गुरुवार, 17 अक्तूबर 2019

बेहतर दृष्टिकोण पर विचार करें:कुंभ

राशिफल


मेष-आज आपके फोकस में कुछ कमी हो सकती है, अपने मूड स्विंग नियंत्रण में रखें। आपमें रचनात्मक ऊर्जा की अधिकता रहेगी। इसे उचित दिशा में अवश्य लगाएं। आज किसी भी प्रकार का रचनात्मक कार्य करें जो आपको पसंद हो जैसे की लेखन, चित्रकारी, डांस, कुकिंग इत्यादि। इससे आपके मन में संतोष की भावना बढ़ेगी और स्वास्थ्य लाभ भी होगा। आपके काम में भी फोकस बढ़ेगा और काम की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। आज किसी प्रकार से दान ज़रूर करें।


वृष-आज का दिन थकान और तनाव से भरा रह सकता है। आपका मिजाज भी थोड़ा उखड़ा या चिड़चिड़ा रह सकता है। ऐसे में अपने आप को आराम देने की सोचें या कुछ अनावश्यक कामों को थोड़ा टालने का विचार रहें। काम का बोझ अधिक रहेगा और आस पास के लोगों से अनबन होने के आसार हैं। यदि नया मकान या प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो उसके कागज़ अच्छी तरह से जांच लें।


मिथुन-आज का दिन आपके लिए कुछ लोगों से मुलाकात का रहेगा। आपको अपनी बात समझाने और लोगों को उस पर सहमत करने के लिए प्रयास करना पड़ सकता है। यदि कोई मित्र रूठा हुआ है तो उसे मनाएंगे। आपकी सलाह सबके लिए लाभकारी रहेगी। आपकी संवेदनशीलता आपके लिए और दूसरों के लिए भी एक वरदान है क्योंकि इसकी मदद से आप दूसरों का समझ कर उन्हें अच्छे प्रकार से गाइड कर सकते हैं और आपकी सलाह से प्रसन्नता मिलती है।


कर्क-अपनी किसी भी बात पर अड़ियल न हों, दूसरों के नज़रिए से भी बात समझने का प्रयास करें। परिस्थिति में बदलाव हो रहा है, इसके साथ अपने आप को भी बदलने का प्रयास करें नहीं तो आपके अड़ियल स्वभाव के कारण आप अपना नुकसान कर सकते हैं। रिश्तों में भी दूसरों का नजरिया देखने का प्रयास करें तभी कोई मसला हल होगा। आपके आइडियाज बुत सराहनीय हैं किन्तु उन्हें थोड़ा प्रैक्टिकल बनाने की भी आवश्यकता है। प्रेमी या प्रेमिका से आज किसी बात पर झगड़ा हो सकता है। अपनी बातों या विचारों में अड़ियल न हों।


सिंह-आज आप जो भी काम करें, उसमें अपने परिणाम का पूरा ध्यान रखें। आपके प्रयास थोड़ी सी लापरवाही के कारण व्यर्थ जा सकते हैं। पुराने निवेश से धन लाभ के योग हैं। मेहनत फल देगी और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगी। अपने जीवन को दूसरों के लिए आदर्श बनाएं। किन्तु इस प्रक्रिया में अपने महत्त्व को कम न होने दें। दूसरों की सहायता करना अच्छी बात है किन्तु अपना नुकसान करके किसी और की सहायता न करें। इससे किसी का भला नहीं होगा। मदद उसकी करें जो उसके योग्य हो।


कन्या-आज कुछ लोगों से आपका विवाद या कहासुनी हो सकती है। बात करते समय पूरा संयम बरतें। सही समय पर आपके पास आपकी ज़रुरत के संसाधन प्राप्त हो जाते हैं। आप जो पान चाहते हैं उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी और कमी हो सकती है। इस विचार को छोड़कर यदि मेहनत करेंगे तो सफलता जल्द ही प्राप्त होगी। अपने विचारों को कमी की बजाय सम्पन्नता पर फोकस रखें।


तुला-आज आपका मूड कुछ बदला हुआ सा रह सकता है। किसी काम में मन नहीं लगेगा, आपको एकांत में रहना भी अच्छा लग सकता है। ऐसा किसी काम में मनचाहा परिणाम ना मिलने से हो सकता है। आपमें भरपूर योग्यता होते हुए भी आप अपना कौशल पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं कर पा रहे जिससे मन में असंतोष की भावना होती है।


वृश्चिक-आज आपको किसी बात को लेकर थोड़ा तनाव रह सकता है। ये परिस्थिति प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों तरह से हो सकती है। लेकिन आज आप अपनी परेशानियों को किसी से शेयर ना करें। शांत रह कर सही समय का इंतजार करेंगे तो हर मुश्किल पर विजय पा लेंगे। भविष्य को लेकर परेशान न हों, समय के साथ सब कुछ सुलझ जाएगा। आपमें आज ऊर्जा की कमी नहीं है। इसे उचित दिशा में लगाएं। अपनी सेहत का पूरा ख़याल रखें।


धनु-आज का दिन आपके लिए कुछ बीती बातों पर फिर से विचार करने का है। आपको सही-गलत का ज्ञान हो सकता है। पुराने रुके हुए सौदे आपको लाभ दे सकते हैं। नए रिश्तों का आरम्भ होने के आसार हैं। किसी नए रोमांटिक रिश्ते का आगाज़ होगा जिसके चलते मन में ख़ुशी बनी रहेगी। काम काज को लेकर थोड़ा फोकस बढ़ाने कि आवश्यकता है। अपने धैर्य और कुशलता का प्रयोग करें, यदि कोई काम नहीं चल रहा तो उसे नए नज़रिये से देखने कि ज़रुरत है।


मकर-आज आपके लिए दिन काफी मिलाजुला सा रहने वाला है। अपने लिए कुछ नया सोचने का समय है। आपको किसी खास व्यक्ति द्वारा कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। आप आज धन के मामले में थोड़ा सावधान रहें। अगर किसी निवेश में आपको लाभ नजर आ रहा है, तो भी सावधानी से ही पैसा लगाएं, आज कुछ नुकसान होने के संकेत कार्ड्स दे रहे हैं।


कुम्भ-आज जीवन को किसी अलग नजरिए से देखने की आवश्यकता है। आपको कोई अनचाहा बदलाव होता दिखाई देगा लेकिन किसी भी परिस्थिति का विरोध करने से पहले आप अपने लिए उसमें क्या बेहतर हो सकता है, इस पर खुलकर विचार करें। अगर आप चीजों को गंभीरता और ठंडे दिमाग से सोचेंगे तो आपको अनचाहे बदलावों में अपना हित नजर आएगा।


मीन-यदि कोई परिस्थिति आपके अनुकूल नहीं जा रही तो उसके लिए परेशान होने की बजाय उसे कैसे सुधार सकते हैं, इस बात पर ध्यान दें। यदि किसी के लिए मन में कड़वाहट हो तो उसे माफ़ ज़रूर करें। इससे आपकी सेहत बेहतर होगी और आपके कर्म अच्छे होंगे। व्यर्थ चिंता न करें। परिस्थिति जल्द ही अनुकूल ही जाएगी। परिस्थिति के प्रति अनासक्ति का भाव रखें, इससे आपको लाभ होगा। नकारात्मक सोच से बचें और नकारात्मक सोच रखने वाले व्यक्तियों से भी दूर रहें। किसी भी स्थिति में निर्णय लेने से पहले थोड़ा इंतज़ार करलें तो अच्छा रहेगा।


जलीय जंतु केकड़ा

केकड़ा आर्थ्रोपोडा संघ का एक जन्तु है। इसका शरीर गोलाकार तथा चपटा होता है। सिरोवक्ष (सिफेलोथोरेक्स) तथा उदर में बँटा रहता है। इसका उदर बहुत छोटा होता है। इसके सिरोवक्ष के अधर वाले भाग में पाँच जोड़े चलन पाद मिलते हैं। सिर पर एक जोड़ा सवृन्त संयुक्त नेत्र मिलता है। इसमें श्वसन गिल्स द्वारा होता है।


लक्षण:-
चित्र:सामान्य केकड़ा अंगूठाकार


यह जलीय जंतु होता है जो जल प्रणाली की तलछटी में रहता है।
इसका शरीर सिफैलोथोरेक्स (Cephalothorex) और उदर में विभाजित रहता है तथा उदर बहुत छोटा होता है।
सिफैलोथोरेक्स की चौड़ाई लंबाई से ज्यादा होती है।
इसके सिर पर एक जोड़ा ऐंटेन्यूल्स (Antennules), एक जोड़ा श्रृंगिका (Antenna) और एक जोड़ी संवृंत संयुक्त नेत्र (Compound eye) होते हैं।
इसके वक्षीय उपांगों (Appendages) में प्रथम जोड़ा मैक्जिलीपीड्स कीलेट (Chelates) और 4 जोड़े प्रचलन पाद (Walking-legs) होते हैं।
इसके उदर में प्लियोपोड्स (Pleopods) अल्प विकसित यूरोपपोड्स (Uropods) नहीं पाए जाते हैं।
इसमें श्वसन क्लोम द्वारा होता है।
यह एक लिंगी होता है। जीवन वृत्त में जूइया (Zoea) नामक लार्वा अवस्था होती है जिसके कायंतरण से वयस्क का विकास होता है।


इडली बनाने की आसान विधि

इडली (IPA:ɪdliː), एक दक्षिण भारतीय व्यंजन है। यह श्वेत रंग की मुलायम और गुदगुदी, २-३ इंच के व्यास की होती है। यह चावल और उड़द की धुली दाल भिगो कर पीसे हुए, खमीर उठा कर बने हुए घोल से भाप में तैयार की जाती है। खमीर उठने के कारण बड़े स्टार्च अणु छोटे अणुओं में टूट जाते हैं, व पाचन क्रिया को सरल बनाते हैं।


प्रायः उपाहार में परोसी जाने वाली इडली को जोड़े में नारियल की चटनी और सांभर के संग परोसा जाता है। इडली को विश्व के सर्वोच्च दस स्वास्थय वर्धक व्यंजनों में माना गया है।


पाक विधि:-इडली के घोल को किण्वन के उपरांत सांचों में बने गड्ढों में डाल कर उच्च दबाव या भाप में पकाया जाता है।दाल चावल की इडली बनाने के लिये, दाल चावल को भिगो कर पीस कर मिश्रण तैयार करना होगा और उस मिश्रण को फरमैन्ट भी करना होगा, इडली अच्छी तरह से स्पंजी तभी बनेगी जब मिश्रण अच्छी तरह से फरमैन्ट हुआ होगा, इसलिये सबसे पहले मिश्रण तैयार करना होगा। अगर रविवार को इडली बनाना चाहते हैं, तब गरम प्रदेश में रहने वालों को शनिवार की सुवह ही दाल भिगो देनी चाहिये होगी, लेकिन ठंडे प्रदेश में रहने वालों को शुक्रवार की सुवह ही दाल भिगो देनी पड़ेगी, क्यों कि ठंड में फरमैन्टेशन देर से होता है।


आवश्यक सामग्री
चावल - 3 कप
उरद की धुली दाल - 1 कप
बेकिंग सोडा - 1/2 छोटी चम्मच
नमक - स्वादानुसार
तेल - इडली स्टैन्ड को चिकना करने के लिये
विधि:-उरद की दाल और चावल को साफ कीजिये, धोइये और अलग अलग 4 घंटे या रात भर के लिये पानी में भिगो दीजिये। उरद दाल से अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये और कम पानी का प्रयोग करते हुये एक दम बारीक पीस लीजिये, चावल से भी अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये और कम पानी का प्रयोग करते हुये थोड़ा सा मोटा पीसिये, दोनौं को मिलाइये तथा इतना गाढ़ा घोल तैयार कीजिये कि चमचे से गिराने पर एक दम धार के रूप में नही गिरना चाहिये।


मिश्रण को किण्वित (फरमैन्ट) करने के लिये स्वादानुसार नमक ओर बेकिंग सोडा डालकर, ढककर गरम जगह पर 12-14 घंटे के लिये रख दीजिये, फरमेन्ट किया हुआ मिश्रण पहले की अपेक्षा दोगुना हो जाता है। इडली बनाने के लिये मिश्रण तैयार है।


इडली बनाइये:-मिश्रण को चमचे से चलाइये, यदि बहुत अधिक गाढ़ा लग रहा है तो थोड़ा पानी मिला लीजिये। यदि आपके पास इडली बनाने का परम्परिक बर्तन है तो बहुत ही अच्छा है। नहीं तो आप इडली मेकर और प्रेशर कुकर मैं भी इडली बना सकते हैं। मैं भी इडली प्रेशर कुकर में ही बनाती हूं।


प्रेशर कुकर में 2 छोटे गिलास पानी (500 ग्राम पानी) डालकर गरम करने के लिये गैस पर रखिये। इडली स्टैन्ड निकालिये साफ कीजिये, इडली के खानों में तेल लगाकर चिकना कीजिये। चमचे से इडली स्टैन्ड के खानों में बराबर बराबर मिश्रण भरिये, सारे खाने भर कर इन्हैं इडली स्टैन्ड में लगा लीजिये। इडली पकने के लिये स्टैन्ड को कुकर में रखिये। कुकर का ढक्कन बन्द कर दीजिये, ढक्कन के ऊपर सीटी मत लगाइये।


तेज गैस फ्लेम पर 9-10 मिनिट तक इडली पकने दीजिये. गैस बन्द कर दीजिये इडलियां पक गयीं हैं। प्रेशर कुकर खोलिये, इडली स्टैन्ड निकालिये, खांचे अलग कीजिये, ठंडा कीजिये और चाकू की सहायता से इडली निकाल कर प्लेट में लगाइये। लीजिये इडलियां तैयार हैं,गरमा गरम इडली गरमा गरम सांबर और नारियल की चटनी और मूंगफली की चटनी के साथ परोसिये।


उल्टा लटकने वाला स्तनधारी पक्षी

चमगादड़ आकाश में उड़ने वाला एक स्तनधारी प्राणी है, जो अपनी १००० से भी अधिक प्रजातियों के साथ स्तनधारियों के दूसरे सबसे बडे़ कुल का निर्माण करता है। ये पूर्ण रूप से निशाचर होते हैं और पेड़ों की डाली अथवा अँधेरी गुफाओं के अन्दर उल्टा लटके रहते हैं। इनको दो समूहों मे विभाजित किया जाता है, पहला समूह फलभक्षी बडे़ चमगादड़ का होता है, जो देख कर और सूंघ कर अपना भोजन ढूंढते हैं जबकि दूसरा समूह् कीटभक्षी छोटे चमगादड़ का होता है, जो प्रतिध्वनि द्वारा स्थिति निर्धारण विधि के द्वारा अपना भोजन तलाशते हैं। यह एकमात्र ऐसा स्तनधारी है जो उड़ सकता है तथा रात में भी उड़ सकता है। इसके अग्रबाहु पंख मे परिवर्तित हो गये हैं जो देखने में झिल्ली (पेटाजियम) के समान लगते हैं। त्वचा की यह झिल्ली गरदन से लेकर हाथ की अँगुलियों तथा शरीर के पार्श्वभाग से होती हुई पूँछ तक चली जाती है एवं पंख का निर्माण करती है। पिछली टाँगें पतली, छोटी और नखयुक्त होती हैं। इसके शरीर पर बाल कम ही होते हैं। सिर के दोनों ओर बड़े-बड़े कर्णपल्लव पाये जाते हैं। चमगादड़ के पंखो का आकार २.९ सेण्टीमीटर से लेकर १५०० सेण्टीमीटर तक तथा इनका वजन २ ग्राम से १२०० ग्राम तक होता है।


चमगादड़ उलटे लटकते हैं क्यों कि उल्टे लटके रहने से वे बड़ी आसानी से उड़ान भर सकते हैं। पक्षियों की तरह वे ज़मीन से उड़ान नहीं भर पाते, क्योंकि उनके पंख भरपूर उठान नहीं देते और उनके पिछले पैर इतने छोटे और अविकसित होते हैं कि वो दौड़ कर गति नहीं पकड़ पाते। चमगादड़ आमतौर पर अंधेरी गुफाओं में दिनभर आराम करते हैं, सोते हैं और रात को ही निकलते हैं। ये सोते हुए गिर क्यों नहीं जाते इसका कारण ये है कि चमगादड़ के पैरों की नसें इस तरह व्यवस्थित हैं, कि उनका वज़न ही उनके पंजों को मज़बूती के साथ पकड़ने में मदद करता है।


गुड़हल में है कहीं औषधीय गुण

गुड़हल की पत्तियाँ प्रत्यावर्ती, सरल, अंडाकार या भालाकार होती हैं और अक्सर इनके किनारे दंतीय होते हैं। फूल आकार में बड़े, आकर्षक, तुरही के आकार के होते हैं। प्रत्येक पुष्प में पाँच या इससे अधिक पंखुड़ियाँ होती हैं। इन पंखुडियों का रंग सफेद से लेकर गुलाबी, लाल, पीला या बैंगनी भी हो सकता है और इनकी चौडाई ४-५ सेमी तक होती है। इसका फल सूखा और पंचकोणीय होता है जिसकी हर फाँक में बीज होते हैं। फल के परिपक्व होने पर यह अपने आप फूटता है और बीज बाहर आ जाते हैं।


औषधीय उपयोग:-भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार सफेद गुड़हल की जड़ों को पीस कर कई दवाएँ बनाई जाती हैं। मेक्सिको में गुड़हल के सूखे फूलों को उबालकर बनाया गया पेय एगुआ डे जमाईका अपने रंग और तीखे स्वाद के लिये काफी लोकप्रिय है। अगर इसमें चीनी मिला दी जाय तो यह क्रैनबेरी के रस की तरह लगता है। डायटिंग करने वाले या गुर्दे की समस्याओं से पीडित व्यक्ति अक्सर इसे बर्फ के साथ पर बिना चीनी मिलाए पीते हैं, क्योंकि इसमें प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं। ताइवान के चुंग शान मेडिकल यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि गुड़हल के फूल का अर्क दिल के लिए उतना ही फायदेमंद है जितना रेड वाइन और चाय। इस फूल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मददगार होते हैं। विज्ञानियों के मुताबिक चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि गुड़हल (हीबीस्कूस्) का अर्क कोलेस्ट्राल को कम करने में सहायक है। इसलिए यह इनसानों पर भी कारगर होगा।


पुष्प:-जवा एक पूर्ण एवं नियमित पुष्प का उदाहरण है। पुष्प के चारो भाग पुटचक्र, दलचक्र, पुमंग तथा जायांग इसमें पाएँ जाते हैं। पुटचक्र संख्या में पाँच तथा युक्तनिदल होते हैं। पुटचक्र के नीचे स्थित निपत्रों के चक्र को अनुबाह्यदल कहते हैं। दलचक्र पाँच एवं पृथकदल होते हैं परन्तु ये आधारतल पर कुछ दूर तक जुड़ा हुए होते हैं।. दलपत्रों की संख्या पाँच होती है। दलपत्रों का व्यास 4 से लेकर 15 सेंटीमीटर तक होता है। विभिन्न प्रजातियों के दलपत्र विभिन्न रंगों के एवं आकर्षक होते हैं। पुमंग अनेक एवं एकसंलाग होते हैं। तंतु संयुक्त होकर एक नली बनाते हैं परंतु परागशय अलग होते हैं। परागशय का आकार वृक्क के समान होता है। जायांग पाँच एवं प्रत्येक अंडप के अंतिम भाग में एक वर्तिकाग्र होते हैं।


महर्षि वशिष्ठ का राष्ट्रवाद उपदेश

गतांक से...
 मेरे प्यारे मुझे स्मरण आता रहता है जब भी आप पृथ्वी मंडल पर महात्मा कपिल और भी नाना प्रकार के ऐसे विद्यालय थे। जहां परमाणु विद्या पर अन्वेषण होता रहता था और मुनिवरो देखो मंगल मंडल में मृचिक नामक एक वैज्ञानिक था जो अपने में धनुर्विद्या में परायण थे। महात्मा कपिल मुनि आश्रम से जय और विजय दोनों ब्रह्मचारी को लेकर मंगल मंडल में अपने यंत्रों के द्वारा पहुंचे। क्योंकि यंत्रों में विद्यमान होकर लोको में गमन किया जा सकता है। मंगल मंडल में जाकर 6 माह तक उन्होंने वहां की शस्त्र विद्या का अध्ययन किया। कपिल प्रभु हमने इस विद्या को जान लिया है वैसे यंत्रों का निर्माण करना जानते थे। जिन्हें वायुमंडल में त्यागने से ही सर्वत्र वायुमंडल शून्यगति को प्राप्त हो जाता था और प्राणी मात्र भी शून्यता को प्राप्त हो जाता था। बेटा मुझे उस विज्ञान में नहीं जाना है। विज्ञान तो अपनी स्थली में बड़ा अनूठा बन कर रहा है। परंतु मैं केवल इतना उच्चारण कर रहा हूं कि संभवे ब्राह्मणा: वर्तम: देवात्मम्' महात्मा कपिल और ब्रहमचारियों की इस प्रकार की वार्ता आरंभ होती है। वह भी लोक लोकातंरो में भ्रमण करते रहते थे मेरे प्यारे जय और विजय ने उन्हें प्राप्त कर दिया और यह कहा है व्रहे वर्तम् राजन, हे राजन अब तुम क्या करना चाहते हो। राजा ने कहा मैं अश्वमेघ यज्ञ करना चाहता हूं। महात्मा कपिल ने आज्ञा दी। उन्होंने अपने सब ब्रह्मचारी जनों के साथ आकर अयोध्या में अश्वमेघ यज्ञ किया। कहते हैं राजा को अश्व और प्रजा को मेघ कहते हैं। प्रजा को इसलिए अश्वमेघ यज्ञ बनता है। क्योंकि यज्ञ का अभिप्राय है अपने आंतरिक जगत की त्रुटियों को त्यागना और सूता को ग्रहण करना। जिससे मानव का जीवन पवित्र बन जाए। मेरे प्यारे, मै विज्ञान के युग में नहीं ले जा रहा हूं विचार केवल यह प्रकट करना है कि हम अपने में अपनेपन को जानने का प्रयास करें। महर्षि वशिष्ठ मुनि महाराज ने भगवान राम को उनके पूर्वजों की कथा का वर्णन किया । उन्हें भी यह प्रश्न बना रहा कि प्रभु यह इसका प्रतिशोध नहीं है कि राजा सगर ने यह शिक्षा दी। कपिल ने यह किया और वह हो गया। हे प्रभु मेरा तो बना हुआ है राष्ट्रवाद क्या है वशिष्ठ वशिष्ठ कहलाते थे अपने में उन्होंने वरिष्ठता का ज्ञान था। उन्होंने कहा हे राम, राष्ट्रवाद उसे कहते हैं जहां धर्म और मानवता की रक्षा होती है। वह राष्ट्र कहलाता है जंहा मेरी पुत्रियों को पूजनीय दृष्टि से दृष्टिपात किया जाता है और राष्ट्र के एक छोर से दूसरे छोर में मेरी पुत्री चली जाए। कोई भी उसको कूदृष्टिपान करने वाला राष्ट्र में नहीं होना चाहिए। वशिष्ठ ने जब यह कहा तो राम बड़े प्रसन्न हुए। आप मुझे बाल्यकाल में भी है शिक्षा देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा तो शिक्षा है चाहे बाल अवस्था में प्राप्त हो या युवावस्था में प्राप्त हो। परंतु शिक्षा अपनी स्थली में शिक्षा बनी रहती है। महात्मा वशिष्ठ ने कहा तुम यदि अपने राष्ट्र को ऐसा बनाना चाहते हो तो प्रियतम ऊंचा बनता है। जब प्रत्येक मानव के अव्यव पवित्र बन जाते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 18, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-75 (साल-01)
2. शुक्रवार,18 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,कृष्णपक्ष,तिथि- पंचमी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:18,सूर्यास्त 06:00
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)



बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज को 101 रनों से हराया

बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज को 101 रनों से हराया  सुनील श्रीवास्तव  किंग्स्टन। तैजुल इस्लाम (पांच विकेट), नाहिद राणा (पांच विकेट) और जाकेर अली ...