बुधवार, 25 सितंबर 2019

मोदी 'फादर ऑफ इंडिया' नहीं है:ओवैसी

हैदराबाद। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रंप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'फादर ऑफ इंडिया' बताए जाने पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि नरेंद्र मोदी दूर-दूर तक फादर ऑफ इंडिया नहीं हैं। ओवैसी ने यह भी कहा कि ड्रॉनल्ड ट्रंप एक जाहिल आदमी हैं और पढ़े-लिखे ज्यादा नहीं हैं। ना तो उनको हिंदुस्तान के बारे में कुछ मालूम है और न उनको महात्‍मा गांधी के बारे में कुछ पता है। ट्रंप को दुनिया के बारे में भी कुछ मालूम नहीं है। 


ओवैसी ने कहा, 'अगर ट्रंप को मालूम होता तो इस तरह की जुमलेबाजी नहीं करते। महात्‍मा गांधी को राष्ट्रपिता का खिताब इसलिए मिला, क्योंकि उन्होंने यह हासिल की थी। लोगों ने उनकी कुर्बानी को देखकर उन्हें यह उपाधि दी थी। इस तरह के खिताब दिए नहीं जाते, हासिल किए जाते हैं। पंडित नेहरू और सरदार पटेल ये हिंदुस्तान की सियासत के कद्दावर शख्सियतें थीं, उनको भी कभी फादर ऑफ नेशन नहीं कहा गया। 


ओवैसी ने हैदराबाद में एक संवाददाता सम्‍मेलन में कहा, 'नरेंद्र मोदी को एल्विस प्रेस्ली कहा गया। इसमें सच्चाई हो सकती है। एल्विस प्रेस्ली के बारे में जो मैंने पढ़ा है, बेहतरीन गाना गाते थे और मजमा जमाते थे। हमारे प्रधानमंत्री भी अच्छा भाषण देते हैं और भीड़ जमाते हैं। यह बात मिलती जुलती है।' ओवैसी ने कहा कि ट्रंप डबल गेम खेल रहे हैं, उनके खेल को समझने की जरूरत है। 


क्‍या कहा था डॉनल्‍ड ट्रंप ने 
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'फादर ऑफ नेशन' बताया था। यही नहीं उन्होंने पीएम मोदी की तुलना अमेरिका रॉकस्टार एल्विस प्रेस्ली से भी की थी। डॉनल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, 'मुझे वह भारत याद है, जो काफी बंटा हुआ था। वहां काफी मतभेद, लड़ाई थी, लेकिन वह (पीएम मोदी) सबको साथ लेकर आए। जैसे कि एक पिता सबको साथ लाता है। शायद वह भारत के पिता हैं। हम उन्हें फादर ऑफ इंडिया बुलाएंगे।' वहीं, जब ट्रंप से ह्यूस्टन इवेंट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मेरी दाईं तरफ जो बैठे हैं लोग उन्हें पसंद करते हैं। लोग पागल हो जाते हैं, वह एल्विस के इंडियन वर्जन हैं।' एल्विस प्रेस्ली अमेरिकी सिंगर और ऐक्टर थे। उन्हें 'किंग ऑफ रॉक ऐंड रोल' कहा जाता था।


अगले साल क्रोएशिया से खेलेंगे फुटबॉल

नई दिल्ली। भारतीय फुटबाल टीम अगले साल की शुरुआत में क्रोएशिया के खिलाफ दोस्ताना मैच खेल सकती है। दोनों महासंघों के बीच इसे लेकर चर्चा जारी है। क्रोएशिया की टीम ने कप्तान लूका मॉड्रिक की कप्तानी में पिछले साल रूस में हुए फीफा विश्व कप में फाइनल तक का सफर तय किया था। फाइनल में टीम को फ्रांस के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी।


'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव कुशल दास ने क्रोएशिया की राजधानी जागरेब में क्रोएशियाई फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष डेवोर सुकर से यूथ डेवलपमेंट और दोस्ताना मैच खेलने पर चर्चा की।
दास ने कहा, “हमारी पहली मुलाकात बहुत अच्छी रही। क्रोएशिया का यूथ डेवलेपमेंटबहुत मजबूत है और उससे कई महान फुटबाल खिलाड़ी निकले हैं।”


उन्होंने कहा, “क्रोएशिया की टीम विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचने में कामयाब रही थी। नवंबर में हम दोबारा मिलेंगे तब दोस्ताना मैच खेलने को लेकर तस्वीर और साफ हो पाएगी।”


वर्ल्ड रैंकिंग में क्रोएशिया आठवें पायदान पर काबिज है जबकि भारत 104 स्थान पर मौजूद है।


दास के अनुसार, बातचीत करने और एक एमओयू साइन करने के लिए 27 नवंबर को क्रोएशिया का एक प्रतिनिधि-मंडल भारत का दौरा करेगा। इसमें सुकर भी शामिल होंगे। सुकर खुद एक महान खिलाड़ी रहे चुके हैं ओर 1998 में हुए विश्व कप में उन्हें गोल्डन बूट अवॉर्ड दिया गया था।सूत्रों के अनुसार, भारतीय फुटबाल टीम के मुख्य केाच क्रोएशिया के इगोर स्टीमाक चाहते हैं कि दोस्ताना मुकाबला मार्च में खेला जाए। मैच संभावित रूप से 23 से 31 मार्च तक चेलने वाले इंटरनेशनल विंडो में खेला जा सकता है। मार्च में भारत को कतर के खिलाफ विश्व कप 2022 क्वालीफायर मुकाबला भी खेलना है।हाल में भारत ने कतर के खिलाफ उसी के घर में ऐतिहासिक ड्रॉ खेला था।


 


टी-20 विश्व कप में भारतीयो पर नजर

भारतीय क्रिकेट टीम अगले साल ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में होने वाले आईसीसी क्रिकेट टी20 विश्व कप के लिए एक प्रबल दावेदार के रूप में पेश की जा रही है। टी20 विश्व कप के शुरू होने में अब करीब एक साल का वक्त शेष रह गया है और फेवरेट की बात करें तो भारत सबसे आगे है।


टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम की नजरें सही संयोजन पर
आईसीसी टी20 विश्व कप के इतिहास के 2007 में हुए पहले टी20 खिताब को अपने नाम करने के बाद भारतीय टीम को कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी है जिसको लेकर इस बार टीम पूरी तरह से तैयार है।भारतीय टीम को 2020 में होने वाले विश्व कप से पहले अभी भी काफी मैच खेलने हैं और टीम मैनेजमेंट अलग-अलग खिलाड़ियों को अजमाकर एक अच्छी संतुलित टीम बनाने के बारे में सोच रहा है।


भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन का गिरता प्रदर्शन


विराट कोहली एंड कंपनी की टी20 विश्व कप की तैयारियों में अभी भी कई बातों पर सोचने की जरूरत है। जिसमें से एक है टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन…. जो टी20 फॉर्मेट के इस महाकुंभ के लिए कितने तैयार हैं?शिखर धवन भारतीय टीम के ऐसे बल्लेबाज हैं जिनका कद इस समय बहुत बड़ा है। धवन अब तक अपने प्रदर्शन से साबित कर चुके हैं कि वो भारतीय मौजूदा टीम के लिए बहुत ही बड़े बल्लेबाज हैं।


शिखर धवन की स्ट्राइक रेट बनी है टीम की टेंशन


लेकिन शिखर धवन का टी20 फॉर्मेट में पिछले कुछ समय से प्रदर्शन में स्थिरता नहीं देखी गई है। धवन लगातार निरंतरता के साथ रन नहीं बना पा रहे हैं तो सबसे बड़ी टेंशन उनकी स्ट्राइक रेट दे रही है। शिखर धवन भारतीय टीम के साथ सीमित ओवर की क्रिकेट में लगातार बने हुए हैं और जब उनके टी20 फॉर्मेट में आंकड़ों की बात करें तो उन्होंने अब तक 54 मैचों में 27.70 की औसत और 129.87 की स्ट्राइक रेट के साथ 1413 रन बनाए हैं तो धवन की शैली से मेल नहीं खाते हैं।


धवन के लिए 2018 जबरदस्त लेकिन करियर का औसत नहीं है कुछ खास


उसी तरह से बात जब धवन के वनडे करियर की करें तो उन्होंने 44.50 की बेहतरीन औसत और करीब 94 की स्ट्राइक रेट से 5518 रन बनाए हैं। जिससे आसानी से समझा जा सकता है कि टी20 क्रिकेट में धवन का ये औसत और स्ट्राइक रेट कुछ खास नहीं रही है। हालांकि शिखर धवन के लिए टी20 इंटरनेशनल की बात करें तो 2018 का साल बहुत ही अच्छा गुजरा जब उन्होंने 17 पारियों में 147.22 की स्ट्राइक रेट और 40.52 के औसत के साथ 689 रन बनाए। वो एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा टी20 इंटरनेशनल रन बनाने वाले बल्लेबाज बने।


पावर प्ले के बाद नहीं जुटा पाते तेजी से रन, राहुल-रोहित कई आगे,लेकिन इसके बाद 2019 में टी20 इंटरनेशनल में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। तो वहीं 2018 के साल के धवन के रिकॉर्ड को निकाले तो उनका टी20 फॉर्मेट का प्रदर्शन साधारण ही रहा है। अब लगता है कि ये वक्त आ गया है कि शिखर धवन को सलामी बल्लेबाज से रिप्लेस किया जा सकता है। क्योंकि पावर प्ले में टी20 क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा रन ना जोड़े जाए तो बड़ा स्कोर करना थोड़ा मुश्किल होता है।


जींद सड़क हादसे में 10 लोगो की मौत

बङे हादसे में 10 युवाओं की मौत, मचा कोहराम……लौट रहे थे भर्ती से कैंटर ने रौंदा


जींद। जिले के गांव ईक्कस और रामराय के बीच मंगलवार रात एक तेज रफ्तार तेल टैंकर ने ऑटो को कुचल दिया। ऑटो में 11 लोग सवार थे, जिनमें से ऑटो चालक समेत 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं एक घायल को रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया गया। घटना की सूचना लगते ही कोहराम मच गया।


मिली जानकारी के अनुसार हिसार छावनी में सैनिक जनरल ड्यूटी और क्लर्क सैनिक पदों पर भर्ती चल रही है। मंगलवार को भर्ती रैली के चौथे दिन जींद और सिरसा के युवाओं को शारीरिक परीक्षा के लिए बुलाया गया था। भर्ती में शामिल होने के बाद 10 युवक ऑटो से जींद लौट रहे थे। रात करीब साढ़े 10 बजे हांसी रोड पर गांव ईक्कस और रामराय के बीच तेल टैंकर ऑटो पर चढ़ गया। बाद में क्रेन से ट्राला को ऑटो से हटाया गया। इस हादसे में गांव भिड़ताना निवासी संजय, गांव बुरा डेहर निवासी मंगल व रोबिन, पाजू कलां निवासी सगे भाई दीपक व संजय, रामराय निवासी भारत, धड़ौली वासी सुमित, पिल्लूखेड़ा निवासी अमित और जींद के हाउसिंग बोर्ड निवासी प्रवीण समेत 10 लोगों की मौत हो गई। वहीं मृतकों में शामिल ऑटो चालक हिसार का बताया जाता है। मृतक संजय के भाई परमजीत को रोहतक पीजीआइ रेफर किया गया है। डीएसपी कप्तान सिंह ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है। सूचना के बाद अस्पताल में पहुंचे मृतक दीपक और संजय के पिता रणधीर का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उन्होंने रोते हुए कहा कि घर पर मत बताना, इनकी मां तो सुनते ही मर जाएगी। वह बार-बार डेड हाउस की तरफ जा रहे थे, जहां बेटों के शव रखे थे। साथ आए लोगों ने बड़ी मुश्किल से रणधीर को संभाला।


जेल में फांसी लगाकर की आत्महत्या

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। नैनी केंद्रीय कारागार में प्रिंस अग्रवाल नामक युवक ने लगाई फांसी। घटना देर रात करीबन 3:00 बजे की बताई जा रही है। इससे पहले भी कई बार कर चुका है प्रयास।


बता दें कि प्रिंस अग्रवाल (उर्फ समर, ज्ञानी, राहुल) पुत्र अनिल अग्रवाल उम्र लगभग 23 वर्ष यह आगरा का रहने वाला था। जिसके ऊपर दर्जनभर अपराधिक मामले दर्ज है। कई अपराधिक मुकदमो में वांछित था। साथ ही जीआरपी के द्वारा दर्ज किए गए केस में सजायाफ्‍ता था। आईपीसी की धारा 224 के अंतर्गत थाना नैनी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर, नैनी केंद्रीय कारागार में भेज दिया गया था। घटना की सूचना पाकर कारागार प्रशासन के द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए। केंद्रीय कारागार से एसआरएन हॉस्पिटल के लिए देर रात भेज दिया गया। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।


आजम की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट की रोक

 बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय से आज़म खान की गिरफ्तारी पर फिलहाल लगाई रोक, कोर्ट ने 29 एफआईआर पर गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि,जब भी थाने पर बुलाया जाएगा आज़म खान को हाजिर होना पड़ेगा। पुलिस दर्ज मुकदमा में चार्जशीट दाखिल कर सकती है,24 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई।


आजम खान को कोर्ट से सख्त निर्देश


पुलिस के बार बार नोटिस देने पर भी नहीं आ रहे थे और पुलिस द्वारा मांगी सूचना देने में भी लापरवाही बरती जा रही थी। कोर्ट का आदेश पुलिस के बुलाने पर थाने जा कर विवेचना में सहयोग करना होगा। मुक्कदमे खारिज करने से कोर्ट का इनकार ,विवेचना पर कोई रोक नहीं है।


बापू भारतीय थे,केवल भारत के नहीं

 न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अपने विचार रखे। इस दौरान उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भारतीय थे, लेकिन वह केवल भारत के नहीं थे और यह मंच इसका जीवंत उदाहरण है।


प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी पर विचार रखने से पहले संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गांधी सौर पार्क का उद्घाटन किया। गांधीजी की 150वीं जयंती पर संयुक्त राष्ट्र ने एक डाक टिकट भी जारी किया है। बता दें कि महात्मा गांधी की इस साल 150वीं जयंती मनाई जा रही है। इसी संबंध में गांधीजी के विचारों पर यूएन में एक स्पेशल कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।


प्रधानमंत्री कार्यालय ने पीएम मोदी के महात्मा गांधी पर दिए भाषण के संबंध में ट्वीट किया, ''गांधीजी भारतीय थे, लेकिन सिर्फ भारत के नहीं थे। आज यह मंच इसका जीवंत उदाहरण है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ''आप कल्पना कर सकते हैं कि जिनसे गांधीजी कभी मिले नहीं, वे भी उनके जीवन से कितना प्रभावित रहे। मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेल्सन मंडेला, उनके विचारों का आधार महात्मा गांधी थे, उनकी सोच थी।''


पीएम ने कहा, ''आज लोकतंत्र की परिभाषा का एक सीमित अर्थ रह गया है कि जनता अपनी पसंद की सरकार चुने और सरकार जनता की अपेक्षा के अनुसार काम करे, लेकिन महात्मा गांधी ने लोकतंत्र की असली शक्ति पर बल दिया। उन्होंने वह दिशा दिखाई जिसमें लोग शासन पर निर्भर न हों और स्वावलंबी बनें।''प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''महात्मा गांधी ने एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था का बीड़ा उठाया, जो सरकार पर निर्भर न हो। यह सर्वविदित है कि महात्मा गांधी परिवर्तन लाए, लेकिन यह कहना भी उचित होगा कि उन्होंने लोगों की आंतरिक शक्ति को जगा कर उन्हें स्वयं परिवर्तन लाने के लिए जागृत किया।


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यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...