मंगलवार, 10 सितंबर 2019

नगर-निगम का बड़ा घोटाला आया सामने

गुरुग्रा। हरियाणा में ज्यादा राजस्व देने वाले साइबर सिटी गुरुग्राम के नगर निगम में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। गुरुग्राम नगर निगम में बीते दिनों हुई ऑडिट हुई थी जिसमें पाया गया की निगम में प्रति माह 2100 कर्मचारियों की सैलरी दी जाती हैं, लेकिन असल मे सिर्फ 1800 कर्मचारी ही निगम में काम करते हैं।


जांच में सामने आए आंकड़ों के मुताबकि 300 कर्मचारियों की फर्जी सैलरी हर महीने दी जा रही हैं। ऐसे में निगम को बड़ी चपत लगाई जा रही है। वही मामले को लेकर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुनाहगारों पर सख्त कारवाई करने की बात कही है। बता दें गुरुग्राम नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी रखे गए हैं, जिसमें आरोप है कि ठेकेदार और निगम अधिकारियों मिलीभगत कर करोड़ों की सैलरी का गबन कर रहे हैं। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है। आपको बता दें कि गुरुग्राम नगर निगम में घटाले की ये कोई पहली खबर नहीं है। इससे पहले भी निगम में दर्जनों घोटाले की खबर आ चुकी है। अवैध विज्ञापन का मामला हो या बिल्डिंग प्लान बनाने की, हर क्षेत्र में घपला ही घपला नजर आता है। ऐसे में अब कर्मचारियों को लेकर एक अहम खुलासा हुआ है। हालांकि इस मामले की जांच की जा रही है, ऐसे में जांच के बाद ही पता चलेगा कि इस पूरे खेल में किस-किस अधिकारी की मिलीभगत है।


हरियाणा :युवा कर्मचारी होगें बर्खास्त

चंडीगढ़। कुछ महीने पहले ही हरियाणा सरकार ने ग्रुप-डी के 18,218 पदों की भर्ती पूरी की है। बिना पर्ची खर्ची का ढोल पीटते हुए सरकार ने खूब वाहवाही लूटी थीं। लेकिन अब इन्हीं 18218 पदों में से स्पोर्ट्स कोटे से पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लगे युवाओं को बर्खास्त किया जाएगा। बर्खास्तगी की प्रक्रिया कुछ विभागों ने शुरू भी कर दी है। इससे उन युवाओं में हड़कंप मच गया है, जो पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार ग्रेडेशन सर्टिफकेट बनवाकर नौकरी लगे थे।


इस समय पशुपालन विभाग और पीडब्ल्यूडी में कई युवाओं को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। अन्य विभागों में भी ऐसे युवाओं से ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया था, जो निकल चुका है। वहीं, 8 माह बाद नौकरी से हटाए जाने पर कई युवा हाईकोर्ट में चले गए हैं। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से पिछले साल भर्ती प्रक्रिया शुरू कर जनवरी में जींद उपचुनाव से पहले ही इन पदों पर जॉइनिंग दी गई थी।


580 सर्टिफिकेट ही बने थे तो 1518 को जॉइनिंग क्यों


अब सवाल उठता है कि जब सरकार ने नई पॉलिसी लागू कर दी तो पुरानी पॉलिसी के अनुसार बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट वाले युवाओं को नौकरी क्यों दी गई। देखने वाली बात यह भी है कि नई पॉलिसी के अनुसार इस भर्ती तक केवल 580 ग्रेडेशन सर्टिफिकेट ही बने थे। ऐसे में जॉइनिंग के वक्त ही यह क्यों नहीं देखा गया कि जब 580 सर्टिफिकेट ही बने हैं तो 1518 की जॉइनिंग कैसे हो गई। क्या जींद उपचुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए सबकुछ ताक पर रखकर जल्दबाजी में किया गया?


यूपी में योजनाओं को लग रहा पलीता

गोरखपुर। सरकार एक ओर जहां आम जनमानस के बेहतर स्वास्थ्य एवं शुखि जीवन ब्यतीत करने के लिए तरह-तरह की जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। जैसे 'स्वछ भारत स्वस्थ भारत' के तहत हर घर शौचालय, प्रधान मंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना आदि अनेकों प्रकार के ऐसी जन कल्याणकारी योजनाएं चला कर स्वस्थ भारत स्वछ भारत के सपने को साकार करने में लगी हुई है। वहीं जिम्मेदारों को भी सख्त निर्देश दे रखा है कि सरकार की जो भी योजनायें हैं। वो जनता के बीच जरूर पहुँचे ।लेकिन कुछ गैर जिम्मेदारों की मिली भगत से सरकार की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है और सरकारी धन की बंदर बाँट की जा रही हैं । जिसके कारण सरकार के धन का जनता के बीच सदुपयोग न होकर दुरपयोग हो रहा है ।ऐसा ही मामला सहजनवां तहसील क्षेत्र के सहजनवां ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा पचौरी में देखने को मिला। जहाँ गाँव में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है । ग्रामीणों का कहना है कि हमारे यहाँ सफाई कर्मी तो हैं और आते भी हैं। लेकिन प्रधान के यहाँ हाजिरी लगाकर चले जाते हैं। जिसके कारण सफाई व्यवस्था खराब है। स्‍थानीय निवासी सुनीता ने कहा कि गंदगी के कारण बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं ।दवा कराते-कराते हम लोग थक जा रहे हैं ।अशलम ने बताया कि प्रधान से कई बार शिकायत किया गया लेकिन सुनते ही नहीं हैं। इस दौरान ग्राम प्रधान से बात करने की कोसिस की गई तो उन्होंने कहा कि हम कोई जवाब नहीं देंगे ।आप को जो भी लिखना हो लिखिए। हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा। नाराज ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन किया प्रदर्शन करने वालों में असलम ,नाजिर ,साकिर आफताब ,मुमताज ,अलाउद्दीन ,लालजी सुनीता, नाजिर, शाहनाज सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। इस बावत डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना था कि मामला संज्ञान में आया है। जिसकी जाँच की जाएगी। जिन लोगों के पास शौचालय नहीं है उन लोगों को आधार कार्ड के साथ  कार्यालय पर भेज दीजिये सबको शौचालय मिल जाएगा।


100 फुट ऊंचा विशाल ताजिया बनाया

महाराजगंज कोठी भार थाना क्षेत्र के ग्राम सभा भारत खंड पकडी में बना विशाल ताजिया


महाराजगंज। अंतर्गत कोठी भार थाना क्षेत्र के ग्राम सभा भारत खंड पकडी में प्राथमिक विद्यालय के पास ग्राम सभा के तरफ से विशाल ताजिया का निर्माण किया गया है। जिसकी लंबाई 50 फीट चौड़ाई 40 फीट तथा ऊंचाई 100 फिट की है l विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी भारत खंड पकडी मे विशाल ताजिया का निर्माण कराया जा रहा है। ताजिया निर्माता मीर हसन तथा संरक्षक इम्तियाज मंसूरी ने बताया कि ताजिया यादगारे इमाम हसन हुसैन के नाम से मनाया जाता है। ताजिया निर्माण में तबरेज हुसैन, साबिर, शहादत, साहिल, बिस्मिल्लाह मंसूरी, सगीर अली, सोनू, कौशल, आदि कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा है l
रिपोर्ट-संजय कुमार


कल्याण सिंह पर कसेगा सीबीआई का शिकंजा

नई दिल्ली। कल्याण सिंह जब तक राजस्थान के राज्यपाल के पद पर थे तो अनुच्छेद 351 के तहत संवैधानिक पद पर होने के चलते उन्हें कानूनी कार्रवाई से छूट मिल रही थी, लेकिन अब वो राज्यपाल के पद नहीं हैं, इसलिए बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में उनकी मुसीबत बढ़ सकती है।
बता दें कि सीबीआई ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कल्याण सिंह को बतौर आरोपी फिर से कोर्ट में पेश करने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की है। सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को आदेश दिया था, जिसमें कल्याण सिंह के अलावा इस केस में पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास, विनय कटियार, सतीश प्रधान, चंपत राय बंसल, विष्णु हरि डालमिया, नृत्य गोपाल दास, सतीश प्रधान, आरवी वेदांती, जगदीश मुनि महाराज, बीएल शर्मा, धर्मदास को आरोपी मानते हुए मुकदमा चलाने की बात कही थी। कल्याण सिंह को छोड़कर बाकी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली हुई है। इन सारे नेताओं के खिलाफ अयोध्या में बाबरी विध्वंस के लिए आपराधिक षडयंत्र करने का आरोप है, जो धारा 120 (बी) के तहत चल रहा है। गौरलतब है कि सीबीआई की अपील को स्वीकृत मिलने बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को एक बार फिर कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कल्याण सिंह को 3 सितंबर 2014 को राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था। 5 साल तक पद पर होने के कारण कल्याण को अदालत की ओर से तलब नहीं किया गया। बता दें कि अयोध्या मामले के लिए लिब्राहन आयोग का गठन 16 दिसंबर 1992 में किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बाबरी विध्वंस को सुनियोजित साजिश करार देते हुए 68 लोगों को दोषी माना था। लिब्राहन आयोग ने कहा था कि कल्याण सिंह ने घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि यूपी के सीएम रहते कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में कहा था कि वह अयोध्या में विवादित ढांचे को कोई नुकसान नहीं होने देंगे, लेकिन कार सेवा आयोजित होने के दौरान अयोध्या में मस्जिद को गिरा दिया गया था। इसके बाद सीएम कल्याण सिंह ने मामले की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।


38 साल की उम्र में 20 वीं बार गर्भवती

बीड। ये बेहद चौका देने वाला मामला महाराष्ट्र के बीड जिले से सामने आया है। जहाँ एक  महिला 20वीं बार बच्चे को जन्म देने जा रही है। जी हां चौकिये नहीं ये सच है। जानकारी के लिए बताते चले इस मामले में डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि 38 साल की यह महिला इससे पहले अब तक 19 बार प्रेग्नंत हो चुकी है। अब वह सात माह की गर्भवती है।


मीडिया रेपर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के बीड जिला के सिविल सर्जन डॉ. अशोक थोराट ने बताया, इस वक्त उसके 11 बच्चे हैं और 38 साल की उम्र में वह 20वीं बार मां बनने वाली है। अन्य डॉक्टर ने बताया कि जब हमें उसके गर्भावस्था का पता चला तो उसे सरकारी अस्पताल लाया गया और सभी जरूरी जांच की गई। वह 20वीं बार गर्भवती हुई है। जच्चा और बच्चा अब तक स्वस्थ हैं. उसे दवाइयां दी गई हैं और संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता और अन्य बातों की सलाह दी गई है। वही इस मामले में महिला थोराट ने कहा, 'पहली बार वह अस्पताल में बच्चे को जन्म देगी। इससे पहले उसने घर पर ही बच्चे को जन्म दिया था। किसी भी खतरे से बचने के लिये हमने उसे स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है। बीड जिले के एक अधिकारी ने बताया कि वह गोपाल समुदाय से संबंधित है जो आमतौर पर भीख मांगने या मजदूरी अथवा छोटे-मोटे काम करते हैं। वे एक जगह से दूसरी जगह पर जाते रहते हैं।


झोलाछाप चला रहा है नर्सिंग होम

शिवगढ़। क्षेत्र के बसंतपुर सकतपुर में झोलाछाप डॉक्टर फर्जी तरीके से नर्सिंग होम चला रहा है। जिसकी शिकायत गांव के एक युवक ने जिलाधिकारी से की विदित हो कि शिवगढ़ क्षेत्र में कई ऐसे झोलाछाप क्लीनिक और नर्सिंग होम संचालित हैं जिनके डॉक्टर मनमानी तरीके से भोली-भाली जनता से पैसा मनमाने ढंग से लेते हैं। क्षेत्र के लोगों की माने तो जितने भी फर्जी तरीके से नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं उसमें स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की मिलीभगत से संचालित हो रही हैं। जिसको लेकर हरिकेश शाहपुर मजरे बसंतपुर सकतपुर ने शिकायत की है कि बसंतपुर में एक फर्जी डॉक्टर नर्सिंग होम चला रहा है। जिसके पास डिग्री भी नहीं है जनता को गुमराह करके नकली दवाएं देकर पैसा लेते है। इतना ही नहीं सरकारी अस्पताल से उसका अच्छा संबंध है,और सरकारी अस्पताल की दवाएं भी रखता है जिसकी जांच होनी चाहिए। इस बारे में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डा.एलपी सोनकर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सूची बनाई जा रही है जो फर्जी अस्पताल संचालित है ,उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...