शनिवार, 21 सितंबर 2019

त्योहारों पर अतिरिक्त ट्रेन चलाएगा रेलवे

नई दिल्‍ली। नवरात्र,दशहरा और दीवाली के त्योहार पर ट्रेनों में होने वाली भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन पूजा स्पेशल ट्रेन चला रहा है। रेलवे ने हटिया और लोकमान्य तिलक टर्मिनस के मध्य से 5 फेरों के लिए पूजा स्पेशल ट्रेन की सुविधा दी है। गाड़ी संख्या 08609 हटिया-लोकमान्य तिलक टर्मिनस पूजा स्पेशल ट्रेन दिनांक 02 से 30 अक्टूबर तक हर बुधवार को चलेगी। इसी तरह गाड़ी संख्या 08610 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-हटिया पूजा स्पेशल ट्रेन दिनांक 04  अक्टूबर से 01 नवम्बर तक हर शुक्रवार को चलेगी। इस पूजा स्पेशल ट्रेन में 02 पावर कार, 04 एसी-III, 02  एसी-II, 04 स्लीपर, 03 एसएलआर  कोच सहित कुल 15 एलएचबी कोच रहेगी।


शव को सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। योगी सरकार में शव ढोने के लिए सरकारी एंबुलेंस की उपलब्धता नहीं है और शव वाहन देने में हजार बहानेबाजी, इस सिस्टम में फंसे एक किसान की सिसकियां द्रवित करने वाली थीं। उसने गुहार लगाई, घंटों भटका, लेकिन मदद नहीं मिली। मायूस होकर उसने बच्चों को किसी तरह बस से घर भेजा। फिर गरीबी और लाचारी में एसआएन अस्पताल से रिक्शा ट्राली में पत्नी का शव रखकर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर शंकरगढ़ तक ले गया।क्या यही है योगी सरकार की उपलब्धीया।एसआरएन अस्पताल में पांच दिन पहले शंकरगढ़ से आए कल्लू ने पत्नी सोना देवी को सिर में लगी चोट का इलाज कराने को भर्ती कराया था। बृहस्पतिवार को उपचार के दौरान सोना की सांस उखड़ गई। पत्नी की मौत पर कल्लू बच्चों के साथ दहाडे़ं मारकर रोया। संयत हुआ तो घर तक शव ले जाने को साधन खोजने लगा।


एंबुलेंस मांगी नहीं मिली, बताया गया कि शव वाहन भी उपलब्ध नहीं है। निजी एंबुलेंस चालक तीन हजार रुपये मांगने लगे तो वह भटकने लगा। मजबूरी में उसने रिक्शा ट्राली पत्नी का शव रखकर घर की ओर निकल पड़ा। रास्ते में उसकी हालत देखने वालों ने अफसोस जताया लेकिन मदद को कोई आगे नहीं आया। यह घटना जिम्मेदारों के लिए सबक बन सकती है, बशर्ते वे संवेदनशील बनें। सवाल है कि सौ से अधिक एंबुलेंस का बेड़ा शहर में है, लेकिन जरूरतमंद गरीबों के लिए शव वाहन की व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में एसआएन अस्पताल के एसआईसी डॉ. एके श्रीवास्तव ने अनभिज्ञता जताते हुए कहाकि उनके पास कोई आया ही नहीं। कल्लू आते तो वह शव ले जाने की व्यवस्था जरूर कराते।


जमीनी विवाद मे खूनी संघर्ष, 3 जान गई

मऊ। उसको जिसका डर था आखिर वही हुआ, उसने अभी दो दिनों पहले ही तो स्थानीय पुलिस को अपने जान का खतरा बता कर तहरीर दी थी। मगर पुलिस ने उसकी बात पर गंभीरता से विचार ही नही किया। अगर पुलिस ने गंभीरता से इसके ऊपर विचार किया होता तो शायद यह खुनी संघर्ष रुक गया होता। और तीन लोगो की जान न जाती। मामला थाना रानीपुर क्षेत्र के ब्राह्मण पूरा के मठिया का है, जहा बीती रात खुनी संघर्ष में तीन लोगो की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल है। मृतकों में पति पत्नी के अलावा हमलावर भी शामिल है। मूलतः विवाद संपत्ति को लेकर बताया जा रहा है। बताया गया है कि पुराने धरोहरी को लेकर हुए इस विवाद में पति, पत्नी सहित हमलावर की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दादा और पोता गंभीर हैं।


प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवचंद चौहान व टुनटुन चौहान के बीच पुराने घर को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा था, विवाद मूलतः पोखरी की जमीन का था, इसी विवाद में दो दिन पहले ही एक पक्ष शिवचंद चौहान ने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस को तहरीर भी दिया था, लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते बीती देर रात हुवे खूनी संघर्ष में हमलावर ने घर के अन्दर घूसकर तांडव करने लगे। जिसमें गीता पत्नी शिवचन को धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई, घर में घुसा हमलावर टुनटुन चौहान भी इस संघर्ष में मारा गया है।


इस खुनी संघर्ष में दादा देवकी चौहान व पोता राज गंभीर रूप से घायल हो गए है। घायलों को इलाज हेतु जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, इस दौरान हालत गम्भीर होते देख चिकित्सको ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। सूचना मिलते ही गाँव मे कई थानों की पुलिस फोर्स पहुंच गई और रात भर डटी रही। जब इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो गाँव मे ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा होने लगी। इस ह्रदयविदारक घटना से गांव में आक्रोश व्याप्त है। वही दूसरी तरफ पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। जबकि दो अन्य फरार है। वही पूछताछ हेतु पुलिस ने 10-12 लोगो को थाने लाया गया है। समाचार लिखे जाने तक पूछताछ जारी है।


नुसरत-मिमि का दुर्गा मां को समर्पित डांस

कोलकाता। नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती का डांस वीडियो वायरल हो रहा है। पहली बार तृणमूल पार्टी से सांसद बनने वाली दोनों एक्ट्रेस वीडियो में साथ नज़र आ रही हैं। पश्चिम बंगाल: सासंद नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती का डांस वीडियो वायरल हो रहा है। पहली बार तृणमूल पार्टी से सांसद बनने वाली ये दोनों एक्ट्रेस वीडियो में साथ नज़र आ रही हैं। ये डांस वीडियो मां दुर्गा को समर्पित है, जिसमें दोनों मां दुर्गा को सम्मान देते हुए डांस कर रही हैं। इस वीडियो को 20 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। बता दें, पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक मनाई जाएगी।नुसरत जहां बंगाली एक्ट्रेस हैं। उन्होंने साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा। बंगाल की बशीरहाट सीट से चुनाव लड़ने वाली नुसरत जहां ने करीब 3.5 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। बंगाली एक्ट्रेस नुसरत जहां ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत शोत्रू से की है। इसके बाद वह 'खोका 420' और 'लव एक्सप्रेस' जैसी फिल्मों में भी नजर आईं। नुसरत जहां ने अपने करियर के दौरान फेयरवन मिस कोलकाता एक फेयर वन मिस कोलकाता का भी खिताब जीता है।


 


ग्रेस की मिमी चक्रवर्ती भी बंगाली एक्ट्रेस हैं. मिमी चक्रवर्ती जादवपुर से सांसद बनी हैं। मिमी चक्रवर्ती ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत फिल्म 'चैंपियन' से की। उनकी पहली लीड रोल में फिल्म है। मिमी बंगाली टीवी सीरियल  जेनर आपरे में भी काम कर चुकी हैं.


 


पदयात्रा को रोकने में जुटा प्रशासन

नई दिल्ली। भारतीय किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। 11 सितंबर को सहारनपुर से शुरू हुयी भारतीय किसान संगठन की पदयात्रा में सैकड़ों किसान शामिल हुए हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर किसान घाट पहुंचेंगे। हालांकि प्रशासन उन्हें रोकने में जुटा है।


इसके मद्देनजर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। किसानों का कहना है कि अगर उनको रोका गया तो वो वहीं धरना देंगे और भूख हड़ताल करेंगे। पदयात्रा में शामिल किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही बिजली की कीमतों में हुई बढ़ोतरी वापस लेने, गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने की मांग भी कर रहे हैं। फिलहाल किसानों का झुंड नोएडा 69 के पास है।


भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने शुक्रवार को कहा था, "कृषि मंत्रालय के अधिकारियों और किसानों के बीच बातचीत विफल होने के बाद, हमारे पास अब एकमात्र विकल्प बचा है जो कि हमारी मांग की ओर ध्यान आकर्षित करेगा वह है दिल्ली तक मार्च करना।''भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कहा, ''हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे थे कि अधिकारी हमारी मांगों को यहां सुनें। हमारी यात्रा ग्यारह दिन पहले शुरू हुई थी, लेकिन अब हम अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाने वाले हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि सरकार ने हमारी बातों पर गौर क्यों नहीं किया।''


राहत सामग्री देते डीएम पर गिरी दीवार

वाराणसी। पूर्वांचल में वाराणसी समेत आसपास के जिलों में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे पूर्वांचल के गांवों में बाढ़ की भयावह स्थिति बन गई है। जिलों में बाढ़ पीड़ितों के राहत कैंप लगाए गए हैं। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी पीड़ितों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। वहीं वाराणसी में भी जिलाधिकारी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री देने पहुंचे, लेकिन इसी बीच वह हादसे का शिकार हो गए। उनके साथ ही एनडीआरएफ के दो जवान भी जख्मी हो गए हैं। वाराणसी के कोनिया में जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री देने के लिए गए थे, वहीं राहत सामग्री बांटने के दौरान दीवार गिर गई। उनके साथ ही एनडीआरएफ के दो जवानों पर भी दीवार गिरी है। डीएम दीवार पर बैठ कर पीड़ितों को राहत सामग्री बांट रहे थे। दीवार गिरने के साथ ही जिलाधिकारी भी गिर गए। हादसे में जिलाधिकारी के साथ कई कर्मचारियों को चोटें आई हैं। चोट लगने के बाद भी डीएम ने ढाब इलाके का निरीक्षण किया।इसके बाद बाद जिलाधिकारी आवास पर पर पहुंच गए। आवास पर चिकित्सकों की टीम भी ने पहुंचकर उनका इलाज किया।


हादसे में जिलाधिकारी और जवानों को मामूली रूप से चोट आई है। मौके पर मौजूद एसएसपी आनंद कुलकर्णी के साथ अन्य अधिकारियों के साथ डीएम सुरेंद्र सिंह ने मोटर बोट पर गिरी ईंटों को अपने हाथों से उठाकर नीचे फेंका।
इसके बाद मलबे के नीचे दबे एनडीआरएफ के जवानों को बाहर निकाला गया। सुबह डीएम और एसएसपी एनडीआरएफ के जवानों के साथ भैसासुर घाट पर पहुंचे। जिसके बाद बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री बांटने के लिए सभी अधिकारी एनडीआरएफ की मोटर बोट पर सवार होकर बाढ़ ग्रस्त कोनिया इलाके की ओर बढ़े।


कोनिया घाट के पास बाढ़ के पानी में चारों तरफ से घिरे राजकुमार सेठ के परिजन और उनके घर के बच्चे राहत सामग्री जब खुद के हाथों से नहीं ले पाए तो डीएम सुरेंद्र सिंह एनडीआरएफ की मोटर बोट से उतरकर किसी प्रकार राजकुमार सेठ के घर की चारदीवारी फांद कर अंदर गए और एनडीआरएफ के जवानों से राहत सामग्री लेकर अपने हाथों से उठाकर दे रहे थें।
इस दौरान बारिश से कमजोर हुई दीवार एकाएक भरभरा कर एनडीआरएफ के मोटर बोर्ड पर गिर गई। दीवार के सहारे खड़े डीएम सुरेंद्र सिंह भी नीचे गिर गए। गनीमत रहेगी डीएम सुरेंद्र सिंह बाढ़ के पानी में न गिर कर एनडीआरएफ के मोटर बोट पर गिरे। वहीं डीएम सुरेंद्र सिंह को राहत सामग्री दे रहे एनडीआरएफ के 2 जवानों के ऊपर दीवार का मलबा गिरने से वह नीचे दब गए।


डीएम सुरेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए दीवार की ईंटों को उठाकर अपने हाथों से फेंक कर नीचे दबे एनडीआरएफ के जवानों को बाहर निकाला गया। दीवाल गिरने के दौरान आस-पास मौजूद बाढ़ पीड़ितों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। हादसे के वक्त एनडीआरएफ के मोटर बोट के पास कुछ छोटे बच्चे भी मौजूद थें जो कि दीवार गिरने के बाद भयभीत होकर चिल्लाने लगे थें। आस-पास मौजूद लोग भी जैसे तैसे बाढ़ के पानी में उतर कर मौके पर पहुंचे और जिला प्रशासन की मदद की।


भागवत विदेशी मीडिया से होंगे रूबरू

नई दिल्ली। अगर आप किसी भी विदेशी मीडिया समूह के प्रतिनिधि के तौर पर भारत में पत्रकारिता कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है। दशकों तक मीडिया के लिए पहेली रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस लगातार समाज के अन्य क्षेत्रों के दिग्गजों ही नहीं, मीडिया के लोगों से भी पिछले कुछ सालों से खुलने में लगा हुआ है और शायद ये पहली बार होगा कि कोई संघ प्रमुख केवल विदेशी पत्रकारों से मिलने के लिए कोई खास कार्यक्रम आयोजित करे।


ये कार्यक्रम 24 सितंबर को दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में होगा। इधर, 23 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा कार्यक्रम अमेरिका के ह्यूस्टन शहर मे होना है, जिसका नाम है हाउडी मोदी। ऐसे में मीडिया वालों को 24 तक फुरसत भी मिल जाएगी। मोहन भागवत ने पिछले साल भी सितंबर में 'भविष्य का भारत' नाम से तीन दिन की एक लेक्चर सीरीज शुरू की थी, जिसमें समाज के विभिन्न हिस्सों से लोग आए थे। इसमें अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मौजूदगी चर्चा का विषय बनी थी, क्योंकि वो अपनी फिल्म मंटो का प्रीमियर छोड़कर वहां आए थे।


वैसे भी बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल संघ में वापस जाकर सह सम्पर्क प्रमुख बन गए हैं, तो उनका काम होगा कि अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को संघ के सम्पर्क में लाना, उनकी गलतफहमियां दूर करना आदि। विदेशी मीडिया से जुड़े पत्रकारों से मुलाकात का ये कार्यक्रम खास तौर पर इसी दिशा में रखा गया है। ताकि वो अपने हर सवाल, हर गलतफहमी जो उन्हें संघ के बारे में है, संघ प्रमुख से पूछ सकें।


इस कायर्कम के बारे में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार का कहना है कि, 'ये कार्यक्रम परस्पर संवाद का है। मोहन भागवतजी इस संवाद में विदेशी मीडिया के पत्रकारों को संघ के कार्य व प्रासंगिक विषयों पर संघ के विचारों से अवगत कराएंगे तथा उनसे इसी संबंध में एक प्रासंगिक चर्चा करेंगे।' हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि  इस कार्यक्रम की विडियो कवरेज की अनुमति मिलेगी या नहीं या केवल बंद कमरे में ही चर्चा होगी। लेकिन इतना तय है कि उसके बाद कुछ बड़ी हेडलाइंस दुनिया भर के अखबारों, टीवी चैनल्स में बनना तय है।


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...