बुधवार, 11 सितंबर 2019

वृद्ध-विधवा की जमीन पर भूमाफिया की नजर

वृद्ध विधवा की जमीन पर लगी भूमाफियाओं की नजर 


जिलाधिकारी से लगायी न्याय की गुहार 



मीरजापुर। कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते भूमाफियाओं की नजर करीब अस्सी वर्षीया विधवा  की जमीन पर लगीं हैं। देहात कोतवाली क्षेत्र के इटवां में स्थित जमीन बचाने की गुहार थाना से लेकर जिलाधिकारी तक से लगाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई दबंगों के खिलाफ नहीं किए जाने से लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। वृद्धा ने जिलाधिकारी को सौंपे गये पत्रक के माध्यम से न्याय की मांग की है। 


बथुआ मोहल्ला निवासिनी स्वर्गीय अमर सिंह की पत्नी कमला देवी ने गुहार लगाते हुए कहा है कि 15 वर्ष पूर्व इटवां में नगरपालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष दीपचंद जैन की जमीन क्रय किया गया था। उस जमीन पर तीन तरफ से बाउंड्री वॉल बनी है। उस जमीन पर जब निर्माण कार्य के लिए पत्थर का बोल्डर गिरवाया गया तो दबंग भू माफिया निर्माण कार्य में अवरोध पैदा करते हुए जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। वह निर्माण कार्य कराने से पहले दो लाख रुपए की मांग कर रहे हैं। जिनके खिलाफ बलात्कार, फिरौती समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दबंगों ने मेरी ज़मीन पर रखा बोल्डर भी ट्रैक्टर में भरकर गायब कर दिया।  विधवा महिला के वृद्ध होने का नाजायज फायदा उठाते हुए दबंग माफिया उसकी जमीन पर जबरन कब्जा करने की फिराक में हैं । अपनी जमीन पर ही निर्माण कार्य कराए जाने से रुक जाने पर वृद्धा ने जिलाधिकारी को पत्र सौंप कर भू माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। ताकि लोगों का कानून और न्याय पर विश्वास कायम रहे।


विक्रम से संपर्क टूटने को लेकर नया खुलासा

चंद्रयान-2: इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने को लेकर नया खुलासा


नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-2 को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर नहीं बल्कि 335 मीटर पर टूटा था। इसरो के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स से जारी तस्वीर से इस बात का खुलासा हुआ है।


चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम इसरो के एक ग्राफ में दिखाई दे रही तीन रेखाओं के बीच में स्थित लाल रेखा पर चल रहा था। लाल रेखा इसरो द्वारा निर्धारित विक्रम का पूर्व निर्धारिक पथ था। विक्रम लैंडर के आगे बढ़ने के साथ ही लाल रंग की रेखा के उपर हरे रंग की रेखा स्पष्ट दिखाई दे रही थी। चंद्रमा की सतह से 4.2 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी विक्रम लैंडर अपने पूर्व निर्धारित पथ से थोड़ा भटका लेकिन जल्द ही उसे सही कर दिया गया। इसके बाद जब विक्रम चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचा तो वह अपने पथ से भटक कर दूसरे रास्ते पर चलने लगा। जिस समय विक्रम ने अपना निर्धारित पथ छोड़ा उस समय उसकी गति 59 मीटर प्रति सेकंड थी। पथ भटकने के बावजूद सतह से 400 मीटर की ऊंचाई पर विक्रम लैंडर की गति लगभग उस स्तर पर पहुंच चुकी थी जिस पर उसे सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी। मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स की स्क्रीन पर दिखाई दे रहे ग्राफ में लैंडिग के लिए पूर्व निर्धारित 15 मिनट के 13वें मिनट में स्क्रीन पर एक हरे धब्बे के साथ सब कुछ रुक गया। उस समय विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से 335 मीटर की ऊंचाई पर था।


गोकशी के विरुद्ध असफल रही पुलिस

पुलिस की संरक्षण में पहले से होता चला आ रहा है गौकसी का गोरखधंधा


संजीव बाजपाई


गोला गोकरननाथ(खीरी)। थाना मैलानी की पुलिस चौकी व वृहद ग्राम कुकरा में सुबह गौकसी की हुई घटना के चलते ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश बना हुआ है खबर पाकर पुलिस क्षेत्राधिकारी गोला आर. के. वर्मा ने मौका मुआयना कर स्थानीय पुलिस को मुकदमा दर्ज कर गौ मांस के अवशेषों को चिकित्सा परीक्षण के लिए भेजने के निर्देश दिए है।


गौकसी का सिलसिला  वर्तमान थानाध्यक्ष मैलानी के कार्यभार संभालने के बाद से जोरशोर के साथ चालू हो गया था जिसमें पहले भी इसी जगह पर गाय का कत्ल कर उसके मांस को बेचने का मामला प्रकाश में आया था पर पुलिस चूंकि गाय के हत्यारों से मिली हुई है इस लिए गाय मालिक को जैसे तैसे मिलाकर उसकी तहरीर बदलवा कर चोरी का मुकदमा लिखकर मामला दबाने मे कामयाब रहा था।
इसके बाद गौहत्यारों ने पुलिस चौकी कुकरा में जीप चालक पर कातिलाना हमला किया वह भी पुलिस हजम कर गई। इससे पहले कुकरा का ही एक युवक ने गाय के हत्यारों व इस गोरखधंधा से जुडे कुरैशियों और काटने वाले स्थान तथा पुलिस का गौहत्यारों का मिला हुआ है संरक्षण उनकी सरपरस्ती में होता गाय, बैल बछडा का कत्ल का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चला पर नौटों की थैली पर सब दब कर रह गया था। फिलहाल गौकशी का सिलसिला जारी है और ग्रामीणों में गुस्सा है जो किसी समय गुल खिला सकती है तब प्रशासन को भी लेने के देने पड सकते है।


राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने दी 'ओणम' की बधाई

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को केरल में फसल तैयार होने के अवसर पर मनाए जाने वाले त्योहार ओणम की बधाई दी। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट कर कहा, “ओणम पर, भारत और विदेशों में रह रहे केरल के हमारे भाइयों और बहनों को शुभकामनाएं एवं बधाइयां। फसल तैयार होने के अवसर पर मनाया जाने वाला यह त्योहार हम सभी के लिए असीम खुशियां और समृद्धि लेकर आता है।” पीएम मोदी ने कहा, “ओणम के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं। मैं कामना करता हूं कि यह त्योहार हमारे समाज में खुशी, कल्याण और समृद्धि की भावना को आगे बढ़ाये।” ओणम राजा महाबली के स्वागत में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिन तक चलता है।


सरकार की चिंता की शिकन बड़ रही हैं

नई दिल्ली। पिछले महीना जिस तरह से आईएएस अफसरों ने इस्तीफे दिए हैं, उसे देखते हुए सरकार के भीतर चिंता की लकीरें बढ़ने लगी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरशाहों के इस्तीफा को देखते हुए मोदी सरकार इस सम्बन्ध में कड़े कदम उठाने जा रही है। माना जा रहा है कि इस्तीफे को देखते हुए नियम अब और कड़े किये जा सकते हैं। डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल एंड ट्रेनिंग इस मामले को लेकर आगामी सप्ताह एक बड़ी बैठक करने जा रही है, जिसमे अफसरों की समस्या और इस्तीफे को लेकर विस्तार से चर्चा होगी।


वर्तमान नियम के मुताबिक, यदि कोई नौकरशाह इस्तीफा देता है तो सरकार द्वारा उसकी विदेशों में ट्रेनिंग पर किये गए खर्च को चुकता करना पड़ता है, प्रोबेशन पीरियड में भी सर्विस छोड़ता है तो खर्च का वहन उससे अपेक्षित होता है।वैसे देखा जाए तो भारत में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस की संख्या काफी अधिक संख्या में रिक्त है। फिर भी सरकार नियम कायदों को अधिक मजबूत बनाने की सोच रही है। भारत सरकार नौकरशाहों की ट्रेनिंग में बहुत अधिक खर्च करती है, फिर ये नौकरी छोड़ देते हैं तो सरकार को काफी घाटा होता है।


बता दे कि पिछले 3 महीनों में 4 आईएएस अफसरों ने इस्तीफा दिया है। दक्षिण कन्नड़ के डिप्टी कमिश्नर शशिकांत सेंथिल ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, उन्होंने निजी वजहों से इस्तीफा देने का स्टेटमेंट जारी किया है। सेंथिल ने लिखा है कि मौजूदा दौर में जब हमारे विविधतापूर्ण लोकतंत्र के सभी संस्थान अभूतपूर्व तरीके से समझौता कर रहे हैं, ऐसे में उनका काम जारी रखना अनैतिक होगा। सेंथिल ने आगे लिखा है कि आने वाला वक्त हमारे देश के मूल स्वभाव के लिए और भी चुनौतीपूर्ण होने वाला है, इसलिए ये बेहतर होगा कि वो आईएएस सेवा से बाहर रखकर लोगों के जीवन में भलाई लाने वाला काम करें।


इसके पहले 2012 बैच के आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने भी अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, कनन्न गोपीनाथ ने कश्मीर में जनता के मौलिक अधिकारों के हनन का सवाल उठाते हुए नौकरी छोड़ी थी। उनका मानना था कि सरकार ने अनुच्छेद 370 खत्म कर कश्मीर की जनता के साथ अन्याय किया है। गोपीनाथन और सेंथिल दोनों ही काबिल आईएएस अधिकारी थे, कन्नन गोपीनाथन 2018 में केरल में आई बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए सामने आकर चर्चा में आए थे। वहीं 2009 बैच के आईएएस अधिकारी शशिकांत सेंथिल यूपीएससी एग्जाम में तमिलनाडु से टॉपर रहे थे। इन्हीं दोनों की तरह इस साल जनवरी में शाह फैसल ने कश्मीर में हो रही हिंसा के विरोध में सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। शाह फैसल भी आईएएस टॉपर रहे हैं।


'द स्काई इज पिंक' का ट्रेलर हुआ रिलीज

नई दिल्ली। प्रियंका चोपड़ा, फरहान अख्तर और जायरा वसीम स्टारर फिल्म 'द स्काई इज पिंक' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। सोनाली बोस के निर्देशन में बनी फिल्म से प्रियंका चोपड़ा करीब 3 साल बाद बॉलीवुड में कमबैक करने जा रही हैं. ट्रेलर में रोमांस, इमोशंस और फैमिली लव को दिखाया गया है। द स्काई इज पिंक मोटिवेशनल स्पीकर आयशा चौधरी की जिंदगी पर आधारित है, जो कि पल्मनरी फाइबरोसिस से ग्रसित थीं। प्रियंका फिल्म में अदिति चौधरी और फरहान अख्तर निरेन चौधरी के रोल में दिखेंगे। दोनों पति-पत्नी बने हैं, जायरा उनकी बेटी के रोल में नजर आएंगी।


ट्रेलर की शुरुआत जायरा वसीम की आवाज से होती है जो अपने माता-पिता (प्रियंका चोपड़ा-फरहान अख्तर) की ट्रैजिक लव स्टोरी के बारे में बताती है। दोनों की लव लाइफ में यूटर्न उनकी बेटी जायरा के जन्म के बाद आता है। जायरा को गंभीर बीमारी है। बेटी को बचाने की जद्दोजहद है, जिसकी वजह से प्रियंका-फरहान में खूब भी होती है। फिल्म एक रोलर कोस्टर राइड है जो कि फैमिली लव और इमोशन से भरपूर है। बता दें कि 'द स्काई इज पिंक' सिनेमाघरों में 11 अक्टूबर को रिलीज होगी।


गाय, गांधी और गरीबी (संपादकीय)

गाय, गांधी और गरीबी (संपादकीय)


देश की आर्थिक स्थिति ने देशवासियों को विषयवस्तु पर ध्यान आकृष्ट करने के लिए जरा विवश कर दिया है। देश के विकास की गति का पहिया कहीं अटक गया है। सरकार पर विपक्ष के द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं और छींटाकशी की जा रही है। सरकार भी इस संकट से उबरने का प्रयास कर रही है। देश की आर्थिक विकास दर घटने से देश का पिछड़ना लाजमी हो जाता है। रोजगार और मझले व्यापार को प्राथमिकता में न रखना सरकार को अब खल रहा होगा। मध्यवर्ग का व्यापार और उससे उत्पन्न होने वाले रोजगार के प्रभावित होने के कारण देश की आर्थिक विकास दर निरंतर घटती जा रही है। जिसको रोकने के लिए मोदी सरकार असफल सिद्ध हो रही है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन देश की घटती विकास दर को यदि बढ़ाना संभव नहीं है तो स्थिरता इसका एक सामान्य समाधान हो सकता है। हो सकता है सरकार इस विषय पर विभिन्न आयामों और दृष्टिकोणो से कार्य भी कर रही हो। यह भी हो सकता है कि सरकार उपाय अनुरूप जल्द ही समस्या से उभर जाए। किंतु इस स्थिति से देश की जनता में जो संदेश गया है। मांग और निर्माण की असमानता से व्यापार वर्ग को काफी क्षति पहुंची है। सरकार विभिन्न प्रकार के उपयोग और उधम कर रही है। इसके पीछे एकमात्र राष्ट्र निर्माण ही उद्देश्य है। परंतु नेता और ज्यादातर अधिकारियों पर इसका विशेष प्रभाव नहीं पड़ रहा है। क्यों न मोदी-टू सरकार को आर्थिक वृद्धि अनुपात कानून बनाकर लागू कर देना चाहिए। देश की राजनीति लंबे समय से गाय, गरीबी और गांधी तक ही सीमित रह जाती है। इसका थोड़ा दायरा तो बढ़ना ही चाहिए। मोदी सरकार सच में भ्रष्टाचार विरोधी है या भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है? क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार पर कुछ खास नहीं कर पा रही है। इसके विपरीत भ्रष्टाचार के कई मामले प्रकाश में आ रहे हैं जो मामले प्रकाश में आ रहे हैं। उनके विरुद्ध भी सरकार की मंशा अनुरूप कुछ विशेष नही हो पा रहा है।
 राधेश्याम 'निर्भय पुत्र'


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...