नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अक्टूबर में भारत का दौरा प्रस्तावित है। उनकी यात्रा में आगरा का दौरा भी शामिल है। यहां वह ताजमहल का विजिट करने के लिए आ सकते हैं। हालांकि अभी उनका कोई कार्यक्रम नहीं आया है, लेकिन अमेरिका की एजेंसियां अभी से ही सक्रिय हो गईं हैं। वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी इस यात्रा को लेकर तैयारियां करने में जुट गए हैं। भारत आने के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ताजमहल भी देखने आ सकते हैं। उनकी विजिट अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में संभावित है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की संभावित विजिट को लेकर अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। गृह और विदेश मंत्रालय से भी जानकारी ली जा रही है। हालांकि अभी तक कोई कार्यक्रम फाइनल नहीं हुआ है और न ही कोई तिथि तय की गई है।
बुधवार, 18 सितंबर 2019
नाराज ममता मोदी से करेगी मुलाकात
नई दिल्ली। केंद्र सरकार से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी। वह चार दिवसीय यात्रा पर मंगलवार सुबह दिल्ली पहुंच चुकी हैं। प्रस्तावित बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यह ऐसे समय में हो रही है, जब तृणमूल कांग्रेस के कई नेता और कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पोंजी घोटाला मामले में सीबीआई जांच के घेरे में हैं। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की कट्टर आलोचक ममता लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा पश्चिम बंगाल में 18 सीट जीतने से पहले ही नाराज थीं। भाजपा द्वारा टीएमसी में सेंध लगाने से ममता बनर्जी की नाराजगी और बढ़ गई है। दोनों नेताओं के बीच हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि पिछले कई महीनों से न तो ममता और न ही उनके कोई मंत्री केंद्र सरकार की किसी बैठक में पहुंच रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि दोनों नेता पश्चिम बंगाल में प्रशासनिक मामलों पर चर्चा करेंगे। बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने बैठक के लिए पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री कार्यालय से समय मांगा था। पिछली बार दोनों नेता 25 मई, 2018 को शांति निकेतन में दीक्षांत समारोह में मिले थे।
विक्रम से संपर्क का सपना गुम हो जाएगा
नई दिल्ली। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अब काली अंधेरी रात होने वाली है। इसके साथ ही इसरो का विक्रम लैंडर से संपर्क करने का सपना भी इसी अंधेरे में गुम हो जाएगा। क्योंकि, सिर्फ तीन घंटे बाद विक्रम लैंडर उस अंधेरे में खो जाएगा, जहां से उससे संपर्क करना तो दूर, उसकी तस्वीर भी नहीं ली जा सकेगी।इसरो ही नहीं, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत दुनिया की कोई भी स्पेस एजेंसी विक्रम लैंडर की तस्वीर तक नहीं ले पाएगा। यही नहीं, 14 दिनों की इस खतरनाक रात में विक्रम लैंडर का सही सलामत रहना बेहद मुश्किल होगा।
अब विक्रम लैंडर से संपर्क की उम्मीद खत्म, चांद पर हो रही है शाम!
चांद के उस हिस्से में सूरज की रोशनी नहीं पड़ेगी, जहां विक्रम लैंडर है। तापमान घटकर माइनस 183 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इस तापमान में विक्रम लैंडर के इलेक्ट्रॉनिक हिस्से खुद को जीवित नहीं रख पाएंगे। अगर, विक्रम लैंडर में रेडियोआइसोटोप हीटर यूनिट लगा होता तो वह खुद को बचा सकता था। क्योंकि, इस यूनिट के जरिए इसे रेडियोएक्टिविटी और ठंड से बचाया जा सकता था। यानी, अब विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की सारी उम्मीदें खत्म होती दिख रही है।
7 सितंबर को तड़के 1.50 बजे के आसपास विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर गिरा था। जिस समय चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चांद पर गिरा, उस समय वहां सुबह थी। यानी सूरज की रोशनी चांद पर पड़नी शुरू हुई थी। चांद का पूरा दिन यानी सूरज की रोशनी वाला पूरा समय पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। यानी 20 या 21 सितंबर को चांद पर रात हो जाएगी। 14 दिन काम करने का मिशन लेकर गए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के मिशन का टाइम पूरा हो जाएगा। आज 18 सितंबर है, यानी चांद पर 20-21 सितंबर को होने वाली रात से करीब 3 घंटे पहले का वक्त। यानी, चांद पर शाम हो चुकी है। हमारे कैलेंडर में जब 20 और 21 सितंबर की तारीख होगी, तब चांद पर रात का अंधेरा छा चुका होगा।
8 लाख के इनामी नक्सली का आत्मसमर्पण
बीजापुर। जिले सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। यहा 8 लाख के इनामी माओवादी सुधीर कोरसा ने आत्मसमर्पण किया। सुधीर कोरसा पीएलजीए बटालियन नंबर 1 की कंपनी नंबर 2 का प्लाटून कमांडर था। उक्त नक्सली सुकमा, बीजापुर और आडिसा के 9 बड़ी वारदातों शामिल में था। माओवादी सुधीर कोरसा ने एसपी दिव्यांग पटेल और सीआरपीएफ डीआईजी कोमल सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
पीओके छोड़े,नहीं तो खंड-खंड होगा पाक
नई दिल्ली। दुनिया भर के सामने जम्मू-कश्मीर का मसला उठाने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को भारत ने बड़ा झटका दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को भारत का रुख साफ कर दिया और कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है और एक दिन ये भौगोलिक रूप से भी भारत में होगा। सिर्फ भारत ही नहीं अब पाकिस्तान में इस तरह की आवाज़ें उठने लगी हैं जो पाकिस्तान के लिए ही खतरा हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता ने खोला मोर्चा
पाकिस्तान लगातार बलूचिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में किए जा रहे अत्याचारों को लेकर घिर रहा है। पाकिस्तानी ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट आरिफ अजाकिया का कहना है कि गिलगित-बालटिस्तान, पीओके जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है और जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। ऐसे में नरेंद्र मोदी को उस गलती को सुधारना चाहिए जो बरसों पहले हो गई थी। आरिफ अजाकिया लगातार पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं, सोशल मीडिया पर उनके वीडियो लगातार वायरल होते हैं।
विदेश मंत्री ने क्या कहा था?
दरअसल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर सवाल हुआ तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है और एक दिन भौगोलिक रूप से भी यह भारत में शामिल होगा। इसी के बाद से ही एक नई बहस छिड़ गई है।पाकिस्तान के मसलों पर उन्होंने कहा कि हमारे एक पड़ोसी के साथ कुछ मुद्दे हैं, इसमें सबसे अहम क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म है। जब तक इस मुद्दे का हल नहीं होता और वह (पाकिस्तान) एक सामान्य पड़ोसी की तरह बर्ताव नहीं करता तो ये आगे नहीं बढ़ सकता है।
पाकिस्तान को मिल चुकी कई चेतावनी
सिर्फ विदेश मंत्री ही नहीं बल्कि मोदी सरकार की ओर से कई बड़े नेताओं ने पाकिस्तान को चेताया हुआ है। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने ही मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान को पीओके भारत को सौंप देना चाहिए। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पाकिस्तान को चेता चुके हैं। राजनाथ ने कहा था कि पाकिस्तान अगर अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो वह खंड-खंड हो जाएगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर विवाद कर रहा है और इसे संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन बता रहा है। हालांकि, दुनिया के हर बड़े मंच पर भारत की ओर से दो टूक कहा जा चुका है कि ये भारत का आंतरिक मामला है।
अप्रिय दुर्घटना से हानि की आशंका:धनु
राशिफल
मेष-दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है, धैर्य रखें। किसी व्यक्ति से विवाद की आशंका है। पुराना रोग उभर सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। भागदौड़ रहेगी। अपेक्षित कार्यों में विलंब से तनाव रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। जोखिम न लें।
वृष-स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ी समस्या का हल सहज ही प्राप्त होगा। शत्रु पस्त होंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद से बचें।
मिथुन-भूले-बिसरे साथियों व रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। समय की अनुकूलता बनी रहेगी।
कर्क-अप्रत्याशित लाभ की संभावना है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। विवाद से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। भाग्य का साथ बना रहेगा।
सिंह-कुसंगति से हानि होगी, बचें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में जवाबदारी बढ़ सकती है।
कन्या-अपना काम प्रसन्नता व उत्साह से कर पाएंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त होगा। पारिवारिक चिंता में वृद्धि संभव है।
तुला-आर्थिक नीति में सुधार होगा। नई कार्यप्रणाली पर कार्य होगा। भविष्य में लाभ होगा। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। नए काम मिलेंगे। कोई व्यापारिक समस्या उठ सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी।
वृश्चिक-धर्म-कर्म व पूजा-पाठ में रुचि बनी रहेगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। पारिवारिक जवाबदारी में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। अपेक्षाकृत सभी कार्य समय पर होने से प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ रहेगा।
धनु-चोट व दुर्घटना से हानि की आशंका है। कार्य करते हुए कोई लापरवाही न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। धनार्जन होगा।
मकर-जीवनसाथी के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। वाणी में हल्के शब्दों प्रयोग से बचें। कारोबार में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
कुंभ-भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। आय बढ़ेगी। विवाद से बचें। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। प्रतिद्वंद्वी अपना रास्ता छोड़ेंगे।
मीन-किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग अपना कार्य उत्साह व लगन से कर पाएंगे। संगीत में रुचि जागृत हो सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी।
विश्व में गेहूं उत्पादन (कृषि)
अच्छी फसल लेने के लिए गेहूं की किस्मों का सही चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। विभिन्न अनुकूल क्षेत्रों में समय पर, तथा प्रतिकूल जलवायु, व भूमि की परिस्थितियों में, पक कर तैयार होने वाली, अधिक उपज देने वाली व प्रकाश प्रभावहीन किस्में उपलब्ध हैं। उनमें से अनेक रतुआरोधी हैं। यद्यपि `कल्याण सोना' लगातार रोग ग्रहणशील बनता चला जा रहा है, लेकिन तब भी समय पर बुआई और सूखे वाले क्षेत्रों में जहां कि रतुआ नहीं लगता, अच्छी प्रकार उगाया जाता है। अब `सोनालिका' आमतौर पर रतुआ से मुक्त है और उन सभी क्षेत्रों के लिए उपयोगी है, जहां किसान अल्पकालिक (अगेती) किस्म उगाना पसन्द करते हैं। द्विगुणी बौनी किस्म `अर्जुन' सभी रतुओं की रोधी है और मध्यम उपजाऊ भूमि की परिस्थितियों में समय पर बुआई के लिए अत्यन्त उपयोगी है, परन्तु करनल बंटा की बीमारी को शीघ्र ग्रहण करने के कारण इसकी खेती, पहाड़ी पट्टियों पर नहीं की जा सकती। `जनक' ब्राऊन रतुआ रोधी किस्म है। इसे पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में भी उगाने की सिफारिश की गई है। `प्रताप' पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वर्षा वाले क्षेत्रों में मध्यम उपजाऊ भूमि की परिस्थितियों में अच्छी प्रकार उगाया जाता है। `शेरा' ने मध्य भारत व कोटा और राजस्थान के उदयपुर मंडल में पिछेती, अधिक उपजाऊ भूमि की परिस्थितियों में, उपज का अच्छा प्रदर्शन किया है।
`राज ९११' मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में सामान्य बुआई व सिंचित और अच्छी उपजाऊ भूमि की परिस्थिति में उगाना उचित है। `मालविका बसन्ती' बौनी किस्म महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश की अच्छी सिंचाई व उपजाऊ भूमि की परिस्थितियों के लिए अच्छी है। `यू पी २१५' महाराष्ट्र और दिल्ली में उगाई जा रही है। `मोती' भी लगातार प्रचलन में आ रही है। यद्यपि दूसरे स्थानों पर इसको भुलाया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से `डबल्यू जी-३५७' ने बहुत बड़े क्षेत्र में कल्याण सोना व पी वी-१८ का स्थान ले लिया है। भिन्न-भिन्न राज्यों में अपनी महत्वपूर्ण स्थानीय किस्में भी उपलब्ध हैं। अच्छी किस्मों की अब कमी नहीं हैं। किसान अपने अनुभव के आधार पर, स्थानीय प्रसार कार्यकर्ता की सहायता से, अच्छी व अधिक पैदावार वाली किस्में चुन लेता है। अच्छी पैदावार के लिए अच्छे बीज की आवश्यकता होती है और इस बारे में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता।
भूमि का चुनाव: गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए मटियार दुमट भूमि सबसे अच्छी रहती है, किन्तु यदि पौधों को सन्तुलित मात्रा में खुराक देने वाली पर्याप्त खाद दी जाए व सिंचाई आदि की व्यवस्था अच्छी हो तो हलकी भूमि से भी पैदावार ली जा सकती है। क्षारीय एवं खारी भूमि गेहूं की खेती के लिए अच्छी नहीं होती है। जिस भूमि में पानी भर जाता हो, वहां भी गेहूं की खेती नहीं करनी चाहिए।
भूमि की तैयारी
खेत की मिट्टी को बारीक और भुरभुरी करने के लिए गहरी जुताई करनी चाहिए। बुआई से पहले की जाने वाली परेट (सिंचाई) से पूर्व तवेदार हल (डिस्क हैरो) से जोतकर पटेला चला कर, मिट्टी को समतल कर लेना चाहिए। बुआई से पहले २५ कि। ग्रा। प्रति हेक्टेयर के हिसाब से १० प्रतिशत बी। एच। सी। मिला देने से फसल को दीमक और गुझई के आक्रमण से बचाया जा सकता है। यदि बुआई से पहले खेत में नमी नहीं है तो एक समान अंकुरण के लिए सिंचाई आवश्यक है।
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