पेरिस। इस बार दशहरा पर होने वाली शस्त्र पूजा पूरे भारत के लिए बेहद खास होने वाली है। यह इतनी खास है कि इसने हर भारतीय को अपना सीना गर्व से चौड़ा करने का हक भी दिया है। दशहरा पर शस्त्र पूजा का चलन यूं तो काफी पुराना है, लेकिन उत्तर भारत में इसकी रंंगत देखते ही बनती है।
संघ हर वर्ष दशहरा वाले दिन शस्त्र पूजा करता है।दशहरा पर इस बार शस्त्र पूजा की गूंज भारत की सरहद को लांघ कर फ्रांस तक सुनाई देगी। ऐसा इसलिए क्योंकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वहां पर राफेल फाइटर जेट की पूजा करेंगे।
आपको बता दें कि 8 अक्टूबर को ही फ्रांस आधिकारिक तौर पर भारत को राफेल विमान सौंपेगा। इसी वजह से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पेरिस गए हैं। यहां पर वह राफेल विमान में उड़ान भी भरेंगे। इसके साथ ही वह इस विमान में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षा मंत्री भी बन जाएंगे। राजनाथ की शस्त्र पूजा के साथ ही दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में गिना जाने वाला राफेल भारतीय वायुसेना में शामिल भी हो जाएगा। राफेल की बात करें तो यह ऐसे शुभ मौके पर भारतीय वायुसेना को मिल रहा है जब बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न पूरे भारत में दशहरा के रूप में मनाया जा रहा है। इसके अलावा यह इत्तफाक ही है कि इसी दिन भारतीय वायु सेना दिवस भी है। राफेल विमान मीटियोर और स्काल्प मिसाइलों से लैस होंगे। इनकी मारक क्षमता इतनी बेजोड़ है कि इसके बाद इस पूरे क्षेत्र में भारत का दबदबा पहले से कहीं अधिक बढ़ जाएगा।
जबरदस्त मारक क्षमता की मिसाइल
वहीं स्काल्प मिसाईल की मारक रेंज काफी अधिक है। यह मिसाइल किसी भी मौसम में लक्ष्य को भेद सकती है। फिलहाल यह मिसाइल फ्रांस के अलावा ब्रिटेन के पास भी है।गल्फवार के दौरान इसका इस्तेमाल हो चुका है। भारत के लिए ये दोनों मिसाइलें गेमचंजर साबित होंगी। जो नई पीढ़ी की क्लोज रेंज वाली मिसाइल है। इसको लेकर कंपनी ने भारत डायनामिक्स लिमिटेड से एक समझौता भी किया है। बड़े ठिकानों को तबाह करने में यह मिसाइल बेहद खास है। इस लिहाज से यह शस्त्र पूजा भारत की भविष्य की मजबूती के लिए बेहद खास है।
वायुसेना का अपाचे हेलीकॉप्टर
वायुसेना की मजबूती की ही बात करें तो दशहरा पर होने वाले वायुसेना दिवस समारोह में चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर भी दिखाई देने वाले हैं। भारत की रक्षा के लिए ये दोनों ही हेलीकॉप्टर बेहद खास हैं। अपाचे की ही बात करें तो डबल पायलट वाला ये हेलीकॉप्टर 18 फीट ऊंचा और इतना ही चौड़ा भी है। इसकी रफ्तार के आगे दूसरे हेलीकॉप्टर काफी बौने दिखाई देते हैं। इसकी रफ्तार 280 किमी प्रति घंटा है।भारत को 22 अपाचे मिलने हैं। फिलहाल भारत को आठ अपाचे मिलें है और अन्य 14 मार्च 2020 तक भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे। इसकी कई खूबियों से एक इसका दुश्मन के राडार की पकड़ में न आना भी है। इसमें 16 एंटी टैंक मिसाइल लग सकती हैं जो दुश्मन पर कहर बरपा सकती हैं। इसके अलावा इसमें लगने वाली 30MM की 1,200 गोलियां एक बार में लोड की जा सकती हैं। इतना ही नहीं ये हेलीकॉप्टर एक बार में करीब पौने तीन घंटे या करीब 550 किमी तक उड़ सकता है। इस खास हेलीकॉप्टर के लिए ट्रेनिंग भी बेहद खास है। इसके हर पायलट पर सरकार को लाखों डॉलर खर्च करने पड़ेंगे।
अब बात चिनूक की भी कर लेते हैं। ये हेलीकॉप्टर कुछ ही समय में सेना के जवानों को किसी भी दुर्गम इलाके में ले जाने में सक्षम है। यह किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। यह हेलीकॉप्टर 11 टन तक का भार उठा सकता है।किसी तरह की आपदा आने पर भी यह हेलीकॉप्टर राहत कार्य में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। वर्ष 2015 में बोइंग से हुए करार के मुताबिक भारत को कुल 15 हेलीकॉप्टर मिलने हैं, जिनमें से चार को सौंप भी दिया गया है। अन्य हेलीकॉप्टर अगले वर्ष तक भारत को मिल जाएंगे। भारतीय रक्षा प्रणाली को मजबूती देने के लिए किया गया यह पूरा सौदा 8048 करोड़ रुपये का है। दुनिया के 18 देशों की सेनाएं इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करती हैं।