शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन

सन्दीप मिश्रा


अमेठी। सरकार द्वारा लगातार बढ़ाई जा रही विद्युत दरें व वाहनों पर भारी जुर्माना राशि को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य सुनीता सिंह ने उपजिलाधिकारी तिलोई सुनील कुमार त्रिवेदी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है।
इस बीच कांग्रेस नेत्री सुनीता सिंह के आह्वान पर हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं,सदस्यों व आमजनता ने अमेठी जिले के कस्बा मोहनगंज चौराहे से तहसील परिसर तक सरकार की तानाशाही व जनविरोधी नीतियों के विरोध में विशाल प्रदर्शन कर रोष प्रकट किया। कांग्रेस नेत्री सुनीता सिंह ने बोलते हुए कहा कि वर्तमान सरकार पूरी तरह से अपनी मनमानी व तानाशाही पर उतर आई है। जो गरीबों,शोषितों,किसानों,मजदूरों की समस्याओं की अनदेखी करते हुए सबसे ज्यादा ऐसे ही तबके के लोगों के घरों में लगे कनेक्शनों पर भारी बिल राशि अपने सम्बन्धित अधीनस्तों के माध्यम से वसुलवा कर अपना खजाना भरने का काम कर रही है। 
यदि बात वाहनों की जाए तो प्रदेश में ऐसी स्थिति पैदा हो गयी है कि लोग घरों से वाहन निकालने में भी कतराने लगें हैं सरकार द्वारा वाहनों पर जबरन थोपे गये भारी जुर्माने राशि को लेकर त्राहि त्राहि कर रहें हैं। लेकिन वर्तमान तानाशाही सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। 
इसके अतिरिक्त यदि बात अमेठी के तहसील तिलोई की विद्युत व्यवस्था की जाए तो यहां हर दूसरे दिन रात्रि दस बजे बिजली गुल कर अगले दिन बारह बजे बिजली उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। 
कांग्रेस नेत्री के मुताबिक सरकार के साथ साथ उनके अधिकारी भी अपनी तानाशाही पर उतर आये हैं। जिसका नतीजा तिलोई क्षेत्र में साफ देखा जा रहा हैै। यहां ऐसे लोग देखें जा सकते हैं जिनकी माली हालत अत्यन्त दैयनीय है एक जून की रोजी रोटी को मोहताज हैं फिर भी ऐसे दैयनीय लोगों की बिजली बिल एक लाख,दो लाख व चार लाख बनाकर पकड़ा दी गयी।यह मनमानी तिलोई में खुलेआम मोहनगंज विद्युत कर्मियों व अधिकारियों द्वारा की जा रही है। सुनीता सिंह के मुताबिक अमेठी सांसद स्मृति जुबिन ईरानी द्वारा कागजी रूप से अमेठी में करोड़ों,अरबों रूपयों की सौगातों का फर्जी पिटारा खोल ढिढोरा पीट कर अमेठी की जनता को छलने का कार्य किया जा रहा है। लेकिन यदि बात जमीनी धरातल की जाए तो हकीकत कुछ और ही बयां होते देखी जा रही है।
“”अमेठी की जनता सड़कों,तहसीलों,पावर हाउसों,थानों,बाजारों व लगभग प्रत्येक सरकारी विभागों में खुलेआम लूटी जा रही है और सांसद महोदया पर्चून की दुकान पर कुरकुरे खा रही हैं””
कांग्रेस नेत्री ने बोलते हुए कहा कि एक तरफ सांसद महोदया अमेठी में मौजूद ऐसी की हवा में रात्रि गुजार रहीं हैं तो वहीं दूसरी तरफ अमेठी की जनता अंधेरे में रात्रि काट कर मच्क्षरों से अपना खून चुसवा रही है। 
उन्होंने बोलते हुए कहा कि अमेठी की जो हालत वर्तमान बीजेपी सरकार में हो गयी वह कांग्रेस सरकार में नहीं थी। जिसका साफ उदाहरण देखा जा सकता है कि सांसद महोदया की अमेठी मे मौजूदगी होने पर भी अमेठी की आधी आबादी बारह घंटे अन्धेरे में जागकर रात्रि काट रही है।
इस दौरान कांग्रेस नेत्री सुनीता सिंह के अलावां भारी संख्या मे स्थानीय कांग्रेस नेता,कार्यकर्ता,पदाधिकारी व जनसैलाब मौजूद था।कांग्रेस द्वारा सरकार की जनविरोधी नीतियों के बिरोध में प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की द्रष्टि से क्षेत्राधिकारी तिलोई राजकुमार सिंह,कोतवाली प्रभारी राजेश कुमार सिंह व अन्य थानों की पुलिस बल के अलावां पीएसी बल भी मुश्तैद दिखाई दे रहा था।


तब्‍सूम ने मांगी धरने के लिए परमिशन

शामली। कैराना सपा विधायक नाहिद हसन की माता पूर्व सांसद तबस्सुम हसन सांसद 16 सितंबर को तहसील मुख्यालय पर धरने के लिए एसडीएम को आवेदन पत्र दिया है। अनुमति से पूर्व जांच के लिए आवेदन पत्र पुलिस व खुफिया विभाग को प्रेषित कर दिया गया है। गौरतलब है कि 9 सितंबर को झिंझाना रोड पर अपने खेत की ओर जा रहे, सपा विधायक नाहिद हसन की गाड़ी के कागज दिखाने को लेकर एसडीएम डॉ अमित पाल शर्मा व सीओ राजेश कुमार तिवारी से तीखी नोकझोंक हो गई थी। मामले में विधायक ने एसडीएम पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। घटना के अगले ही दिन इसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालय पर हंगामा प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन देकर विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और विधानसभा सदस्यता निरस्त करने की मांग की यह मामला तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है। मामले को लेकर गुरुवार को विधायक नाहिद हसन की माता एवं पूर्व सांसद तबस्सुम हसन ने एसडीएमा कार्यालय में धरने के लिए पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने 16 सितंबर को तहसील मुख्यालय पर धरने के लिए अनुमति मांगी है। साथ ही धरने में 50 हजार  से 1 लाख  तक लोगों की भीड़ जुटने की संभावना जताई है। एसडीएम डॉ अमित पाल शर्मा का कहना है कि पूर्व सांसद की ओर से धरने के लिए आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है। जिसे जांच के लिए पुलिस एलआयू को भेज दिया गया है। जांच के बाद ही अनुमति दी जाएगी।


दुख:विसर्जन में नाव पलटने से 11 की मौत

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवर तड़के गणपति विसर्जन के दौरान नाव पलटने से 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग लापता हैं। यह घटना करीब 4 बजे हुई जब काफी संख्या में लोग नाव पर सवार होकर खाटलपुरा घाट पर गणपति को विसर्जित करने के लिए जा रहे थे। घटनास्थल पर बचाव और राहत कार्य जारी है।


एएसपी अखिल पटेल ने इस हादसे पर कहा कि नाव पर से 16 लोगों का रेस्क्यू किया है, जिनमें से पांच लोगों को बचाया गया है और हमने अब तक 11 शव बरामद किए हैं। हालांकि, तलाशी अभियान चल रहा है और हम अन्य लोगों को भी बचाने की कोशिश कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, केवल ये लोग ही यहां डूब गए थे, मगर हम अभी भी मामले में खोजबीन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि “यह घटना सुबह लगभग 4:30 बजे हुई। अन्य अधिकारियों और पेशेवर तैराकों के साथ घटनास्थल पर कम से कम 40 पुलिस कर्मी मौजूद हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) की टीम भी मौके पर मौजूद है।


करंट:1200 अधिकारियों ने मारे 336 छापे

नई दिल्ली। जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय और राजस्व खुफिया महानिदेशालय ने पूरे देश में एक साथ 336 स्थानों पर छापा मारकर निर्यातकों द्वारा लगातार फर्जी तरीके से आईजीएसटी रिफंड के लिए किये जा रहे दावों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुये 470 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट और इसके आधार पर 450 करोड़ रुपये के आईजीएसटी रिफंड के दावों का भंडाफोड़ किया है।


आधिकारिक सूत्राें ने गुरूवार को यहां यह जानकारी देते हुये कहा कि कल की गयी छापेमारी में 1200 से अधिकारी शामिल थे। यह कार्रवाई दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में 336 स्थानों पर की गयी।केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने पहली बार एक साथ 336 स्थानों पर कार्रवाई की है जिसमें करीब 1200 अधिकारी शामिल थे। सूत्रों ने कहा कि डेटा विश्लेषण के आधार पर यह जानकारी मिली कि कुछ निर्यातक आईजीएसटी के आधार पर निर्यात कर रहे हैं और यह फर्जी या बहुत कम आपूर्ति दिखा कर पूरा इनपुट टैक्स क्रेडिट भी ले रहे हैं। निर्यात पर आईजीएसटी रिफंड का दावा किया जाता है।


सावधान:गूगल प्ले स्टोर से हटाए 24 ऐप्‍स

न्यूयॉर्क। गूगल प्ले स्टोर पर कुछ नए ऐप्स मैलवेयर से प्रभावित मिले हैं। इन ऐप्स ने भारत समेत दुनियाभर के कई देशों के यूजर्स को टारगेट किया है। ऐप्स में जो मैलेवयर पाया गया है उसका नाम जोकर है और ये काफी खतरनाक है। ये मैलवेयर चुपके से सब्सक्रिप्शन सर्विसेज के लिए यूजर्स का साइन अप कर रहा है। जिसकी भनक भी यूजर्स को नहीं लग रही है. हैरानी की बात है कि ये ऐसे सब्सक्रिप्शन हैं। जिनमें यूजर्स को कई महीनों तक पेमेंट करना पड़ सकता है। इस मैलवेयर से काफी देश प्रभावित हुए हैं।


इनमें ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, चीन, साइप्रस, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, घाना, ग्रीस, होंडुरास, भारत, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इटली, कुवैत, मलेशिया, म्यांमार, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, कतर, अर्जेंटीना, सर्बिया, सिंगापुर, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, तुर्की, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश शामिल हैं।


मैलवेयर प्रभावित ज्यादातर ऐप्स ने यूरोपीय और एशियाई देशों को खासतौर पर टारगेट किया है। इन मैलवेयर्स को एग्जीक्यूट होने के लिए यूजर्स द्वारा सिम कार्ड यूज किए जाने की जरूरत होती है। कुल 24 ऐप्स मैलवेयर से प्रभावित हुए हैं। इन ऐप्स को करीब-करीब 472,000 बार डाउनलोड किया गया है। साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर ने इंफेक्टेड ऐप्स को गूगल ने प्ले स्टोर से हटा दिया है।अगर आपने इनमें से किसी भी ऐप को अपने फोन में डाउनलोड किया है, तो उन्हें अनइंस्टॉल कर दें। साथ ही अपने बैंक स्टेटमेंट चेक कर लें कि कहीं किसी सब्सक्रिप्शन के लिए आपको चार्ज तो नहीं किया गया है।


मजाक: इमरान का 58 देशों को धन्यवाद

नई दिल्ली। कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान को हर दर पर निराशा ही हाथ लगी है। चीन को छोड़कर किसी भी देश ने उसको गंभीरता से नहीं लिया। खुद पाकिस्तान के गृहमंत्री ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि इस मुद्दे पर दुनिया भारत के साथ है, लेकिन इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने एक और झूठ के लिए हंसी का पात्र बन गए हैं। उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में कथित समर्थन के लिए 58 देशों को धन्यवाद दिया है, जबकि इसमें कुल 47 सदस्य देश ही हैं।


इमरान खान ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'मैं उन 58 देशों की सराहना करता हूं जिन्होंने 10 सितंबर को मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान का साथ देकर विश्वसमुदाय की मांग को मजबूती दी कि भारत कश्मीर में बल प्रयोग रोके, प्रतिबंध हटाए, कश्मीरियों के अधिकारों की रक्षा हो और संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का समाधान किया जाए।' इस ट्वीट के साथ ही इमरान खान का झूठ भी सामने आ गया। ट्वीटर यूजर्स ने जमकर उनका मजाक उड़ाया और इसमें पाकिस्तानी भी पीछे नहीं हैं। ट्वीट के जवाब में सैकड़ों लोगों ने उनसे पूछा कि जनाब इमरान खान, मानवाधिकार परिषद में कुल 47 ही सदस्य हैं तो 58 देशों ने कैसे आपका समर्थन कर दिया? पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने इमरान की चुटकी लेते हुए ट्वीट किया , 'क्या संयुक्त राष्ट्र का मानवाधिकार आयोग 47 देशों से मिलकर नहीं बना है? हालांकि, पीएम 58 देशों को धन्यवाद देना चाहते हैं। मुझे लगता है वे जिन्न भी गिन रहे हैं।'


शिव नाम के एक यूजर ने लिखा, 'क्या इन 58 देशों में बलूचिस्तान, सिंधुदेश और पस्तुनिस्तान भी शामिल है? मौजूदा UNHRC में 47 सदस्य देश हैं।'


विदेश मंत्रालय ने भी ली चुटकी


भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि पाकिस्तान ने 60 देशों के सर्थन का दावा किया है तो उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान ही बता सकता है। जब कुल 47 ही देश मानवाधिकार परिषद में हैं तो उन्हें 60 देशों ने कैसे समर्थन दे दिया। रवीश कुमार ने कहा, 'अगर उन्हें कोई समर्थन मिला होता तो आपको पता चल चुका होता। क्योंकि वो यूएनएचआरसी की कोई गुप्त बैठक नहीं थी। जहां तक मैंने जॉइंट स्टेटमेंट के बारे में सुना है, जिसकी सूची वो जारी करने वाले हैं ये दावा करते हुए कि उन देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया। मुझे लगता है कि आपको इसके बारे में उन्हीं से पूछना होगा। हमारे पास ऐसी कोई सूची नहीं है। आपको यह समझना होगा कि UNHRC में भारत और पाकिस्तान सहित कुल 47 सदस्य देश हैं। वो 60 का दावा कर रहे हैं और ऐसा लगता है कि उन्होंने तय संख्या को भी पार कर लिया है। इस वक्त उनकी हालत ऐसी है जिसमें वो पूरी तरह हताश हो चुके हैं और इसी वजह से इस तरह के झूठे दावे कर रहे हैं।'


सरकारी खजाने से 86 लाख का टैक्स भरा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक चार दशक पुराने कानून की वजह से मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा जाता है, क्योंकि इसमें उन्हें गरीब बताते हुए कहा गया है कि वे अपनी कम आमदनी से इनकम टैक्स नहीं भर सकते हैं। हालांकि, चुनाव के दौरान जमा किए जाने वाले शपथपत्रों को देखें तो इनमें से कई मंत्रियों के पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति होती है और महंगी गाड़ियों में चलते हैं। अमीर नेताओं का भी टैक्स चुकाने वाला यह राज्य सबसे गरीब प्रदेशों की सूची में है।


19 सीएम बदले लेकिन कानून कायम रहा


उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंसेज ऐंड मिसलेनीअस ऐक्ट, 1981 में बनाया गया था, जब वीपी सिंह मुख्यमंत्री थे। उनके बाद से राज्य में 19 मुख्यमंत्री बदले, लेकिन यह कानून अपनी जगह कायम रहा। वीपी सिंह के बाद समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की मायावती, कांग्रेस से नारायण दत्त तिवारी, वीर बहादुर सिंह और बीजेपी से कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, राम प्रकाश गुप्त और अब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। यही नहीं अलग-अलग दलों के करीब 1000 नेता भी इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद मंत्री बन चुके हैं।


'टैक्स का भार राज्य सरकार उठाएगी'


विधानसभा से बिल पास किए जाने के दौरान तत्कालीन सीएम और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने कहा था कि राज्य सरकार इनकम टैक्स का बोझ उठाए, क्योंकि अधिकतर मंत्री गरीब हैं और उनकी आमदनी बहुत कम है। ऐक्ट के एक सेक्शन में कहा गया है, 'सभी मंत्री और राज्य मंत्रियों को पूरे कार्यकाल के दौरान प्रति माह एक हजार रुपये सैलरी मिलेगी। सभी डेप्युटी मिनिस्टर्स को प्रतिमाह 650 रुपये मिलेंगे।' इसमें कहा गया है 'उपखंड 1 और 2 में उल्लेखित वेतन टैक्स देनदारी से अलग है और टैक्स का भार राज्य सरकार उठाएगी।'


इस वित्तीय वर्ष में भरा गया 86 लाख का टैक्स


पिछले दो वित्त वर्ष से योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री भी सरकारी खजाने से ही टैक्स भर रहे हैं। इस वित्त वर्ष में योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रियों का कुल टैक्स 86 लाख रुपये था जो सरकार की ओर से दिया गया है। उत्तर प्रदेश के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (फाइनैंस) संजीव मित्तल ने इस बात की पुष्टि की कि 1981 के कानून के तहत मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों का टैक्स राज्य सरकार की ओर से भरा गया है।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...