शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

चुनाव आयोग सरकार की कठपुतली

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को टालने वाली है। सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी कर्नाटक के उन 17 विधायकों की याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई जिनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इन विधायकों को चुनाव लड़ने से भी रोका गया था इसी फैसले के खिलाफ इन विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।


बता दें कि चुनाव आयोग ने उपचुनावों के लिए नई तारीखों का ऐलान अभी नहीं किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले में सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।
21 सितंबर को चुनाव आयोग ने 17 विधानसभा में से 15 सीटों पर उपचुनावों के तारीखों की घोषणा की थी। नई तारीखों के मुताबिक 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को नतीजे आने थे।


बता दें कि इसी साल जुलाई में इन 17 विधायकों की अनुपस्थिति के कारण कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई। इसके बाद कर्नाटक के तत्कालीन स्पीकर रमेश कुमार ने विधानसभा से इनकी सदस्यता रद्द कर दी थी और मौजूदा सरकार का कार्यकाल खत्म होने तक चुनाव लड़ने से रोक दिया था।विधानसभा से सदस्यता रद्द होने के बाद इन विधायकों ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था। इन विधायकों ने उपचुनावों के लिए तय तारीख 30 सितंबर से पहले इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी।


कोर्ट के फैसले के बाद रद्द हुए विधायक एन मुनिरत्ना ने कहा,”हम सोमवार से ये केस लड़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसे इस केस की तह तक जाना पड़ेगा। ये हो जाने के बाद ही इस केस में कोई फैसला दे सकते हैं, चुनाव आयोग ने कहा चुनाव टाल दिए हैं। हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा।”


कर्नाटक में बीफ बैन की तैयारी, देश में सबसे कड़ी सजा मुमकिन


'चुनाव आयोग सरकार की कठपुतली है': कुमारस्वामी


चुनाव आयोग के इस फैसले पर कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने कहा, ”ये देश में लोकतंत्र की बरबादी है। ऐसा पहली बार हुआ है देश में जब चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान किया है और कोई संवैधानिक संस्था बीच में नहीं आई है. ये संवैधानिक संस्थाओं के लिए शर्म की बात है। सभी संस्थाएं केंद्र सरकार के कंट्रोल में है।”हालांकि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है।


कल्याण सिंह होंगे सीबीआई कोर्ट में पेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह शुक्रवार को लखनऊ में स्पेशल सीबीआई कोर्ट के सामने पेश होंगे। राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी हैं। कल्याण सिंह के अलावा इस मामले में बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती भी आरोपी हैं।राजस्थान का राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह को इस मामले में अब तक अनुच्छेद 361 के तहत कार्रवाई से छूट मिली थी। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कल्याण सिंह को बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े आपराधिक साजिश के मामले में पेश होने का आदेश दिया था।


सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को आदेश दिया था, जिसमें कल्याण सिंह के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास, विनय कटियार, सतीश प्रधान, चंपत राय बंसल, विष्णु हरि डालमिया, नृत्य गोपाल दास, सतीश प्रधान, आरवी वेदांती, जगदीश मुनि महाराज, बीएल शर्मा (प्रेम) और धर्म दास को आरोपी मानते हुए मुकदमा चलाने की बात कही थी। कल्याण सिंह को छोड़कर बाकी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली हुई है।


'कल्याण सिंह ने नहीं उठाया था कोई कदम'


इन सारे नेताओं के खिलाफ अयोध्या में बाबरी विध्वंस के लिए आपराधिक षडयंत्र करने का आरोप है, जो धारा 120 (बी) के तहत चल रहा है। बता दें कि अयोध्या मामले के लिए लिब्राहन आयोग का गठन 16 दिसंबर 1992 में किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बाबरी विध्वंस को सुनियोजित साजिश करार देते हुए 68 लोगों को दोषी माना था। लिब्राहन आयोग ने कहा था कि कल्याण सिंह ने घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।


6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि यूपी के सीएम रहते कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में कहा था कि वह अयोध्या में विवादित ढांचे को कोई नुकसान नहीं होने देंगे, लेकिन कार सेवा आयोजित होने के दौरान अयोध्या में मस्जिद को गिरा दिया गया था। इसके बाद सीएम कल्याण सिंह ने मामले की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।


हेलीकॉप्टर क्रैश दो पायलटों की मौत

भूटान में भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, दो पायलटों की मौत


योंफुला। भूटान में भारतीय सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है जिसमें सवार दोनों पायलटों की मौत हो गई है। भारतीय सेना के सूत्रों की मानें तो दुर्घटना में मरने वाले भारतीय सेना का एक पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक का था, जबकि दूसरा भूटान की आर्मी का पायलट था जो भारतीय सेना के साथ प्रशिक्षण पर था। यह हेलीकॉप्टर अरुणाचल प्रदेश के खिर्मू से भूटान के योंफुला तक की उड़ान पर पर गया था।


चंद्रमा पर विक्रम की हुई थी हार्ड लैंडिंग

वॉशिंगटन। नासा ने चंद्रयान 2 की लैंडिंग की कुछ हाई रेजॉलूशन तस्वीरें जारी की हैं। तस्वीरों के आधार पर नासा का कहना है कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद के सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई। ये हाई रेजॉलूशन तस्वीरें नासा के लूनर ऑर्बिटर कैमरा के जरिए खींची गई हैं। नासा की ओर से जारी बयान के अनुसार, चंद्रमा की सतह पर नासा की हार्ड लैंडिंग हुई, यह साफ है।


स्पेसक्राफ्ट किस लोकेशन पर लैंड हुआ, इसके बारे में अभी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता। तस्वीरें केंद्र से 150 किलोमीटर दूरी से ली गई हैं। आपको बता दें कि विक्रम को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन संपर्क टूटने के कारण यह संभव नहीं हो सका। इसके बाद 7 सितंबर को इसरो के साथ नासा का कनेक्शन पूरी तरह से खतम हो गया। 


बता दें कि 7 सितंबर को लैंडर विक्रम को चांद के सतह पर लैंड करना था। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग का यह भारत का पहला प्रयास था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार, लैंडिंग साइट से 17 सितंबर को एलआरओ पास हुआ और हाई रेजॉलूशन तस्वीरें वहां से ली है। अभी तक एलआरओसी की टीम को इमेज और लैंडर की लोकेशन का पता नहीं चल सका है।


सेवानिवृत्ति के बाद सुना सकते हैं फैसला

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर से पहले पूरी करने को कहा है। चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि अगर मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी नहीं हुई, तो इस पर फैसला देने का चांस खत्म हो जाएगा।दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच न्यायमूर्तियों की संविधान पीठ मामले की सुनवाई कर रही है और चीफ जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। कार्यकाल खत्म होने के बाद रंजन गोगोई न तो मामले की सुनवाई कर पाएंगे और न ही फैसला सुना पाएंगे। लिहाजा वो चाहते हैं कि मामले पर फैसला उनके रिटायर होने से पहले ही हो जाए।


अब यहां सवाल यह उठ रहा है कि अगर राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई लंबी खिंचती है, तो मामले पर फैसला कौन सुनाएगा? क्या इस मामले की सुनवाई करने और फैसला सुनाने के लिए रंजन गोगोई का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है?


रिटायर होने के बाद भी फैसला सुना सकते हैं रंजन गोगोई


इस पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जितेंद्र मोहन शर्मा और सीनियर एडवोकेट उपेंद्र मिश्रा का कहना है कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट के किसी भी न्यायमूर्ति का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया है।हालांकि संविधान के अनुच्छेद 128 में प्रावधान किया गया है कि राष्ट्रपति की सहमति से रिटायर न्यायमूर्ति को किसी मामले की सुनवाई करने का अधिकार दिया जा सकता है, लेकिन ऐसे न्यायमूर्ति को सुप्रीम कोर्ट के दूसरे न्यायमूर्तियों की तरह अन्य मामलों की सुनवाई करने का अधिकार नहीं होगा।इसका मतलब यह हुआ कि अगर राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई लंबी चलती है, तो राष्ट्रपति की सहमति से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई आगे भी मामले की सुनवाई कर सकते हैं।


नाजुक दौर में भाजपा-शिवसेना गठबंधन

मुबंई। चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान के बावजूद राज्य में सत्ताधारी गठबंधन के महत्वपूर्ण घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल की घोषणा नहीं हो सका है जिसके कारण कार्यकर्ताओं में द्वंद की स्थिति लगातार बना हुआ है।


सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार आधे दर्जन सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। शिवसेना का कहना है कि 126 सीटों से कम पर समझौता नामुमकिन है, तो भारतीय जनता पार्टी 120 सीटों से ज्यादा देने को राजी नहीं है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा ने गठबंधन के घटक दलों के बीच अधिकांश सीटों पर सहमति बन चुकी है।भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जितनी चिंता गठबंधन के लिए आप (मीडिया) को है, उससे कम मुझे नहीं है। गठबंधन के घटक दलों के बीच हुए सीटों के बंटवारे को समय से घोषणा किया जाएगा।


उधर, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे को भारत पाकिस्तान के बंटवारे से भी भयंकर बताया है। उन्होंने कहा कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों का बंटवारे को भारत-पाकिस्तान के बटवारा से भी भयंकर है।उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में दोनों दलों कार्यकर्ता गठबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। मुंबई में पिछले दिनों आयोजित भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की रैली पर गौर फरमाते हुए संजय राउत ने कहा कि जब भाजपा को गठबंधन की जरूरत नहीं है, तो स्थिति स्पष्ट करें। शिवसेना चुनाव के मैदान में अकेले उतरने को तैयार है।


गौरतलब है कि साल 2014 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा शिवसेना इसी दौर से गुजर रहा था। तभी भारतीय जनता पार्टी ने सहमति नहीं बनने की स्थिति में गठबंधन से अलग होने का घोषणा कर दिया था। जिसके बाद संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और 123 सीटों पर कब्जा जमाते हुए सत्ता के दावेदारी मजबूत किया था। वही शिवसेना 63 पर ही सिमट गई थी।


31 अक्टूबर तक फाइल करें आइटीआर

नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ऑडिट रिपोर्ट की आवश्यकता वाले विशेष मामलों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्ट्रबर तक बढ़ा दी है। पहले यह समय-सीमा 30 सितंबर रखी गई थी। सीबीडीटी ने देर रात जारी बयान में कहा कि देशभर से मिली प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद CBDT ने ITR और कर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2019 करने का फैसला किया है।


यह उन लोगों से संबंधित है, जिनके खाते के लिए ऑडिट की जरूरत होती है। विभाग ने कहा है कि इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जल्द जारी कर दी जाएगी। इस श्रेणी के तहत आने वाली ऐसी इकाइयां होती हैं जिनके आयकर रिटर्न का आकलन आयकर कानून की 44एबी धारा के तहत किया जाता है और इनके खातों को रिटर्न दाखिल करने से पहले ऑडिट करने की आवश्यकता होती है।


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...