गतांक से...
मेरे प्यारे, वैदिक साहित्य में बहुत सी चर्चाएं आती रहती है। विद्या की विवेचना होती रहती है। आज मैं विशेष विवेचना नहीं दूंगा। देखो केवल अंतरण की विवेचना करूंगा, जो मानव चित्त का मंडल बना हुआ है। उन मंडलों में शब्द निहित रहते हैं चित्त निहित रहते हैं। जिनको मुनिवरो, देखो मनुष्य अपने में धारण करता हुआ अपनत्व की धाराओं को अपनाता है। 'ध्वनि गान्न् ब्रह्म वाचा:' मुझे वह काल स्मरण आता रहता है। जब हमारे यहां एक ऋषि हुए हैं, जिन ऋषि का नाम तुगंध्वज कहलाता था। उन्हें तुगंध्वज ऋषि कहते थे। एक राजा हुए हैं सतयुग के काल में जिनका नाम महाराजा नल कहलाता था। महाराजा नल उनके चरणों में ओत'प्रॏत होता था। बाल अवस्था में उन्हीं के द्वारा शिक्षा अध्ययन करते थे। तो वह जो तुगं ध्वज ऋषि थे। वह दीप मालिका का ज्ञान जानते थे कि कैसे दीपक में प्रकाश आ जाता है। इस ध्वनि के कारण शब्दों से प्रणायाम के द्वारा कैसे मस्तिष्क जल हात् में प्रकट होता हुआ दीप मालिका बन जाती है। तो मुनिवरो, राजा नल का बाल्यकाल का नाम श्वेतकेतु ब्रह्मचारी था, वह श्वेतकेतु ब्रह्मचारी उनके यहां अध्ययन करते थे। बाल अवस्था में उनको दिपमालिका का उन्होंने अध्ययन कराया। अध्ययन में इतने पारंगत हो गए कि वह दीप मालिका जब गाना गाते थे तो दीपक में प्रकाश आ जाता था। जैसे दीप मालिका एक पर्व हमारे यहां पर होता है। जिसको दीप मालिका कहते हैं। दीपको का प्रकाश हो जाता है तो उस समय देखो ध्वनि के द्वारा प्राण और ललाट दोनों का समन्वय करते हुए। जब वह गाना गाते थे तो मुनिवर नगर के दीपक प्रकाशित हो जाते थे। मुझे वह काल, उनका साहित्य स्मरण आता रहता है। जब वह बाल्यकाल में परायण हो गए। परायण होते हुए। 'संभव: देवो ब्रह्मवाचा: प्रवचन ब्रह्मवचोसी देवा:' ब्रह्म और चर्य दोनों का समन्वय होता है। क्योंकि वह श्वेतवृत्ति ब्रह्मचारी थे वह सदैव ब्रह्मचर्य में रत रहते थे। 'नरा नृत्यम् वृहीव्रताम्' उनके गुरु ने जब उसे दीक्षित बनाया तो उसका नामकरण भी नल के रूप में परिणत हो गया। उसका नामकरण नल के रूप में जब परिणत हो गया। जब वह भोजनालय तपाने लगते थे तो अग्नि में ऐसा सुंदर भोजन तपाते थे। यह भी एक विधा होती है। वैदिक साहित्य में भिन्न-भिन्न प्रकार की विधाएं हैं। मेरी प्यारी माता भोजनालय में परिणित हो जाती है तो गायत्री छंदों का पठन-पाठन करती हुई अपने पुत्र को महान बना देती है। मुझे महर्षि गौतम का और अगस्त मुनि का जीवन स्मरण आता रहता है। अगस्त मुनि की माता का नाम श्वैशनै था। उनका नाम दिव्या कहलाता था। एक समय बाल काल में जब वह बालक 5 वर्ष का था। 5 वर्ष के पुत्र ने माता से यह कहा। हे माता, तुमने मुझे संस्कारों से जन्म दिया है परंतु मैं यह चाहता हूं कि मुझे तू 12 वर्ष का भोजन प्रदान कर। जिससे मेरा अंतरात्मा उसे पवित्र हो जाए। माता ने वह वाक्य स्वीकार कर लिया। स्वीकार करके माता भोजनालय एकांत हृदय की संतुलनता को करती हुई वह भोजन करा, भोजन को तपाती थी अग्नि में, तपाने के पश्चात बालक को भोजन कराती थी। 12 वर्ष के पश्चात मेरे प्यारे ऋषि अगस्त मुनि महाराज आत्मा और परमात्मा की प्रतिभा को जानकर के विज्ञान की धाराओं को अन्य में जितने विज्ञान की तरंगे होती है उनको सबको जान करके वह महान बन गया। तो विचार क्या है माता जब भोजन बनाती है भोजन तपाती है अग्नि में, तो योगेश्वर बना देती है। गायत्री का जपन हो जाता है भोजन बना रही है। ध्वनिया वेदो का गाना गा रही है। वह तरंगित भोजन को बालक पान करता है तो बालक महान बन जाता है। पुत्र बन जाता है। माता वही सौभाग्यशाली होती है जिस माता के गर्भ से बालक ब्रह्म वेता या ब्रह्मविचारक बन जाए। जिससे वह परमपिता परमात्मा के क्षेत्र में महानता को प्राप्त हो जाए। महाराजा नल के जीवन का मुझे वह काल स्मरण आता रहता है। मेरे पूज्य पाद गुरुदेव भी मुझे इसकी वार्ता प्रकट कराते रहते थे। यह वार्ताएं मेरे हृदय में आती रहती है। महाराजा नल जब वह गान गाते थे तो रात्रि काल में दीपमालिका नगरों की बन जाती थी। वह इतने परायण बन गए थे। जब उनके राष्ट्र के बंटवारे के ऊपर कुछ भिन्नता आई तो महाराजा नल का संस्कार भी हो गया था। महाराजा नल का संस्कार महारानी दमयंती के द्वारा हुआ। तो मुनिवर देखो, 'ब्रह्म वाचपृही लोकाम वसूरधर्म ब्रहे' में महाराज पुष्कर ने जब उनके राज्य को अपना लिया और 12 वर्ष की प्राप्ति वन प्राप्ति हो गई। तो भयंकर वन में पति-पत्नी दोनों ने गमन किया और भयंकर वनों में महाराजा नल उस बृह्म अस्वतो में पत्नी को भी त्याग दिया। त्याग देने के पश्चात वह तो तुगंध्वज राजा के राष्ट्र में चले गए और महारानी दमयंती गमन करती हुई एकांत रह गई। वनों में भ्रमण करती हुई अपने पिता के द्वार चली गई। जब महारानी दमयंती को यह प्रतीत हो गया कि मेरा स्वामी कहीं है और यह प्रतीत हुआ कि स्वामी तुगंध्वज राजा के यहां है, तो वह कैसे आए?
शुक्रवार, 20 सितंबर 2019
यमाचार्य नचिकेता वार्ता
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
september 21, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-49 (साल-01)
2. शनिवार,21 सितबंर 2019
3. शक-1941,अश्विन, कृष्णपक्ष,तिथि सप्तमी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 6:12,सूर्यास्त 6:10
5. न्यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102
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गुरुवार, 19 सितंबर 2019
संविधान के अनुरूप कार्य करेगी सरकार
केरल की सरकार संविधान के अनुरूप कार्य करें यह मैं सुनिश्चित करुंगा। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अजमेर में दरगाह जियारत के बाद दीवान आबेदीन से मुलाकात की।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में सूफी परंपरा के अनुरूप पवित्र मजार पर मखमली और फूलों की चादर पेश की। राज्यपाल ने जियारत की रस्म अदा करते हुए देश में अमनचैन की दुआ की। जियारत के बाद दरगाह परिसर में ही मीडिया से संवाद करते हुए खान ने कहा कि वे केरल में भारत के राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद हैं। चूंकि राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है, इसलिए मैं संविधान से बंधा हंू। खान से यह सवाल किया गया कि केरल में जिस प्रकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही हैं उस संदर्भ में राज्यपाल की क्या भूमिका होगी? खान ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि केरल की सरकार संविधान के अनुरूप काम करें। खान ने कहा कि केरल के हर क्षेत्र में महिलाओं की जबर्दस्त भागीदारी है। देश भर में महिलाओं की ऐसी ही भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन दिनों पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत से कार्य कर रहे हैं हमारे देश के पर्यटन स्थलों को विकसित करने में मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे हमारे देश की विविधता ही कहा जाएगा कि इतने सुंदर और मनोरम पर्यटन स्थल मौजूद हैं।
दरगाह दीवान से मुलाकात:
जियारत के बाद राज्यपाल खान ने दरगाह के दीवान और सज्जादानशीन जैनुल आबेदीन से मुलाकात की। दोनों ने देश के मौजूदा हालातों पर विचार विमर्श किया। दीवान आबेदन का कहना रहा कि देश में अमनचैन कायम रहना चाहिए। खान और दरगाह दीवान की इस मुलाकात को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। असल में केरल की मुस्लिम आबादी में ख्वाजा साहब का विशेष स्थान है, इसलिए बड़ी संख्या में केरल के मुसलमान दरगाह जियारत के लिए अजमेर आते हैं। यही वजह रही कि दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद ने राज्यपाल खान को एक ज्ञापन देकर अजमेर में केरल हाउस बनाने की मांग की। राज्यपाल खान अजमेर में विवेकानंद केन्द्र द्वारा आयोजित एक समारोह में भी भाग ले रहे हैं।
तीन तलाक कानून के समर्थक:
यूं तो आरिफ मोहम्मद खान कई राजनीतिक दलों में रहे हैं। खान पूर्व में बसपा, जनता दल और कांग्रेस में भी रहे। लेकिन पिछले दिनों भाजपा के तीन तलाक बिल का खान ने खुला समर्थन किया। खान ने कहा कि तीन तलाक की परंपरा की वजह से मुस्लिम महिलाओं को अनेक अत्याचार झेलने पड़ रहे थे। सरकार ने कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को राहत प्रदान की है। खान जिस तरह तीन तलाक कानून पर सरकार के साथ खड़े नजर आए उसी का परिणाम रहा कि उन्हें पिछले दिनों ही केरल का राज्यपाल मनोनीत किया गया।
दरगाह में शानदार इस्तकबाल:
राज्यपाल खान का 19 सितम्बर को ख्वाजा साहब की दरगाह मे ंशानदार इस्तकबाल किया गया। केन्द्र सरकार के अधीन काम करने वाली दरगाह कमेटी के प्रतिनिधियों ने तो खान का स्वागत किया ही, साथ ही खादिमों की संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी इस्तकबाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने खान को दरगाह की सूफी परंपराओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि दरगाह में मुस्लिम महिलाओं को भी पूरी स्वतंत्रता है। वे दरगाह परिसर में नमाज पढ़ सकती हैं तथा पवित्र मजार पर जाकर जियारत भी कर सकती है। अंगारा शाह ने दरगाह की परंपरा के अनुरूप दस्तार बंदी भी की।
एस.पी.मित्तल
कांग्रेस को लेकर जयपुर में हुआ मंथन
अशोक गहलोत और सचिन पायलट में एका हो तो राजस्थान में सत्ता और संगठन में भी तालमेल हो जाएगा। तालमेल को लेकर जयपुर में हुआ मंथन।
जयपुर स्थित राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सरकार के मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट, प्रदेश के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे तथा राष्ट्रीय सचिवों ने भाग लिया। यह बैठक कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के निर्देश पर हुई। पिछले दिनों गहलोत और पायलट ने अलग-अलग सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद ही सोनिया गांधी ने राजस्थान में सत्ता और संगठन में तालमेल पर जोर दिया। बैठक के बाद सीएम गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष पायलट और प्रभारी महासचिव पांडे ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया। तीनों नेताओं ने एक बार फिर यह दिखाने की कोशिश की सत्ता और संगठन में कोई विवाद नहीं है। लेकिन जानकार सूत्रों के अनुसार बैठक में गहलोत और पायलट के समर्थकों ने अपने अपने नजरिए से बात को रखा। जहां पायलट के समर्थकों ने राजनीतिक नियुक्तियों का सवाल उठाया तो वहीं गहलोत के समर्थकों ने सरकार के अच्छे काम काज की बात की। दिसम्बर में होने वाले पंचायतीराज और उससे पहले 52 स्थानीय निकायों के चुनावों को लेकर भी बैठक में मंथन हुआ। अब सत्ता और संगठन तालमेल दिखाने के लिए यह निर्णय हुआ है कि प्रभारी मंत्री जिला कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में बैठक कर जनसुनवाई करेंगे। इसी प्रकार पंचायतीराज के टिकट वितरण के लिए पर्यवेक्षकों को जिलों में नहीं भेजा जाएगा। इसकी एवज में प्रभारी मंत्री ही अपनी रिपोर्ट प्रदेशाध्यक्ष को देेंगे। 19 सितम्कर को भले ही दिखाने के लिए सत्ता और संगठन की संयुक्त हो बैठक हो गई हो, लेकिन सब जानते हैं कि जब तक अशोक गहलोत और सचिन पायलट में तालमेल नहीं होगा, तब तक ऐसी बैठकों के कोई मायने नहीं है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद गहलोत और पायलट के बीच की तल्खी सार्वजनिक हुई है। पायलट ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी प्रतिकूल टिप्पणियां की है। पायलट कई बार राजनीतिक नियुक्तियों का मुद्दा मुख्यमंत्री के समक्ष उठा चुके हैं। वहीं गहलोत के समर्थक एक व्यक्ति एक पद की मांग कर चुके है। पायलट इस समय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के साथ-साथ सरकार में डिप्टी सीएम के पद पर भी नियुक्त है। पायलट के समर्थक चाहते हैं कि वे दोनों पदों पर बने रहे, जबकि गहलोत के समर्थक पायलट से एक पद खासकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का लेना चाहते हैं। अब यह देखना होगा कि दोनों पक्षों में पायलट के दोनों पदों को लेकर क्या सहमति बनी है। यदि अभी भी एक व्यक्ति एक पद की मांग होती रही तो फिर सत्ता और संगठन में तालमेल होना मुश्किल है। चूंकि पंचायतीराज के चुनाव प्रदेश भर में बहुत महत्वपूर्ण हैं, ऐसे में देखना होगा कि सत्ता और संगठन के बीच किस प्रकार तालमेल होता है। इसमें कोई दो राय नहीं की गत विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस संगठन को मजबूती मिली थी।
एस.पी.मित्तल
जनसमर्थन को बपौती नहीं समझना चाहिए
जनता के वोट से मिली सत्ता को बपौती नहीं समझना चाहिए।
जिन अमित शाह को गुंडा कहा, उन्हीं से ममता बनर्जी मिलने पहुंची।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात में जो उत्साह ममता ने दिखाया, वैसा भाव अमितशाह के चेहरे पर नहीं था। ममता बनर्जी उन्हीं अमितशाह से मिलीं जिन्हें पांच माह पहले गुंडा कहा था, तब अमित शाह सिर्फ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। सब जानते है कि ममता बनर्जी ने अपनी सरकार का दुरुपयोग करते हुए शाह के हेलीकॉप्टर को भी नहीं उतरने दिया। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए शाह को सभा तक नहीं करने दी और जब शाह ने रोड शो किया तो उपद्रवियों ने शाह पर तेल बम फेंके। यदि भाजपा के कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डाल कर तेल बमों को नहीं पकड़ते तो शाह को अपनी जान भी गवानी पड़ती। इतना सब कुछ होने पर भी ममता ने कहा कि अमितशाह तो गुंडा हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की जनता ने भाजपा को 18 सीटें जीता कर बता दिया कि गुंडागर्दी कौन कर रहा है। असल में जनता के वोट से सत्ता हांसिल करने के बाद अनेक राजनेता सत्ता को अपनी बपौती समझने लगते हैं। उन्हीं में से ममता बनर्जी भी हैं। ममता को लगता था कि कोई ताकत उन्हें सत्ता से बाहर नहीं कर सकती है। यही वजह रही कि ममता ने केन्द्र में सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष को गुंडा कह दिया। ममता घमंड में इतनी चूर थीं कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री मानने से ही इंकार कर दिया। बंगाल में 2021 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। हवा बता रही है कि ममता बनर्जी की टीएमसी हार जाएगी। जो लोग सत्ता में रह कर घमंड दिखाते हैं उन्हें पश्चिम बंगाल के हालातों से सबक लेना चाहिए। जनता कभी भी नेताओं को सकड़ पर ला सकती है। सब जानते हैं कि ममता बनर्जी ने गुंडा तत्वों को संरक्षण देकर बंगाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ्ज्ञ और भाजपा के कार्यकर्ताओं की किस प्रकार हत्याएं करवाईं।
राज्यपाल ने की थी संघ प्रमुख से मुलाकात:
गत 7 से 9 सितम्बर के बीच अजमेर के पुष्कर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी भाग लिया। 10 सितम्बर को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने पुष्कर पहुंचकर कोई ढाई घंटे तक भागवत से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर मंत्रणा हुई। उल्लेखनीय है कि धनकड़ राज्यपाल नियुक्त होने से पहले तक सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील थे और वे लगातार भाजपा नेताओं के समर्क में रहे।
एस.पी.मित्तल
सऊदी अरब-ईरान मे टकराव की स्थिति बड़ी
सऊदी अरब और ईरान के बीच चल रहे टकराव की स्थिति अब वैश्विक रूप धारण कर रहा है। सऊदी अरब के समर्थन में उतरी अमेरिका ने ईरान को चेतावनी जारी कर कहा कि सऊदी अरब के सरकारी तेल ठिकानों पर हमला के लिए ईरान ही जिम्मेवार है।
जिसके बाद ईरान ने अमेरिका के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया। सऊदी अरब पर हुए हमले के बाद अमेरिकी आरोपों पर हमला बोलते हुए ईरान ने अमेरिका की एक नई चाल करार दिया है। सऊदी अरब का समर्थन कर रहे अमेरिका ने खाड़ी देशों में उत्पन्न तनाव की स्थिति के लिए ईरान को जिम्मेवार बताया है।
खाड़ी देशों में उत्पन्न तनाव की स्थिति पर लगातार गोलबंदी जारी है। कई देश खुलकर अमेरिका का समर्थन या विरोध में दिख रहे हैं। इस बीच बड़ी खबर यह है कि रूस ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिका द्वारा ईरान पर हमला किया गया तो भारी तबाही का सामना करना पड़ेगा।
विदित हो कि ईरान ने अमेरिका के एक शक्तिशाली ड्रोन को मार गिराया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी डोन पर हमले की पुष्टि करते हुए ईरान ने कहा कि हमारे सीमा में घुसा था यूएस ड्रोन। जबकि पेंटागन का कहना है कि यह घटना अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में घटी है। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आगबबूला दिख रहे हैं। ट्रंप ने अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद सख्त लहजे में कहा है कि ईरान ने बहुत बड़ी गलती की है। उधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ईरान पर हमला हुआ तो भारी तबाही का सामना करना पड़ेगा। पुतिन ने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना द्वारा ईरान में किसी प्रकार की कार्रवाई इलाके में शांति बहाली के प्रयासों को करारा झटका देगा। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई यदि संभव हुआ तो हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है। जिसके बाद हुए नुकसान की भरपाई कर पाना काफी कठिन होगा। अमेरिकी ड्रोन पर हमला किए जाने के बाद अमेरिकी प्रतिक्रिया में कहा गया है कि ईरान का यह कार्रवाई अकारण है।
गौरतलब है कि विगत 14 सितंबर को सऊदी अरब के सरकारी तेल कंपनी के दो ठिकानों पर हुए ड्रोन हमले के लिए अमेरिका ईरान को जिम्मेवार बताता है। जबकि इस हमले के लिए सऊदी अरब के पड़ोसी मुल्क यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा अंजाम दिया गया था। हमले के तुरंत बाद यमन के हूती विद्रोहियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हमले की जिम्मेवारी ली थी। इन सबके बावजूद अमेरिका ईरान को इस हमले के लिए जिम्मेदार बताता है।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई कई माफिया गिरफ्तार
मुजफ्फरपुर। मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है, पुलिस ने हथियार के साथ दस अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो कुख्यात शराब माफिया और एक पूर्व मुखिया का बेटा है। अहियापुर में पुलिस पर हमला कर जख्मी कर देने के आरोपी भी इनमें शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक इनकी गिरफ्तारी से जहां चार कांडों का खुलासा हुआ है वहीं तीन आपराधिक वारदातों को पुलिस ने होने से पहले रोक लिया है। पुलिस ने अपराधियों के पास से तीन पिस्टल, मैगजीन, गोलियां, शराब, लूट की मोबाइल, बाइक, स्कॉर्पियो और गायघाट से एक दिन पूर्व लूटी गयी 140 कार्टन फेवीकॉल बरामद किया है। सभी अपराधियों की गिरफ्तारी अहियापुर, मीनापुर, करजा और सरैया थाना इलाकों से हुई है। एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि अहियापुर इलाके में की गई दो छापेमारी में पांच अपराधी मनोज सहनी, साजन सहनी, सुरेश सहनी, मुकेश कुमार और अजय सहनी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके पास से लूट की बाइक और शराब बरामद की है। सरैया के जैतपुर ओपी से कांटी के कुख्यात संतोष कुमार को पकड़ा गया तो करजा चौक पर गश्ती दल नें एक अपराधी कुणाल को दबोच लिया। पुलिस को कुणाल के पास से दो चीनी पिस्टल और मैगजीन मिले हैं। पुलिस की एक टीम ने मीनापुर के मुस्तफागंज बाजार पर लुटेरों के जुटने की सूचना पर कार्रवाई की। इस कार्रवाई में पुलिस नें सोनु कुशवाहा और लाखेन्द्र सहनी को दबोच लिया जबकि दो अन्य लुटेरे फरार होने में कामयाब रहे। पुलिस ने सोनू के पास से एक मैगजीन बरामद किया जिसमें पांच गोलियां थीं। एसएसपी ने इस दौरान गायघाट के बेनीवाद में 17 सितम्बर को फेवीकॉल लूट कांड का भी खुलासा कर लिया गया। इस केस में पुलिस ने पीयर थाना के बंगरा से लूटी गई पिकअप गाड़ी बरामद किया और गुप्तचर की मदद से ग्रामीण नंदकिशोर राय के गोदाम में छापामारी करके 140 कार्टन लूट का फेवीकॉल बरामद किया।
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उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
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