बुधवार, 25 सितंबर 2019

प्रभाव:रेप पीड़िता रंगदारी में गिरफ्तार

राणा ओबराय
स्वामी चिन्मयानंद मामले में आया नया मोड़, एसआईटी ने रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा ब्लैकमेल करने के जुर्म में किया गिरफ्तार

नई दिल्ली। स्वामी चिन्मयानंद मामले में बड़ी खबर सामने आई है। शाहजहांपुर केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली लड़की को गिरफ्तार कर लिया गया है। छात्रा को एसआईटी ने फिरौती मांगने के मामले में गिरफ्तार किया है। एसआईटी ने सुबह करीब साढ़े 8 बजे छात्रा को उसके घर से गिरफ्तार किया। इसका एक वीडियो भी सामने आया था, जिसके बाद लड़की और उसके तीन साथियों पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। इससे पहले स्वामी चिन्मयानंद से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में मंगलवार को SIT ने पीड़िता के दोस्त विक्रम और सचिन को रिमांड पर लिया था। अदालत से एसआईटी को 95 घंटे की रिमांड मिली है। दोस्तों के रिमांड पर लिए जाने के बाद पीड़िता की गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गई थी।शिकायतकर्ता लड़की ने भी अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी इस मामले की छानबीन कर रही है।रेप का आरोप लगाने वाले केस में एसआईटी को एक लापता मोबाइल फोन बरामद करना है। इसी बात को आधार बनाकर एसआईटी ने शिकायतकर्ता लड़की के दो दोस्तों विक्रम और सचिन को मंगलवार को रिमांड पर लिया था। इन दोनों को रंगदारी के मामले में गिरफ्तार किया गया। इस मामले में पीड़िता का नाम भी शामिल है।हालांकि एफआईआर में नाम आने के बाद शिकायतकर्ता लड़की के परिवार वाले भी कानूनी मदद की कोशिशों में जुटे हैं। शिकायतकर्ता लड़की ने अपने वकील के साथ जाकर खुद अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने मंगलवार को याचिका दायर की।


यूपीए सरकार की लूट (संपादकीय)

आखिर यूपीए की सरकार में कितनी लूट हुई? अब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का 25 हजार करोड़ रुपए का बैंक घोटाला सामने आया। अफसरशाही के खिलाफ भी चलना चाहिए अभियान। 

डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री काल और श्रीमती सोनिया गांधी के दिशा-निर्देश में दस वर्ष तक चली यूपीए की सरकार में कितने घोटाले हुए, अब वह धीरे-धीरे सामने आ रहा है। पी चिदंबरम जैसे कांग्रेस नेता तो जेल में हैं ही, लेकिन जिन राजनीतिक दलों ने कांग्रेस की सरकार को समर्थन देकर टिकाए रखा, उन्होंने भी लूट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसका ताजा उदाहरण एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से जुड़े 25 हजार करोड़ रुपए का बैंक घोटाला है। कांग्रेस और एनसीपी के नेता आरोप लगा सकते हैं कि यह राजनीतिक द्वेषता से की गई कार्यवाही है, लेकिन हकीकत यह है कि मुम्बई हाईकोर्ट ने इस मामले में कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले के जो दस्तावेज प्रस्तुत किए, उसकी प्राथमिक जांच करने के बाद कोर्ट ने कार्यवाही के आदेश दिए हैं। सब जानते हैं कि शरद पवार की एनसीपी ने किन शर्तों पर यूपीए सरकार को समर्थन दिया। नागरिक उड्डयन जैसा भारी भरकम मंत्रालय एनसीपी के पास था। यानि सरकार को समर्थन देने की पूरी कीमत वसूली गई। अब जब कार्यवाही हो रही है तो राजनीतिक द्वेषता का आरोप लगाया जा रहा है। आम धारणा है कि राजनेता जो भ्रष्टाचार करते हैं उस पर कार्यवाही नहीं होती, लेकिन अब यह धारण टूट रही है। सरकार में रह कर भ्रष्टाचार करने वाले बड़े बड़े नेता जेल में हैं या फिर जेल जाने की तैयारी है। जब कोई राजनेता भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाता है तो सबसे ज्यादा सुकून आम व्यक्ति को होता है। असल में आम व्यक्ति के हितों की अनदेखी करके ही लूट मचाई जाती है। 25 हजार करोड़ रुपए के घोटाले से अंदाजा लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र में किस प्रकार आम लोगों को लूटा गया। गंभीर बात तो यह है कि ऐसे राजनेता भ्रष्टाचार का पैसा विदेशों में समायोजित करते हैं। 
अफसरों के खिलाफ भी चले अभियान:
आईएएस, आईपीएस, राज्य सेवा के अधिकारी, इंजीनियर आदि के खिलाफ भी जांच पड़ताल का अभियान चलाना चाहिए। यूपी में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के मुख्य सचिव रहे नेतराम से जुड़ी 230 करोड़ रुपए की सम्पत्तियों को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया है। यह अच्छी बात है कि आम धारणा है कि अफसर बगैर रिश्वत के काम करता ही नहीं है। चाहे पटवारी हो या कलेक्टर। हर काम में पैसा चाहिए। सरकार पारदर्शिता के चाहे कितने भी कानून बना ले, लेकिन अफसरशाही भ्रष्टाचार की गली निकाल ही लेते हैं। यदि देश के आईएएस और आईपीएस की ही सम्पत्तियों की जांच करवा ली जाए तो भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे। हालांकि मोदी सरकार ने भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर करने का अभियान चलाया है। लेकिन यदि अफसरों की सम्पत्तियों की जांच हो जाए तो आम लोगों को बहुत सुकून मिलेगा। 
एस.पी.मित्तल


ग्राहक के इंतजार में दुकानदार

तो क्या ऑनलाइन कंपनियों की वजह से बाजारों में प्रतिकूल असर पड़ रहा है? दीपावली के मौके पर ग्राहक के इंतजार में हैं दुकानदार, जबकि कंपनियों ने ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी है। 

देश भर के बाजारों में मंदी का एक कारण अमेजन, फ्लिकार्ड, स्नेपडील, होमशॉप 18, ईबेए, क्लबफेक्ट्री जैसी ऑनलाइन कंपनियों के कारोबार को भी माना जा रहा है। शुरू में तो देश के व्यापारियों ने ऐसी कंपनियों को गंभीरता से नहीं लिया? क्योंकि व्यापारी वर्ग का भरोसा था कि हमारी वर्षों पुराने पैठ को ये विदेशी कंपनियां प्रभावित नहीं कर सकती है। हमारे और ग्राहक के बीच जो आत्मीयता का रिश्ता है, उसे बगैर दुकान-शोरूम वाली ये कंपनियां तोड़ नहीं सकती है। लेकिन धीरे धीरे व्यापारियों का यह भ्रम टूट गया। घर परिवार की युवा पीढ़ी अब अपने मोबाइल पर ऑर्डर देकर माल मंगा रही है, चूंकि ऑनलाइन कंपनियां सस्ती दर पर घर बैठे उत्पादक उपलब्ध करवाई रही है, इसलिए पूरे परिवार को सुविधा मिल गई है। चूंकि माल लौटाने की भी सुविधा है, इसलिए धीरे धीरे उपभोक्ताओं का भरोसा ऐसी कंपनियों पर बढ़ता जा रहा है। माल वापस लौटाने के बाद खाते में पैसे भी आ जाते हैं, इसलिए ग्राहक को कोई परेशानी नहीं हो रही है। अब जब दीपावली के मौके पर दुकानदारों ने अपनी दुकानों और शो रूम में माल सजा लिया है और ग्राहक के इंतजार में बैठे हैं, तब ऑनलाइन कंपनियों ने बुकिंग भी शुरू कर दी है। जिस दर पर सुई से लेकर कार आदि उत्पादक बेचे जा रहे है उससे बाजार में खलबली मची हुई है। चूंकि ऑनलाइन कंपनियों के ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए बाजारों में ग्राहक भी नजर नहीं आ रहे। पहले बाजारों में जो भीड़ लगती थी, वैसी भीड़ अब नजर नहीं आ रही है। यह माना कि बाजारों में आर्थिक मंदी का असर है। पहले की तरह ग्राहक बहुतायत में माल नहीं खरीद रहा है, लेकिन ऑन लाइन कंपनियों की वजह से बाजार में आने वाला ग्राहकों में कमी आ गई है। अब व्यापारियों के भी यह समझ आने लगा है कि ऑन लाइन कंपनियां कारोबार को प्रभावित कर रही है। इसलिए दुकानदारों ने अब सीधे ग्राहकों से अपील की है कि वे ऑन लाइन सामान न मंगाए और बाजार की रौनक लौटाने के लिए अपने घरों से निकले। व्यापारियों की अपील में कहा जा रहा है कि जब परिवार के सदस्य घर से बाहर निकलते हैं तो समरसता भी बढ़ती है। चूंकि व्यस्तता की वजह से परिवार के सदस्य आपस में मेल जोल नहीं कर पाते, ऐसे में जब संयुक्त रूप से बाजार जाकर खरीददारी करेंगे तो घर परिवार का माहौल भी अच्छा होगा। जब बाजार आएंगे तो कुछ देर के लिए मोबाइल से भी पीछा छूट जाएगा। जब घर में रहते हैं तब अधिकांश सदस्य मोबाइल पर ही व्यस्त रहते हैं। एक कमरे में उपस्थिति के बाद भी संवाद नहीं होता। क्योंकि सभी सदस्य अपने अपने मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं। व्यापारियों का कहना है कि अपने शहर की दुकान से माल खरीदने पर कई लोगों को रोजगार मिलता है। दुकानदार को तो फायदा होता ही है साथ ही दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी लाभ होता है। कई दुकानदारों ने अपने यहां कर्मचारियों को वेतन के साथ साथ माल की बिक्री पर कमीशन पर भी रखा हुआ है। ऐसे में यदि ग्राहक दुकान पर आकर माल खरीदता है तो आर्थिक मंदी से थोड़ा मुकाबला किया जा सकता है। बाजार में वैसी ही मंदी का दौर है अब यदि युवा पीढ़ी कंपनियों से ऑनलाइन माल मगाएंगे तो मंदी का असर ज्यादा होगा। व्यापारियों ने दीपावली के अवसर पर अपने सभी पुराने ग्राहकों से अपील की है कि वे बाजार में आकर खरीददारी करें। अब दुकानदारों पर भी मोटे डिस्कॉउट के साथ माल की बिक्री की जा रही है।  
एस.पी.मित्तल


हमारी प्राथमिकता घाटी में शांति

अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही भारत की विदेश नीति बदल गई थी। अब अमरीका में डोनाल्ड ट्रंप को समर्थन देने पर बबाल क्यों? हमारी पहली प्राथमिकता कश्मीर घाटी में शांति कायम करना है। 
ह्यूस्टन में अमरीका के आम चुनाव के मद्देनजर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अबकी बार ट्रंप सरकार, तो भारत में कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने बबाल मचा दिया। विपक्षी नेताओं का कहना है कि नरेन्द्र मोदी भारत की विदेश नीति में बदलाव कर रहे हैं। अब भारत की नीति निष्पक्ष थी, लेकिन अगले वर्ष अमरीका में होने वाले आम चुनाव में मोदी ने रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन कर एक तरफा कार्यवाही की है। यदि अमरीका के चुनाव में डेमोक्रेटिव पार्टी का उम्मीदवार राष्ट्रपति बन गया तो क्या होगा? कांग्रेस और विपक्ष के तर्क अपनी जगह हैं, लेकिन विपक्ष को यह समझना चाहिए कि पांच अगस्त को जब संसद में जम्मू कश्मीर से अनुचछेद 370 को हटाने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ, तभी से भारत की विदेश नीति बदल गई थी। आजादी के बाद से ही कांग्रेस अनुच्छेद 370 को अपने गले में लटकाए घूम रही थी और कश्मीर को भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा बताती रही। जो 370 अस्थायी अनुच्छेद था उसे 70 सालों तक बनाए रखा। लेकिन पांच अगस्त को भारत ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए कहा कि कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और इसे हम सुलझा लेंगे। 370 को हटाने के बाद केन्द्र सरकार ने एक ही झटके में जम्मू कश्मीर के 80 प्रतिशत क्षेत्र को आतंक से मुक्त कर दिया। अब जिस 20 प्रतिशत क्षेत्र का रोना रोया जा रहा है, उसमें भी पांच अगस्त के बाद सुरक्षा बलों को किसी स्थान पर गोली नहीं चलानी पड़ी है। कश्मीर घाटी के सभी नागरिकों को चिकित्सा सुविधा से लेकर खाने पीने की सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। सरकार ने पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों और कश्मीर घाटी में बैठे अलगाववादियों के बीच कनेक्शन काट दिया है, इसलिए पाकिस्तान बिल बिला रहा है। आज भारत के लिए कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति कायम करना पहली प्राथमिकता है और इसमें अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप पूरा सहयोग कर रहे हैं। ऐसे में यदि विदेश नीति में बदलाव भी हो रहा है तो यह देश हित में है। आजादी के बाद से हम देख रहे हैं कि कश्मीर के मुद्दे पर हमें बहुत कुछ सहना पड़ रहा है, लेकिन अब कश्मीर समस्या को जड़ से ही समाप्त किया जा रहा है। 370 को हटाना सफल रहा तो फिर भारत को किसी भी देश की मदद की दरकार नहीं रहेगी। भारत खुद शक्तिशाली देश बन जाएगा। हम चाहेंगे जैसी हमारी विदेश नीति होगी। जहां तक अमरीका का सवाल है तो ट्रंप से पहले डेमोक्रेट पार्टी बारक ओबामा राष्ट्रपति थे। नरेन्द्र मोदी के ओबामा से भी दोस्ताना संबंध रहे। जब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर तेजी से बदलाव हो रहा है, तब विदेश नीति भी प्रभावित हो रही है। पांच अगस्त से पहले अनुच्छेद 370 में बदलाव की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। लेकिन आज न केवल 370 के प्रावधान खत्म किए, बल्कि जम्मू कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया गया।
एस.पी.मित्तल


रामलीला मंचन का विधिवत उद्घाटन

गाजियाबाद। श्री आदर्श रामलीला कमेटी के द्वारा बलराम नगर स्थित 100 फुटा रोड पर रामलीला का मंचन शुभारंभ किया गया। इसमें मुख्य अतिथि नरेश नेहरा, हरीश जैन एवं अलाउद्दीन उपस्थित रहे। अलाउद्दीन ने नारियल तोड़कर हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की तथा सभी कमेटी के लोग उपस्थित रहे। हमारे आदरणीय एवं कर्मठ प्रधान ओमपाल सिंह राठी, कालीचरण गर्ग, अजीत अरोड़ा,उदयवीर,सुनील भारद्वाज ,राजेंद्र, धर्मपाल त्यागी, जसराम, सुभाष शर्मा, संजीव त्यागी, चौधरी राजेश बंथला वाले उपस्थित रहे।   


 वहीं लोनी बाजार स्‍थित श्री रामलीला कमेटी द्वारा नगर रामलीला का विधिवत मंत्रोचार के साथ शुभारंभ किया गया। लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर, डीएसपी राजकुमार पांडे, लोनी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रतन सिंह भाटी एवं रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों एवं सम्मानित व्यक्तियों द्वारा फीता काटकर पूजा अर्चना के पश्चात रामलीला का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर लोनी थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह भड़ाना वरिष्ठ पत्रकार सुबोध गुप्ता, वरिष्ठ समाजसेवी कैलाश गर्ग, व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष अरविंद गोयल, विधायक प्रतिनिधि पंडित ललित शर्मा, पत्रकार प्रमोद गर्ग, कौशल शर्मा, महेश सिंह कमेटी के पदाधिकारी विनोद गुप्ता, राहुल सिंघल,मानसिंह मुरारीलाल लोहरा,विकास मावी, लोनी चौराहा चौकी प्रभारी श्रीनिवास यादव, राजू,डॉ रंजीत अरविंद गोयल आदि क्षेत्र के सम्मानित लोग एवं कमेटी के पदाधिकारी मौजूद रहे।


खट्टर के खिलाफ आयोग,हुड्डा-शैलजा

नई दिल्ली। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है साथ ही आचार संहिता लागू की जा चुकी है। जिसके चलते अब कांग्रेस भाजपा सरकार को कटघरे में लाने का प्रयास कर रही है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्षा कुमारी सैलजा व सीएलपी लीडर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा भाजपा सरकार के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करने नई दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि आचार संहिता लगने के बावजूद पोस्टर्स हटाए नहीं गए हैं और नई नौकरियां निकाली जा रही हैं।


प्रदेशाध्यक्षा शैलजा ने बताया कि चुनावों को लेकर प्रदेश में आचार संहिता लागू की जा चुकी है लेकिन आज भी नौकरियां निकाली गई हैं और कई गुना ज्यादा इंटरव्यू के लिए बुलाए जा रहे हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने किसानों के नाम पत्र तक लिखे हैं, अभी वह पत्र पोस्ट ऑफिस में रखी हैं। उन्होंने कहा कि हमें शक है इलेक्शन के दौरान वह किसानों तक पहुंचाई जाएंगी। हम ने चुनाव आयोग से इस बारे में शिकायत की है। उन्होंने बताया कि आयोग ने कहा है कि इस तरह की गलत गतिविधियों की ओर वह ध्यान देंगे।


माया ने बुलाए पर्यवेक्षक, की समीक्षा

नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती ने विधानसभा चुनाव वाले राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के अलावा उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के मद्देनजर इन राज्यों के पर्यवेक्षकों की मंगलवार को बैठक कर चुनावी तैयारियों का जायजा लिया।


राजस्थान में बसपा के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल होने से नाराज मायावती ने रविवार को पार्टी की प्रदेश इकाई भंग करने के बाद मध्य प्रदेश और कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में पार्टी की संगठनात्मक समीक्षा के लिये पर्यवेक्षकों के साथ अलग अलग बैठक की। सूत्रों के अनुसार मायावती ने पार्टी के राज्यसभा सांसद वीर सिंह को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारियों की जिम्मेदारी सौंपी है। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर उपचुनाव के मद्देनजर जलालपुर और गंगोह सीट पर उम्मीदवारों के नाम भी तय कर दिये हैं। सूत्रों ने बताया कि जलालपुर सीट से बसपा के वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा की बेटी डा. छाया वर्मा और गंगोह सीट से इरशाद को उम्मीदवार बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि उपचुनाव वाली टूंडला सीट सहित नौ अन्य सीटों जैदपुर, मानिकपुर, प्रतापगढ़, घोषी, बलहा, रामपुर, इगलस, लखनऊ कैंट और गोविंद नगर सीट से बसपा ने अपने उम्मीदवार पहले ही घोषित कर दिये हैं। चुनाव आयोग ने टूंडला सीट पर उपचुनाव कार्यक्रम की अभी घोषणा नहीं की है, जबकि हमीरपुर सीट पर उपचुनाव के लिये सोमवार को मतदान हो गया है। पार्टी के एक नेता ने बताया कि उपचुनाव के लिये 21 अक्तूबर को होने वाले मतदान को देखते हुये बसपा ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। इस कड़ी में मंगलवार को बसपा के प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली ने घोषी में जनसभा की। समझा जाता है कि प्रचार अभियान में मायावती के हिस्सा लेने की संभावनायें नगण्य हैं। उल्लेखनीय है कि बसपा ने उपचुनाव में शिरकत नहीं करने की अपनी पूर्व घोषणा को तोड़ते हुये पहली बार विधानसभा उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान दर्जन भर सीटों पर विधायकों के सांसद बनने के बाद इन सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश की 11 सीटों सहित अन्य राज्यों की 64 विधानसभा सीटों के लिये घोषित चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक उम्मीदवारों का 23 सितंबर से नामांकन शुरु हो गया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-370, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. सोमवार, दिसंबर 23, 2024 3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथ...