मंगलवार, 10 सितंबर 2019

कुकर की सीटी आंख-सिर के बीच फंसी

रांची। खाना बनाने के दौरान एक महिला के साथ ऐसी घटना हुई, जिसमें उसकी जान पर बन आई। हालात ऐसे हो गए उस महिला को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। हुआ यूं कि महिला प्रेशर कूकर में कुछ बना रही थी, काफी देर तक सीटी नहीं होने पर महिला कूकर चेक करने के लिए गई। उसने जैसे ही कूकर की सीटी को छुआ, वह उछलकर महिला की बाईं आंख और सिर के बीच वाले हिस्से में जा घुसी। कूकर की सीटी फंसने से गंभीर रूप से घायल महिला को तुरंत ही अस्पताल लेकर जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इतने गंभीर मामले में जांच की और फिर तुरंत ही ऑपरेशन शुरू कर दिया। जानिए, फिर क्या हुआ।


कूकर में दाल बना रही थी महिला


पूरा मामला खूंटी जिले के मुरहू इलाके की है। बताया जा रहा कि 57 वर्षीय बिरसी मुंडा अपने घर में प्रेशर कुकर में दाल बना रही थी। काफी देर होने के बाद भी कूकर की सीटी नहीं होने पर बिरसी मुंडा उसे देखने के लिए गई। सीटी को हल्का ऊपर उठाते ही ये उछलकर महिला की बायीं आंख के ऊपर वाले हिस्से में जा घुसी। परिजन तुरंत ही महिला को स्थानीय अस्पताल में ले गए। जहां डॉक्टरों ने महिला के जांच शुरू की। जांच में पता चला कि कूकर की सीटी महिला की आंख और सिर के बीच वाले हिस्से में फंसी हुई थी।


आंख और सिर के बीच वाले हिस्से में फंसी कूकर की सीटी


आंख और सिर के बीच वाले हिस्से में कुकर की सीटी फंसने का पता चलते ही, डॉक्टरों ने उसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि महिला के आंखों और सिर की हड्डी के बीच फंसी प्रेशर कुकर की सीटी को निकाल लिया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि ये बेहद मेजर ऑपरेशन था। जिसमें महिला की बाईं आंख पूरी तरह से खराब हो गई है।


जा सकती थी महिला की जान, डॉक्टरों ने ऐसे किया 'चमत्कार'


अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि ये मामला बेहद जटिल इसलिए था क्योंकि अगर कूकर की सीटी ऑपरेशन करके नहीं निकाली जाती तो इससे इंफेक्शन हो सकता था। उन्होंने बताया कि सीटी ऐसी जगह फंसी थी जो कि दिमाग के बेहद नजदीक ही था। ऐसे में महिला को कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता था। अगर ऑपरेशन करने में देरी होती तो महिला की जान भी जा सकती थी। फिलहाल महिला की स्थिति अभी ठीक है।


नेग से नाराज किन्नरों ने पीटकर मार डाला

सूरत। किसी के घर बच्चा जन्म लेता है या शादी जैसा कोई शुभ अवसर होता है तो किन्नर अपना नेग लेने पहुंच जाते हैं। वहीं कई बार ऐसा मामला भी सामने आता है कि जब उन्हें उनके इच्छानुसार पैसे या नेग नहीं मिलता तो किन्नर गुंडागर्दी पर भी उतारू हो जाते हैं। एक ऐसा मामला गुजरात के सूरत से सामने आया है। जहां बच्चे के जन्म लेने पर किन्नरों को मनचाहा नेग नहीं मिला तो , उन्होंने नवजात बच्चे के पिता को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद नवजात बच्चे के पिता को फ़ौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।


दरअसल, सूरत के रहने वाले गहरीलाल खटिक के घर दो बेटियां हैं, हाल ही में उनके घर बेटे का जन्म हुआ। परिवार में बेटे के जन्म की खुशी को अभी चंद दिन ही बीते थे कि किन्नरों ने उसे गम में तब्दील कर दिया। सूरत शहर के गोड़ादरा इलाके में स्थित मानसरोवर सोसाइटी में किराए के घर में रह रहे गहरीलाल खटिक के घर में बेटे के जन्म की खुशी में तीन किन्नर नेग लेने पहुंचे थे। बताया जाता है किन्नरों ने गहरीलाल खटिक से 11 हजार रुपये की डिमांड की थी। लेकिन मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले गहरीलाल के घर में 11 हजार रुपये देने के लिए नहीं थे तो उन्होंने किन्नरों को 2100 रुपये देने की बात कही। इस बात पर किन्नर भड़क गए और उन्होंने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। किन्नरों ने बेशर्मी की हद पार करते हुए अपने कपड़े उतार दिए।


इसके बाद घर में खुशी के माहौल को बरकरार रखने के लिए खटिक परिवार ने पड़ोसियों से सात हजार रुपये उधार लिए और किन्नरों के हाथ में थमा दिए। लेकिन फिर भी किन्नर नहीं मानें और उन्होंने नवजात के पिता को पीटना शुरू कर दिया। जब लोग बीच बचाव करने के लिए बीच में आए तो किन्नरों ने गहरीलाल के सिर को दीवार पर पटक दिया। जिससे उनके दिमाग की नसें फट गईं और उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद किन्नर मौके से फरार हो गए। किन्नरों की गुंडागर्दी के बाद पीड़ित परजिनों ने इसकी शिकायत सूरत थाने में दर्ज कराई है। जिसके आधार पर पुलिस ने गुंडागर्दी करने वाले तीनों किन्नरों को खोजबीन कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।


अवैध सबमर्सिबल पर नहीं लग रहा अंकुश

लुधियाना। निगम से अवैध सबमर्सीबल लगने के काम पर अंकुश नहीं लग रहा है। साशन और प्रसाशन की मिलीभगत से लुधियाना की छाती में आऐ दिन छेद किऐ जा रहे हैं। कल भी जालंधर बाईपास पर सबमर्सीबल लग रहा था सुचना देने के बावजूद आज भी पूरा दिन मशीन वहीं खड़ी प्रसाशन का मुंह चिढ़ाती रही। लेकिन किसी ने जब्त करने की जहमत नहीं उठाई। आज भामियां की जैन रीयल इस्टेट में न्या अवैध सबमर्सीबल लग रहा था। मौके पर पहुंच इसकी सुचना जोन बी जोनल कमिश्नर के साथ ओ एंड एम एसडीयो कोलोकेशन भेजी गई। लेकिन मामला हदबंदी का कह टाल दिया गया। डिप्टी कमिश्नर और गलाडा कमिश्नर को बताया गया लेकिन कोई रिप्लाई नहीं मिला। निगम कमिश्नर और एस सी ने फोन ही उठाने की जहमत नहीं उठाई।


चैलेंज हमें दें कमान अगर एक भी सबमर्सीबल लगा तो जो सज़ा दोगे होगी मंजूर हमे


इस पर सोशल वर्कर रिंकू कुमार ने डिप्टी कमिश्नर निगम कमिश्नर और मेयर को चैलेंज कर कहा कि मात्र एक माह के लिऐ हमें चार्ज दो । अवैध सबमर्सीबल पर कैसे कार्रवाई होती है हम बताऐंगे। मात्र पंद्रह दिन के बाद एक भी बोरिंग मशीन ज़िला में नहीं रहेगी। इसके लिए ईमानदारी से काम करना होगा। रिंकू कुमार ने कहा इस खबर के जरीऐ ही चैलेंज किया जा रहा है अगर प्रसाशन ईमानदारी से इस अवैध काम को रोकना चाहता है तो संपर्क कर सकता है। हमारा मकसद शहर से गलत काम को जड़ से खत्म करना है। हमने चैलेंज कर पहल कर दी अब प्रसाशन ने देखना है कि इस चैलेंज को कबूल करता है या भ्रष्टाचार का ही साथ देना है। अगर हम एक महीने बाद अवैध सबमर्सीबल रोकने में कामयाब नहीं हो पाऐ तो जो सजा दोगे तह दिल से मंजूर होगी।


स्कूल बस ड्राइवर ने की बच्ची के साथ हरकत

लुधियाना। हंबडां रोड पर स्थित अंम्रित इंडो कैनेडियन ऐकेडमी के बस ड्राईवर ओर कंडक्टर द्वारा शर्मनाक हरकत की गई। मामला बीते शुक्रवार की है । एकेडमी की नर्सरी की स्टुडैंट रोजाना की तरह स्कूल से वापिस स्कूल बस में 12:15 की जगह 12:40 पर घर पहुंची। बच्ची की मां बस से उसे रिसीव करने पहुंची ।तो देखा बच्ची सो रही है ओर बस में अकेली है। ओर कोई बच्चा नहीं था। बच्ची पूरा दिन और रात भर सोती रही। मां ने कई बार फीवर चैक किया और दवा देती रही। इसी बीच अगले दिन सुबह बस ड्राईवर का फोन साढे छह बजे आया कि बच्ची स्कूल नहीं पहुंची। मां ने कहा कि आपको पता होना चाहिऐ आज शनीवार है इस दिन छुट्टी रहती है फिर आपने फोन क्युं किया। उसके कुछ देर बाद बच्ची नींद से जागी ओर वाशरूम जाने पर तोतली जुबान में कहा कि मुझे शु शु में ” हाई ” होती है। इस पर मां का माथा ठनका और उसी वक्त क्लास इंचार्ज हरदीप मैडम को फोन कर कहा कि मेरी बच्ची कल आधा घंटा लेट घर पहुंची है और मुझे बस की सीसीटीवी फुटेज चैक करनी है। थोड़ी देर बाद बताया गया कि प्रिंसीपल मैडम आपसे दस बजे मिलेंगीं आप स्कूल आ जाओ। बच्ची की मां आधा घंटा पहले ही पहुंच गई। लेकिन मिटिंग का बहाना बना तीन घंटे कोई नहीं मिला। उसके बाद मिटिंग कर सारी बात बताई तो प्रिंसीपल जसकिरत कौर ने मां को बाहर बैठा कर ड्राईवर सुरजीत सिंह से एक घंटा मीटिंग की। इसी दौरान क्लास इंचार्ज मां के पास बैठ उसे बातों में लगाऐ रही। उसके बाद प्रिंसीपल ने कहा कि हमारी सभी बसों की सीसीटीवी ठीक है लेकिन हादसे वाली बस नंबर दस का मैमरी कार्ड टूट चुका है। इस पर बच्ची की मां का शक यकीन में बदला ओर वह बच्ची को जगराओं सिवल हस्पताल चैकिंग के लिऐ ले गई लेकिन डा. आराधा ने मैडीकल करने से मना कर दिया फिर बच्ची को प्राईवेट डाक्टर को दिखाया तो डाक्टर ने कहा बच्ची से रेप की कोशिश की गई है। लेकिन कामयाबी ना मिलने पर छोड़ दिया गया है। कल इसकी शिकायत थाना मुल्लांपुर दाखा को दी गई । लेकिन बच्ची की मां के मुताबिक पुलिस खबर लिखे जाने तक बीच बचाव की कोशिश में लगी है। लेकिन मां अकैडमी पर मामला दर्ज कराने पर अडी हुई है। इसी दौरान बच्ची की मां ने एक वाईस मैसेज सोशल मीडीया पर डाल न्नही परी की ईज्जत से खिलवाड़ के दोशियों के खिलाफ पब्लिक से गुहार लगा मदद मांगी है कि न्नही बेटी के लिए उनका साथ दिया जाऐ। 


पवन ट्रांसपोर्ट मैनेजर


जब इस घटना के बारे में हमारे मीडिया कर्मी ने बात की तो उनसे पूछा की इस घटना की बस में लगे सीसीसीटीवी कैमरे फुटेज़ चैक की तो उन्होंने कहा कि हमें जनाब ने अंदर बुलाया है। ऐसे केह कर फोन काट दिया।


नगर-निगम का बड़ा घोटाला आया सामने

गुरुग्रा। हरियाणा में ज्यादा राजस्व देने वाले साइबर सिटी गुरुग्राम के नगर निगम में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। गुरुग्राम नगर निगम में बीते दिनों हुई ऑडिट हुई थी जिसमें पाया गया की निगम में प्रति माह 2100 कर्मचारियों की सैलरी दी जाती हैं, लेकिन असल मे सिर्फ 1800 कर्मचारी ही निगम में काम करते हैं।


जांच में सामने आए आंकड़ों के मुताबकि 300 कर्मचारियों की फर्जी सैलरी हर महीने दी जा रही हैं। ऐसे में निगम को बड़ी चपत लगाई जा रही है। वही मामले को लेकर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुनाहगारों पर सख्त कारवाई करने की बात कही है। बता दें गुरुग्राम नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी रखे गए हैं, जिसमें आरोप है कि ठेकेदार और निगम अधिकारियों मिलीभगत कर करोड़ों की सैलरी का गबन कर रहे हैं। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है। आपको बता दें कि गुरुग्राम नगर निगम में घटाले की ये कोई पहली खबर नहीं है। इससे पहले भी निगम में दर्जनों घोटाले की खबर आ चुकी है। अवैध विज्ञापन का मामला हो या बिल्डिंग प्लान बनाने की, हर क्षेत्र में घपला ही घपला नजर आता है। ऐसे में अब कर्मचारियों को लेकर एक अहम खुलासा हुआ है। हालांकि इस मामले की जांच की जा रही है, ऐसे में जांच के बाद ही पता चलेगा कि इस पूरे खेल में किस-किस अधिकारी की मिलीभगत है।


हरियाणा :युवा कर्मचारी होगें बर्खास्त

चंडीगढ़। कुछ महीने पहले ही हरियाणा सरकार ने ग्रुप-डी के 18,218 पदों की भर्ती पूरी की है। बिना पर्ची खर्ची का ढोल पीटते हुए सरकार ने खूब वाहवाही लूटी थीं। लेकिन अब इन्हीं 18218 पदों में से स्पोर्ट्स कोटे से पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लगे युवाओं को बर्खास्त किया जाएगा। बर्खास्तगी की प्रक्रिया कुछ विभागों ने शुरू भी कर दी है। इससे उन युवाओं में हड़कंप मच गया है, जो पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार ग्रेडेशन सर्टिफकेट बनवाकर नौकरी लगे थे।


इस समय पशुपालन विभाग और पीडब्ल्यूडी में कई युवाओं को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। अन्य विभागों में भी ऐसे युवाओं से ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया था, जो निकल चुका है। वहीं, 8 माह बाद नौकरी से हटाए जाने पर कई युवा हाईकोर्ट में चले गए हैं। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से पिछले साल भर्ती प्रक्रिया शुरू कर जनवरी में जींद उपचुनाव से पहले ही इन पदों पर जॉइनिंग दी गई थी।


580 सर्टिफिकेट ही बने थे तो 1518 को जॉइनिंग क्यों


अब सवाल उठता है कि जब सरकार ने नई पॉलिसी लागू कर दी तो पुरानी पॉलिसी के अनुसार बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट वाले युवाओं को नौकरी क्यों दी गई। देखने वाली बात यह भी है कि नई पॉलिसी के अनुसार इस भर्ती तक केवल 580 ग्रेडेशन सर्टिफिकेट ही बने थे। ऐसे में जॉइनिंग के वक्त ही यह क्यों नहीं देखा गया कि जब 580 सर्टिफिकेट ही बने हैं तो 1518 की जॉइनिंग कैसे हो गई। क्या जींद उपचुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए सबकुछ ताक पर रखकर जल्दबाजी में किया गया?


यूपी में योजनाओं को लग रहा पलीता

गोरखपुर। सरकार एक ओर जहां आम जनमानस के बेहतर स्वास्थ्य एवं शुखि जीवन ब्यतीत करने के लिए तरह-तरह की जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। जैसे 'स्वछ भारत स्वस्थ भारत' के तहत हर घर शौचालय, प्रधान मंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना आदि अनेकों प्रकार के ऐसी जन कल्याणकारी योजनाएं चला कर स्वस्थ भारत स्वछ भारत के सपने को साकार करने में लगी हुई है। वहीं जिम्मेदारों को भी सख्त निर्देश दे रखा है कि सरकार की जो भी योजनायें हैं। वो जनता के बीच जरूर पहुँचे ।लेकिन कुछ गैर जिम्मेदारों की मिली भगत से सरकार की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है और सरकारी धन की बंदर बाँट की जा रही हैं । जिसके कारण सरकार के धन का जनता के बीच सदुपयोग न होकर दुरपयोग हो रहा है ।ऐसा ही मामला सहजनवां तहसील क्षेत्र के सहजनवां ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा पचौरी में देखने को मिला। जहाँ गाँव में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है । ग्रामीणों का कहना है कि हमारे यहाँ सफाई कर्मी तो हैं और आते भी हैं। लेकिन प्रधान के यहाँ हाजिरी लगाकर चले जाते हैं। जिसके कारण सफाई व्यवस्था खराब है। स्‍थानीय निवासी सुनीता ने कहा कि गंदगी के कारण बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं ।दवा कराते-कराते हम लोग थक जा रहे हैं ।अशलम ने बताया कि प्रधान से कई बार शिकायत किया गया लेकिन सुनते ही नहीं हैं। इस दौरान ग्राम प्रधान से बात करने की कोसिस की गई तो उन्होंने कहा कि हम कोई जवाब नहीं देंगे ।आप को जो भी लिखना हो लिखिए। हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा। नाराज ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन किया प्रदर्शन करने वालों में असलम ,नाजिर ,साकिर आफताब ,मुमताज ,अलाउद्दीन ,लालजी सुनीता, नाजिर, शाहनाज सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। इस बावत डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना था कि मामला संज्ञान में आया है। जिसकी जाँच की जाएगी। जिन लोगों के पास शौचालय नहीं है उन लोगों को आधार कार्ड के साथ  कार्यालय पर भेज दीजिये सबको शौचालय मिल जाएगा।


27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...