गुरुवार, 12 सितंबर 2019

संसार-साधन के स्वामी 'श्री गणेश'

गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन डिंक नामक मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें प्रथमपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपत्य कहलाता है।


कथा 
प्राचीन समय में सुमेरू पर्वत पर सौभरि ऋषि का अत्यंत मनोरम आश्रम था। उनकी अत्यंत रूपवती और पतिव्रता पत्नी का नाम मनोमयी था। एक दिन ऋषि लकड़ी लेने के लिए वन में गए और मनोमयी गृह-कार्य में लग गई। उसी समय एक दुष्ट कौंच नामक गंधर्व वहाँ आया और उसने अनुपम लावण्यवती मनोमयी को देखा तो व्याकुल हो गया।


कौंच ने ऋषि-पत्नी का हाथ पकड़ लिया। रोती और काँपती हुई ऋषि पत्नी उससे दया की भीख माँगने लगी। उसी समय सौभरि ऋषि आ गए। उन्होंने गंधर्व को श्राप देते हुए कहा 'तूने चोर की तरह मेरी सहधर्मिणी का हाथ पकड़ा है, इस कारण तू मूषक होकर धरती के नीचे और चोरी करके अपना पेट भरेगा। काँपते हुए गंधर्व ने मुनि से प्रार्थना की-'दयालु मुनि, अविवेक के कारण मैंने आपकी पत्नी के हाथ का स्पर्श किया था। मुझे क्षमा कर दें। ऋषि ने कहा मेरा श्राप व्यर्थ नहीं होगा, तथापि द्वापर में महर्षि पराशर के यहाँ गणपति देव गजमुख पुत्र रूप में प्रकट होंगे (हर युग में गणेशजी ने अलग-अलग अवतार लिए) तब तू उनका डिंक नामक वाहन बन जाएगा, जिससे देवगण भी तुम्हारा सम्मान करने लगेंगे। सारे विश्व तब तुझें श्रीडिंकजी कहकर वंदन करेंगे।


गणेश को जन्म न देते हुए माता पार्वती ने उनके शरीर की रचना की। उस समय उनका मुख सामान्य था। माता पार्वती के स्नानागार में गणेश की रचना के बाद माता ने उनको घर की पहरेदारी करने का आदेश दिया। माता ने कहा कि जब तक वह स्नान कर रही हैं तब तक के लिये गणेश किसी को भी घर में प्रवेश न करने दे। तभी द्वार पर भगवान शंकर आए और बोले "पुत्र यह मेरा घर है मुझे प्रवेश करने दो।" गणेश के रोकने पर प्रभु ने गणेश का सर धड़ से अलग कर दिया। गणेश को भूमि में निर्जीव पड़ा देख माता पार्वती व्याकुल हो उठीं। तब शिव को उनकी त्रुटि का बोध हुआ और उन्होंने गणेश के धड़ पर गज का सर लगा दिया। उनको प्रथम पूज्य का वरदान मिला इसीलिए सर्वप्रथम गणेश की पूजा होती है।


बारह नाम 


गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश,विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। उपरोक्त द्वादश नाम नारद पुराण में पहली बार गणेश के द्वादश नामवलि में आया है। विद्यारम्भ तथ विवाह के पूजन के प्रथम में इन नामो से गणपति के अराधना का विधान है।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता (धर्मवाद)

गतांक से...
इसलिए प्रत्येक मानव को प्रत्येक मेरी पुत्री को, प्रत्येक माता को, प्रत्येक ऋषि-मुनि को अपने जीवन में अनुसंधान की आवश्यकता है और प्रतिभा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। जिससे यह संसार ऊंचा बनता है महान बनता है, पवित्र बनता है और उस पवित्रता को लाने के लिए मानव को तप की आवश्यकता होती है। यह है आज का हमारा वेद का ऋषि यह कह रहा है। आज के वेद के ऋषि की वार्ता को सुनकर के हमारी अंतरात्मा गदगद हो गई। यह कहा कि हम प्रत्येक रूप में यज्ञ करते हैं और यही हमारा धर्म है। और धर्म और मानवता का दोनों का घनिष्ठ संबंध रहता है। मानवता धर्म से ही संसार में ऊंचा बनता है धर्म में पिरोया हुआ है। यह संसार क्योंकि वाणी से लेकर के मानव की प्रत्येक इंद्रियां धर्म में पिरोई हुई है। एक सूत्र में पिरोई हुई है उन्हें कौन धारण करता है। जो जिज्ञासु होता है, जो विवेकी होता है। वही अपने मन में धारण करता है। अन्यथा इनको धारण नहीं किया जाता है। मैं विशेष चर्चा प्रकट करने नहीं आया हूं। आज मैं तुम्हें यह वाक्य प्रकट करने आया था कि प्रत्येक मानव, प्रत्येक देवकन्या को अपने जीवन को ऊंचा बनाना है। और मानवीय को महानता के मार्ग पर ले जाएं ।परमात्मा को प्राप्त होना है दर्शन को पाना है। हे मानव, मानव का दर्शन क्या है? मानव को अपने स्‍वत: अंतरात्मा में प्रवेश हो करके जाना चाहिए कि उसको स्‍वत: मानवीय दर्शन क्या है। अपने को जानना ही एक मानवता है जो यज्ञ हो रहा है। ब्रह्म समिधा स्वाहा कहकर के यज्ञ कर रहा है। स्‍वाहा का अभिप्राय क्या है जिससे अग्नि उद्धत होती है स्‍वाहा से अग्नि अद्भुत होती है। इस सवाल को हमने मेरे प्यारे आचार्य ऋषि-मुनियों ने वेद से जाना तो ऐसा कहा है कि जो मानव अग्नि के समीप विधमान होकर के स्‍वाहा कहता है। उसकी वाणी का परमाणु वाद जितने आकार का, वह मानव शरीर बना हुआ है उतने ही आकार का परमाणु वाद। मुनिवरो अग्नि की धाराओं पर विद्यमान हो करके वह अंतरिक्ष को प्राप्त हो जाता है। स्वाहा स्वच्छ होना चाहिए। स्‍वाहा ह्रदय से स्वच्छ होना चाहिए। जिससे कि वायुमंडल पवित्र बन जाए। ग्रह पवित्र बन जाए। मुझे स्मरण आता रहता है। मैंने वह अध्ययन किया हुआ अध्याय जो किसी काल में ब्रह्मा के पुत्र अथर्वा ने एक यज्ञ किया था। अपने गृह में एक यज्ञ किया था ।यज्ञ करने के पश्चात अपनी पत्नी से कहते हैं कि हे देवी एक संतान को जन्म देना है। जन्म देने से पूर्व एक यज्ञ करना है। उन्होंने छह माह तक ब्रह्मचर्य को धारण करके उन पति-पत्नी ने मुनिवरो देखो भयंकर वनों में संकल्प एकत्रित किया, औषधिया एकत्रित करने के पश्चात साकल्य एकत्रित करने के पश्चात उन्होंने यज्ञ किया और वह स्वाहा उच्चारण किया। स्वच्छ हृदय से,वेद मंत्रो से स्‍वाहा कहा, कहां व्यंजन आना चाहिए कहां स्वर होना चाहिए। यज्ञ करने के पश्चात उनके यहां एक महान बालक का जन्म हुआ। हमारे यहां यज्ञ की बहुत महिमा मानी गई है। प्रत्येक शुभ कर्म यज्ञ के द्वारा ही संपन्न होते हैं। आज का वाक्य अब हमारा समाप्त होने जा रहा है। वाक्य उच्चारण करने का अभिप्राय है कि हमें परमपिता परमात्मा की आराधना करते हुए इस संसार-सागर से पार हो जाना है अब वेदों का पठन-पाठन होगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 13, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-41 (साल-01)
2. शुक्रवार,13सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष पूर्णिमा आज,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 5:59,सूर्यास्त 6:41
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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बुधवार, 11 सितंबर 2019

राम के नाम 141700 रूपयो का चालान

नई दिल्ली-बीकानेर। देश में 1 सितंबर से नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद ट्रैफिक नियमों  का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस एक्ट के लागू होने के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों से ट्रैफिक पुलिस द्वारा भारी-भरकम चालान वसूले जाने की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के एक ट्रक पर इतना भारी-भरकम ट्रैफिक चालान काटा गया है, जिसकी रकम सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। खबरों के अनुसार, राजस्थान के एक ट्रक मालिक के नाम दिल्ली में देश का अब तक का सबसे बड़ा चालान कटा है। ट्रक के मालिक का नाम भगवान राम है और ट्रैफिक नियम तोड़ने पर उनके ऊपर 1,41,700 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।


दरअसल, ट्रक मालिक राजस्थान के बीकानेर का रहने वाला है। राजस्थान निवासी भगवान राम को ट्रक में ओवरलोडिंग के चलते पांच सितंबर को पकड़ा गया था, जिसके बाद ट्रक में ओवरलोडिंग के लिए दिल्ली में भगवान राम के नाम 1,41,700 रुपये का चालान काट दिया गया। बता दें, ट्रक के मालिक ने बीते 9 सितंबर को रोहिणी जिला अदालत में इस भारी-भरकम जुर्माने की राशि का भुगतान किया है।


कोई भी राज्य कानून से बाहर नहीं:नितिन

नई दिल्ली। देश में 1 सितंबर से नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस एक्ट के लागू होने के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों से ट्रैफिक पुलिस द्वारा भारी-भरकम चालान वसूले जाने की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। वहीं इस कानून को लेकर मोदी सरकार और बीजेपी शासित राज्य आमने-सामने आए गए हैं।केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए यातायात कानून में गुजरात सरकार ने संशोधन कर जुर्माने की राशि घटा दी। उधर, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि कोई भी राज्य 'मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट' में बदलाव नही कर सकता है। नितिन गडकरी ने कहा, मैंने राज्यों से जानकारी ली है। अभी तक कोई भी ऐसा राज्य नहीं है, जिसने कहा हो कि इस कानून को लागू नहीं करेंगे। कोई भी राज्य इस कानून से बाहर नहीं जा सकता।


गडकरी के इस बयान और गुजरात सरकार द्वारा यातायात नियमों में किए गए बदलाव से साफ जाहिर होता है कि मोदी सरकार के फैसले से खुद बीजेपी की सरकारें ही समत नहीं हैं। खबरों के मुताबिक, अब तक सिर्फ 9 राज्यों में ही इस नए यातायात नियम को लागू किया गया है।केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब गुजरात की बीजेपी सरकार ने जुर्माने की राशि घटाने का ऐलान किया है। मंगलवार को रूपाणी सरकार ने खास तौर पर दोपहिया और कृषि के काम में लगे वाहनों को जुर्माने में खासी छूट देने का ऐलान किया। गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमारी सरकार ने नए यातायात नियमों की धारा 50 में बदलाव किया है और जुर्माने की राशि को कम कर दिया गया है।गुजरात में नए यातायात नियमों में किए गए बदलाव के अनुसार, अब हेलमेट नहीं पहनने पर जुर्माने की राशि को 1000 रुपये से घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है। सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना 1000 रुपये से घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है। वहीं बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने पर नए नियम के तहत 5000 रुपये जुर्माना है। गुजरात में बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने पर दो पहिया वाहन चालकों को 2 हजार रुपये और बाकी वाहन को 3 हजार रुपये अब जुर्माना देना होगा।


धोखेबाज मोदी परिवार को फांसी क्यों

सवाल आदर्श क्रेडिट सोसायटी के ग्राहकों के 14 हजार 800 करोड़ रुपए की वसूली का है। धोखेबाज मोदी परिवार को फांसी देने से कुछ नहीं होगा।
जांच एजेंसियों ने सहकारिता क्षेत्र के सबसे महाघोटाले में आदर्श क्रेडिट सोसायटी के खिलाफ 40 हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। सोसायटी के कर्ताधर्ता मुकेश मोदी, भरत मोदी और वीरेन्द्र मोदी के साथ-साथ उनके पुत्र, पुत्रियों, दामाद आदि को भी पकड़ लिया है। सब जानते हैं कि मोदी परिवार ने राजस्थान सहित कई राज्यों में सोसायटी की 806 शाखाएं खोली और अधिक ब्याज का लालच देकर 14 हजार 800 करोड़ रुपए 20 लाख ग्राहकों से एकत्रित कर लिए। जमा राशि में 12 हजार करोड़ रुपए अपने रिश्तेदारों की फर्जी कंपनियों में इनवेस्ट कर दिए। अब अधिकांश राशि खुर्दबुर्द हो चुकी है। भले ही मोदी परिवार जेल में हो और कोर्ट से फांसी की सजा भी हो जाए, लेकिन ग्राहकों को जमा राशि का क्या होगा? गरीब लोगों ने बड़ी मात्रा में सोसायटी में पैसा जमा करवाया। अपनी जिंदगी भर की मेहनत की कमाई से अधिक ब्याज के लालाच में मोदी परिवार को दे दी। इसे सरकार के कानून का लचीलापन ही कहा जाएगा कि सहकारिता के नियमों को ताक में रख जमा राशि खुर्दबुर्द की गई। सरकार को अब ऐसा तारीका निकालना चाहिए कि ग्राहकों को जमा राशि का भुगतान हो सके। सरकार यह अच्छी तरह समझ लें कि यदि ग्राहकों को भुगतान नहीं हुआ तो अनेक ग्राहक आत्महत्या कर लेंगे। सरकार को आदर्श क्रेडिट सोसायटी के ग्राहकों के दर्द को समझना चाहिए। 14 हजार 800 करोड़ रुपए की राशि बहुत होती है। सरकार आरोपी मोदी परिवार की सभी सम्पत्तियों को जब्त कर और ग्राहकों को पैसा लौटाए। धोखेबाज मोदी परिवार के लोगों को गिरफ्तार कर लेने से ग्राहकों का भला नहीं होने वाला। मोदी परिवार की धोखेबाजी का सबसे ज्यादा शिकार राजस्थानी हुए हैं। पाली, सिरोली, जालौर, बाड़मेर, जोधपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, नागौर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई सोसायटी में जमा करवाई है। सजा तो उन अधिकारियों को भी मिलनी चाहिए, जिनकी मिलीभगत से सोसायटी की राशि फर्जी कंपनियों को दी गई। सोसायटी के ग्राहकों को राहत दिलवाने की जिम्मेदारी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी है। गहलोत को केन्द्र सरकार से संवाद कर ग्राहकों का पैसा वापस करवाना चाहिए। जांच में यह भी पता लगाया जाए कि मुकेश मोदी जैसे धोखेबाज को किन किन राजनेताओं का संरक्षण था। राजनेताओं के संरक्षण के बगैर मोदी परिवार इतना बड़ा घोटाला नहीं कर सकता है। 
एस.पी.मित्तल


ओला-उबर के कारण बिक्री घटी,बेतुक

ओला-उबर के कारण कारों की बिक्री घटी, यह बेतूका तर्क है।
मोदी सरकार के मंत्री जले पर नमक छिड़कने वाले बयान नहीं दें। 
बाजार में मंदी का दौर। 

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार माने या नहीं, लेकिन बाजार में लगातार मंदी का दौर चल रहा है। छोटे दुकानदारों को अपने खर्चे निकालना भी मुश्किल हो रहा है। जिन लोगों ने किराए का परिसर लेकर कारोबार शुरू किया है ऐसे लोग किराया तक नहीं चुका पा रहे हैं। बैंकों की किश्त समय पर नहीं चुकाई जा रही है। यदि अक्टूबर में दीपावली पर बाजारों में अच्छी खरीददारी नहीं हुई तो हालात और बिगड़ेंगे। रियल स्टेट पहले ही मरा पड़ा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के सस्ते मकान और फ्लेट भी नहीं बिक रहे हैं। कर्मचारियों को तो प्रतिमाह मोटी तनख्वाह मिल जाती है। लेकिन व्यापारी वर्ग श्रमिक वर्ग आदि मंदी की वजह से परेशान है। इतनी परेशानी के बाद भी तीन माह पहले देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी को ही दोबारा से प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट दिया। वोट देने के अन्य कारण भी हो सकते हैं, लेकिन अब मोदी सरकार के मंत्रियों को लोगों के जले पर नमक छिड़कने वाले बयान नहीं देने चाहिए। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का कहना है कि ओला-उबर ऑन लाइन टैक्सी सेवा के कारण लोग अब कार नहीं खरीद रहे हैं। इसलिए ऑटो मोबाइल सेक्टर में मंदी का दौर चल रहा है। वित्त मंत्री का यह बेतूका तर्क है। जिस व्यक्ति को कार खरीदनी है वो खरीदेगा ही । ऐसे तो मकान किराए पर भी मिलते हैं तथा लोग अपना घर खरीदना बंद कर देंगे। घर खरीदना और कार खरीदना लोगों का सपना होता है। अपने सपने को ओला उबर के कारण कोई भी व्यक्ति अधूरा नहीं छोड़ेगा। जिन लोगों के पास कार है वो ही कई बार विशेष परिस्थितियों में ऑन लाइन टैक्सी सेवा का उपयोग करते हैं। यह हो सकता है कि धनाढ्य लोग पहले दो तीन साल में पुरानी कार बेच कर नई खरीदते थे, वो लोग अब ऐसा नहीं कर रहे। यानि पुरानी कार से काम चलाया जा रहा है। इसकी वजह से आर्थिक मंदी ही है। यदि कारोबार अच्छा होता तो दो तीन साल नई कार खरीद ली जाती। यह भी सही है कि बेईमानी करने वालों पर अंकुश लगा है, इसलिए बाजार में पैसा नहीं आ रहा। जमीनों की खरीद फरोख्त भी नहीं हो रही है। पहले एग्रीमेंट पर ही लाखों रुपया कमाया जा रहा था। अब ऐसे काम बंद हो गए हैं। मंदी के लिए सरकार के मंत्री ठोस तर्क भी दे सकते हैं। लेकिन यदि ऐसे ही बेतूके तर्क दिए जाएंगे तो फिर सरकार की छवि खराब होगी। एक ओर जब ईधन बचाने के लिए सरकार खुद पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर बल दे रही है तब मंदी के लिए ओला उबर को दोषी क्यों ठहराया जा रहा है। 
एस.पी.मित्तल


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...