गुरुवार, 3 अक्टूबर 2019

शव लेने पहुंची 7 पत्नी, सकते में पुलिस

हरिद्वार। पुलिस के सामने आत्महत्या के मामले तो आए दिन सामने आते हैं लेकिन उत्तराखंड में पुलिस के सामने आत्महत्या के बाद ऐसे हालात बने की वह भी सकते में आ गई। किसी फिल्मी कहानी की तरह ही पल-पल बदलते हालातों के बीच पुलिस असली को खोजने के लिए परेशान होती रही। हरिद्वार में एक 40 साल के शख्स ने रविवार को जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। यहां तक तो पुलिस के लिए सबकुछ ठीक था, लेकिन पुलिसवालों की मुश्किल उस वक्त बढ़ गई जब मृतक का शव लेने के लिए एक, दो या तीन नहीं बल्कि 7-7 महिलाएं पुलिस के पास पहुंच गई। सभी महिलाएं खुद को मृतक की पत्नी बता रहीं थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में 5 महिलाएं मृतक का शव लेने के लिए पहुंची थी। दिलचस्प बात यह थी कि इन पांचों महिलाओं में से कोई भी एक दूसरे को नहीं जानती थी और सभी इस बात से बेखबर थीं कि उनके पति की किसी अन्य महिलाा के साथ संबंध रहे हैं। पुलिस जब इस मुश्किल से निपट रही थी कि बाद में 2 अन्य महिलाएं भी थाने पहुंची और मृतक को अपना पति बताने लगीं।
मृतक के लिए 7-7 महिलाओं के दावे को देखकर पुलिस घनचक्कर हो गई। काफी देर तक चले ड्रामें और हंगामे के बाद पुलिस ने जैसे तैसे स्थिति को संभाला।
हरिद्वार की रविदास बस्ती में रहने वाला पवन कुमार पेशे से ड्रायवर था। पुलिस के मुताबिक रविवार रात को पवन ने जहर खा लिया था। जहर खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ने पर उसकी पत्नी उसे अस्पताल लेकर गई थी लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया था कि पीड़ित भारी आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। इसके साथ ही यह भी सामने आया कि वह एक लो प्रोफाइल जिंदगी जी रहा था और उसके ज्यादा दोस्त भी नहीं थे।
सिटी पुलिस स्टेशन के एसएचओ प्रवीण कुमार कोशियारी ने बताया कि 'हम इसकी जांच कर रहे हैं कि मृतक ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? महिला जो मृतक को अस्पताल ले गई थी उसने खुद को मृतक की पत्नी बताया था लेकिन उसने आत्महत्या की वजह का खुलासा नहीं किया। हमने मृतक का शव ऑटोप्सी के लिए जिला अस्पताल भेजा है।'
इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस भी सकते में हैं। वहीं अब तक मृतक द्वारा आत्महत्या करने की वजह का खुलासा नहीं हो सका है।


आदित्य ने लिया बाल ठाकरे का आशीर्वाद

शिवसेना की राजनीति के इतिहास में पहली बार कोई ठाकरे परिवार का सदस्य चुनाव लड़ रहा है। गुरुवार को अपना नामांकन भरने से पहले आदित्य ठाकरे ने अपने दादा बालासाहेब ठाकरे के आसन से आशीर्वाद लिया।



चुनावी राजनीति में आदित्य ठाकरे का डेब्यूनामांकन से पहले लिया बाल ठाकरे के आसन से आशीर्वादठाकरे परिवार के पहले सदस्य जो चुनाव में उतरे


मुबंई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा रहा है और ये चुनाव शिवसेना के लिए खास होने जा रहा है। शिवसेना की राजनीति के इतिहास में पहली बार कोई ठाकरे परिवार का सदस्य चुनाव लड़ रहा है। गुरुवार को अपना नामांकन भरने से पहले आदित्य ठाकरे ने अपने दादा बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद लिया।आदित्य ठाकरे ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक तस्वीर साझा की। जिसमें वह बालासाहेब के आसन से आशीर्वाद ले रहे हैं। आसन पर बाल ठाकरे की तस्वीर है और उनका कुछ सामान रखा है। आदित्य ठाकरे इस बार वर्ली विधानसभा सीट से चुनावी डेब्यू कर रहे हैं।चुनावी टेस्ट से पहले आदित्य ठाकर ने हुंकार भी भरी है। बुधवार को नामांकन से पहले उन्होंने कहा, 'मैं चुनाव लड़ रहा हूं...मैंने बड़ा कदम उठाया है। मेरे लिए यह बड़ा क्षण है और ऐतिहासिक है। मेरे खिलाफ किसी को खड़ा होने दीजिए, यह उसका अधिकार है। मैं भयभीत नहीं हूं, क्योंकि मुझे भरोसा है कि आप मुझे हारने नहीं देंगे।


गौरतलब है कि इससे पहले शिवसेना के गठन से लेकर आजतक ठाकरे परिवार का कोई भी सदस्य चुनावी राजनीति में नहीं उतरा है। फिर चाहे वह बाल ठाकरे हो, उद्धव ठाकरे या राज ठाकरे ही क्यों ना हो। शिवसेना जब सत्ता में रही तब भी ठाकरे परिवार के किसी सदस्य ने कोई पद नहीं लिया था।


अब इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि अगर शिवेसना-बीजेपी के गठबंधन की सत्ता में वापसी होती है, तो आदित्य ठाकरे डिप्टी सीएम की कमान संभाल सकते हैं। हालांकि, शिवसेना की ओर से लगातार बयान दिए जा रहे हैं कि आदित्य ठाकरे डिप्टी नहीं बल्कि सीधे सीएम ही बनेंगे।


कब होने हैं चुनाव?


गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288, जबकि हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होने हैं। चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। दोनों राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा इस बार भी वर्तमान मुख्यमंत्रियों के साथ ही अपनी जीत को दोहराना चाहती है। महाराष्ट्र में बीजेपी अभी तक 139 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, जबकि शिवसेना ने 124 का ही ऐलान किया है।


हिस्ट्रीशीटर को गोली मार किया सरेंडर

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक कारोबारी ने हिस्ट्रीशीटर की गोली मारकर हत्या मामले में जुर्म दर्ज होने से पहले ही सरेंडर कर दिया। घटना बुधवार की देर रात करीब 12 बजे की बताई जा रही है। महादेवघाट स्थित प्रांजल पेट्रोल पंप के पास केबल कारोबारी ने हिस्ट्रीशीटर बुल्ठू पाठक की गोली मारकर हत्या कर दी। बुल्ठू पाठक द्वारा विवाद करने के बाद इस वारदात (Crime) को अंजाम दिया गया है। हत्या के बाद कारोबारी सरेंडर करने खुद ही पुलिस थाने पहुंच गया।


रायपुर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक केबल कारोबारी धर्मेंद्र ठाकुर अपने बेटे शिवेंद्र के साथ वैन से कहीं जा रहा था। रात करीब 12 बजे उसकी वैन की टक्कर बाइक सवार हिस्ट्रीशीटर बुल्ठू पाठक से हो गई। इसके बाद पाठक ने कारोबारी को गाली दी, लेकिन वे वहां नहीं रुके। इसके बाद वे महादेवघाट स्थित पेट्रोल पंप के पास रुके तभी वहां बुल्ठू पहुंचा और धर्मेंद्र के बेटे पर चाकू से हमला कर दिया।


तो धर्मेन्द्र ने चलाई गोली
बेटे पर चाकू से हमला होता देखकर धर्मेंद्र ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से चार फायर किए। इसमें से एक गोली पाठक के सीने में लगी। इस वारदात के बाद धर्मेन्द्र खुद ही डीडीनगर पुलिस थाने गया और सरेंडर कर दिया। इसके बाद घटना स्थल पर पुलिस पहुंची तो देखा कि बुल्ठू पाठक जमीन पर पड़ा है। उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस की मदद से धर्मेंद्र के बेटे को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि पाठक के खिलाफ पूर्व में हत्या समेत कई अपराध अलग अलग पुलिस थानों में दर्ज हैं। हत्या की खबर मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एडिशनल एसपी सिटी प्रफुल्ल ठाकुर के साथ आधा दर्जन अफसर व थानेदार मौके पर पहुंच गए। पुलिस अफसरों को पहले केबल कारोबार में रंजिश का शक था, लेकिन पूछताछ में यह बात सामने आई कि गाड़ियों में टक्कर के बाद यह वारदात हुई।


गांधी जयंती पर फूट कर रोए सपा नेता

संभल। संभल से समाजवादी पार्टी नेताओं ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित तो किए ही। इस दौरान वो इतने भावुक हो गए कि बापू-बापू करते हुए प्रतिमा पकड़कर फूट-फूटकर रोने लगे। इस दौरान सपा नेता कहा कि हमें अनाथ कर बापू कहां चले गए। इतने बड़े देश को आपने आजाद कराया और हमें अनाथ बनाकर चले गए।


यह पूरा मामला चंदौसी कोतवाली क्षेत्र के फव्वारा चौक का है। सपा जिला अध्यक्ष फिरोज खान आए थे बापू को श्रद्धांजलि देने, लेकिन भावनाओं का ऐसा ज्वार उठा कि फफक-फफक कर रो पड़े। सपा के दोनों कार्यकर्ता लगातार भींगी हुई आंखों पर रुमाल फेरते रहे। इस दौरान साथी कार्यकर्ता पीठ का हाथ फेरकर दिलासा दे रहे थे। 


फिर चलाया सफाई कार्यक्रम:करीब एक मिनट के अंदर दिल को छू लेने वाला विलाप खत्म हो गया। इसके बाद अगला कार्यक्रम शुरू हुआ। ये था सफाई का। कहीं से कार्यकर्ताओं ने एक ठेले का इंतजाम किया। फिर सफाई का काम शुरू हो गया। इस दौरान सपा कार्यकर्ता सफाई कम फोटो ज्यादा खिचाते नजर आए।


बीजेपी सरकार पर साधा निशाना:सफाई अभियान के दौरान समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष फिरोज खान ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। फिरोज खान ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बीजेपी लाखों रूपये डकार रही है। आज इस देश में लूट खसोट मची है, इसलिए बापू को याद करके मेरी आंखें भर आई। मैं बहुत रोया हूं।


मेरठ:स्वाइन फ्लू ने दंपत्ति की ली जान

मेरठ। मेरठ के जागृति विहार सेक्टर-6 निवासी स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज देवेंद्र सिंह (77) का मंगलवार को नोएडा के सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। 24 सितंबर को उनकी पत्नी राजवीरी सिंह (73) की  उपचार के दौरान फोर्टिस अस्पताल में मौत हो गई थी। कई सप्ताह से देवेंद्र की हालत गंभीर बनी हुई थी। वह वेंटिलेटर पर थे। 


मेरठ के आनंद अस्पताल और बाद में मेडिकल अस्पताल में पति-पत्नी का इलाज किया गया था। हालत बिगड़ने पर इनको हायर सेंटर फोर्टिस ले जाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजकुमार चौधरी ने बताया कि स्वाइन फ्लू से मौत की जानकारी मिल गई है। पत्नी-पति के मौत के बाद घर में कोहराम मच गया। उनके बेटे का कहना था एक महीने में माता-पिता दोनों स्वाइन फ्लू से चले गए। स्वाइन फ्लू को लेकर पूरे इलाके में दशहत का माहौल है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इस इलाके में पहले जा चुकी है। इनके परिवार वालों को भी टेमी फ्लू की दवा दी जा चुकी है। 


छह सौ से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मरीज 


सीएमओ ने बताया कि जिले में इस साल अब तक स्वाइन फ्लू के छह सौ से ज्यादा रोगियों की पुष्टि हो चुकी है। जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए 10-10 बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। 


स्वाइन फ्लू के लक्षण


-नाक से पानी बहना


-नाक बंद हो जाना
-गले में खराश।
-सर्दी-खांसी।
-बुखार।
-सिरदर्द, शरीर दर्द, थकान, ठंड लगना, पेटदर्द।
-कभी-कभी दस्त उल्टी आना। युवाओं, छोटे बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को यह तीव्र रूप से प्रभावित करता है।


ऐसे होता है संक्रमण


डॉक्टरों के मुताबिक इसका संक्रमण रोगी के खांसने, छींकने आदि से निकली हुई द्रव की बूंदों से होता है। रोगी मुंह या नाक पर हाथ रखने के पश्चात जिस भी वस्तु को छूता है, फिर से उस संक्रमित वस्तु को स्वस्थ व्यक्ति द्वारा छूने से रोग का संक्रमण हो जाता है। संक्रमित होने के एक से सात दिन के अंदर लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।


बचाव
-खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों से दूर रहें।
-आंख, नाक, मुंह को छूने के बाद किसी अन्य वस्तु को न छुएं
-हाथों को साबुन या एंटीसेप्टिक द्रव से धोकर साफ करें।
-खांसते, छींकते समय मुंह व नाक पर कपड़ा रखें।
-स्टार्च (आलू, चावल आदि) और शर्करायुक्त पदार्थों का सेवन कम करें।
-दही का सेवन नहीं करें, छाछ ले सकते हैं। खूब उबला हुआ पानी पीएं।
-सर्दी-जुकाम और बुखार होने पर भीड़भाड़ में जाने से बचें।


आज चार्जशीट दाखिल करेगा एनआईए

नई दिल्ली। अलगाववादियों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कई कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ गुरुवार को अदालत में आरोप-पत्र दाखिल कर सकती है। जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के यासीन मलिक सहित कई अन्य कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) के तहत जांच एजेंसी द्वारा गुरुवार को आरोप पत्र दायर किए जाने की संभावना है। 


इन अलगाववादी नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने 2010 और 2016 में कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों और पथराव कराने के लिए पाकिस्तान से धन (फंड) लिया था। मीरवाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो धड़ों से जुड़े कई अलगाववादियों को आतंकी फंडिंग के आरोप में एनआईए ने 2017 में गिरफ्तार किया था। इसके अलावा एनआईए ने अलगाववादियों के लिए पाकिस्तान से खुफिया तौर पर फंड लेने के लिए श्रीनगर के एक व्यापारी जहूर वटाली को भी गिरफ्तार किया। 
एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए कुछ ज्ञात अलगाववादी नेताओं में शब्बीर शाह, नईम खान, मसरत आलम, असिया अंद्राबी और फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे शामिल हैं। यासीन मलिक को 2010 और 2016 में अलगाववादी आंदोलन के दौरान कश्मीर में अशांति फैलाने में उनकी भूमिका को लेकर चार अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद से घाटी में अशांति फैलाने का उन पर आरोप है। 
मलिक जॉइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) का हिस्सा था, जिसमें मीरवाइज और सैयद अली शाह गिलानी गुट भी शामिल था। इसने अलगाववादी आंदोलन की अगुवाई की थी। पाकिस्तानी महिला मशाल मलिक से शादी करने वाले मलिक पर यह भी आरोप है कि कश्मीर में आतंक फैलाने वाले और संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक रूप से आंतकी घोषित किए गए मुंबई हमले के मास्टरमाइड हाफिज सईद के साथ भी उसके संबंध हैं। एनआईए का आरोप-पत्र कहता है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुरे में मलिक ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कैंपों का दौरा किया था और वहां लश्कर के कैडर (आतंकवादियों) को संबोधित किया था। आरोप-पत्र मे कहा गया है, आरोपी यासीन मलिक ने इस बात को खुद पत्रकार रजत शर्मा को दिए एक साक्षात्कार में टीवी पर (आप की अदालत कार्यक्रम में) इस बात को कबूल किया है।


छोटा राजन के भाई को कमल का फूल

मुंबई। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के भाई दीपक निकालजे को केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है। निकालजे रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के टिकट पर सातारा जिले की फलटन सीट से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन उनका चुनाव चिन्ह कमल होगा। वह बीजेपी के चुनाव चिन्ह 'कमल' के निशान पर ही चुनाव मैदान में उतरेंगे।
इससे पहले भी दीपक निकालजे आरपीआई की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। आठवले की पार्टी से उन्होंने 2004, 2009 और 2014 में चेंबूर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें एक बार भी जीत नहीं मिली थी। निकालजे 10वीं पास हैं। उनका नाम कई आपराधिक मामलों में सामने आया था। निकालजे के समर्थक उन्हें 'दीपक भाऊ' कहते हैं।


निकालजे के पास करोंडों की संपत्ति
ऐसा माना जाता ही कि संजय दत की मशहूर फिल्म 'वास्तव' में दीपक निकालजे का ही पैसा लगा था। लोगों का ऐसा भी मानना है कि फिल्म छोटा राजन के किरदार से काफी मिलती-जुलती थी। दीपक रियल स्टेट कारोबार से जुड़ा है। उन्होंने 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में 4 करोड़ की सम्पत्ति और 500 स्क्वेयर फीट के बंगले का मालिक बताया था।
21 अक्टूबर को डाले जाएंगे वोट
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी, शिवसेना और आरपीआई के बीच गठबंधन हुआ है। तीनों पार्टी राज्य में मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर 21 अक्टूबर को एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे। जबकि इसके तीन दिन बाद यानी 24 अक्टूबर को मतगणना होगी।


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...