गुरुवार, 12 सितंबर 2019

आज का दिन शानदार रहेगा: कुंभ

राशिफल


मेष-मेष राशि के लोगों का दिन शुभ होगा। आपके काम और काम के प्रति अच्छे व्यवहार से लोग प्रभावित हो सकते है। बेरोजगारों को आज रोजगार मिल सकता है। यात्रा करनी पड़ सकती है, धन लाभ हो सकता है।


वृषभ-वृषभ राशि के लोगों का दिन अच्छा बितने वाला है। आज के दिन आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। पारिवार में सुख-शांति का बनी रहेगी। छात्रों का पढ़ाई में मन लगा रहेगा। किसी बड़े काम में सफलता हाथ लग सकती है।


मिथुन-मिथुन राशि के लोगों का दिन अच्छा बीतेगा। धन लाभ के पूरे संयोग बने हुए हैं। काम के प्रति दिल लगा रहे हैं। सेहत में थोड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है।


कर्क-कर्क राशि के लोगों का दिन अच्छा रहेगा। आज दोस्त की मदद से आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता है। मां बाप के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। पढ़ाई में मन लगा रहेगा।


सिंह-सिंह राशि के लोगों का दिन काफी अच्छा बीतने वाला है। आज परिवार के लोगों के साथ अच्छा समय बीतेगा। पेट से जुड़ी कोई समस्या हो सकती है।


कन्या-कन्या राशि के लोगों का दिन हो सकता है। आज आपके अधुरे हुए काम पूरे होंगे। सेहत शानदार रहेगी। बाहर के खाने से दूरी बनाए। पेट के रोग से मुक्ति मिलेगी।


तुला-तुला राशि के लोगों का दिन शुभ रहेगा। आज सेहत में गिरावट हो सकती है। काम का ओवरलोड हो सकता है। परिवार के साथ किसी जगह की यात्रा का योग बन सकता है। घर पर समय बिताएं।


वृश्चिक-वृश्चिक राशि के लोगों का दिन अच्छा होगा। सेहत अच्छी रहेगी। सेहतमंद रहने के लिए फलों का सेवन करना बेहतर रहेगा। बाहर के खाने से दूरी बनाए। पेट के रोग से मुक्ति मिलेगी।


धनु-धनु राशि के लोगों का दिन शुभ होगा। किसी पुराने दोस्त से मुलाकात हो सकती है। संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। शादी के योग बन रहे हैं। बात करेंगे तो बन जाएगी।


मकर-मकर राशि के लोगों का दिन थोड़ा भारी बितेगा। आज आपका ध्यान अध्यात्म की ओर रहेगा। कोई जरूरी काम आज पक्ष में रहेगा। काम में कोई हाथ बटा सकता है। परिवार में थोड़ा मतभेद हो सकती है।


कुंभ-कुंभ राशि के लोगों का दिन शानदार रहेगा। आज माता-पिता की सलाह से कार्य करे। समाज में लोग आपके व्यावहार से प्रसन्न होगें। धन सम्बंधी मामले आज सुधर जाएंगे। दोस्तों के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा।


मीन-मीन राशि के लोगों का दिन अच्छा जाएगा। जीवन में परिवर्तन लाने का मौका मिलेगा। जीवनसाथी का पूरा साथ मिलेगा। दोस्त मुसीबत में साथ खड़े होंगे।


शारीरिक पदार्थों का आवश्यक तत्व

ऑक्सीजन पृथ्वी के अनेक पदार्थों में रहता है जैसे पानी और वास्तव में अन्य तत्वों की तुलना में इसकी मात्रा सबसे अधिक है। ऑक्सीजन, वायुमंडल में स्वतंत्र रूप में मिलता है और आयतन के अनुसार उसका लगभग पाँचवाँ भाग है। यौगिक रूप में पानी, खनिज तथा चट्टानों का यह महत्वपूर्ण अंश है। वनस्पति तथा प्राणियों के प्राय: सब शारीरिक पदार्थों का ऑक्सीजन एक आवश्यक तत्व है।


हॉफमान के वोल्टामीटर में जल के विद्युत अपघटन से हाइद्रोजन और आक्सीजन उत्पन्न होतीं हैं।
कई प्रकार के आक्साइडों (जैसे पारा,चाँदी इत्यादि के) अथवा डाइआक्साइडों (लेड, मैंगनीज़, बेरियम के) तथा ऑक्सीजन वाले बहुत से लवणों (जैसे पोटैशियम नाइट्रेट, क्लोरेट, परमैंगनेट तथा डाइक्रोमेट) को गरम करने से ऑक्सीजन प्राप्त हो सकता है। जब कुछ पराक्साइड पानी के साथ प्रक्रिया करते हैं तब भी ऑक्सीजन उत्पन्न होता है। अत: सोडियम पराक्साइड तथा मैंगनीज़ डाइआक्साइड या चूने के क्लोराइड का चूर्णित मिश्रण (अथवा इसी प्रकार के अन्य मिश्रण भी) ऑक्सीजन उत्पादन के लिए प्रयुक्त होते हैं। हाइपोक्लोराइड अथवा हाइपोब्रोमाइट (जैसे चूर्ण विरंजन) के विघटन से या गंधक के अम्ल तथा मैंगनीज़ डाइआक्साइड या पोटैशियम परमैंगनेट की क्रिया से भी ऑक्सीजन मिलता है। गैसे की थोड़ी मात्रा तैयार करने के लिए हाइड्रोजन पराक्साइड अकेले अथवा उत्प्रेरक के साथ अधिक उपयुक्त है।


जब बेरियम आक्साइड को तप्त किया जाता है (लगभग 500 डिग्री सें. तक) तब वह हवा से ऑक्सीजन लेकर पराक्साइड बनाता है। अधिक तापक्रम (लगभग 800 डिग्री सें.) पर इसके विघटन से ऑक्सीजन प्राप्त होता है तथा पुन: उपयोग के लिए बेरियम आक्साइड बच रहता है। औद्योगिक उत्पादन के लिए ब्रिन विधि इसी क्रिया पर आधारित थी। ऑक्सीजन प्राप्त करने के विचार से कुछ अन्य आक्साइड भी (जैसे ताँबा, पारा आदि के आक्साइड) इसी प्रकार उपयोगी हैं। हवा से ऑक्सीजन अलग करने के लिए अब द्रव हवा का अत्यधिक उपयोग होता है, जिसके प्रभाजित आसवन से ऑक्सीजन प्राप्त किया जाता है, पानी के विद्युत्श्लेषण से जलजनके उत्पादन में ऑक्सीजन भी उपजात के रूप में मिलता है।


संसार-साधन के स्वामी 'श्री गणेश'

गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन डिंक नामक मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें प्रथमपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपत्य कहलाता है।


कथा 
प्राचीन समय में सुमेरू पर्वत पर सौभरि ऋषि का अत्यंत मनोरम आश्रम था। उनकी अत्यंत रूपवती और पतिव्रता पत्नी का नाम मनोमयी था। एक दिन ऋषि लकड़ी लेने के लिए वन में गए और मनोमयी गृह-कार्य में लग गई। उसी समय एक दुष्ट कौंच नामक गंधर्व वहाँ आया और उसने अनुपम लावण्यवती मनोमयी को देखा तो व्याकुल हो गया।


कौंच ने ऋषि-पत्नी का हाथ पकड़ लिया। रोती और काँपती हुई ऋषि पत्नी उससे दया की भीख माँगने लगी। उसी समय सौभरि ऋषि आ गए। उन्होंने गंधर्व को श्राप देते हुए कहा 'तूने चोर की तरह मेरी सहधर्मिणी का हाथ पकड़ा है, इस कारण तू मूषक होकर धरती के नीचे और चोरी करके अपना पेट भरेगा। काँपते हुए गंधर्व ने मुनि से प्रार्थना की-'दयालु मुनि, अविवेक के कारण मैंने आपकी पत्नी के हाथ का स्पर्श किया था। मुझे क्षमा कर दें। ऋषि ने कहा मेरा श्राप व्यर्थ नहीं होगा, तथापि द्वापर में महर्षि पराशर के यहाँ गणपति देव गजमुख पुत्र रूप में प्रकट होंगे (हर युग में गणेशजी ने अलग-अलग अवतार लिए) तब तू उनका डिंक नामक वाहन बन जाएगा, जिससे देवगण भी तुम्हारा सम्मान करने लगेंगे। सारे विश्व तब तुझें श्रीडिंकजी कहकर वंदन करेंगे।


गणेश को जन्म न देते हुए माता पार्वती ने उनके शरीर की रचना की। उस समय उनका मुख सामान्य था। माता पार्वती के स्नानागार में गणेश की रचना के बाद माता ने उनको घर की पहरेदारी करने का आदेश दिया। माता ने कहा कि जब तक वह स्नान कर रही हैं तब तक के लिये गणेश किसी को भी घर में प्रवेश न करने दे। तभी द्वार पर भगवान शंकर आए और बोले "पुत्र यह मेरा घर है मुझे प्रवेश करने दो।" गणेश के रोकने पर प्रभु ने गणेश का सर धड़ से अलग कर दिया। गणेश को भूमि में निर्जीव पड़ा देख माता पार्वती व्याकुल हो उठीं। तब शिव को उनकी त्रुटि का बोध हुआ और उन्होंने गणेश के धड़ पर गज का सर लगा दिया। उनको प्रथम पूज्य का वरदान मिला इसीलिए सर्वप्रथम गणेश की पूजा होती है।


बारह नाम 


गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश,विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। उपरोक्त द्वादश नाम नारद पुराण में पहली बार गणेश के द्वादश नामवलि में आया है। विद्यारम्भ तथ विवाह के पूजन के प्रथम में इन नामो से गणपति के अराधना का विधान है।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता (धर्मवाद)

गतांक से...
इसलिए प्रत्येक मानव को प्रत्येक मेरी पुत्री को, प्रत्येक माता को, प्रत्येक ऋषि-मुनि को अपने जीवन में अनुसंधान की आवश्यकता है और प्रतिभा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। जिससे यह संसार ऊंचा बनता है महान बनता है, पवित्र बनता है और उस पवित्रता को लाने के लिए मानव को तप की आवश्यकता होती है। यह है आज का हमारा वेद का ऋषि यह कह रहा है। आज के वेद के ऋषि की वार्ता को सुनकर के हमारी अंतरात्मा गदगद हो गई। यह कहा कि हम प्रत्येक रूप में यज्ञ करते हैं और यही हमारा धर्म है। और धर्म और मानवता का दोनों का घनिष्ठ संबंध रहता है। मानवता धर्म से ही संसार में ऊंचा बनता है धर्म में पिरोया हुआ है। यह संसार क्योंकि वाणी से लेकर के मानव की प्रत्येक इंद्रियां धर्म में पिरोई हुई है। एक सूत्र में पिरोई हुई है उन्हें कौन धारण करता है। जो जिज्ञासु होता है, जो विवेकी होता है। वही अपने मन में धारण करता है। अन्यथा इनको धारण नहीं किया जाता है। मैं विशेष चर्चा प्रकट करने नहीं आया हूं। आज मैं तुम्हें यह वाक्य प्रकट करने आया था कि प्रत्येक मानव, प्रत्येक देवकन्या को अपने जीवन को ऊंचा बनाना है। और मानवीय को महानता के मार्ग पर ले जाएं ।परमात्मा को प्राप्त होना है दर्शन को पाना है। हे मानव, मानव का दर्शन क्या है? मानव को अपने स्‍वत: अंतरात्मा में प्रवेश हो करके जाना चाहिए कि उसको स्‍वत: मानवीय दर्शन क्या है। अपने को जानना ही एक मानवता है जो यज्ञ हो रहा है। ब्रह्म समिधा स्वाहा कहकर के यज्ञ कर रहा है। स्‍वाहा का अभिप्राय क्या है जिससे अग्नि उद्धत होती है स्‍वाहा से अग्नि अद्भुत होती है। इस सवाल को हमने मेरे प्यारे आचार्य ऋषि-मुनियों ने वेद से जाना तो ऐसा कहा है कि जो मानव अग्नि के समीप विधमान होकर के स्‍वाहा कहता है। उसकी वाणी का परमाणु वाद जितने आकार का, वह मानव शरीर बना हुआ है उतने ही आकार का परमाणु वाद। मुनिवरो अग्नि की धाराओं पर विद्यमान हो करके वह अंतरिक्ष को प्राप्त हो जाता है। स्वाहा स्वच्छ होना चाहिए। स्‍वाहा ह्रदय से स्वच्छ होना चाहिए। जिससे कि वायुमंडल पवित्र बन जाए। ग्रह पवित्र बन जाए। मुझे स्मरण आता रहता है। मैंने वह अध्ययन किया हुआ अध्याय जो किसी काल में ब्रह्मा के पुत्र अथर्वा ने एक यज्ञ किया था। अपने गृह में एक यज्ञ किया था ।यज्ञ करने के पश्चात अपनी पत्नी से कहते हैं कि हे देवी एक संतान को जन्म देना है। जन्म देने से पूर्व एक यज्ञ करना है। उन्होंने छह माह तक ब्रह्मचर्य को धारण करके उन पति-पत्नी ने मुनिवरो देखो भयंकर वनों में संकल्प एकत्रित किया, औषधिया एकत्रित करने के पश्चात साकल्य एकत्रित करने के पश्चात उन्होंने यज्ञ किया और वह स्वाहा उच्चारण किया। स्वच्छ हृदय से,वेद मंत्रो से स्‍वाहा कहा, कहां व्यंजन आना चाहिए कहां स्वर होना चाहिए। यज्ञ करने के पश्चात उनके यहां एक महान बालक का जन्म हुआ। हमारे यहां यज्ञ की बहुत महिमा मानी गई है। प्रत्येक शुभ कर्म यज्ञ के द्वारा ही संपन्न होते हैं। आज का वाक्य अब हमारा समाप्त होने जा रहा है। वाक्य उच्चारण करने का अभिप्राय है कि हमें परमपिता परमात्मा की आराधना करते हुए इस संसार-सागर से पार हो जाना है अब वेदों का पठन-पाठन होगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 13, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-41 (साल-01)
2. शुक्रवार,13सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष पूर्णिमा आज,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 5:59,सूर्यास्त 6:41
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


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बुधवार, 11 सितंबर 2019

राम के नाम 141700 रूपयो का चालान

नई दिल्ली-बीकानेर। देश में 1 सितंबर से नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद ट्रैफिक नियमों  का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस एक्ट के लागू होने के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों से ट्रैफिक पुलिस द्वारा भारी-भरकम चालान वसूले जाने की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के एक ट्रक पर इतना भारी-भरकम ट्रैफिक चालान काटा गया है, जिसकी रकम सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। खबरों के अनुसार, राजस्थान के एक ट्रक मालिक के नाम दिल्ली में देश का अब तक का सबसे बड़ा चालान कटा है। ट्रक के मालिक का नाम भगवान राम है और ट्रैफिक नियम तोड़ने पर उनके ऊपर 1,41,700 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।


दरअसल, ट्रक मालिक राजस्थान के बीकानेर का रहने वाला है। राजस्थान निवासी भगवान राम को ट्रक में ओवरलोडिंग के चलते पांच सितंबर को पकड़ा गया था, जिसके बाद ट्रक में ओवरलोडिंग के लिए दिल्ली में भगवान राम के नाम 1,41,700 रुपये का चालान काट दिया गया। बता दें, ट्रक के मालिक ने बीते 9 सितंबर को रोहिणी जिला अदालत में इस भारी-भरकम जुर्माने की राशि का भुगतान किया है।


कोई भी राज्य कानून से बाहर नहीं:नितिन

नई दिल्ली। देश में 1 सितंबर से नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस एक्ट के लागू होने के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों से ट्रैफिक पुलिस द्वारा भारी-भरकम चालान वसूले जाने की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। वहीं इस कानून को लेकर मोदी सरकार और बीजेपी शासित राज्य आमने-सामने आए गए हैं।केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए यातायात कानून में गुजरात सरकार ने संशोधन कर जुर्माने की राशि घटा दी। उधर, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि कोई भी राज्य 'मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट' में बदलाव नही कर सकता है। नितिन गडकरी ने कहा, मैंने राज्यों से जानकारी ली है। अभी तक कोई भी ऐसा राज्य नहीं है, जिसने कहा हो कि इस कानून को लागू नहीं करेंगे। कोई भी राज्य इस कानून से बाहर नहीं जा सकता।


गडकरी के इस बयान और गुजरात सरकार द्वारा यातायात नियमों में किए गए बदलाव से साफ जाहिर होता है कि मोदी सरकार के फैसले से खुद बीजेपी की सरकारें ही समत नहीं हैं। खबरों के मुताबिक, अब तक सिर्फ 9 राज्यों में ही इस नए यातायात नियम को लागू किया गया है।केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब गुजरात की बीजेपी सरकार ने जुर्माने की राशि घटाने का ऐलान किया है। मंगलवार को रूपाणी सरकार ने खास तौर पर दोपहिया और कृषि के काम में लगे वाहनों को जुर्माने में खासी छूट देने का ऐलान किया। गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमारी सरकार ने नए यातायात नियमों की धारा 50 में बदलाव किया है और जुर्माने की राशि को कम कर दिया गया है।गुजरात में नए यातायात नियमों में किए गए बदलाव के अनुसार, अब हेलमेट नहीं पहनने पर जुर्माने की राशि को 1000 रुपये से घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है। सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना 1000 रुपये से घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है। वहीं बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने पर नए नियम के तहत 5000 रुपये जुर्माना है। गुजरात में बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने पर दो पहिया वाहन चालकों को 2 हजार रुपये और बाकी वाहन को 3 हजार रुपये अब जुर्माना देना होगा।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...