 3.25 फीसदी हो गया जाएगा।


बता दें इसी तरह एसबीआई ने 1 साल से दो साल तक की मैच्योरिटी वाली रिटेल एफडी पर जमा दरों में 0.10 फीसदी की कटौती की है। इस कटौती के बाद ब्‍याज दर 6.50 फीसदी से घटकर 6.40 फीसदी रह गई है। एसबीआई में 2 करोड़ रुपये कम की डिपॉजिट रिटेल एफडी है।


सीलबंद, मुस्लिम पक्षकारों का जवाब

अयोध्या केस: मुस्लिम पक्ष ने सीलबंद लिफाफे में दिया जवाब, हिंदू पक्ष ने जताई आपत्ति


नई दिल्ली! अयोध्या विवाद पर सुनवाई खत्म हो चुकी है और 17 नवंबर तक फैसले की उम्मीद है। लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ के तहत विवाद से जुड़े सभी पक्षकारों ने अपना-अपना प्रस्ताव या यूं कहें कि जवाब सीलबंद लिफाफे में रख दिया है। हालांकि, सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करने पर हिंदू पक्षकारों ने आपत्ति भी जताई है।


रामलला विराजमान और हिंदू महासभा ने इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सेकेट्री जरनल को पत्र लिखकर शिकायत की है। जिसमें उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में कहीं नहीं कहा कि मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर जवाब सील कवर में दाखिल किया जाए। ऐसे में सुन्नी वक्फ बोर्ड के जवाब को स्वीकार ना किया जाए और न ही इसे पांच सदस्यीय पीठ के सामने रखा जाए।


हिंदू पक्ष की ओर से निर्मोही अखाड़ा ने रामलला या किसी भी हिन्दू पक्षकार के पक्ष में फैसला होने पर अपने सेवायत अधिकार को बरकरार रखे जाने की बात कही है। विवादित भूमि पर मंदिर बनाने के साथ ही रामलला की सेवा पूजा और व्यवस्था की जिम्मेदारी का भी अधिकार हो। वहीं, रामलला विराजमान ने लिखा है कि राम मंदिर के लिए सारा क्षेत्र उसे दिया जाए। निर्मोही अखाड़ा या मुस्लिम पार्टियों को जमीन का कोई हिस्सा नहीं मिलना चाहिए।


'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...