मंगलवार, 8 अक्तूबर 2019

पोस्टमार्टम के बाद सपाइयों का आक्रोश

पोस्टमार्टम होते ही सपाइयों का आक्रोश फूटा



झांसी। पुलिस के हाथों एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेंद्र यादव का देर शाम शव जैसे ही कड़ी सुरक्षा के बीच फोर्स लेकर रवाना हुई, सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का आक्रोश फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में सपाइयों ने परिजनों के साथ जमकर बवाल किया। मेडिकल कालेज के गेट नंबर तीन पर जाम कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ पुलिस वालों से अभद्रता कर उनके साथ धक्कामुक्की भी सपाइयों ने की। परिजनों और सपा नेताओं का आरोप है कि षडयंत्र के तहत पुलिस वालों ने लेनदेन के विवाद में हत्या की है। दोषी पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी।


बुन्देलखंड स्थित झांसी में देर रात पुलिस की तरफ से किए गए खनन माफिया पुष्पेंद्र यादव के एनकाउंटर पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद चंद्रपाल यादव ने पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि “ एनकाउंटर नहीं यह मर्डर है”। सांसद का आरोप है कि लेनदेन में हत्या के बाद पुलिस ने कथित  एनकाउंटर की फेक “कहानी” गढ़ दी है। श्रीयादव ने दोषी पुलिस वालों के खिलाफ हत्या की FIR रजिस्टर्ड करने की मांग करते हुए कहा कि वे इस गंभीर मामले को संसद में उठाएंगे। उनके इस बड़े बयान के बाद से झांसी पुलिस“बैकफुट” पर है।


क्या है पूरा मामला ?


शनिवार देर रात मोंठ कोतवाल धर्मेंद्र सिंह चौहान Kanpur से Jhansi वापस जा रहे थे। वे छुट्टी पर घर आए थे। पुलिस अफसरों के मुताबिक बम्हौरी चौराहे के पास खनन माफिया पुष्पेंद्र यादव ने कोतवाल को घेर लिया और मारपीट कर उन पर फायरिंग की। इसके बाद हमलावर इंस्पेक्टर की क्रेटा कार लूटकर भाग निकले। सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी की। गुरसरांय थाना एरिया में लोकेशन के बाद फोर्स ने घेरा तो पुष्पेंद्र ने फायरिंग की। क्रॉस फायरिंग में पुष्पेंद्र घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


मीडिया से बातचीत में पुष्पेंद्र के चचेरे भाई और चाचा ने बताया कि उसके खिलाफ कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं था। पुष्पेंद्र के पास दो ट्रक थे। वो बालू को काम करता था। कब और क्या हो गया ? किसी को मालुम ही नहीं चला। सुबह कुछ दोस्तों ने फोन कर जानकारी दी। जिसके बाद सभी लोग मऊरानीपुर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने सूचना देना भी मुनासिब नहीं समझा। वहीं, सूत्रों की मानें तो तनाव को देख पुष्पेंद्र के गांव में फोर्स की तैनाती की गई है।


नहीं जलेगा बाबा 'रावण' का पुतला

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख गांव में है रावण की जन्मस्थली, जानिए तांत्रिक चंद्रास्वामी ने यहां क्या किया 



गौतमबुध नगर। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख गांव को लंकापति रावण की जन्मस्थली माना जाता है। गांव में पहले रामलीला का मंचन नहीं होता था। रावण के पुतले का दहन तो आजतक नहीं हुआ है। लोगों का कहना है कि जब भी ग्रामीणों ने रावण के पुतले का दहन किया या करने का प्रयास किया तो गांव में कोई बड़ी दुर्घटना या अपशकुन हो गया। गांव के लोग रावण को बाबा कहते हैं।


गांव के लोग भगवान राम को आदर्श मानकर उनकी पूजा तो करते हैं लेकिन रावण को भी गलत नहीं मानते हैं। यही कारण है कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयदशमी पर्व बिसरख गांव में हर्षोल्लास से नहीं मनाया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो विजयदशमी के मौके पर गांव में मातम जैसा माहौल रहता था। समय के साथ अब लोगों की सोच में बदलाव आया है। हालांकि, लोगों को न तो अब रामलीला के मंचन से परहेज है और न रावण दहन से कोई गुरेज है। देश-दुनिया में रावण को लेकर जो अवधारणा लोगों में है, वही बिसरख गांव के लोगों की भी है।


मान्यता है कि बिसरख में हुआ था रावण का जन्म -


बिसरख को रावण की जन्मस्थली माना जाता है। मान्यता है कि गांव में अष्टभुजाधारी शिवलिंग की स्थापना रावण के पिता महर्षि विश्रवा ने की थी। पुराणों में भी इसका उल्लेख है। इसी शिवलिंग के पास बैठकर उन्होंने घोर तपस्या की थी। इसके बाद ही रावण का जन्म हुआ। ऋषि विश्रवा के नाम पर ही गांव का नाम बिसरख पड़ा। अष्ठभुजाधारी मंदिर के पुजारी का कहना है कि ऐसा शिवलिंग किसी मंदिर में नहीं है। चर्चित तांत्रिक चंद्रास्वामी ने 1984 में मंदिर की खुदाई करवाई थी। 20 फीट तक खुदाई के बाद भी शिवलिंग का छोर नहीं मिला था। खुदाई के दौरान चंद्रास्वामी को 24 मुख का शंख मिला था। जिसे वह अपने साथ ले गया था। मंदिर के पास ही एक सुरंग मिली थी, जो थोड़ी दूर खंडरों में जाकर समाप्त हो गई। अब भी यह सुरंग मंदिर के पास बनी हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर भी एक बार शिव मंदिर पर आकर पूजा अर्चना कर चुके हैं। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति मंदिर पर पूजा अर्चना करता है, उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है।


मन्दिर के पुजारी महंत रामदास की मानें तो बिसरख के इसी मंदिर पर ऋषि विश्रवा ने घोर तपस्या की थी। भगवान शिव ने खुश होकर ऋषि विश्रवा को पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया था। इसके बाद रावण का जन्म हुआ। आगे चलकर रावण भी भगवान शिव के बड़े तपस्वी बने। रावण की अपार शक्ति और ज्ञान शिव की तपस्या से ही प्राप्त हुआ था।


गांव के चारों ओर बस चुका है शहर:- बिसरख गांव कभी हिंडन नदी के किनारे और चारों ओर जंगल से घिरा था। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने यहां उद्योग लगाने के लिए भूमि अधिग्रहण किया था। लेकिन वर्ष 2009 में भूमि उपयोग में परिवर्तन करके ग्रेटर नोएडा वेस्ट के रूप में नया शहर बसाने की प्रक्रिया शुरू की गई। अब बिसरख गांव चारों ओर ऊंची-ऊंची हाउसिंग सोसायटियों से घिर चुका है। गांव का भी पूरी तरह कायाकल्प हो चुका है। रावण के मंदिर का भी नए सिरे से जीर्णोद्धार किया गया है ।


पूर्व सांसद ने थामा सपा का हाथ

राम केवल यादव


अमेठी। पूर्वांचल की राजनीति में मजबूत पैठ रखने वाले लोगो के चहेते पूर्व सांसद का सपा में शामिल होते ही जिले के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गयी। जिनका जिले के सपा कार्यकर्ताओं व सांसद समर्थकों द्वारा जगह जगह जोरदार ढंग से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। सपा जिलाध्यक्ष छोटेलाल यादव की अगुवाई में जगदीशपुर कस्बे में जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद वारिसगंज में मुन्ना यादव, सूबेदार यादव अधिवक्ता की अगुवानी में सैकड़ो कार्यकर्ताओ के साथ स्वागत किया। मुसाफिरखाना काफिला पहुँचते ही सपा के वरिष्ठ नेता राम उदित यादव ने भी सांसद को फूल मालाओं से लाद दिया। इसके बाद सांसद का कारवां अमेठी बार्डर के करथुनी के पास पहुँचा जहाँ पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमा शंकर यादव मझना के नेतृत्त्व में काफी संख्या में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, प्रधानगण आदि ने जोरदार ढंग से स्वागत किया। पूर्व सांसद ने मौजूद लोगों को पार्टी के लिए निरन्तर काम करने का आह्वान किया। पूर्व सरकार द्वारा कार्यो की समीक्षा लोगो से करके मौजूदा सरकार के क्रिया कलाप को बताये जिससे उन्हें इस सरकार के काम का सही आकलन हो जाय। उन्होंने कहाकि वो आजीवन पार्टी के लिये अखिलेश के नेतृत्त्व में काम करेंगे। पार्टी का कार्यकर्ता हमे कभी भी सुख दुख में याद करेगा उसके साथ मिलेंगे। हमारे घर के दरवाजे सदा उनके लिये खुला मिलेगा। इस मौके उन्होंने जनसमूह को दशहरा पावन पर्व की बधाई दी। कि सदा ही बुराई पर सच्चाई की जीत होती है। इस अवसर पर सत्य नारायण यादव दाढ़ी प्रधान, रमा शंकर यादव जिला पंचायत सदस्य, डॉ सी पी यादव प्रधान सराय भागमनी, शिव बरन यादव पूर्व प्रधान राघीपुर, श्रीराम यादव पूर्व प्रधान यादव, अरविंद कुमार आदि लोग मौजूद रहे।


तनिष्ठा चटर्जी को एशियन स्टार अवॉर्ड

अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी को प्रतिष्ठित बुसान अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव के 24वें संस्करण में एशियन स्टार अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें उनके निर्देशन में बनने वाली पहली फिल्म रोम रोम में के लिए मिला। तनिष्ठा इस उपलब्धि को अपनी टीम के लिए एक बहुत बड़ा गौरव मानती हैं। टीम ने इस फिल्म को बनाने में काफी मेहनत की।


तनिष्ठा ने कहा, एक निर्देशक के तौर पर मेरी इस डेब्यू फिल्म का सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल में से एक में आधिकारिक चयन होना ही मेरे लिए सबसे बड़ी बात है और इससे भी बड़ी बात एशिया स्टार अवार्ड जीतना है। इससे ज्यादा अच्छा मेरे लिए कुछ और नहीं हो सकता।
फिल्म की कास्ट और क्रू की उपस्थिति में इस अवार्ड को मैरी क्लेयर और बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया।
तनिष्ठा की इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी मुख्य भूमिका में हैं और उनके साथ वैलेंटिना कोर्टी, ईशा तलवार, फ्रांसेस्को एपोलीनी, उरबानो बार्बेरिनी, पामेला विलेरोसी और एंड्रिया स्कार्डुजियो जैसे कलाकार भी हैं। यह एक बहुभाषी फिल्म है जो हिंदी, अंग्रेजी और इतालवी में बनी है।


अंधाधुन ने इंडस्ट्री में स्थापित किया

मुबंई। नैशनल अवॉर्ड विनिंग ऐक्टर आयुष्मान खुराना के लिए अंधाधुन एक ऐसी फिल्म है, जो हमेशा उनके दिल के बेहद करीब रहेगी। फिल्म न केवल हिट हुई बल्कि इसने उन्हें बेस्ट ऐक्टर का पहला नैशनल अवॉर्ड भी दिलाया। इस फिल्म के रिलीज की पहली ऐनिवर्सरी पर आयुष्मान ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली इस फिल्म ने और एक बेहतर ऐक्टर बनाया है। 
एक के बाद एक लगातार 6 ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाले इस आयुष्मान ने कहा, एक कलाकार के रूप में मैं लगातार अभिनय की बारिकियां सीखने वाले एक छात्र की तरह हूं। मैं हमेशा उन फिल्मों की तलाश में रहता हूं जो मुझे बेहतर बनाती हैं, जो मेरी सोच, मेरे विश्वासों को चुनौती देती हैं और नई चीजों को प्राप्त करने के लिए मुझे प्रेरित करती हैं। अंधाधुन वास्तव में एक ऐसी फिल्म रही है, जिसने मुझे आज एक अभिनेता के रूप में आकार दिया है।
आयुष्मान को आज कॉन्टेंट सिनेमा का पोस्टर बॉय कहा जाता है और उन्हें बॉलिवुड की सबसे अच्छी स्क्रिप्ट चुनने वाला माना जाता है। अंधाधुन एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म थी जिसमें आयुष्मान ने एक ऐसे पियानो बजाने वाले की भूमिका निभाई थी जो अंधे होने का नाटक करता है।
आयुष्मान को लगता है कि इस फिल्म का उन पर बहुत प्रभाव है। उन्होंने कहा, इसने (अंधाधुन ने) मुझे अपनी बाधाओं को चुनौती देना सिखाने के साथ ही मेरी कला को अलग तरह से दिखाया, जिसने न सिर्फ मुझे बल्कि दर्शकों के लिए भी यह फिल्म खास है। मैं डायरेक्टर श्रीराम राघवन का आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा किया। उन्होंने यह भी कहा कि अंधाधुन ने उन्हें इतनी खूबसूरत यादें दी हैं कि वह इस फिल्म में अपने किरदार के ऊपर पूरी किताब लिख सकते हैं।


दीपिका का रणवीर को करारा जवाब

मुबंई। दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह बॉलिवुड के सबसे चहेते कपल्स में से एक हैं। ऑनस्क्रीन हो या ऑफस्क्रीन, फैन्स को इनको साथ देखना हमेशा अच्छा लगता है। सिर्फ कैमरे पर ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी दोनों अकसर मस्ती करते नजर आते हैं। सोशल मीडिया पर दीपिका और रणवीर एक-दूसरे की टांग खींचने से बाज नहीं आते। एक बार फिर दोनों की ऐसी ही मस्ती देखने को मिली है। 
दीपिका पादुकोण ने इंस्टाग्राम पर अपने स्कूल रिपोर्ट्स की कुछ तस्वीरें शेयर कीं। इनमें से एक पर लिखा था कि दीपिका को निर्देश का पालन करना सीखना चाहिए।
इसपर रणवीर सिंह ने कॉमेन्ट किया कि वह टीचर से सहमत हैं। पति के ऐसे कॉमेन्ट के बाद दीपिका का वही रिऐक्शन था जो किसी भी बीवी का होता। रणवीर के इस कॉमेन्ट पर रिप्लाई करते हुए दीपिका ने लिखा, आज रात को तुम्हें खाना नहीं मिलेगा।
बता दें कि रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण फिल्म 83 में साथ नजर आने वाले हैं। यह फिल्म 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप जीतने के सफर पर बेस्ड है।


शस्त्र पूजा से कांप उठेगा दुश्मन

पेरिस। इस बार दशहरा पर होने वाली शस्‍त्र पूजा पूरे भारत के लिए बेहद खास होने वाली है। यह इतनी खास है कि इसने हर भारतीय को अपना सीना गर्व से चौड़ा करने का हक भी दिया है। दशहरा पर शस्‍त्र पूजा का चलन यूं तो काफी पुराना है, लेकिन उत्‍तर भारत में इसकी रंंगत देखते ही बनती है।


 संघ हर वर्ष दशहरा वाले दिन शस्‍त्र पूजा करता है।दशहरा पर इस बार शस्‍त्र पूजा की गूंज भारत की सरहद को लांघ कर फ्रांस तक सुनाई देगी। ऐसा इसलिए क्‍योंकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वहां पर राफेल फाइटर जेट की पूजा करेंगे।


आपको बता दें कि 8 अक्‍टूबर को ही फ्रांस आधिकारिक तौर पर भारत को राफेल विमान सौंपेगा। इसी वजह से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पेरिस गए हैं। यहां पर वह राफेल विमान में उड़ान भी भरेंगे। इसके साथ ही वह इस विमान में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षा मंत्री भी बन जाएंगे। राजनाथ की शस्‍त्र पूजा के साथ ही दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में गिना जाने वाला राफेल भारतीय वायुसेना में शामिल भी हो जाएगा। राफेल की बात करें तो यह ऐसे शुभ मौके पर भारतीय वायुसेना को मिल रहा है जब बुराई पर अच्‍छाई की जीत का जश्‍न पूरे भारत में दशहरा के रूप में मनाया जा रहा है। इसके अलावा यह इत्‍तफाक ही है कि इसी दिन भारतीय वायु सेना दिवस भी है। राफेल विमान मीटियोर और स्काल्प मिसाइलों से लैस होंगे। इनकी मारक क्षमता इतनी बेजोड़ है कि इसके बाद इस पूरे क्षेत्र में भारत का दबदबा पहले से कहीं अधिक बढ़ जाएगा। 


जबरदस्त मारक क्षमता की मिसाइल 
वहीं स्‍काल्‍प मिसाईल की मारक रेंज काफी अधिक है। यह मिसाइल किसी भी मौसम में लक्ष्‍य को भेद सकती है। फिलहाल यह मिसाइल फ्रांस के अलावा ब्रिटेन के पास भी है।गल्‍फवार के दौरान इसका इस्‍तेमाल हो चुका है। भारत के लिए ये दोनों मिसाइलें गेमचंजर साबित होंगी। जो नई पीढ़ी की क्‍लोज रेंज वाली मिसाइल है। इसको लेकर कंपनी ने भारत डायनामिक्‍स लिमिटेड से एक समझौता भी किया है। बड़े ठिकानों को तबाह करने में यह मिसाइल बेहद खास है। इस लिहाज से यह शस्‍त्र पूजा भारत की भविष्‍य की मजबूती के लिए बेहद खास है।


वायुसेना का अपाचे हेलीकॉप्‍टर 
वायुसेना की मजबूती की ही बात करें तो दशहरा पर होने वाले वायुसेना दिवस समारोह में चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्‍टर भी दिखाई देने वाले हैं। भारत की रक्षा के लिए ये दोनों ही हेलीकॉप्‍टर बेहद खास हैं। अपाचे की ही बात करें तो डबल पायलट वाला ये हेलीकॉप्‍टर 18 फीट ऊंचा और इतना ही चौड़ा भी है। इसकी रफ्तार के आगे दूसरे हेलीकॉप्‍टर काफी बौने दिखाई देते हैं। इसकी रफ्तार 280 किमी प्रति घंटा है।भारत को 22 अपाचे मिलने हैं। फिलहाल भारत को आठ अपाचे मिलें है और अन्‍य 14 मार्च 2020 तक भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे। इसकी कई खूबियों से एक इसका दुश्‍मन के राडार की पकड़ में न आना भी है। इसमें 16 एंटी टैंक मिसाइल लग सकती हैं जो दुश्‍मन पर कहर बरपा सकती हैं। इसके अलावा इसमें लगने वाली 30MM की 1,200 गोलियां एक बार में लोड की जा सकती हैं। इतना ही नहीं ये हेलीकॉप्‍टर एक बार में करीब पौने तीन घंटे या करीब 550 किमी तक उड़ सकता है। इस खास हेलीकॉप्‍टर के लिए ट्रेनिंग भी बेहद खास है। इसके हर पायलट पर सरकार को लाखों डॉलर खर्च करने पड़ेंगे।


अब बात चिनूक की भी कर लेते हैं। ये हेलीकॉप्‍टर कुछ ही समय में सेना के जवानों को किसी भी दुर्गम इलाके में ले जाने में सक्षम है। यह किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। यह हेलीकॉप्‍टर 11 टन तक का भार उठा सकता है।किसी तरह की आपदा आने पर भी यह हेलीकॉप्‍टर राहत कार्य में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। वर्ष 2015 में बोइंग से हुए करार के मुताबिक भारत को कुल 15 हेलीकॉप्‍टर मिलने हैं, जिनमें से चार को सौंप भी दिया गया है। अन्‍य हेलीकॉप्‍टर अगले वर्ष तक भारत को मिल जाएंगे। भारतीय रक्षा प्रणाली को मजबूती देने के लिए किया गया यह पूरा सौदा 8048 करोड़ रुपये का है। दुनिया के 18 देशों की सेनाएं इस हेलीकॉप्‍टर का इस्‍तेमाल करती हैं।


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नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...