शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

नाकामी से घबराओ मत:सचिन

'सचिन तेंदुलकर' यह नाम सुनते ही सबको क्रिकेट का भगवान याद आ जाता है, उनके शानदार शॉर्ट्स और लाजवाब पारियां याद आती है, लेकिन क्या आप कभी यह सोच सकते हो कि एक समय पर इस क्रिकेट के भगवान को ओपनिंग करने के लिए हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाना पड़ा था। आप यह बात जान कर हैरान हो जायेंगे, लेकिन इस बात की पुष्टि खुद सचिन ने की है। करियर के शुरुआत में सचिन को मिडिल ऑर्डर में खिलाया गया था, लेकिन उन्हें यहां पर ज्‍यादा कामयाबी नहीं मिली थी।


सचिन तेंदुलकर का मानना है कि अपनी पहली हार से घबराओं मत उसका डट कर सामना करो, 1984 सितंबर में पहली बार उन्को भारतीय टीम में बतौर सलामी बल्लेबाज उतारा गया था, इस मैच में उन्होंने 49 गेंद पर शानदार पारी खेल कर 82 रन बनाये थे। जिसके बाद उन्होंने सबके दिल में अपनी जगह बना ली थी।
सचिन ने कहा की,'पहले मैच (ऑकलैंड में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ) में मैंने 49 गेंद में 82 रन बनाए इसलिए मुझे दोबारा मौका दिए जाने के बारे में पूछने की जरूरत नहीं पड़ी। वे मुझसे ओपनिंग कराने को तैयार थे। मैं यह कहना चाहता हूं कि नाकाम होने से मत घबराओ।


गिड़गिड़ाने के बाद सचिन तेंदुलकर को मिला सलामी बल्लेबाज बनने का मौका


यह सब बातें सचिन ने एक चैट शो में साझा की, इसी में उन्होंने ओपनिंग करने के लिए अपनी पूरी कहानी सुनाई, सचिन ने कहा कि,'1994 में जब मैंने भारत के लिए बल्‍लेबाजी शुरू की थी तब सभी टीमों की रणनीति विकेट बचाना थी। मैंने अलग हटकर सोचने का प्रयास किया। मैंने सोचा कि मैं ऊपर जाकर विपक्षी गेंदबाजों पर हमला करूं। लेकिन मुझे इस मौके लिए गिड़गिड़ाना पड़ा। मैंने कहा यदि मैं नाकाम हो गया दोबारा आपके पास नहीं आऊंगा।


ऐसा नहीं है कि बतौर सलामी बल्लेबाज उन्होंने कोई मुकाम हासिल नहीं किया हो, एक शानदार सलामी बल्लेबाज के बाद उन्होंने अपनी आगामी पांच पारियों में लगातार अपने बल्ले से कमाल दिखाया, और अपनी जगह पक्की कर ली थी, उन्होंने उन पांच पारियों में 82, 63, 40, 63 और 73 रन बनाये थे। तेंदुलकर जब रिटायर हुए थे तब उनके नाम अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक थे।


कश्मीर में प्रतिबंधों पर छूट करे भारत

संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों से मुलाकात के बाद एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत कश्मीर में तेजी से प्रतिबंधों में छूट दे और हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाए। अमेरिका के विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशियाई मामलों की एक शीर्ष अधिकारी एलिस वेल्स ने कहा कि हम तेजी से कदम उठाए जाने की उम्मीद करते हैं। कश्मीर में प्रतिबंध समाप्त किए जाएं और हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाए।


उन्होंने यह भी कहा कि अगर दोनों पक्ष ट्रंप से मध्यस्थता करने को कहते हैं तो वह इसके इच्छुक हैं। हालांकि उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि भारत किसी भी तरह की मध्यस्थता की पेशकश को खारिज करता आया है।
अधिकारी ने कहा कि अमेरिका कश्मीर में नेताओं, कारोबारियों को व्यापक रूप से हिरासत में लिए जाने और जम्मू-कश्मीर के लोगों पर प्रतिबंध लगाए जाने से चिंतित है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ट्रंप ने मोदी से मुलाकात के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया था या नहीं।


मालूम हो कि ह्यूस्टन में बीते रविवार को आयोजित 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में ट्रंप ने मोदी के साथ शिरकत की थी और 50,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित किया था। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की थी।


इमरान ने यूएन में अलापा कश्मीर राग

संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को आज संयुक्त राष्ट्र में संबोधन देते हए। अपने संबोधन से पहले उन्होंने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है और कहा कि वह सिर्फ जम्मू-कश्मीर का मसला उठाने के लिए ही यहां पर आए हैं। लेकिन संबोधन से पहले ही इमरान ने हथियार डाल दिए हैं और कहा कि वह जानते हैं इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है।


न्यूयॉर्क टाइम्स के एडिटर्स से बात करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझे पता है कि संयुक्त राष्ट्र में मेरे जम्मू-कश्मीर पर भाषण से कुछ बड़ा असर नहीं होगा, खासकर आने वाले दिनों में…लेकिन वह चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का मसला दुनिया सुने।
इमरान खान के बयान से साफ है कि वह संयुक्त राष्ट्र के मंच पर कश्मीर का मसला तो जरूर उठाएंगे, लेकिन उन्हें इससे कोई उम्मीद नज़र नहीं आती है। गौरतलब है कि इससे पहले भी इमरान खान ने जहां भी जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया है उन्हें वहां पर मात ही मिली है।


जनाब आपसे ऐसी उम्मीद ना थी

कारगिल विजय दिवस पर पूरा देश शहीदों को याद कर रहा है। 26 जुलाई 1999 को भारत ने पाकिस्तान पर विजय पाई थी। कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।
यह किस्सा साल 1999 का है जब कारगिल युद्ध हुआ था। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी किताब 'नाइदर अ हॉक नॉर अ डव' में इसका जिक्र किया है। दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी और एक्टर दिलीप कुमार के बीच गहरा संबंध था। उस दिन दिलीप कुमार और अटल बिहारी एक साथ ही बैठे हुए थे।
किताब के मुताबिक, एक दिन नवाज शरीफ के लिए भारत से फोन आया। दूसरी ओर अटल बिहारी वाजपेयी थे। वाजपेयी ने नवाज शरीफ से कहा कि 'मुझे आपने लाहौर बुलाया। गले मिलकर स्वागत किया और अब देश के साथ ऐसा कर रहे हैं।' नवाज शरीफ को जवाब नहीं सूझा तो उन्होंने कहा कि 'आप किस बारे में बात कर रहे हैं मैं आपकी बात आर्मी चीफ से करवाता हूं।'
नवाज शरीफ फोन काटने ही वाले थे कि तभी अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे कहा कि 'मुझे आपसे किसी की बात करवानी है।' अटल बिहारी वाजपेयी ने फोन दिलीप कुमार को पकड़ाया। उस वक्त दिलीप कुमार वहीं थे। दिलीप कुमार की बातें सुनकर नवाज शरीफ भी हैरान रह गए। बता दें कि दिलीप कुमार बंटवारे से पहले पाकिस्तान के पेशावर में रहते थे।
फोन पर दिलीप कुमार ने नवाज शरीब को खूब खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि 'साहब आप हमेशा भारत-पाकिस्तान के बीच शांति के मुद्दे पर अडिग रहे हैं आप ऐसा करेंगे ऐसी उम्मीद नहीं थी। दोनों देशों के बीच के तनाव के चलते भारत में मुसलमान अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है। ऐसे हालातों से निपटने के लिए कुछ कीजिए।'


शेरों की धरती पे हाथी नहीं काबू में

लगता है , शेरों कि धरती में हरियाणा में बड़े – बड़े नेताओं कि बस की बात नही ,हाथी को संभालना ।


आखिर सही भी है , हाथी को संभालना हर किसी के बस कि बात नही
चंडीगढ़। इनेलो नेता अभय चौटाला ने तो बहन जी से राखी तक बंधवाई , लेकिन गंठबंधन कि सियासत लंबी न चल पाई , हरियाणा में बसपा का वोट प्रतिशत 2014 के विधानसभा चुनाव में 4.4 प्रतिशत रहा था। 2009 में 6.74 फीसदी और 1996 से 2000  तक 5.44 और  5.74 प्रतिशत वोट पार्टी को मिले थे। बसपा का हर विधानसभा क्षेत्र में वोट बैंक है , और पार्टी के उम्मीदवार किसी भी बड़े दल के प्रत्याशियों का चुनावी गणित बिगाड़ देते हैं। इस बार भी बसपा सभी विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशीयों को उतारने कि कवायत शुरु कर दी है।


हरियाणा में मायावती की नजर 90 में से , एससी के लिए आरक्षित 17 सीटों पर है , पार्टी इन सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारकर पुराना मिथक तोड़ते हुए एक से अधिक विधायक बनाना चाहेगी ,  इसके अलावा पार्टी 19 प्रतिशत एससी वोट बैंक पर भी निगाहें गड़ाये हुए है। बसपा यहां भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाकर कोई करिश्मा तो जरुर करना चाहेगे।  


बसपा ने 1998 में इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन किया , बाद में तोड़ा।
2009 में कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ गठबंधन किया , बाद में राहें जुदा हो गयी।
मई 2018 में फिर इंडियन नेशनल लोकदल के साथ किया गठबंधन, एक साल से पहले ही राहे जुदा हो गयी।
जींद उपचुनाव में करारी हार के बाद बसपा को इनेलो का अस्तित्व खतरे में नजर आने लगा, इनेलो के साथ गठबंधन तोड़कर फरवरी 2019 में राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी का साथ पकड़ा, चंद महीने बाद गठबंधन टूट गया।
11 अगस्त 2019 को जजपा के साथ गठबंधन किया , छह सितंबर 2019 को जजपा से भी नाता तोड़ा दिया।


प्रेम और दायित्व की भावना देशभक्ति

देश के लिए प्यार और देश के प्रति जिम्मेदारी की भावना ही असली देशभक्ति: केजरीवाल


नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि ,' देश के लिए प्यार और देश के प्रति जिम्मेदारी की भावना ही असली देशभक्ति है। रिश्वत देनेवाले, टैक्स की चोरी करनेवाले कभी देशभक्त नहीं हो सकते। देशभक्ति सिर्फ इंडिया-पाकिस्तान के मैच के दौरान ही नहीं, हमारे रोजमर्रा के जीवन में भी झलकनी चाहिए।अरविन्द के केजरीवाल के आवास पर देशभक्ति करिक्यूलम निर्धारित करने वाली वाली बैठक के दौरान केजरीवाल ने यह बात कही। इस दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे।


मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पेश हुए शरद

मुबंई। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ऑफिस में पेश हुए। इसी को देखते हुए मुंबई पुलिस ने बलाड एस्टेट इलाके में धारा 144 लगा दी है जहां प्रवर्तन निदेशालय की ऑफिस है। बता दें कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता शरद पवार और अजित पवार समेत 70 अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।


NCP प्रमुख शरद पवार पर मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज
FIR में सहकारी बैंक के 70 पूर्व अधिकारियों के नाम


बिना ED के समन, खुद पेश शरद पवार होंगे


शरद पवार ने कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की


ED के सामने पेश होंगे शरद पवार, बलार्ड एस्टेट में मुंबई पुलिस ने लगाई धारा 144


पुलिस ने शरद पवार के ईडी के सामने पेश होने को देखते हुए बलार्ड पियर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर और दक्षिण मुंबई के दूसरे क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी है। मुंबई पुलिस ने ट्वीट कर उन थाना क्षेत्रों की जानकारी दी गई जहां आज धारा 144 लागू रहेगी। पुलिस ने कहा, “डियर मुंबईकर्स! कृपया ध्यान रखें कि सीआरपीसी की इन इलाकों में धारा 144 लागू है।


'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर थाना खालापार पर आय...