नई दिल्ली। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर बढ़े जुर्माने के खिलाफ गुरुवार को देशभर में ट्रांसपॉर्ट्रर्स हड़ताल पर हैं। दिल्ली और उससे सटे नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में इस हड़ताल का असर ज्यादा दिख रहा है। हड़ताल समर्थकों द्वारा ओला-ऊबर को रुकवाया जा रहा है। इसके साथ सड़क पर उतरे ऑटो को भी जबरन रुकवाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कैब्स को रुकवाया गया। हड़ताल से सुबह-सुबह ऑफिस के लिए निकले लोगों को खासी परेशान का सामना करना पड़ा। कमर्शियल वाहन चालकों का कहना है कि सरकार पहले सुविधा दे और अपना सिस्टम दुरुस्त करे। उसके बाद इतना भारी चालान लगाएं। दावा किया जा रहा है कि इस हड़ताल में स्कूल बस, ऑटो, टैक्सी, टेम्पो संचालक भी शामिल होंगे, ऐसे में एहतियातन दिल्ली एनसीआर में कुछ स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद आदि के जिन निजी स्कूलों के पास अपनी बसें नहीं हैं, वह छुट्टी घोषित कर दी है। हालांकि दूसरी तरफ, सरकारी स्कूलों के बारे में अभी दिल्ली सरकार ने या किसी और अथॉरिटी ने कोई घोषणा नहीं की है। हड़ताल सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक होगी। सोशल मीडिया पर हड़ताल से संबंधित प्रसारित एक पर्चे में कहा गया है कि सरकार ओला और उबर जैसी कंपनियों के खिलाफ सख़्त से सख़्त कानून लाए। साथ ही ओला-उबर की सर्विस दिल्ली-एनसीआर की गाड़ी को ही मिले। इसके अलावा इस पर्चे में यह भी कहा गया है कि एमसीडी को अपनी मनमानी बंद करनी चाहिए और दिल्ली में रजिस्टर गाड़ियों से पैसा लेना बंद करे। इस पर्चे में कमर्शियल वाहन ड्राइवरों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। साथ ही कहा गया है कि कोई भी ड्राइवर गुरुवार को ओला-उबर में भी अपनी सर्विस न दे, अन्यथा नुकसान का वह खुद जिम्मेदार होगा।
मोटर यान संशोधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के खिलाफ गुरुवार को ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई स्कूल बंद रहेंगे। यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांस्पोर्ट एसोसिएशंस (यूएफटीए) ने हड़ताल का आह्वान किया है। यूएफटीए में ट्रक, बस, ऑटो, टेम्पो, मेक्सी कैब और टैक्सियों का दिल्ली/एनसीआर में प्रतिनिधित्व करने वाले 41 यूनियन और संघ शामिल हैं। कई माता-पिता को अपने बच्चों के स्कूलों से संदेश मिला है कि गुरुवार को शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।
दूसरी तरफ दिल्ली एनसीआर के गौतम बुद्ध नगर में डीएम द्वारा स्कूल बंद करने के आदेश देने की खबरों को प्रशासन ने भ्रामक बताया है। गौतम बुद्ध नगर के जिला सूचना अधिकारी ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि जिला प्रशासन ऐसी खबर फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगा। ऐसे व्यक्तियों के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा जांच कराई जा रही है। जिला मजिस्ट्रेट बीएन सिंह ने कहा है कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा डीएम के द्वारा स्कूल बंद करने के आदेश देने जैसी भ्रामक खबरें सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं। इस प्रकरण को बहुत गंभीरता के साथ लिया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि स्कूल बंद करने के कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं।
गुरुवार, 19 सितंबर 2019
दिल्ली-एनसीआर में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल
रक्षा मंत्री ने 'तेजस' विमान में भरी उड़ान
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कर्नाटक के बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान 'तेजस' में उड़ान भरी। पहली बार देश के रक्षा मंत्री ने स्वदेशी लड़ाकू विमान 'तेजस' में उड़ान भरी। राजनाथ सिंह करीब आधे घंटे तेजस विमान में ही रहेंगे। 3 साल पहले ही तेजस को वायु सेना में शामिल किया गया था। अब तेजस का अपग्रेड वर्जन भी आने वाला है।
बता दें कि तेजस हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। 83 तेजस विमानों के लिए एचएएल को करीब 45 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। तेजस में रक्षा मंत्री की यह उड़ान उस वक्त होने जा रही है जब हाल को देश में बनाए जाने वाले 83 एलसीए मार्क 1ए विमान के निर्माण के लिए 45 हजार करोड़ रुपये की परियोजना मिलने वाली है। बता दें कि तेजस फाइटर जेट को 21 फरवरी, 2019 को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन द्वारा जारी किया गया था।
रूके कार्यों में अनुकूलता रहेगी:वृश्चिक
राशिफल
मेष-विद्यार्थी वर्ग लगन व उत्साह से अपना कार्य कर पाएंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। घर-बाहर सभी तरफ से सहयोग प्राप्त होगा। धनार्जन होगा।
वृष-किसी अपने ही व्यक्ति से संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। भागदौड़ रहेगी। शारीरिक कष्ट की आशंका है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अपेक्षाएं बढ़ेंगी।
मिथुन-थोड़े प्रयास से ही कार्य बनने लगेंगे। मित्रों व रिश्तेदारों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। कोई शारीरिक कष्ट हो सकता है। लापरवाही न करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।
कर्क-पारिवारिक संबंधियों का आगमन हो सकता है। देखरेख में व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। हल्की हंसी-मजाक से बचें। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा।
सिंह-किसी बड़ी समस्या से निजात मिल सकती है। छोटी-मोटी समस्या बनी रह सकती है। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा।
कन्या-कोई बड़ा खर्च होने की संभावना है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से तनाव रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में आय बनी रहेगी।
तुला-डूबी हुई रकम प्राप्त होने के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा लंबी हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नए अनुबंध हो सकते हैं। शत्रु नतमस्तक होंगे। विवाद पर नियंत्रण रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। प्रमाद से बचें।
वृश्चिक-शत्रुओं का पराभव होगा। आर्थिक उन्नति के लिए नई योजना बनेगी। समाजसेवा की प्रेरणा प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। रुके कार्यों में अनुकूलता रहेगी।
धनु-किसी पुराने रोग के उभरने की आशंका है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। किसी विशेष व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा।
मकर-प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। किसी विवाद से तनाव रहेगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।
कुंभ-जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। भाग्य की अनुकूलता का लाभ लें। रुके कार्य पूर्ण होने के योग हैं। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी का साथ मिलेगा। जल्दबाजी न करें।
मीन-किसी कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। बड़ा लाभ होने की संभावना है। धनार्जन होगा।
परंपरागत काटी रोल (फास्ट फूड)
परंपरागत रूप से, काटी रोल एक कटी हुई कबाब होती है जो एक लेटे हुए पराठे की रोटी में लपेटी जाती है। पराठा आटा है जिसे एक रस्सी में बुना जाता है, फिर एक गोल पैटी में कुंडलित किया जाता है। फिर इसे एक रोलिंग पिन के साथ चपटा किया जाता है और तवा (ग्रिल्ड) पर तेल में आंशिक रूप से तला जाता है। इन अर्ध-पकाए हुए पराठों को तब तक जरूरत के हिसाब से अलग रखा जाता है, जिस समय वे तवा पर वापस डालते हैं और पकाया जाता है। यदि एक अंडे को जोड़ा जाना है, तो यह आमतौर पर तवा में टूट जाता है और अंडे के ऊपर परांठा डाला जाता है; वे दोनों एक साथ पकते हैं और पराठा एक तरफ अंडे के साथ लेपित हो जाता है।
काटी कबाब मूल रूप से गोमांस थे, और अब चिकन या मटन (भेड़ का बच्चा) विखंडू के साथ भिन्नता है, मसाले में मसालेदार और एक सिगरी में कोयल के ऊपर कटार (" कटी ") पर पकाया जाता है। जब रोल तैयार किया जा रहा है, तो इन कटोरों को उतार लिया जाता है और तवा पर प्याज, मिर्च और सॉस के साथ फेंक दिया जाता है, पराठे के केंद्र पर एक पतली पट्टी में रखे जाने से पहले (अंडे की तरफ ऊपर, जब लागू हो)। इस स्तर पर, अधिकांश रोल विक्रेता विभिन्न प्रकार के सॉस, सिरका का एक पानी का छींटा, चूने का एक निचोड़, कभी-कभी चाट मसाला का एक शेक और शायद कुछ जूलियन गाजर को जोड़ देंगे। फिर पूरी चीज़ को रोल किया जाता है (मूल रूप से पुराने अखबार में), लेकिन अब साफ कागज का उपयोग आम तौर पर किया जाता है। कोलकाता में, कागज आमतौर पर केवल आधे रोल को कवर करता है; कहीं और पेपर रोल के सभी या अधिक कवर करेगा।
पुष्प की विशेषता और परागकण
पुष्प, अथवा फूल, जनन संरचना है जो पौधों में पाए जाते हैं। ये (मेग्नोलियोफाईटा प्रकार के पौधों में पाए जाते हैं, जिसे एग्नियो शुक्राणु भी कहा जाता है। एक फूल की जैविक क्रिया यह है कि वह पुरूष शुक्राणु और मादा बीजाणु के संघ के लिए मध्यस्तता करे। प्रक्रिया परागन से शुरू होती है, जिसका अनुसरण गर्भधारण से होता है, जो की बीज के निर्माण और विखराव/ विसर्जन में ख़त्म होता है। बड़े पौधों के लिए, बीज अगली पुश्त के मूल रूप में सेवा करते हैं, जिनसे एक प्रकार की विशेष प्रजाति दुसरे भूभागों में विसर्जित होती हैं। एक पौधे पर फूलों के जमाव को पुष्पण (inflorescence) कहा जाता है।
फूल-पौधों के प्रजनन अवयव के साथ-साथ, फूलों को इंसानों, मनुष्यों ने सराहा है और इस्तेमाल भी किया है, खासकर अपने माहोल को सजाने के लिए और खाद्य के स्रोत के रूप में भी।
फूल की विशेषज्ञता,फूल की खासियत और परागण
पराग (pollen) को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्यक पुष्प की अपनी विशेष प्रकार की संरचना होती है। किलिएसटोगैमस फूल (Cleistogamous flower) स्वपरागित होते हैं, जिसके बाद वे खुल भी सकते हैं या शायद नहीं भी.कई प्रकार के विओला और साल्वी प्रजातियों में इस प्रकार के फूल होते हैं।
कीटप्रेमी फूल (Entomophilous flower) कीटों, चमगादडों, पक्षियों और जानवरों को आकर्षित करते हैं और एक फूल से दुसरे को पराग स्थानांतरित करने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। सामान्यतः फूलों के अनेक भागों में एक ग्रंथि होती है जिसे पराग (nectar) कहा जाता है जो इन कीटों को आकर्षित करती हैं। कुछ फूलों में संरचनायें होते हैं जिन्हें मधुरस निर्देश (nectar guides) कहते हैं जो कि परागण करने वालों को बताते हैं कि मधु कहाँ ढूँढना है। फूल परागकों को खुशबू और रंग से भी आकर्षित करते हैं। फिर भी कूछ फूल परागकों को आकर्षित करने के लिए नक़ल या अनुकरण करते हैं। उदाहरण के लिए कुछ ऑर्किड की प्रजातियाँ फूल सृजित करती हैं। जो की मादा मधुमक्खी के रंग, आकार और खुशबू से मेल खाते हैं। फूल रूपों में भी विशेषज्ञ होते हैं और पुंकेशर (stamen) की ऐसी व्यवस्था होती है कि यह सुनिश्चित हो जाता है कि पराग के दानें परागक पर स्थानांतरित हो जायें जब वह अपने आकर्षित वास्तु पर उतरता है (जैसे की मधुरस, पराग, या साथी) कई फूलों की एक ही प्रजाति के इस आकर्षनीय वस्तु को पाने के लिए, परागक उन सभी फूलों में पराग को स्त्रीकेशर (stigma) में स्थानांतरित कर देता है जो की बिल्कुल सटीक रूप से समान रूप में व्यवस्थित होते हैं।
वातपरागीत फूल (Anemophilous flower) वायु का इस्तेमाल पराग को एक फूल से अगले फूल तक ले जाने में करते हैं उदहारण के लिए घासें, संटी वृक्ष, एम्बोर्सिया जाति की रैग घांस और एसर जाति के पेड़ और झाडियाँ। उन्हें परागकों को आकर्षित करने की जरुरत नहीं पड़ती जिस कारण उनकी प्रवृति "दिखावटी फूलों" की नहीं होती।आमतौर पर नर और मादा प्रजनन अंग अलग-अलग फूलों में पाए जाते हैं, नर फूलों में लंबे लंबे पुंकेसर रेशे होते हैं जो की अन्तक में खुले होते हैं और मादा फलों में लंबे-लंबे पंख जैसे स्त्रीकेसर होते हैं। जहाँ कि कीटप्रागीय फूलों के पराग बड़े और लसलसे दानों कि प्रवृति लिए हुए रहते हैं जो कि प्रोटीन (protein) में धनी होते हैं। (परागाकों के लिए एक पुरस्कार), वातपरागित फूलों के पराग ज्यादातर छोटे दाने लिए हुए रहते हैं, बहुत हल्के और कीटों के लिए इतने पोषक भी नही।
यमाचार्य नचिकेता वार्ता (दीपराग)
राजा नल का दीप मालिका राग आदि का वर्णन
मुनिवरो, आज हम तुम्हारे समक्ष पूर्व की भांति कुछ मनोहर वेद मंत्रों का गुणगान गाते चले जा रहे थे। यह तुम्हें प्रतीत हो गया होगा आज हमने पूर्व से जिन वेद मंत्रों का पठन-पाठन किया है। हमारे यहां परंपरागतो से ही उस मनोहर वेदवानी का प्रचार-प्रसार होता रहता है। जिस पवित्र वेद वाणी में उस मेरे देव परमपिता परमात्मा की महिमा का गुणगान गाया जाता है। क्योंकि वह परमपिता परमात्मा महिमावादी है। उसी की चेतना से यह जगत चैतयं हो रहा है। वह इस ब्रह्मांड के कण-कण में औत-प्रॏत है। कोई भी पर्वतों की ऐसी गुफा नहीं है जहां वे परमात्मा न हो, कोई समुंदरों की तरंग ऐसी नहीं है जहां उस मेरे देव की आभा विधमान न हो। वह सर्वत्रता में औत-प्रॏत है। जिसके ऊपर मानव परंपरागत से ही अनुसंधान कर रहा है अथवा उसकी महिमा का गान गाता रहा है। आज हमारे वेद मंत्र में कुछ वायु सूत्र का पठन-पाठन हो रहा था। क्योंकि यह जो वायु है यह एक सूत्र कहलाता है। वायु सूत्र और विष्णु सूत्रों में केवल वायुदान की महिमा का वर्णन आता रहा है। मानव जब गाना गाता है तो यह संसार गाना गाने वाले का मोहित हो जाता है। उसकी ममता में भ्रमण करने लगता है। जैसे पंडित जब वाणी से यथार्थ उच्चारण करने लगता है। मानव कहता है यह पंडित है, जो उच्चारण कर रहा है यह यथार्थ है। वह सत्यवादी है। क्योंकि वह हृदय में सत्य का प्रतिपादन कर रहा है। सत्य की महानता का वर्णन कर रहा है। क्योंकि सत्य की विवेचना करता हुआ आचार्य अपनी उधरवागति में परंपरागतो से ही यह रमन करता रहता है। मुझे बहुतपुरातन परंपरा का एक वाक्य स्मरण आ रहा है। उध्दालक गोत्र में एक ऋषि हुए जिनका नाम करण श्वेधा था।परंतु स्वेधा ऋषि एक समय अपने चित्त के मंडल को जानने के लिए गान गाने लगा। वह स्रोतों में से भी शब्द आता रहा। एक गान के रूप में, ध्वनि के रूप में, उसको अपने में धारण करता रहा। परंतु 12 वर्ष हो गए उस ध्वनि को श्रवण करते हुए। वह ध्वनी मानव के स्रोतों में प्रवेश होती। अंतरिक्ष में उसका समन्वय हो गया। जैसे सूत्र होता है सूत्रों में एक ध्वनि होती है। जैसे लोक-लोकतंरो की माला होती है। सौर मंडलों का एक दूसरे से समन्वय होता है। तो उसमें एक ध्वनी होती है। जो उस ध्वनी को देखो श्रवण कर लेता है। वह चित के मंडल की धाराओं को जानने वाला बनता है। ऋषि मुनियों ने अनुसंधान किया। इस वायु सूत्र को लेकर के, वायु की आभा को लेकर के, इसके ऊपर विचार-विनिमय आरंभ किया। आज मैं तुम्हें कोई ऐसे विशेष गंभीर विषय को लेने नहीं चाहता हूं। विचार-विनिमय केवल यह है कि हमारे यहां एक ध्वनी होती रहती है और वह ध्वनि स्रोतों में आती रहती है। वही ध्वनि रात्रि के काल में मध्य रात्रि के काल में उत्पन्न हो जाती है। उस ध्वनी का समन्वय सूर्य की तरंगों से संबंधित रहता है। सूर्य की किरणों से जब समन्वय करता है। तो वहीं ध्वनि धौलोक में प्रवेश करती है। वही ध्वनि विद्युत की धाराओं में रमण करती है और वही ध्वनि जब विद्युत की धारा में गति करने लगती है तो वहीं ध्वनि मानवीय शरीर में ब्रह्मांड में एक ध्वनी होती है। इसको हमारे अनहद ध्वनि कहते हैं। एक विशेष विचित्र तुम्हें चर्चा करने लगा हूं योगेश्वर और व्याकरण वाले पंडित योगेश्वर योगी जनों की चर्चाएं हैं। वही ध्वनि जब वायुमडंल में होती है तो ध्वनि का संबंध अग्नि की धाराओं से होता है। जब प्राण तन में होता है तो उस समय दीप मालिका बन जाती है। धमकी दी जाती है परंतु वही काम करने वाला साधक प्राणायाम को गाना गाता हुआ जब गाना गाता है। तो दीप मालिका 'दीपावली' बन जाती है। अंधकार छाया हुआ है एक योगी गा रहा है और गाता हुआ दीपिका आता है। तो दी प्रकाशित हो जाता है।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
september 20, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-48 (साल-01)
2. शुक्रवार,20 सितबंर 2019
3.शक-1941,अश्विन, कृष्णपक्ष,तिथि षष्ठी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 6:10,सूर्यास्त 6:10
5.न्यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102
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