मंगलवार, 10 सितंबर 2019

कल्याण सिंह पर कसेगा सीबीआई का शिकंजा

नई दिल्ली। कल्याण सिंह जब तक राजस्थान के राज्यपाल के पद पर थे तो अनुच्छेद 351 के तहत संवैधानिक पद पर होने के चलते उन्हें कानूनी कार्रवाई से छूट मिल रही थी, लेकिन अब वो राज्यपाल के पद नहीं हैं, इसलिए बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में उनकी मुसीबत बढ़ सकती है।
बता दें कि सीबीआई ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कल्याण सिंह को बतौर आरोपी फिर से कोर्ट में पेश करने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की है। सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को आदेश दिया था, जिसमें कल्याण सिंह के अलावा इस केस में पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास, विनय कटियार, सतीश प्रधान, चंपत राय बंसल, विष्णु हरि डालमिया, नृत्य गोपाल दास, सतीश प्रधान, आरवी वेदांती, जगदीश मुनि महाराज, बीएल शर्मा, धर्मदास को आरोपी मानते हुए मुकदमा चलाने की बात कही थी। कल्याण सिंह को छोड़कर बाकी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली हुई है। इन सारे नेताओं के खिलाफ अयोध्या में बाबरी विध्वंस के लिए आपराधिक षडयंत्र करने का आरोप है, जो धारा 120 (बी) के तहत चल रहा है। गौरलतब है कि सीबीआई की अपील को स्वीकृत मिलने बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को एक बार फिर कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कल्याण सिंह को 3 सितंबर 2014 को राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था। 5 साल तक पद पर होने के कारण कल्याण को अदालत की ओर से तलब नहीं किया गया। बता दें कि अयोध्या मामले के लिए लिब्राहन आयोग का गठन 16 दिसंबर 1992 में किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बाबरी विध्वंस को सुनियोजित साजिश करार देते हुए 68 लोगों को दोषी माना था। लिब्राहन आयोग ने कहा था कि कल्याण सिंह ने घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि यूपी के सीएम रहते कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में कहा था कि वह अयोध्या में विवादित ढांचे को कोई नुकसान नहीं होने देंगे, लेकिन कार सेवा आयोजित होने के दौरान अयोध्या में मस्जिद को गिरा दिया गया था। इसके बाद सीएम कल्याण सिंह ने मामले की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।


38 साल की उम्र में 20 वीं बार गर्भवती

बीड। ये बेहद चौका देने वाला मामला महाराष्ट्र के बीड जिले से सामने आया है। जहाँ एक  महिला 20वीं बार बच्चे को जन्म देने जा रही है। जी हां चौकिये नहीं ये सच है। जानकारी के लिए बताते चले इस मामले में डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि 38 साल की यह महिला इससे पहले अब तक 19 बार प्रेग्नंत हो चुकी है। अब वह सात माह की गर्भवती है।


मीडिया रेपर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के बीड जिला के सिविल सर्जन डॉ. अशोक थोराट ने बताया, इस वक्त उसके 11 बच्चे हैं और 38 साल की उम्र में वह 20वीं बार मां बनने वाली है। अन्य डॉक्टर ने बताया कि जब हमें उसके गर्भावस्था का पता चला तो उसे सरकारी अस्पताल लाया गया और सभी जरूरी जांच की गई। वह 20वीं बार गर्भवती हुई है। जच्चा और बच्चा अब तक स्वस्थ हैं. उसे दवाइयां दी गई हैं और संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता और अन्य बातों की सलाह दी गई है। वही इस मामले में महिला थोराट ने कहा, 'पहली बार वह अस्पताल में बच्चे को जन्म देगी। इससे पहले उसने घर पर ही बच्चे को जन्म दिया था। किसी भी खतरे से बचने के लिये हमने उसे स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है। बीड जिले के एक अधिकारी ने बताया कि वह गोपाल समुदाय से संबंधित है जो आमतौर पर भीख मांगने या मजदूरी अथवा छोटे-मोटे काम करते हैं। वे एक जगह से दूसरी जगह पर जाते रहते हैं।


झोलाछाप चला रहा है नर्सिंग होम

शिवगढ़। क्षेत्र के बसंतपुर सकतपुर में झोलाछाप डॉक्टर फर्जी तरीके से नर्सिंग होम चला रहा है। जिसकी शिकायत गांव के एक युवक ने जिलाधिकारी से की विदित हो कि शिवगढ़ क्षेत्र में कई ऐसे झोलाछाप क्लीनिक और नर्सिंग होम संचालित हैं जिनके डॉक्टर मनमानी तरीके से भोली-भाली जनता से पैसा मनमाने ढंग से लेते हैं। क्षेत्र के लोगों की माने तो जितने भी फर्जी तरीके से नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं उसमें स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की मिलीभगत से संचालित हो रही हैं। जिसको लेकर हरिकेश शाहपुर मजरे बसंतपुर सकतपुर ने शिकायत की है कि बसंतपुर में एक फर्जी डॉक्टर नर्सिंग होम चला रहा है। जिसके पास डिग्री भी नहीं है जनता को गुमराह करके नकली दवाएं देकर पैसा लेते है। इतना ही नहीं सरकारी अस्पताल से उसका अच्छा संबंध है,और सरकारी अस्पताल की दवाएं भी रखता है जिसकी जांच होनी चाहिए। इस बारे में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डा.एलपी सोनकर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सूची बनाई जा रही है जो फर्जी अस्पताल संचालित है ,उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


खड़े हाईवा से टकराई पिकअप, 23 घायल

आरंग। राष्ट्रीय राजमार्ग 53 में आरंग के ग्राम पारागांव के पंचायत भवन के पास तेज रफ़्तार पिकअप वाहन सड़क किनारे खड़ी हाइवा गाड़ी से जा भिड़ी है। जिससे जबरदस्त हादसा हुआ है। हादसे में पिकअप में सवार एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई. जबकि 23 लोग घायल हो गए। जिनमें 18 लोगो की हालत गंभीर होने से रायपुर के मेकाहारा में भर्ती कराया गया है ये घटना सोमवार- मंगलवार की दरम्यानी रात की है।


बताया जा रहा है पिकअप में सवार लोग महासमुंद जिले के बागबाहरा के घुचापाली से डांस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ग्राम सम्भर से रायपुर के टेकारी के लिए निकले थे। रात करीब ढाई बजे आरंग के पारागांव में पिकअप का चालक रोड में बैठे मवेशियों को बचाने के चक्कर मे गाड़ी का संतुलन खो बैठा और वाहन रोड के किनारे खड़ी हाइवा से जा टकराई।आरंग के आसपास सड़कों में आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है जिस पर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है और आयए दिन लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। इस सड़क हासे से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।


अनियंत्रित बस पेड़ से टकराई, 6 घायल

धमतरी। जिले के नेशनल हाइवे में एक तेज रफ्तार यात्री बस अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इस हादसे में 6 यात्री घायल हो गए है, इसमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायल यात्रियों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।


जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह मनीष ट्रेवल्स की बस क्रमांक सीजी 07-2050 बैलाडीला से राजधानी रायपुर के लिए निकली थी, तभी राष्ट्रीय राजमार्ग में धमतरी से 13 किलोमीटर दूर गागरा पुल के पास चालक को झपकी आ गई और बस अनियंत्रित होकर लहराते हुए सीधे सड़क के नीचे एक पेड़ में जा घुसी। इस दुर्घटना के बाद यात्रियों में अफरा तफरी मच गई। आस-पास के ग्रामीणों और राहगीरों ने घायल यात्रियों को बस से बाहर निकाला। हादसे में 6 यात्री बुरी तरह से घायल हुए हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है, सभी घायलों को धमतरी के जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया हैं। घायल यात्री में सुरेंद्र साहू (48 साल) राम शक्ति नगर दुर्ग, छोटू सिंह (30 साल) शंकर नगर रायपुर, जय गुप्ता (37 साल) पथरागुड़ा जगदलपुर, उसकी पत्नी बबीता गुप्ता (32) जगदलपुर, बस का हेल्पर बबलू पंसारी (30) राम नयापारा राजिम और कैलाश गुप्ता (44) गीदम है। इधर घटना की जानकारी मिलते ही एडिशनल एसपी मनीषा ठाकुर, डीएसपी अरुण जोशी समेत पुलिस के अन्य अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों को त्वरित उपचार मुहैया कराया और घटना की जांच पड़ताल में जुट गए।


वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से पाइपलाइन का उद्घाटन

पीएम मोदी व नेपाल के पीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेट्रोलियम पाइपलाइन का किया उद्घाटन


नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी व नेपाल के पीएम केपी ओली ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारत-नेपाल पाइपलाइन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि विकास के लिए हमारी साझेदारी को और सक्रिय बनाने और नए क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के लिए हमने नए अवसरों का लाभ उठाया है। हमारे संयुक्त प्रयासों का उद्देश्य है कि हमारे लोगों को लाभ मिले, उनका विकास हो। पीएम मोदी बोले कि पिछले पांच वर्षों में हमने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय परियोजनाओं को पूरा किया है और कई अन्य इनिसिएटिव के परिणाम जल्दी प्राप्त किए हैं। पिछले साल हमने संयुक्त रूप से पशुपतिनाथ धर्मशाला और आईसीपी वीरगंज का उद्घाटन किया था।


पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत संतोष का विषय है कि दक्षिण एशिया की यह पहली क्रॉस-बॉर्डर पेट्रोलियम पाइपलाइन रिकॉर्ड समय में पूरी हुई है। इसका श्रेय आपके नेतृत्व को, नेपाल सरकार के सहयोग को और हमारे संयुक्त प्रयासों को जाता है। 2015 के विनाशकारी भूकंप के बाद जब नेपाल ने पुनर्निर्माण का बीड़ा उठाया, तो भारत ने पड़ोसी और निकटतम मित्र के नाते अपना हाथ सहयोग के लिए आगे बढ़ाया।


कमलनाथ को जेल भेजने का पहला कदम

दिल्ली। सरकार ने कांग्रेस के उन नेताओं के खिलाफ शिकंजा कसना शुरु कर दिया है जो कभी न कभी उसके लिए मुसीबत का सबब बने हैं।


जांच एजेंसियों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, डी. के. शिवकुमार को जेल भेजकर अपने मंसूबे जाहिर कर दिये हैं। अब इस कड़ी में ताजा नाम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का जुड़ने वाला है। गृह मंत्रालय ने कमलनाथ के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले को दोबारा खोल दिया है। कमलनाथ पर सिख विरोधी दंगों में शामिल होने का आरोप है। कमलनाथ के खिलाफ ताजा सबूतों पर विचार करते हुए केस नंबर 601/84 को दोबारा खोलने का नोटिफिकेशन जारी किया है। माना जा रहा है ये कमलनाथ को जेल भेजने की तैय्यारियों का पहला कदम है।


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...