सोमवार, 23 सितंबर 2019

सुमंगला योजना के लिए करें आवेदन

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ उठाने के लिए करें आवेदन।


गौतमबुद्धनगर। जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर बीएन सिंह ने समस्त जनपद वासियों का आह्वान करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा कन्याभ्रूण हत्या को रोकने, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करने, बालिकाओं के स्वास्थ व शिक्षा को प्रोत्साहन देने, बाल विवाह रोकने एवं उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का शुभारंभ किया गया है। उक्त योजना छः चरणों में लागू की गयी है, इसमें बालिका के जन्म होने पर 2 हजार रूपये, बालिका के एक वर्ष के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त 1 हजार रूपये,  कक्षा प्रथम में प्रवेश के उपरान्त 2 हजार रूपये, बालिका के कक्षा छः में प्रवेश उपरान्त 2 हजार रूपये, कक्षा नौ में प्रवेश के उपरान्त 3 हजार रूपये तथा बालिका के कक्षा 12 वी उत्तीर्ण करके स्नात्तक,डिग्री या दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश करने पर 5 हजार रूपये एक मुश्त प्रदान किये जायेंगे। लाभार्थी को योजना के तहत देय धनराशि पीएफएमएस के माध्यम से उनके बैंक खाते सीबीएस में हस्तांतरित की जायेगी। उक्त योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन पत्र आॅनलाइन एवं आॅफलाइन भरा जा सकता है। आॅफलाइन माध्यम से आवेदन पत्र खण्ड विकास अधिकारी,उप जिलाधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय में जमा किया जा सकता है तथा आॅनलाइन आवेदन के लिए mksy.up.govt.in पोर्टल पर जाकर कर सकते है। योजना के सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पुराना कोर्ट प्रथम तल, फेस-2 नोएडा से सम्पर्क करके प्राप्त कर सकते है। जिला सूचना अधिकारी गौतमबुद्धनगर।


जल्द भरे जाएंगे 84 हजार शिक्षकों के पद

शिक्षकों के 84,000 खाली पद जल्द ही भरे जाएंगे , केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दी जानकारी |   

दिल्ली। अगर आप भी सरकारी नौकरी की तलाश में हैं तो ये आपके लिए खुशखबरी हो सकती है। सरकार ने युवाओं के लिए देश भर में शिक्षकों के पदों पर बंपर वैकेंसी निकालने की घोषणा की है। सोमवार को एमएचआरडी ने ट्वीट कर कहा है कि देश भर में एक लाख रिक्त शिक्षक पदों की पहचान की गई है। इनमें केंद्र सरकार से 14,000 और राज्य सरकार से लगभग 84,000 पद हैं। इनमें से लगभग 14,000 पद अधिसूचित हैं। अन्य रिक्तियों को सूचित करने के लिए अभी राज्यों से संवाद जारी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस बारे में ट्वीट किया है। सरकार ने रिक्त पदों को भरने के लिए अभियान चला दिया है।


एचआरडी ने ट्वीट पर ये भी जानकारी दी है कि 14 हजार पदों पर भर्तियां के लिए पहले ही नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। अब आने वाले समय में देश भर में 84 हजार शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। शिक्षक पदों पर ये भर्तियां देश भर के विभिन्न राज्यों में होंगी। ऐसे में इन भर्तियों के नोटिफिकेशन भी राज्य में मौजूद शिक्षक भर्ती विभागों द्वारा जारी किए जाएंगे। एक लाख रिक्त शिक्षक पदों की पहचान की गई है (केंद्र सरकार से 14,000 और राज्य सरकार से लगभग 84,000) । इनमें से लगभग 14,000 पद अधिसूचित हैं। अन्य रिक्तियों को सूचित करने के लिए, राज्यों से संवाद जारी है।


आतंकियों से 40 किलो आरडीएक्स बरामद

नईदिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान के दौरान सोमवार को करीब 40 किलो विस्फोटक मिले हैं। बरामद आरडीएक्स एक बहुत बड़े हिस्‍से को बहुत बड़ा नुकसान करने के लिए पर्याप्त है। यह आरडीएक्स कैसे आया,इसका मकसद क्या है। आखिरकार इसका उपयोग कहां किया जा सकता था। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अधिकारी सकते में हैं। यह बहुत बड़े क्षेत्र को, बहुत बड़ा नुकसान करने में सक्षम है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि है कोई ना कोई आतंकवादी गतिविधि है। अधिकारियों ने बताया कि बिलावर तहसील की मल्हार पट्टी में सुरक्षा बल तलाशी ले रहे थे, तभी यह विस्फोटक बरामद हुए। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।


50 हजार मंदिर खुलने की कवायद

नईदिल्ली। केंद्र सरकार आने वाले समय में कश्मीर में बंद पड़े 50 हजार मंदिरों को फिर से खोलने की तैयारी कर रही है। सरकार ने इसके लिए सर्वे का काम भी शुरू कर दिया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।


वहीं दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान के दौरान सोमवार को करीब 40 किलो विस्फोटक मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि बिलावर तहसील की मल्हार पट्टी में सुरक्षा बल तलाशी ले रहे थे, तभी यह विस्फोटक बरामद हुए।


बिना बिजली के ग्रामीणों को थमाया बिल

बलरामपुर। देश के कई गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है, लेकिन यह कोई हैरान करने वाली बात नहीं है। हैरान करने वाली तब होती है जब बिजली भी न हो और लंबा-चौड़ा बिल भी थमा दिया जाए। यह मजाक किया गया है कि छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के एक गांव में। बिजली विभाग ने बिजली पहुंचाने की जहमत तो नहीं ही उठाई, गांववालों को बिल जरूर भेज दिए।


मामला बलरामपुर के सानावाल गांव के पटेड़ी पारा का है। यहां के लोगों ने शिकायत की है कि उनके घरों में बिजली की सप्लाई नहीं होती। बच्चे अंधेरे में लैंप जलाकर पढ़ाई करते हैं और अंधेरे में ही खाना बनता है। बावजूद इसके इलाके के लोगों को बिजली विभाग ने बिल थमा दिए हैं। इससे नाराज लोगों ने अपनी शिकायत दर्ज कराई है।


पहली बार नहीं हुआ है ऐसा
मामला सामने आने के बाद बलरामपुर के जिला कलेक्टर संजीव कुमार झा ने कहा है कि मीडिया के जरिए उन्हें यह बात पता चली है। उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा कुछ हुआ है तो इसकी जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब बलरामपुर में ऐसा हुआ है। इससे पहले इसी साल फरवरी में झालपी पारा गांव में भी यही मामला सामने आया था। मीटर लगने के दो महीने बाद तक कनेक्शन नहीं लगाया गया और बिना बिजली आपूर्ति के ही लोगों को 500-600 रुपये का बिल थमा दिया गया।


सीएम हरियाणा के 3सलाहकारों की छुट्टी

राणा ओबराय
सीएम हरियाणा मनोहर लाल के ओएसडी नीरज,भूपेश्वर और अमरिंद्र व तीन सलाहकारों की हुई छुट्टी, इस्तीफे मंजूर


चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री के तीन विशेष कार्यकारी अधिकारी और तीन सलाहकारों के इस्तीफो की आधिकारिक स्वीकृति के आदेश आज जारी किये गए हैं । इस संबंध में जानकारी देते हुए एक प्रवक्ता ने बताया कि गत 18 और 20 सितंबर, 2019 को इन्होने अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री को सौंप दिए थे। इन इस्तीफो को मुख्यमंत्री
ने आदर्श आचार संहिता के लागु होते ही तुरंत प्रभाव से स्वीकृत कर लिया था और आज इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा आधिकारिक आदेश जारी किये गए हैं ।
प्रवक्ता ने बताया कि जिन तीन मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने अपने इस्तीफे सोंपे थे, उनमें
प्रधान विशेष कार्यकारी अधिकारी श्री नीरज दफ़्तुआर, विशेष कार्यकारी अधिकारी श्री भूपेश्वर दयाल और श्री अमरेन्द्र सिंह शामिल हैं । इसी प्रकार इनमे मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकारो श्री राजीव जैन और श्री अमित आर्य तथा प्रधान राजनीतिक सलाहकार श्री दीपक मंगला के इस्तीफे भी शामिल है।


रेप पीड़िता की गिरफ्तारी पर रोक से इंकार

 चिन्मयानंद मामले में पीड़ित महिला की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार किया 


शाहजहांपुर। प्रयागराज इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चिन्मयानंद यौन उत्पीड़न मामले में पीड़ित छात्रा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अर्जी पर किसी तरह की राहत देने से सोमवार को इनकार कर दिया। उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले का स्वतः संज्ञान लिए जाने के बाद न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। पीड़ित छात्रा ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन अदालत ने कहा कि यदि पीड़ित छात्रा इस संबंध में कोई राहत चाहती है तो वह उचित पीठ के समक्ष नयी याचिका दायर कर सकती है। अदालत ने कहा कि यह पीठ इस मामले में केवल जांच की निगरानी करने के लिए नामित की गई है और गिरफ्तारी के मामले में रोक लगाने का कोई आदेश पारित करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इस मामले की सुनवाई के समय पीड़ित छात्रा भी अदालत में मौजूद थी। अदालत ने चिन्मयानंद मामले में एसआईटी की प्रगति रिपोर्ट पर संतोष जताया और आगे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 22 अक्तूबर 2019 की तारीख तय की। इस अदालत के समक्ष पीड़ित छात्रा ने दूसरी प्रार्थना यह की थी कि मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज कराया गया बयान ठीक नहीं था और उसे नया बयान दर्ज कराने की अनुमति दी जाए। लेकिन अदालत ने उसकी यह प्रार्थना भी स्वीकार नहीं की।अदा लत का कहना था कि नये बयान के लिए आवेदन में संबंधित मजिस्ट्रेट के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया गया है औऱ न ही पीड़ित छात्रा का नया बयान दर्ज कराने के लिए कोई प्रावधान दर्शाया गया है। केवल यह आरोप लगाया गया है कि उसके बयान के प्रत्येक पेज पर उसके हस्ताक्षर नहीं लिये गये और केवल अंतिम पेज पर हस्ताक्षर लिये गये और उसका बयान दर्ज किए जाते समय एक महिला मौजूद थी। इस पर अदालत ने कहा कि उस महिला द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप किए जाने संबंधी आरोप न होने से ऐसा लगता है कि चैंबर में महिला की मौजूदगी केवल इसलिए थी ताकि पीड़ित छात्रा अपना बयान दर्ज कराने के दौरान सहज और सुरक्षित महसूस कर सके। इससे पूर्व एसआईटी ने अदालत के समक्ष एक सीलबंद लिफाफे में जांच की प्रगति रिपोर्ट और केस डायरी पेश की। इस प्रगति रिपोर्ट का सारांश देखने के बाद अदालत ने पाया कि एसआईटी की जांच सही ढंग से चल रही है और पीड़ित छात्रा ने अपने आवेदन में एसआईटी द्वारा जांच में किसी तरह की अनियमितता का आरोप नहीं लगाया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने दो सितंबर 2019 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को इस मामले की जांच की निगरानी का निर्देश दिया था और साथ ही पीड़िता छात्रा के परिजनों की सुरक्षा को देखने को कहा था। इससे पूर्व उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि विशेष जांच टीम एसआईटी का एक जिम्मेदार सदस्य जांच की प्रगति की रिपोर्ट दाखिल करेगा। अपर पुलिस अधीक्षक अतुल कुमार श्रीवास्तव अदालत में मौजूद थे।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...