बुधवार, 18 सितंबर 2019

यमाचार्य नचिकेता वार्ता (कर्तव्यवाद)

गतांक से...
 मेरे प्यारों, गुरुदेव ने बहुत कुछ वाक्य उच्चारण किया है। परंतु देखो इस संसार में यदि कोई राष्ट्र हुआ है और उसमें कोई राजा हुआ है तो भगवान मन हुआ है। उन्होंने जिस नगरी का निर्माण किया, उस नगरी का नाम अयोध्या है। क्योंकि अयोध्या अष्टचक्र और नौ द्वार वाली एकमात्र नगरी है। उसमें मनु महाराज के वंशजों के द्वारा लगभग 1,75,552 वंशजों ने राष्ट्र का पालन किया है। पालन इसी आधार पर किया गया है कि समाज को कर्तव्यवाद में स्थापित करना है। इससे माता का वियोग नहीं दृष्टिपात किया जाता, पिता का वियोग दृष्टिपात नहीं किया जाता। यह वियोग जब नहीं होगा तब मानव सार्थक बनेगा, पवित्र बनेगा। माता अपने कर्तव्य का पालन करेगी। राजा अपने कर्तव्य का पालन करें। समाज कर्तव्य का पालन करके राजा और प्रजा को कर्तव्यवाद में लाता रहे और वह प्रजा का सेवक स्वीकार करें तो राष्ट्रीयता कुछ नहीं रह पाती। राष्ट्रीय तो देखो आधुनिक काल का जो राष्ट्रवाद चल रहा है। यह कैसा राष्ट्रवाद है? वह समाज को, संपदा को अपना-अपना करके अपने में राजा बनना चाहते हैं। परंतु हे राजन, राष्ट्रीय वाद का निवारण करना होगा। तुम मुझे वैसा कर्तव्य करना होगा। जिससे समाज महान बन जाए, जिससे एक दूसरा प्राणी के रक्त का पीपासी न बन जाए। पिपासी अज्ञानता में बनता है। इसलिए तेरे द्वारा ज्ञान होना चाहिए कि पिपासी स्वार्थ में होता है कर्तव्य वाद का पालन करे तो मुनिवर यह राष्ट्रीयवाद का निवारण हो जाएगा। नाना प्रकार की संपदा में रमने वाला समाज कदापि महान नहीं बन सकता है। मैंने बहुत पुरातन काल से इस समाज को दृष्टिपात किया है। महाभारत काल के पश्चात स्वार्थवाद आया था और स्वार्थवाद क्या था? महाराजा शांतनु ने सबसे प्रथम स्वार्थवाद की भावनाएं ग्रहण की।उसने क्या स्वार्थवाद कििया, अपने पुत्र को कहा कि तू ब्रह्मचारी रहे और मेरा संस्कार होो। पुत्र ने ब्रह्मचर्य के वश में प्रतिज्ञा की और पिता का संस्कार हुआ। उसका परिणाम यह हुआ कि महाभारत काल में स्वार्थवाद आया और स्वार्थवाद में विधाता, विधाता रक्त के पीपासे ही बन गए। अज्ञानता में यदि शांतनु के हृदय में स्वार्थ की भावना ना होती तो यह अनुचित क्रियाकलाप नहीं होता है। तो यह समाज नष्ट नहीं हो सकता था। विद्वानों का ह्रास नहीं हो सकता था। परंतु देखो भाव प्रबल है जब मैं यह उदगीत गाता हूं तो यह मानवता का ह्रास हुआ। उसका परिणाम यहां मेरी पुत्रियों के सिंगार को हनन किया गया उसके पश्चात नाना प्रकार की अज्ञानता में संप्रदायों में संप्रदायिकता का जन्म हुआ वह संप्रदाय आधुनिक काल में जितनी पनप रही है राष्ट्र की है क्योंकि राजा इसलिए नहीं होता है एक ईश्वर बाद में कुछ कह रहा है एक धर्म की विवेचना कुछ कर रहा है धर्म केवल मानव इंद्रियों में समाहित रहता है वह इंद्र देखो इंद्रियों वाले धर्म को लाकर के राजा को उसकी व्याख्या करनी चाहिए जब राजा किसी भी मत से मटकी पूजा में जाता है वहां उस धर्म की प्रशंसा करने लगता है वह मार्ग में जाता है वहां वहां मार्ग की प्रशंसा करता है गुरु में जाता है वहां गुरुओं की प्रशंसा करता है यह राजा निर्णय हो जाता है ऐसे राजा नाना धर्म की जो चर्चा कर रहा है अरे धर्म तो ले प्राणी व्याकरण की दृष्टि से एक ही धर्म धर्म धर्म क्या है मानव का पूजन होगा। मुनिवरो, देखो नेत्र,दृष्टि बात करेंगे तो मानव का पूजन होगा और वह जो दृष्टिपात करेगा तो उसकी अंतरात्मा उसे निकालने लगती हैै। वह नेत्रों में धर्म समाहित रहता है वाणी सदैव सत्य उच्चारण करती है। तो उसका धर्म है। अशुद्ध उच्चारण करती है तो उसका धर्म बन जाता है। वाणी का धर्म सत्य ही उच्चारण करना है। सुगंधी में मानव प्रसन्न रहता है सुगंधी में अपने अंतर हृदय को रखता है। अरे, सुगंधी ही उसका जीवन है। देखो इसी प्रकार प्रथा है उसको प्रेम में मग्न होकर के ज्ञान के द्वारा स्पर्श करता है। मैं उसका धर्म है मेरे प्यारे स्रोतों में शब्द आते हैं। आज का हमारा विचार क्या कह रहा है कि हमें इस समाज को ऊंचा बनाना हैै। मानवता की रक्षा करनी है। मानव दर्शन को अग्रणी बनाना है और राष्ट्र के निवारण के लिए चर्चा की है कि प्रत्येक जो रूढ़िवादी आचार्य है। वह एकत्रित होकर के राजा के संविधान में मैं अपने-अपने विचारों की व्याख्या करें और जो विचार विज्ञान से मानवता से स्थिर हो जाए। वह विचार ,वही रहना चाहिए। आज का विचार यह कह रहा है। मैं अपने पूज्य पाद गुरुदेव को वर्णन करा रहा था। क्योंकि पूजा-पाठ गुरुदेव का वह विचार है। जब इस संसार में कोई भी रूढ़िवाद नहीं था। मानवता के यज्ञ की चर्चा करते हैं विज्ञान की चर्चा कर रहे हैं। आज का विज्ञान भी रूढ़िवादी बना हुआ हैै। परंतु उच्चारण करने के लिए तो बहुत कुछ है। परंतु अब मेरा विचार समाप्त होने वाला है। आज का विचार मैं उच्‍चारण कर रहा हूं कि पूज्‍यपाद गुरुदेव को परिचय करा रहा हूं कि काल एक वाम मार्ग का है जहाां राजा भी वाममार्गी है और मत-मतांतर भी  वाममार्गी हुए हैं। देखो कोई आचार्य गुरु जी कहे जाते हैं उनके मानने वाले रक्त को अपने में भक्षण कर जाते हैं। उससे अपने शरीर को बना रहे हैं। शरीरों का निर्माण केवल इसलिए कि जीवन स्तर बना रहे। यही मेरा कर्तव्य नहीं है। हे मााता, मुझे तो संसार को महान बनाना है। क्योंकि यह प्रभु की सृष्टि है और प्रभु की सृष्टि को महान बनाना हमारा कर्तव्य है। आज का विचार क्या है,तेरे जीवन का सौभाग्य अखंड बना रहे। मेरा हृदय गदगद होता है जब यजमान देखो यह अद्भुत यज्ञ का आयोजन होता है। अहिंसा से रहित होता है और धर्म का सदुपयोग किया जाता है। जब प्रत्येक ग्रह में यज्ञ के द्वारा निर्माण का सदुपयोग होता है। वहां पर क्यों  ह्रास हो जाता है? यह आज का वाक्य हमारा समाप्त होने जा रहा है। मैं अपने पूज्य पाद गुरुदेव से आज्ञा पाऊंगा। मेरे प्यारे महानंद जी ने बहुत अच्छे से अपने वाक्य प्रकट किए। वाक्य में बड़ी सार्थकता मुझे प्रतिपादित हो रही हैै। परंतु यह उनकी जो वेदना है जो विडंबना है वह बड़ी विडंबित मेरे हृदय में समाहित हैै। इसलिए जब प्रभु की अनुपमता होगी तो प्राय ऐसे राजा भी होंगेे। ऐसा कोई वाक्य नहीं है परंतु संसार में अपने शब्दों में रत करते रहना चाहिए। अपने विचारों को महानता देनी चाहिए। वायुमंडल में जो विचार भ्रमण करते रहे। किसी न किसी काल में वह महान विचार मानवता के अंतरण को छूकर के पवित्र बना सकते हैं। यह आज का विचार अब समाप्त होने जा रहा है। अब वेदों का पठन-पाठन होगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 19, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-47 (साल-01)
2.  बृहस्पतिवार,19 सितबंर 2019
3.शक-1941,अश्‍विन, कृष्‍णपक्ष,तिथि पंचमी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 6:10,सूर्यास्त 6:10
5.न्‍यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


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मंगलवार, 17 सितंबर 2019

अफगान में ब्लास्ट 24 की मौत 32 घायल

काबुल। अफगानिस्तान के परवान प्रांत में मंगलवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी की रैली में हुए आत्मघाती बम धमाके में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हो गए। धमाके के समय गनी वहीं पर मौजूद थे। अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। परवान अस्पताल के निदेशक डॉक्टर अब्दुल कासिम संगिन ने कहा कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने कहा कि हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और रैली स्थल के नजदीक पुलिस चौकी में बम लगाकर धमाका कर दिया। हालांकि गनी को कोई चोट नहीं आई। किसी भी समूह ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।


बसपा विधायक कांग्रेस में शामिल क्यों

मायावती बताएं कि आखिर हर बार बसपा के विधायक ही कांग्रेस में क्यों शामिल होते हैं? बसपा विधायक राजेन्द्र गुढा ने आरोप लगाया था कि मायावती पैसे लेकर टिकट देंती हैं। मायावती में दम हो तो एमपी में कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लें। ट्वीट करने से क्या होता है। मायावती अपनी सोच बदलें-सीएम गहलोत। 

जयपुर। राजस्थान में यह दूसरा मौका है, जब बहुजन समाज पार्टी के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्ष 2009 में भी अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को मजबूती देने के लिए बसपा के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अब बसपा सुप्रीमो मायावती को बताना चाहिए कि आखिर हर बार उन्हीं की पार्टी के  विधायक  कांग्रेस में शामिल  क्यों होते हैं? एक राजनीतिक पार्टी के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक बात नहीं हो सकती कि सभी विधायक रातों रात पाला बदल लें। मायावती का दावा रहता है कि उनकी पार्टी दलितों की पार्टी है और पार्टी की एक विचारधारा है। हालांकि राजस्थान में बसपा के विधायक राजेन्द्र गुढा का तो आरोप है कि मायावती और उनके समर्थक पैसा लेकर टिकिट देते हैं। गुढा ने यह बयान कोई एक माह पहले दिया था, लेकिन मायावती ने न तो कोई जवाब दिया और न ही गुढा के खिलाफ कोई कार्यवाही की। क्या बसपा ऐसी ही विचारधारा वाली पार्टी है? क्या मायावती को राजस्थान में ऐसे उम्मीदवार नहीं मिलते तो पार्टी के प्रति वफादार रहें? या फिर राजेन्द्र गुढा के आरोप सही हैं। जब पैसे देकर टिकिट लिया जाएगा, तब विधायक बनने के बाद पैसों की वसूली तो की जाएगी? क्या पैसों के आगे विचारधारा गौण हैं? जो मतदाता मायावती की पार्टी को दलितोंकी पार्टी मान कर वोट देते हैं, उन्हें बसपा विधायकों के पाला बदलने की घटना से सबक लेना चाहिए। बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक राजेन्द्र गुढा, जोङ्क्षगदर अवाना, लाखन सिंह, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव और वाजिब अली को मतदाताओं ने कांग्रेस के खिलाफ वोट देकर जिताया था। अब ये सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। क्या यह मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी नहीं हैं?
एमपी में समर्थन वापसी क्यों नहीं:
राजस्थान की घटना पर मायातवी ने ट्वीट पर कड़ी टिप्पणी की। माया ने कांग्रेस को गैर जिम्मेदार धोखेबाज और दलित विरोधी पार्टी बताया है। सवाल उठता है कि जब मायावती को कांग्रेस से इतनी नाराजगी है तो फिर मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन क्यों दे रखा है? मायावती के समर्थन की वजह से ही एमपी में कमलनाथ की सरकार टिकी हुई है। यदि बसपा विधायक समर्थन वापस ले लें तो कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ जाएगी। एमपी में बहुमत के लिए 115 विधायक चाहिए। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, लेकिन 2 बसपा, 1 सपा ने समर्थन दे रखा है। अब यदि मायावती दो विधायक समर्थन वापस ले लें तो कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। लेकिन मायावती को भी पता है कि जब राजस्थान में 6 विधायक पाला बदल सकते हैं, तब एमपी में दो विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। मायावती अपने विधायकों को अच्छी तरह जानती है। 
गहलोत की दो टूक:
बसपा के सभी छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने और बसपा प्रमुख मायावती के बयान का जवाब देते हुए 17 सितम्बर को मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अब मायावती को अपनी सोच में बदलाव करना चाहिए। बसपा की विधायक शुरू से ही मेरी सरकार को समर्थन दे रहे थे। अब इन विधायकों ने अपने स्तर पर यह महसूस किया कि उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। गहलोत ने कहा कि एक समय उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस ने बसपा को बिना शर्त समर्थन दिया था। मैं आज भी इस पक्ष में हंू कि बसपा जैसे राजनीतिक दल कांग्रेस के साथ मिल कर काम करें। उन्होंने कहा कि बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का असर नवम्बर में होने वाले तीन राज्यों पर कितना पड़ेगा यह आने वाला समय ही बताएगा। मैं इतना कह सकता हंू कि बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर कोई सौदेबाजी नहीं हुई, जबकि भाजपा तो मध्यप्रदेश में करोड़ों रुपए का प्रस्ताव कर रही है। भाजपा को बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर कोई सवाल करने का अधिकार नहीं क्योंकि कई राज्यों में भाजपा ने अल्पमत में होने के बावजूद भी सरकार का गठन किया है। सब जानते हैं कि इन राज्यों में भाजपा ने किस तरह सरकार बनाई है। 
एस.पी.मित्तल


आने वाले दिन कांग्रेस में मचाएंगे खलबली

#6013
अब सचिन पायलट से भी लिया जा सकता है राजस्थान प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष का पद। बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस संगठन पर ज्यादा असर।
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16 सितम्बर की रात को राजस्थान में बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। 200 में अब कांग्रेस के विधायकों की संख्या 106 हो गई है। इससे अशोक गहलोत की सरकार तो मजबूत होगी, लेकिन ज्यादा असर कांग्रेस संगठन पर पड़ेगा। हो सकता है कि अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पद वापस ले लिया जाए। बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाने में प्रदेशाध्यक्ष की हैसियत से पायलट की कोई भूमिका नहीं रही। राजनीतिक दृष्टि से यह बड़ी घटना है, लेकिन इसमें प्रदेशाध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं होने से साफ जाहिर है कि राजस्थान में सत्ता और संगठन एक पटरी पर नहीं है। पायलट पहले ही अपनी सरकार के कामकाज को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी कर चुके हैं। सूत्रों की माने तो राजस्थान में सता और संगठन में जो कुछ भी हो रहा है उसकी जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को है। सोनिया गांधी चाहती हैं कि जानवरी में होने वाले पंचायती राज चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिले। लेकिन यह तभी संभव है, जब उम्मीदवारों का चयन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से हो। पायलट प्रदेशाध्यक्ष के पद पर रहते ऐसा संभव नहीं है। असल में मौजूदा परिस्थितियों में पायलट को हटाना जोखिम भरा था, इसलिए पहले सरकार की मजबूती सुनिश्चित की गई। अब जब सरकार पूर्ण रूप से मजबूत हो गई है तो पायलट को हटाने वाला बड़ा फैसला भी किया जा सकता है। 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन गहलोत के पास है। ऐसे में गहलोत को 200 में से 118 विधायकों का समर्थन है। आरएलडी के सुभाष गर्ग पहले से ही गहलोत के साथ हैं। यानि अब अशोक गहलोत संगठन में कोई भी जोखिम ले सकते हैं। जागरुक पाठकों को याद होगा कि विधानसभा चुनाव के अवसर पर गहलोत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव की हैसियत से बयान दिया था कि राजस्थान में सहयोगी दलों के साथ गठबंधन किया जा सकता है, तब गहलोत ने बसपा की ओर इशारा भी किया था, लेकिन तब प्रदेशाध्यक्ष की हैसियत से पायलट ने गठबंधन को नकार दिया। गहलोत के समर्थक माने जाने वाले सुभाष गर्ग का टिकिट भी भरतपुर से काट दिया गया था, लेकिन गहलोत ने गर्ग को आरएलडी का उम्मीदवार बनवा दिया। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में कांग्रेस संगठन में खलबली मचाएंगे। देखना होगा कि इन सब हालातों पर पायलट की क्या प्रतिक्रिया होती है। 
एस.पी.मित्तल


जन्मदिन: बुजुर्गों के प्रति सम्मान

मां का सम्मान करने की प्रेरणा भी दी नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर।
गांधी नगर जाकर मां हीरा बा के साथ भोजन किया। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 69वें जन्मदिन पर मां का सम्मान करने की प्रेरणा भी दी है। ऐसा नहीं कि लोग अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते। लेकिन समाज में उपभोक्तावादी संस्कृति और एकल परिवार की प्रवृत्ति बढऩे से माता-पिता स्वयं को उपेक्षित समझ रहे हैं। जन्मदिन के मौके पर अनेक परिवार किसी रिसोर्ट या होटल में लंच डिनर करने जाते हैं, कुछ लोग अपने माता-पिता को भी साथ ले जाते हैं, लेकिन महानगरों में नौकरी करने वाले बेटे-बहू तो अपने हाल में ही मस्त रहते हैं। कुछ समझदार बहुएं कोरियर से सास-ससुर को गिफ्ट भिजवा देती हैं, ताकि माल के बंटवारे का ख्याल बना रहे। हम सब जानते हैं कि परिवार में बुजुर्गों की स्थिति कैसी है? लेकिन वो लोग भाग्यशाली है जो अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेते हैं। ऐसे लोगों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल है। आज हर क्षेत्र में मोदी को सफलता मिल रही है। भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने का काम कोई छोटा नहीं है। एक समय था, तब चर्चा करने मात्र से आग के गोले भड़क उठते थे, लेकिन मोदी ने 370 को हटा दिया और आज जम्मू-कश्मीर में शांति भी है। ऐसी सफलताओं के पीछे मां हीरा बा का आशीर्वाद भी है। जो लोग अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं उन्हें नरेन्द्र मोदी की तरह अपनी मां का सम्मान करना चाहिए। एक मां के लिए इससे ज्यादा खुशी और क्या हो सकती है कि जन्मदिन के मौके पर बेटा साथ खाना खा रहा है। ऐसे खुशी के माहौल में मां के दिल से जो आशीष निकलेगा उससे और सफलता मिलेगी। जो लोग जन्मदिन के मौके पर सोशल मीडिया में फोटो पोस्ट करते हैं उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरणा भी लेनी चाहिए। मोदी ने मां के साथ खाना खाते हुए फोटो जारी किया है। यह फोटो अपने आप में बुजुर्गों के प्रति सम्मान करने की प्रेरणा देता है। 
एस.पी.मित्तल


नमो सेना का निशुल्क स्वास्थ्य शिविर

नमो सेना इंडिया का निशुल्‍क स्वास्थ्य शिविर 
मोहित श्रीवास्तव
गाजियाबाद,लोनी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर देश में विभिन्न संगठन और संस्थाओं के द्वारा विभिन्न तरीके से जन्मदिन मनाया गया। जिसके अंतर्गत नमो सेना इंडिया के द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। दिल्ली-सहारनपुर रोड स्थित लोनी इंटर कॉलेज के पास संगठन के द्वारा कैंप लगाकर सैकड़ों लोगों की निशुल्क जांच की। संगठन के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष एडवोकेट धर्मेंद्र बैसोया ने बताया नमो सेना इंडिया का उद्देश्य स्वास्थ्य, जनसंख्या नियंत्रण, प्रदूषण आदि विषयों पर जागरूकता फैलाना है। डॉ विजय बैसोया एवं सहयोगियों के द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवा वितरण की। इस अवसर पर क्षेत्र क्षेत्रीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कैंप में पहुंचकर संगठन एवं डॉक्टरों की टीम का उत्साह वर्धन किया।  इस अवसर पर कुलदीप सिंह, सचिन बसोया, पिंटू नंबरदार, सुमी बसोया आदि उपस्थित लोगों के द्वारा केक काटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के जन्मदिन की एक दूसरे को बधाई देते हुए इस आयोजन को सफल बनाया।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...