उत्तर-प्रदेश में पुलिस विभाग ने अब होमगार्ड्स की सेवा ना लेने की तैयारी कर रहा है और अगर ऐसा होता है तो इसका असर अब तक पुलिस विभाग में तैनात करीब 25 हजार होमगार्ड्स की तैनाती पर पड़ सकता है।
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश में पुलिस विभाग ने अब होमगार्ड्स की सेवा ना लेने की तैयारी कर रहा है और अगर ऐसा होता है तो इसका असर अब तक पुलिस विभाग में तैनात करीब 25 हजार होमगार्ड्स की तैनाती पर पड़ सकता है। प्रदेश में पुलिस विभाग के थानों, और ट्रैफिक में करीब 25 हाजर जवान तैनात हैं लेकिन गृह विभाग पुलिस में तैनात इन होमगार्ड्स को अब वापस उनके विभाग में भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके पीछे वजह बजट की कमी होना बताया जा रहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार होमगार्ड स्वयंसेवकों को पुलिस के बराबर वेतन और एरियर देने पर सहमत हो गई है। सरकार प्रदेश के होमगार्डों को दिल्ली के होमगार्डों को दिए जा रहे ड्यूटी भत्ते के बराबर भुगतान करेगी। एरियर भुगतान की कट ऑफ डेट भी तय कर दी गई है। कोर्ट के आदेश पर अब होमगार्डस को 500 के बजाय 672 रुपये दैनिक भत्ता मिलेगा। चूंकि जो होमगार्डस जिस विभाग में तैनात होते हैं, उसी विभाग को उनका दैनिक भुगतान करना होता है। ऐसे में पुलिस विभाग में तैनात करीब 25 हाजर होमगार्डस का भुतान भी पुलिस विभाग को ही करना पड़ता है। अब जबकि कोर्ट के आदेश के बाद होम गार्ड्स का दैनिक भत्ता 500 के बजाय 672 रुपये हो चुका है, लिहाजा गृह विभाग में प्रति होमगार्ड 172 रुपये रोजाना का खर्च बढ़ जाएगा और शायद इसी खर्चें की कटौती के लिए पुलिस विभाग अब इन होमगार्ड्स को हटाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में अचानक इतनी बड़ी संख्या में होमगार्ड्स की तैनाती कही और नहीं हो पाएगी। लिहाजा होमगार्ड्स की बेरोजगारी बड़ी समस्या हो जाएगी। प्रदेश में 92 हजार होमगार्ड हैं। इनमें से करीब 87 हजार ड्यूटी कर रहे हैं। हालांकि इनकी बड़ी तैनीती पुलिस विभाग में होती है। पुलिस बल की संख्या कम होने की वजह से पुलिस विभाग होमगार्डस की सेवाएं लेता है। होमगार्ड विभाग मंत्री चेतन चौहान का कहना है कि अभी आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन पता चला है कि गृह विभाग ऐसी तैयारी कर रहा है। अगर पुलिस विभाग 25 हजार होमगार्डस की तैनाती खत्म करता है तो वो सभी वापस होमगार्ड विभाग में आ जाएंगें। हालांकी इसका नुकसान भी होगा। जो उन्हें दैनिक भत्ता मिलता है वो तब तक नहीं मिल पाएगा। जबतक उनकी तैनाती कहीं और नहीं हो जाती।