गुरुवार, 26 सितंबर 2019

कीटों का सामाजिक जीवन

कीटों में सामाजिक जीवन अपने उच्च शिखर पर होता है, जो अन्यत्र केवल मनुष्यों को छोड़कर कहीं नहीं पाया जाता है। कीटों ने संसार में सर्वप्रथम पूर्ण विकसित सामाजिक जीवन का उदाहरण प्रस्तुत किया है।


कीटों की संख्या सभी प्राणियों से अधिक है। कीट वर्ग, आर्थोपोडा (Arthropoda) संघ में आता है। अब तक ज्ञात स्पीशीज़ (Species) की संख्या आठ लाख से भी अधिक है और आधिकारिक अनुमानों के अनुसार अगर इनकी सभी जातियों की खोज की जाय, तो उनकी संख्या 60 लाख से भी अधिक होगी। इनमें बहुत सी ऐसी जातियाँ हैं जिनके प्राणियों की संख्या अरबों में है। इससे कीट वर्ग की बृहद् राशि की कल्पना की जा सकती है।


कीटों के अनेक वर्गों में सामाजिक संगठन का विकास स्वतंत्र रूप से हुआ है। ऐसे कीटों के उदाहरण हैं, सामाजिक ततैया, सामाजिक मधुमक्खियाँ एवं चींटियाँ। ये सभी हाइमेनॉप्टेरा (Hymenoptera) गण में आते हैं। दीमक आइसॉप्टेरा (Isoptera) गण में आती हैं। इन कीटों में सामुदायिक संगठन का विकास सर्वोच्च हुआ है। इन संगठनों में विभिन्न सदस्यों के कार्यों का वर्गीकरण पूरे समुदाय के हित के लिये किया जाता है। सभी सामाजिक कीट बहुरूपी होते हैं, अर्थात्‌ एक स्पीशीज़ में कई स्पष्ट समूह होते हैं। प्रत्येक समूह में जनन जातियाँ, (नर, मादा, राजा, रानी, इमैगी आदि) रचना तथा कार्य की दृष्टि से, बाँझ जातियों (सेवककर्मी सैनिक आदि) से भिन्न होती हैं। बाँझ जातियों में केवल जनन अंग के अवशेष ही पाए जाते हैं, परंतु सामाजिक हाइमेनॉप्टेरा की बाँझ जातियों के अंसेचित अंडों से केवल मादाएँ उत्पन्न होती हैं, जो बाँझ होती हैं। असंसेचित अंडे के अनिषेकजनन (pathenogensis) से क्रियात्मक नर विकसित होते हैं।


उपसामाजिक कीट 
वास्तविक सामाजिक कीटों की उत्पत्ति उपसामाजिक कीटों से हुई। इनमें लैंगिक एवं पारिवारिक समंजन के साथ साथ प्रौढ़ एवं युवकों के बीच कार्यों का वर्गीकरण भी हुआ। पर एक ही लिंग के प्रौढों के बीच श्रम का विभाजन नहीं हुआ है। इस प्रकार सामाजिक ततैयों की उत्पत्ति संभवत: एकमात्र परभक्षी ततैये से हुई होगी, जो यूमिनीज़ (Eumenes) एवं बेस्पिडी कुल के ऑडीनीरस (Odynerus) से संबंधित है। ये दोनों ही गड्ढों या अपने बनाए गए छत्रों में अपने लार्वो के लिये भोजन या तो रखते हैं, अथवा उन्हें शक्तिहीन इल्लियाँ खिलाते हैं। सामाजिक मधुमक्खियों का विकास एकल मधुमक्खियों के स्पीसिडी (Specidae) कुल की एकल ततैयों से हुआ। फॉरमिसिडी (Formicides) कुल में चींटियाँ आती हैं। इस कुल के सभी सदस्य सामाजिक होते हैं।


भू-विज्ञान की शाखा,समुद्र-विज्ञान

समुद्र विज्ञान (Oceanography या oceanology या marine science,) भूविज्ञान की एक शाखा है जो समुद्रों का अध्ययन करती है। इसके अन्तर्गत समुद्र, तटीय क्षेत्र, एस्ट्युरीज (नदी मुख), तटीय जल, शेलव्ज और ओशन बेड, समुद्री जीवों, समुद्री धाराओं, तरंगों, भूभौतिकीय तरलगतिकी एवं अनेक अन्यान्य विषयों का अध्ययन किया जता है। इसमें जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान, जिओलोजी, भौतिकी आदि सबकी आवश्यकता पड़ती है। इस क्षेत्र में काम करने वालों को ओशनोग्राफर कहते हैं।  ओशियनोग्राफी वह विज्ञान है जिसमें सागरों तथा महासागरों के हरपहलू का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। ओशियनोग्राफी में समुद्र, उसके तट, समुद्री शाखाओं से लेकर कोस्टल वाटरऔर समुद्री चट्टानों की गहराई का जायजा लेना होता है।


ओशियनोग्राफी कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासाओं का समंदरहै। महासागर में ढेरों जानकारी के खजाने छिपे हैं जिनके रहस्य पर से परदा उठना बाकी है। इस काम में समुद्र के भीतर घंटों गुजारकर सेंपल जुटाना, सर्वे करना, डाटा विश्लेषित करना होता है। यह खोज आधारित क्षेत्र है इसलिए इसमें काम करने वाले लोगों को समुद्र के आस-पास के इलाकों में लंबा समय गुजारना पड़ता है। ओशियनोग्राफर महासागरों व कोस्टल वाटर के रहस्य बारीकी से जाँचता है। वह महासागरीय जल की गति, जल के वितरण और उसके फिजिकल व केमिकल गुण व लक्षण का अध्ययन करता है औरयह जानने की कोशिश करता है कि इनका समुद्र के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों और जलवायु परक्या असर पड़ता है। यह क्षेत्र शोध आधारित है जहां एक लंबा समय समुद्री उथल-पुथल के बीच बिताना होता है। मिलने वाली चुनौतियों व खतरों के करीब से गुजरना होता है।


कागभुषडं-लोमस क्रिया कलाप

गतांक से...


प्राण सूत्र क्या है? हमारे यहां भिन्न-भिन्न प्रकार के प्राणों की प्रतिक्रियाएं मानी जाती है। प्राण के आधार पर मानव का जीवन न्योछावर रहता है। प्राण ही है जो प्रत्येक लोक-लोकातरों को एक सूत्र में पिरोने वाला है। एक तारा मंडलों की माला बनी हुई है और एक सूत्र में पिरोई हुई है। वही तो प्राण सूत्र कहलाता है। जैसे मानव का शरीर है। मानव के शरीर में नाना प्रकार के संस्कार विधमान होते हैं। नाना प्रकार की आवाज उसमें दृष्टिपात आती है। जैसे चंद्रमा की यात्रा में रत होने जा रहा है। चंद्रमा का यान और विज्ञान उसके मानवीय मस्तिष्‍को में नृत्य कर रहा है। तभी तो उसको चंद्रमा का ज्ञान होता है वह एक सूत्र है जो प्रत्येक परमाणु को अपने सूत्र में पिरोये है। ब्रह्मांड की कल्पना करने वाले आचार्यों ने यह कहा है कि एक ही सूत्र है जिसमें ब्रह्मांड पिरोहा हुआ है तो मैं ऋषि कागभुषडं जी के विद्यालय में इस प्रकार के प्रश्न होते रहते थे। ब्रह्मचारीजन एक स्थली पर विद्यमान होते तो कई तारा मंडलों की गणना हो रही है। कहीं सूर्य की गणना हो रही है, कहीं आकाशगंगा की गणना हो रही है। कहीं नाना निहारिका को निहार रहे अपने अंतरण में, आभा में प्राण सूत्र की चर्चा होती रहती थी। यह सर्वत्र ब्रह्मांड जो गति कर रहा है। अपने आसन पर प्रत्येक प्राणी प्रत्येक लोक-लोकांतर जो क्रियाशील हो रहा है। उसी प्राण सूत्र की महिमा है। प्राण सूत्र की एक आभा कहलाती है, पूर्व से दक्षिणायन को वृत्ती कर रहा है। वह सर्वत्र एक प्राण की आरती हो रही है। देखो काग भुषडं जी और महर्षि लोमस मुनि महाराज का, दोनों के संवाद, कि मैंने अभी-अभी तुम्हें चर्चा की थी। महाराज जी, दोनों उत्तर प्रश्न करते रहते थे। वह यह कहा करते थे कि संसार एक दूसरे में रमण कर रहा है। एक दूसरे में पिरोया हुआ ही दृष्टिपात आता है। जब दोनों की वार्ता आरंभ रहती है तो दोनों अपने को प्राण सूत्र में पिरोया हुआ स्वीकार करते थे। स्वीकार करते थे इस समय अपने स्थलों पर विद्यमान हो करके उन्होंने यह विचारा कि आज हमे सूर्य मंडल की यात्रा करने के लिए तत्पर होना चाहिए, तो वहां उन किरणों में जब प्राण सूत्र उन्होंने दृष्टिपात किया। प्राण सूत्र ही है जिसके द्वारा सूर्य की किरण पृथ्वी मंडल पर आती है। नाना लोक-लोकातंरो में प्रवेश करती है। धौलोक से जब वह सूर्यप्रकाश लेता है, विद्युत लेता है। उसी विद्युत को लेकर के संसार प्रकाशमान होता है। सूर्य प्रकाशित बना हुआ है परंतु देखो योगी जन उस प्राण सूत्र के सहयोग से सूर्य की किरण के साथ-साथ, सूर्य की यात्रा में तत्पर रहते हैं। मैंने बहुत पुरातन काल में तुम्हें निर्णय देते हुए कहा था कि हमारे यहां नाना प्रकार के वैज्ञानिक हुए हैं। जिन वैज्ञानिकों ने सूर्य से ऊर्जा लेकर के, सूर्य से सक्‍ती को लेकर के, सूर्य की यात्रा वाले यानो का निर्माण किया है। उन यादों में विद्यमान हो करके देखो यात्री बना रहा है। इसलिए आचार्यों ने कहा है कि इसी आभा को लेकर के प्राण सूत्र की चिकित्सा हमारे यहां परंपरागतो से विचित्र मानी गई है। कागभुषडं जी ने लोमस से कहा कि प्राण वायु लेकर के सूर्य की आभा में रमण करता है। सूर्य की किरणों के साथ साथ ऊर्जा ले करके उसको प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार मानव के द्वारा एक प्राण चिकित्सा भी कहलाई जाती है। हमारे यहां प्राण चिकित्सा को लेकर के सूर्य और चंद्र दोनों के ज्ञान विज्ञान को लेकर के उन्होंने प्राण चिकित्सा का निर्माण किया है। कागभुषडं जी की विशेषता इस संसार में उस काल में रही है कि उन्होंने प्राण सूत्र लेकर के प्राण चिकित्सा का निर्माण किया है। हमारे यहां कई प्रकार की चिकित्सा का निदान होता रहा है। एक प्राण चिकित्सा है, एक वायु चिकित्सा है ,एक धौ चिकित्सा कहलाती है। एक वनस्पति विज्ञान वाली चिकित्सा कहलाती है। परंतु यह जो प्राण चिकित्सा है यह सर्वोपरि और सबसे महान चिकित्सा मानी जाती है। जब हमारे यहां वैध राज प्राण सूत्र में रमण करनेवाले प्राण की चिकित्सा में तत्पर हुए, तो उन्होंने अपने को प्राण सूत्र में पिरोना आरंभ किया। कागभुषडं जी ने 12 वर्ष तक इस प्रकार का तप किया। मुनिवर, जो वह प्राण के ऊपर अनुसंधान करते रहे कि प्राण की गति क्या है? कितनी घड़ी में नाभि केंद्र से सूर्य प्रणायाम की गलियों में गति कर रहा है। कितनी घड़ियों में यह चंद्र स्वर विज्ञान में गति कर रहा है। यदि दोनों में देखो उनका दोनों स्वरूप, प्रतिभा एक ही सूत्र में पिरोई हुई है। स्वस्थ प्राणी कहलाया जाता है और इसमें दोनों प्रकार के विज्ञान में किसी में किसी प्रकार की त्रुटियां और स्वार्थ मंद और तेज गति रहती है। तो दोनों में किसी प्रकार के रुग्‍ण की आशंका बनी रहेगी। तो परिणाम यह है कि प्रत्येक मानव को प्राण चिकित्सा के ऊपर अध्ययन करना चाहिए। प्राण चिकित्सा वाले बहुत से वैज्ञानिक हुए हैं। प्राण चिकित्सा वालों ने सूर्य की किरणों के द्वारा अपने को प्रवृत्‍त किया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 27, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-55 (साल-01)
2. शुक्रवार,27 सितबंर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन, कृष्‍णपक्ष,तिथि त्रयोदशी/ चतुर्दशी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 6:15,सूर्यास्त 6:10
5. न्‍यूनतम तापमान -24 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


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बुधवार, 25 सितंबर 2019

गरीब-मजलूमो की अनदेखी कर रहे

रायबरेली। महराजगंज ब्लाक स्तरीय सपा कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन चंदापुर चौराहा स्थित शमशुल कांप्लेक्स मे किया गया।आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता सपा जिला अध्यक्ष राम बहादुर यादव ने की, वही कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऊंचाहार विधायक मनोज पांडेय एव पूर्व विधायक रामलाल अकेला रहे।आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक रामलाल अकेला ने कहा की भाजपा सरकार किसानो, नौजवानों,गरीबो,मजलूमो को मिटा पूंजीपतियों को बढ़ावा दे रही।योगी सरकार मे तहसील से लेकर थानो तक भष्टाचार का बोलबाला है जिस पर भाजपा विधायक स्वयं कह रहे की बछरावा थाने के दरोगा ने 20 हजार काम के बदले दाम के रूप मे पीड़ित महिला से ले लिए। श्री अकेला ने कार्यकर्ताओ का आह्वान करते हुए कहा की 1अक्टूबर को तहसील मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन कर बहरी सरकार के नुमाइन्दो को सपा कार्यकर्ताओं के साथ साथ जनता के साथ हो रही ज्यादातरी से मुखातिब कराया जाएगा । ऊंचाहार विधायक मनोज पांडेय ने कहा की तानाशाह सरकार मे प्याज,लहसुन,पेट्रोल,डीजल का दाम चरम पर है, मोटर व्हीकल अधिनियम मे हर्जाने की रकम चार गुना बढ़ाकर भाजपा सरकार जनता को खून के रुला रही । सपा विधानसभा अध्यक्ष राकेश त्रिवेदी उर्फ आलू महराज ने कहा की युवाओ को अच्छे दिन दिखाने वालो के चलते आज देश मंदी से गुजर रहा, दो लाख नौकरियों का वादा करने वाली भाजपा सरकार मे रोजगार और नौकरिया दोनो लापता है । इस दौरान वीरेंद्र यादव, माताफेर सिंह , समाजसेवी दुर्गेश सिंह, रविराज सिंह,ब्लाक प्रमुख विक्रांत अकेला , सुधीर साहू, दीपू चौधरी, गंगासागर पांडेय, गुड्डू सिंह बेलवा, राजू खां, संतोष सिंह, दिनेश पहरावा,राजकुमार सिंह उर्फ मोगा, संत कुमार चौधरी, रामलखन यादव, डब्बू सिंह सिकंदरपुर,धीरज यादव, अनस सिद्दीकी, इमरानुल हक, रामबरन यादव सहित सैकडो कार्यकर्ता मौजूद रहे।


भ्रष्टाचार के खिलाफ गाजियाबाद एसएसपी सख्त

भ्रष्टाचार के खिलाफ एसएसपी सुधीर सिंह का बड़ा एक्शन।


महिला एसएचओ लक्ष्मी चौहान समेत 7 पुलिसकर्मियों को किया निलंबित


गोविंद शर्मा


गाजियाबाद। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने एटीएम चोरों के पास से बरामद रकम में से बहुत मोटे रुपए गायब करने के आरोप मे लक्ष्मी सिंह चौहान समेत सात पुलिसकर्मियों को आज जाचं के बाद निलंबित कर दिया।


बताया जाता हैं कि जिस जगह से रुपए बरामद किए गए, वहां पर एक सीसीटीवी फुटेज में इस घटना का खुलासा हुआ। सरकारी गाड़ी में से लक्ष्मी सिंह ने रुपयों का बैग निकाल कर एक प्राइवेट i20 गाड़ी के अंदर रख दिया।चोरों से थाना पुलिस ने लगभग एक करोड़ की रकम बरामद की थी। एसएचओ केवल 8 लाख रुपए बरामद दिखाने की बात कह रही थी। इस सम्बंध में आज या कल में प्रेस वार्ता भी होनी थी। एसएसपी सुधीर सिंह को महिला एसएचओ लक्ष्मी सिंह पर शक हुआ और मामले की जांच सीओ साहिबाबाद से कराई जांच के दौरान आरोप सही निकले। आरोप के बाद एसएसपी साहब ने महिला एसएचओ लक्ष्मी चौहान, दरोगा नवीन कुमार पचौरी, कास्टेबल बच्चू सिंह, फराज,धीरज भारद्वाज, सौरभ कुमार, तथा सचिन कुमार की भूमिका सदिग्ध पाए जाने व स्थानीय पुलिस की छवि धूमिल होने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।


दीनदयाल की जयंती पर किया पौधारोपण

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर किया पौधारोपण  


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष सतपाल प्रधान के नेतृत्व में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 103 वी जयंती पर गांव सिरोरा ,धारीपुर, बूबखेड़ी के सेक्टर 8 के बूथ संख्या 494 से 498 सभी पांचों बूथों पर पौधारोपण कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की। 


इस मौके पर भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष सतपाल प्रधान ने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 1916 में मथुरा में हुआ था। वे छात्र जीवन से ही समाज सेवा में लगे रहे उपाध्याय जी का मानना था कि प्रकृति का सम्मत विकास ही संस्कृति है। प्रकृति के विरुद्ध विकास समाज में विकृति पैदा करता है समावेशी विकास ही स्थाई विकास है। 


वे सच्चे राष्ट्रवादी थे सुशासन और विकास से अंत्योदय उनका लक्ष्य था राजनीति अर्थनीति पर राष्ट्र के उद्घोषक  नवीन भारत के गांव गरीब के मसीहा मातृभूमि की सेवा ही उनका एकमात्र लक्ष्य था। 


उनके द्वारा समाज के कमजोर तबके के उत्थान के लिए उनके प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता। मुख्य रूप से भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष सतपाल प्रधान, जिला मंत्री डॉक्टर इंद्रजीत सिंह, विनोद प्रधान, सन्नी कुमार मित्रा, कपिल प्रधान, नीरज शर्मा ,सोनू ,मनवीर, प्रवेश सुखबीर, बिजेंदर, आनंद ,जगबीर, कंवर सिंह, प्रवेश, राहुल, अभिषेक, सुरेश सिंह, अजय शर्मा ,कपिल शर्मा, नवीन शर्मा आदि उपस्थित रहे।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...