गुनाहों का देवता: वो वकील जो विवादित मामलों और चेहरों की आवाज़ बना
●जेठमलानी ने की कई हाई प्रोफाइल केसों में पैरवी
●राम जेठमलानी ने 2017 में लिया था वकालत से संन्यास
●लालू यादव, राजीव गांधी और इंदिरा गांधी से जुड़े केस लड़े
भारतीय कानून के इतिहास में जब भी प्रमुख वकीलों का नाम लिया जाएगा राम जेठमलानी के बिना यह चर्चा अधूरी रहेगी. लंबी बीमारी के बाद 95 साल की उम्र में रविवार को उनका निधन हो गया। जेठमलानी ने 17 साल में लॉ की पढ़ाई पूरी कर ली थी और 18 साल की उम्र से वकालत शुरू कर दी थी। वकालत के प्रति उनका जो जुनून था वह उन्हें ऊंचाइयों पर ले गया। उन्हें विवादित मुद्दों को हाथ में लेने में मजा आता था। जब देश कुछ और सोच रहा हो उसके खिलाफ जाना जेठमलानी के बस की ही बात थी। उन्होंने कई ऐसे लोगों को फांसी के फंदे से बचा लिया जिन्हें आरोपी माना गया था।
राम जेठमलानी ने राजीव गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों से लेकर चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव तक का केस लड़ा था। जेठमलानी इंदिरा गांधी की हत्या के दोषी केहर सिंह और सतवंत सिंह और राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी मुरुगन के बचाव में कोर्ट में पेश हुए थे।
दरअसल, 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब कोई भी वकील हत्यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह के लिए पैरवी करने के लिए तैयार नहीं था। तब राम जेठमलानी ने हिम्मत दिखाते हुए उनका केस लड़ने का फैसला लिया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट को चुनौती
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह के वकील के तौर पर पेश हुए जेठमलानी ने एम्स के डॉक्टर और इंदिरा गांधी के शव का पोस्टमार्टम करने वाले टीडी डोगरा द्वारा दी गई मेडिकल रिपोर्ट को भी चैलेंज किया था. इस केस को लड़ने की वजह से जेठमलानी की आलोचना भी हुई थी।
वहीं संसद पर हमले के आरोपी कश्मीरी आतंकी अफजल गुरु के मामले में भी जेठमलानी ने पैरवी की थी। हालांकि अदालत ने फांसी की सजा को बरकरार रखा और 9 फरवरी 2013 को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। दिल्ली के बेहद चर्चित जेसिका लाल हत्याकांड मामले में वह अभियुक्त मनु शर्मा के वकील थे। हालांकि इस केस में उन्हें सफलता नहीं मिली और साल 2010 में कोर्ट ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था।
अमित शाह के वकील रहे
इसके अलावा जेठमलानी ने यूपीए सरकार के सबसे चर्चित घोटाले 2 जी स्कैम में आरोपी और डीएमके नेता करूणानिधि की बेटी कनिमोझी के बचाव में पैरवी की थी। वहीं सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में उन्होंने अमित शाह की तरफ से केस लड़ा था। जेठमलानी ने माफिया डॉन हाजी मस्तान पर तस्करी से जुड़े मामले में पैरवी की थी। वहीं उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से भी पेश हुए थे।जून 2011 में रामलीला मैदान में धरना दे रहे बाबा रामदेव पर सेना के प्रयोग के लिए बाबा के बचाव में जेठमलानी कोर्ट में पेश हुए थे।
जयललिता और आडवाणी भी क्लाइंट
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के लिए अवैध खनन मामले में पेश हुए थे। वाईएस जगनमोहन रेड्डी के लिए मनी लांड्रिंग के मामले में भी पैरवी की थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में वो तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के वकील थे तो वहीं हवाला कांड में राम जेठमलानी वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के वकील थे।
जेठमलानी ने जो प्रमुख केस लड़े उनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह, आतंकी अफजल गुरु, जेसिका लाल मर्डर केस, 2 जी स्कैम, आय से अधिक संपत्ति के मामले, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर, चारा घोटाला जैसे बड़े केस शामिल हैं। बता दें कि जेठमलानी ने लंबे करियर के बाद 2017 में संन्यास लेने का फैसला किया था। उन्होंने संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।