शनिवार, 19 अक्टूबर 2019

आगरा सड़क हादसे में 4 की मौत

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में भीषण सड़क हादसे में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में दो पुरूष और दो महिलाएं शामिल हैं। हादसे में बुरी तरह घायल गर्भवती महिला की हालत बेहद नाजुक है, जिसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि यह हादसा उस समय हुआ, जब सभी लोग गर्भवती महिला को प्रसव के लिए कार से आगरा के अस्पताल ले जा रहे थे।


हाथरस जिला के बिसावर गांव के रहने वाले रूपेश की पत्नी सीमा को प्रसव पीड़ा हुई। परिवार चाहता था कि उसकी डिलीवरी आगरा के किसी अच्छे अस्पताल में हो लिहाजा रूपेश अपनी पत्नी सीमा और मां विद्यावती को कार में लेकर आगरा रवाना हो गया। कार में रूपेश के परिजन भी सवार थे। पांच लोग एक कार में सवार होकर जा रहे थे, तभी उनकी गाड़ी पीछे से एक ट्रक में जाकर घुस गई।



डीएसपी सहित 7 पर हत्या का मामला दर्ज

चंचल यादव
हापुड़। हिरासत में सिक्यूरिटी गार्ड की मौत के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की नोटिस के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने एक डीएसपी समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज कर लिया है। वहीं तीन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
अधिकारियों ने NPG को बताया कि गुरुवार रात को मृतक प्रदीप तोमर के भाई कुलदीप तोमर की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई। करीब डेढ़ महीने पहले 35 वर्षीय प्रदीप को एक महिला की हत्या के मामले में पूछताछ के लिए हापुड़ के पिलखुवा इलाके में छिजारसी पुलिस थाने में हिरासत में लिया गया था। जिसकी रविवार रात कस्टडी में मौत हो गई। आरोप है कि पुलिस ने उसका थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। इसके बाद ग्रामीणों ने गांव से लेकर मेरठ तक हंगामा किया।


प्रदीप का 10 साल के बेटा भी पिता के साथ पुलिस चौकी बताया था जिसने दावा किया कि उसके पिता को पूछताछ के दौरान बुरी तरह टॉर्चर किया गया था। बच्चे ने बताया, 'कम से कम 8 से 10 पुलिसवाले मेरे पिता को लगातार पीट रहे थे। वे उन्हें पेचकस से गोद रहे थे। इस दौरान पुलिसवाले शराब भी पी रहे थे और दर्द से कराहते मेरे पिता को पानी देने से इनकार कर रहे थे।' प्रदीप की हालत बिगड़ने पर पुलिसकर्मी उन्हें हापुड़ के लोकल अस्पताल में ले गए और इसके बाद मेरठ के अस्पताल में रिफर किया जहां यातनाओं के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया।


पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी थर्ड डिग्री टॉर्चर की पुष्टि हुई है। हापुड़ के एसपी यशवीर सिंह का कहना है, 'रिपोर्ट में हत्या की वजह स्पष्ट नहीं है। आगे की जांच के लिए विसरा सैंपल ले लिया गया है। मृतक के कूल्हे और बांहे काली पड़ गई थीं जबकि पूरे शरीर में नीले निशान थे।'


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार, राज्य के पुलिस प्रमुख और मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया और मामले पर उनकी रिपोर्ट मांगी। 16 अक्टूबर को बयान जारी कर आयोग ने कहा, “ मीडिया रिपोर्टों की सामग्री के आधार पर आयोग ने देखा है कि यह पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति के मानवाधिकारों के उल्लंघन का शानदार उदाहरण है, जिसके लिए राज्य की पुलिस बल पर जवाबदेही निहित है।“
एनएचआरसी ने डीजीपी ओपी सिंह को राज्य पुलिस द्वारा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए की गई कार्रवाई और भविष्य में इस तरह की घटना को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करने का निर्देश दिया।
आयोग ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया है और कहा है कि पीड़ित परिवार को उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाए। मृतक का एक 11 साल का लड़का है जो इस घटना से आहत है, उसका भी ख्याल रखने की बात कही गई ।


दहशत फैलाने की कोशिश: योगी

लखनऊ। कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। इसमें शामिल लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कमलेश तिवारी का परिवार उनसे मिलना चाहेगा तो उनसे मिलूंगा।  दशहत फैलाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। लेकिन दशहत और भय फैलाने वालों के मंसूबों को कुचल दिया जाएगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।


इंडियन टीम ने खोए अहम विकेट

रांची। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट में यहां टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने पहले दिन शनिवार को लंच तक तीन विकेट पर 71 रन बनाए। भारत ने पहले सत्र में सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (10), चेतेश्वर पुजारा (0) और कप्तान विराट कोहली (12) के रूप में अपने तीन अहम विकेट खो दिए।


दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों ने आखिकार अपना जलवा दिखाया और भारत को शुरुआती झटके देकर उसे कुछ हद तक जूझने पर मजबूर कर दिया। कागिसो रबाडा ने दो विकेट झटके, जबकि एनरिच नॉर्त्जे ने एक विकेट लिया। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (38) और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे (11) क्रीज पर मौजूद हैं। भारत पहले ही शुरू के दो मैच जीतकर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना चुका है। भारत ने विशाखापत्तनम और पुणे में जीत दर्ज की थी।


विस अध्यक्ष पहली बार जाएंगे जेल

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली विधानसभा का एक महत्व है। इस विधानसभा ने विधायी मामलों में तमाम मानक कायम किए हैं और देश के विधानमंडलों में एक अलग पहचान बनाई है। लेकिन दिल्ली के विधायी इतिहास में पहली बार विधानसभा के अध्यक्ष को जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा।


दिल्ली की एक अदालत ने राजधानी के विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल को दोषी करार देते हुए 6 महीने की सजा सुनाई है। साथ ही दिल्ली के रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने रामनिवास गोयल के साथ-साथ उनके बेटे सुमित गोयल समेत 5 लोगों को 6-6 महीने की सजा सुनाई है और एक-एक हजार का जुर्माना भी लगाया है। जानकारी के अनुसार यह मामला 2015 में विधानसभा चुनाव के समय का है।


2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भाजपा से जुड़े और लोकल बिल्डर मनीष घई ने गोयल के खिलाफ मतदान से एक दिन पहले, 6 फरवरी की रात अपने विवेक विहार स्थित घर में अपने समर्थकों के साथ जबरन घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल को मारपीट के मामले में आईपीसी की धारा 448 के तहत दोषी करार दिया। जबकि उनके बेटे सुमित गोयल को धारा 323 यानी मारपीट करने के मामले में दोषी ठहराया गया है।
कौन हैं रामनिवास गोयल
राम निवास गोयल उत्तरी दिल्ली के शाहदरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जहां उन्होंने बीजेपी के जितेंद्र सिंह शंटी को 11 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया। जिसके बाद उन्हें विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया।


योगी सरकार को दूसरी बार फटकार

नई दिल्ली। योगी आदित्यनाथ की सरकार को सर्वोच्च अदालत की जारी तल्खी के बीच दूसरी बार फटकार सुननी पड़ी। अभी एक मुस्लिम लड़की की याचिका पर सुनवाई के दौरान यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार सुने एक महीना भी नही बीता था, कि देश की सर्वोच्चय अदालत ने योगी सरकार को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। 
सुप्रीम कोर्ट ने मंदिरों के प्रशासन से जुड़े मामले में यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि क्या उत्तर प्रदेश में जंगलराज है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यहां के वकीलों को पता ही नहीं है कि किस नियम के तहत काम किया जा रहा है। कोर्ट ने इसके साथ ही पूछा कि उत्तर प्रदेश में किस कानून के तहत मंदिर और उसके संस्थाओं की निगरानी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान ये भी पूछा कि सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार का कोई अधिकारी अदालत में मौजूद क्यों नहीं है, जो वकील को जानकारी दे सके और सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाब भी दे पाए।


गौरतलब है कि ये पूरा मामला बुलंदशहर की एक मंदिर से जुड़ा है। जहां मंदिर प्रशासन पर दान के दुरुपयोग का आरोप लगा है। आरोप लगने पर यूपी सरकार ने मंदिर को चलाने के लिए एक बोर्ड का गठन किया था। लेकिन तभी सुप्रीम कोर्ट में मंदिर की ओर से उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ याचिका दायर की गई। याचिका में आरोप लगाया गया था कि उत्तर प्रदेश की सरकार का ये निर्णय गलत है और मंदिर का बोर्ड बनाने में किसी कानून का पालन नहीं किया गया है।


चिदंबरम की याचिका पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जमानत नहीं देने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुरक्षित रख लिया। 
दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ में बंद चिदंबरम ने शीर्ष अदालत में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। उधर कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि चिदंबरम की महज उपस्थिति ही गवाहों को डराने-धमकाने के लिए काफी है, उन्हें कम से कम तब तक जमानत नहीं दी जाए जब तक अहम गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती। सीबीआई ने कहा कि आज ऐसा दौर है जब आर्थिक अपराधों के आरोपी देश से भाग रहे हैं, एक राष्ट्र के रूप में हम इस समस्या से जूझ रहे हैं।श् सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार मामले की जांच जारी है और सिंगापुर तथा मॉरीशस को भेजे गए आग्रह पत्र पर जवाब का इंतजार किया जा रहा है।
सीबीआई ने फाइल की चार्जशीट
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने पी चिदंबरम को 24 अक्टूबर तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है और सीबीआई के केस में भी न्यायिक हिरासत 24 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम सहित 15 लोगों के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया केस में चार्जशीट दाखिल की गई है। इसमें पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी, इंद्राणी मुखर्जी का नाम भी शामिल है। अब मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...