रविवार, 8 सितंबर 2019

सबको डराने वाली पुलिस भूत से डरी

भूत ने उड़ाई पुलिस की नींद


मनोज सिंह ठाकुर 
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की पुलिस को भूत ने हलाकान कर रखा है। लोगों का डर दूर भगाने वाली पुलिस खुद भूत-प्रेत से डरी हुई है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि कुछ जवानों का यह दावा है कि पुलिस की एक गाड़ी में भूत-प्रेत का साया है। पुलिसकर्मियों में भूत का खौफ इस कदर समा गया है कि कोई भी जवान इस गाड़ी में बैठने को तैयार नहीं है। पुलिसकर्मी इतने भयभीत हैं कि कोई भी टाइगर-2 (डायल 112) वाहन चलाने के लिए तैयार नहीं है। पुलिसकर्मियों में भूत-प्रेत का ऐसा डर है कि वे अपने साथ नींबू और मिर्च तक लेकर चल रहे हैं।अफसरों के भय से यदि कोई पुलिसकर्मी वाहन चलाता भी है, तो उसकी रात दहशत में कटती है। ऐसे में जवान अपने साथ गाड़ी में नींबू-मिर्च के अलावा पूजा पाठ की सामाग्री भी साथ में रखते हैं।


इस खबर से हमारा मकसद किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि हम उस हकीकत से आपको रूबरू करा रहे हैं जो इन दिनों रायपुर पुलिस के साथ घटित हो रही है। बता दें कि रायपुर में डायल-112 वाहन द्वारा पुलिस हर किसी को मदद पहुंचाने के लिए तत्पर रहती है, लेकिन आजाद चौक थाना क्षेत्र में चलने वाली डायल-112 गाड़ी में भूत के डर से कोई भी पुलिसवाला बैठने से कतराता है। कुछ जवानों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस वाहन में जो भी बैठता है, उसे रात में गाड़ी में किसी अनजान शख्स के होने का आभास होता है।


205 लोगों को सांप ने डसा: बीकानेर

बीकानेर। बारिश के बाद जहां सांप बिलों से बाहर निकल आए हैं वहीं खेतों में किसानों की चहल-पहल भी बढ़ गई। नतीजा आदमी के खलल से नाराज सांपों के गुस्से से पीड़ित लोग हर दिन हॉस्पिटलों में पहुंच रहे हैं। सर्पदंश की चपेट में आ रहे औसतन दो लोगों को हर दिन पीबीएम हॉस्पिटल लाया जा रहा है। गनीमत यह है कि समय रहते हॉस्पिटल पहुंचने या गांवोँ में एंटी स्नैक वीनम की पहली डोज मिल जाने से जान पर खतरा कम हो गया है। सितंबर के पांच दिनों में 11 ऐसे लोगों को पीबीएम हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है जिनकी सर्पदंश के बाद हालत गंभीर हो गई। इससे पहले अगस्त में 32 लोगों को भर्ती कर इलाज करना पड़ा। जनवरी से अब तक की बात करें तो इस वर्ष अब तक 162 सर्पदंश पीड़ितों को भर्ती किया जा चुका है। इनमें से सर्वाधिक पीड़ित जून से अगस्त के बीच ही रिपोर्ट हुए हैं।


पीबीएम हाॅस्पिटल पहुंचे लोगों सहित पूरे बीकानेर जिले के हॉस्पिटल्स में पहुंचे सर्पदंश पीड़ितों की बात की जाए तो अब तक 205 लोग सांप के चपेट में आकर हॉस्पिटल पहुंचे हैं। सर्पदंश पीड़ितों की तादाद देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी ग्रामीण स्वास्थ्य सेंटर्स पर एंटी स्नैक वीनम की उपलबध्ता सुनिश्चित करने को कहा है। खासतौर पर मेला रूट पर सतर्कता बरती जा रही है।


गणपति विसर्जन में धामा बनी मुख्य अतिथि

रंजीता धामा ने लिया गणपति बप्पा का आशीर्वाद


गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी की लोनी नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रंजीता धामा युवा संगठन इन्द्रापुरी के सहयोग से निकाली जा रही गणपति विसर्जन शोभायात्रा मे मुख्य अतिथि के रूप मे पँहुची।
इस अवसर पर युवा संगठन के पदाधिकारीयों के दुारा रंजीता धामा का माला पहनाकर व टीका लगाकर स्वागत किया ।
हवन -पूजन किया गया तत्पश्चात शोभायात्रा शुरू की गयी ।
रंजीता धामा ने गणपति बप्पा के दरबार मे शीश झुकाकर आशीर्वाद लिया। लोनी नगर पालिका अध्यक्ष ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि हमारे नगर पालिका क्षेत्र मे गणपति बप्पा जी की दिन-प्रतिदिन अनेकों जगह पर मूर्ति स्थापित की जा रही है तथा सभी अपनी श्रद्धानुसार गणपति पूजन कर रहे है तथा फिर उनको विसर्जित कर रहे हैं। 
लोनी नगर पालिका भी भक्तों के विसर्जन के लिये सुविधाएं कर रही है। अस्थायी घाटों का निर्माण कराया जा रहा है जँहा पर लोग विसर्जन कर सके ताकि नदियों मे प्रदुषण ना हो ।
रंजीता धामा जी ने सभी से अपील करते हुये कहा कि आप सभी शांति पूर्वक त्यौहार मनाये तथा नगरपालिका के दुारा बनाये गये अस्थायी घाटों पर ही विसर्जन करे ।
रंजीता धामा ने कहा कि युवा संगठन इन्द्रापुरी बेहद ही ऊर्जावान युवाओं का समूह है आप लोग धर्म के प्रति जागरूक रहते हैं। मै आप सभी को धन्यवाद करती हुं कि आप लोग इतने अच्छे से गणपति बप्पा जी की शोभायात्रा निकालते हो। गणपति बप्पा को विघ्न हर्ता भी बोला जाता है। उनकी कामना है कि गणपति महाराज आप सभी के जीवन से सभी मुश्किलों को हर ले ।
आप सभी सदैव इसी प्रकार मिल- जुलकर हर त्यौहार मनाये।
इस अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष कोमुदी चौधरी, सभासद सुरेन्द्र बैसोया, सुन्दिरयाल, अमर सिंह, रितेश, राकेश सर्वेश, सन्नी सिंह, दिलीप कुमार, मुकेश, कृष्ण कुमार, राहुल रावत, विजय कश्यप सहित सैकड़ों की संख्या मे कालोनीवासी उपस्थित रहे।


आर्बिटर ने थर्मल कैमरे से तस्वीर ली

नई दिल्ली। इसरो को चांद पर विक्रम लैंडर की स्थिति का पता चल गया है ऑर्बिटर ने थर्मल इमेज कैमरा से उसकी तस्वीर ली है। हालांकि, उससे अभी कोई संचार स्थापित नहीं हो पाया है। ये भी खबर है कि विक्रम लैंडर लैंडिंग वाली तय जगह से 500 मीटर दूर पड़ा है। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा (ओआरसीएच) ने विक्रम लैंडर की तस्वीर ली है।अब इसरो वैज्ञानिक ऑर्बिटर के जरिए विक्रम लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश कर रहे हैं ताकि, उसका कम्युनिकेशन सिस्टम ऑन किया जा सके। इसरो के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि बेंगलुरु स्थित इसरो सेंटर से लगातार विक्रम लैंडर और ऑर्बिटर को संदेश भेजा जा रहा है ताकि कम्युनिकेशन शुरू किया जा सके।


भविष्य में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कितना काम करेंगे, इसका तो डेटा एनालिसिस के बाद ही पता चलेगा। इसरो वैज्ञानिक अभी यह पता कर रहे हैं कि चांद की सतह से 2.1 किमी ऊंचाई पर विक्रम अपने तय मार्ग से क्यों भटका। इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि विक्रम लैंडर के साइड में लगे छोटे-छोटे 4 स्टीयरिंग इंजनों में से किसी एक ने काम न किया हो। इसकी वजह से विक्रम लैंडर अपने तय मार्ग से डेविएट हो गया। यहीं से सारी समस्या शुरू हुई, इसलिए वैज्ञानिक इसी प्वांइट की स्टडी कर रहे हैं।


इसके अलावा चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा (OHRC) से विक्रम लैंडर की तस्वीर ली जाएगी। यह कैमरा चांद की सतह पर 0.3 मीटर यानी 1.08 फीट तक की ऊंचाई वाली किसी भी चीज की स्पष्ट तस्वीर ले सकता है।


कार्तिक को कारण बताओ नोटिस जारी

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार प्लेयर विकेट कीपर और अनुभवी बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने नियमों का उल्लंघन करने का हवाला देकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बताया जा रहा है की वेस्टइंडीज में दिनेश कार्तिक कैरीबियन प्रीमीयर लीग फ्रेंचाइजी त्रिनबागो नाइट राइडर्स के एक प्रमोशनल इवेंट में शामिल हुए थे। ग्रीन बाबू नाइट राइडर बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान की टीम है। बताया जा रहा है की 34 वर्षीय कार्तिक को त्रिनबागो नाइट राइडर्स के ड्रेसिंग रूम में देखा गया और पोर्ट ऑफ स्पेन में सेंट किट्स एंड नेविस के खिलाफ सीपीएल के ओपनिंग मैच भी उन्होंने अटेंड किया।


बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया है कि हां दिनेश कार्तिक को बीसीसीआई के द्वारा एक शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। उन्हें कुछ ऐसी तस्वीरें हाथ लगी है जिसमें दिनेश कार्तिक को त्रिनबागो नाइट राइडर्स की ड्रेसिंग रूम में देखा गया है। बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने उन्हें यह नोटिस जारी किया है और पूछा है कि उनका केंद्रीय अनुबंध क्यों जारी रखा जाए। बता दे की नेशनल टीम के साथ अनुबंध होने की दशा में किसी भी खिलाड़ी को किसी दूसरे देश की घरेलू क्रिकेट टीम से दूर रहना होता है। वह ना ही उस टीम का हिस्सा हो सकते और ना ही उनके किसी इवेंट में बिना अनुमति शामिल हो सकते। बीसीसीआई इस तरह की गतिविधियों को सीधे-सीधे अनुबंध का उल्लंघन मानता है। इसके लिए उन्हें विशेष अनुमति की जरूरत होती है। बहरहाल दिनेश कार्तिक मुसीबतों में घिरते नजर आ रहे हैं। अगर उन्होंने अपने जवाब से बीसीसीआई को संतुष्ट नहीं किया तो संभवत उनसे अनुबंध तोड़ा जा सकता है और वह शायद ही फिर कभी अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान मैदान में नजर आएं।


हजारों 'नगमे' जो अमर हो गए

खनकती हुई आवाज़ की मलिका आशा भोसले का आज जन्मदिन पर विशेष
शेख नसीम


भोपाल। अपनी मदमस्त और खनकती हुई आवाज़ के ज़रिए करोड़ो लोगो को अपने गीतों से दीवाना बनाने वाली मशहूर प्लेबैक सिंगर आशा भोसले का आज जन्म दिन हैं। गायिका आशा भोसले का जन्म महाराष्ट्र के सांगली में 8 सितंबर 1933 को हुआ था आशाजी के परिवार में पिता दीना नाथ मंगेशकर एक गायक थे इसके अलावा माँ बड़ी बहन लता मंगेशकर,मीना मंगेशकर, उषा मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर थे आशाजी को उनके पिता ने बचपन से ही संगीत की शिक्षा दिलाई थी 9 वर्ष की उम्र में ही आशाजी के सरसे पिता का साया उठ गया था और घर का खर्च चलाने की ज़िम्मेदारी लता जी और आशाजी दोनों पर कम उम्र पर ही आ गई थी मंगेशकर परिवार सांगली से मुंबई आ गया जहाँ लता मंगेशकर फिल्मो में गीत गाने के अलावा अभिनय करने लगी थी। आशा भोसले को फिल्मी दुनिया मे पहला ब्रेक 1948 में फ़िल्म चुनरिया के गीत सावन आया से मिला। शुरू में आशाजी को बी ग्रेड और सी ग्रेड फिल्मो के गीत ही गाने को मिलते थे ए ग्रेड फिल्मो के गाने उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर गाती थी लेकिन 1957 की फ़िल्म नया दौर आशाजी के फिल्मी कैरियर में एक नया दौर लेकर आई जिसके सभी गाने ज़बरदस्त हिट हुए रफी साहब के साथ गए उनके गीत हर एक संगीत प्रेमियों की ज़बान पर थे चाहे वो मांग के साथ तुम्हारा हो या उड़े जब जब जुल्फे तेरी हो या साथी हाथ बढ़ाना हो इन गीतों की मधुरता और लोकप्रियता ने आशा भोसले को लता मंगेशकर का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी बना दिया था नया दौर निर्देशक बी आर चौपड़ा की पहली फ़िल्म थी जिसके नायक थे महान अभिनेता दिलीप कुमार।


इसके बाद आशा जी बीआर चोपड़ा की हर फिल्म में गीत गाने वाली स्थाई गायिका बन गई थी धूल का फूल,वक्त,हमराज,आदमी और इंसान,द बर्निंग ट्रेन,तवायफ आदि फिल्मो में आशाजी के गाए हुए नगमों ने भारतीय सिने जगत में धूम मचा दी थी। संगीतकार ओ पी नैयर ने आशा जी की आवाज़ का बेहतरीन उपयोग करते हुए आशाजी को एक अलग ही स्टाइल दिया था बाद में संगीतकार आरडी बर्मन ने भी आशाजी की आवाज़ का बहुत ही सुंदर तरीके से इस्तेमाल करके एक अलग ही पहचान दी। ओ पी नैयर के साथ आशाजी ने नया दौर, एक मुसाफिर एक हसीना,तुमसा नही देखा,कश्मीर की कली,हमसाया,आदि फिल्मो के गीतों में एक अल्हड़पन भरे नगमे जिन्होंने भारतीय संगीत प्रेमियों को उदासियों से निकाल कर संगीत के समंदर में गोते लगाने को मजबूर कर दिया था


*आशा भोसले को मिले अवार्ड।* आशा भोसले ने अपने जीवन मे करीब 16000 से ज्यादा गीत गाए इनमे हिंदी के अलावा मराठी,गुजराती,तमिल,मलयालम,भोजपुरी,पंजाबी,अंग्रेजी और रूसी ज़बान में गाए गीत शामिल हैं आशाजी को 7 बार सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म फेयर अवार्ड से नवाजा गया था। पहला फ़िल्म फेयर अवार्ड 1968 में आई फ़िल्म दस लाख के गीत,गरीबो की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा के लिए मिला था
दूसरा फ़िल्म शिकार के गीत पर्दे में रहने दो पर्दा न उठाओ के लिए मिला था जो 1969 में रिलीज हुई थी तीसरा अवार्ड 1972 में आई फ़िल्म कारवाँ के गीत पिया तू अब तो आजा के लिए मिला था चौथा अवार्ड फ़िल्म हरे रामा हरे कृष्णा के गीत दम मारो दम के लिए मिला था जो 1973 में आई थी पांचवा अवार्ड 1974 में आई फ़िल्म नैना के गीत होने लगी हैं रात के लिए मिला था छठा फ़िल्म फेयर अवार्ड 1975 में आई फ़िल्म प्राण जाए पर वचन न जाए के गीत चेन से हमको कभी के लिए मिला था आखरी और कुल सातवाँ फ़िल्म फेयर अवार्ड 1979 में आई चर्चित फिल्म डॉन के गीत ये मेरा दिल प्यार का दीवाना के लिए मिला था इसके अलावा आशा भोसले को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका हैं ये फिल्में थी उमराव जान और इजाजत।
1981 में रेखा अभिनीत फिल्म के ग़ज़लों ने तो जैसे तहलका ही मचा दिया था ख़य्याम के संगीत से सजी गज़ले और गीतों ने तो आशा जी के फिल्मी कैरियर में चार चांद लगा दिए थे दिल चीज़ क्या हैं आप मेरी जान लीजिए के लिए आशाजी को पहला नेशनल अवार्ड दिया गया था इसके अलावा फिल्म इजाज़त के गीत मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास के लिए दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था 1989 में मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय लता मंगेशकर अवार्ड आशा भोसले को उनके गए गीतों के लिए प्रदान किया था 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने भी लता मंगेशकर अवार्ड आशाजी को दिया था 2001 में आशाजी को उनके योगदान के लिए फ़िल्म फेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा था। आशा भोसले को इतना आदर,सम्मान प्रसिध्दि,शोहरत,पैसा मिलने के बाद भी आशा जी ने कभी घमंड नही किया और आज भी उनके गए मधुर और मदमस्त गीत एक अलग ही मस्तिक में ऊर्जा का संचार करते हैं आशा जी आज 86 वर्ष की हो गई हैं गाना कम कर दिया हैं लेकिन आज भी रियलिटी शो में बतौर जज नज़र आती रहती हैं। आशा जी ने अपने फिल्मी कैरियर में हर बड़े संगीतकार और गायको के साथ काम किया हैं। जैसे की ओपी नैयर,ख़य्याम,लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल,कल्याणजी-आनंजी,नोशाद,शंकर-जयकिशन,आरडी बर्मन, एसडी बर्मन,रवि,ऐ आर रहमान आदि संगीतकारों के साथ मिलकर एक से बढ़ कर एक नायाब नगमे भारतीय संगीत को दिए।


*आशा भोसले के गाए कुछ यादगार गीत।* 
वो हसीन दर्द दे दो जिसे में गले
मांग के साथ तुम्हारा
हम तेरे बिन जी न सकेंगे सनम
जाइये आप कहा जाएंगे
उड़े जब जब जुल्फे तेरी
जब चली ठंडी हवा
कौन आया की निग़ाहों में चमक
आगे भी जाने न तू
दिन हैं बहार के तेरे मेरे इकरार के
नील गगन पर उड़ते बादल आ
खत लिख दे साँवरिया के नाम
पिया तू अब तो आजा
ओ मेरे सोना रे
ओ हसीना जुल्फों वाली
आजा आजा में हूँ प्यार तेरा
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने
दिल चीज़ क्या हैं 
याही रे याही रे जोर लगाके
ज़रा सा झूम लू में
मेरा सनम सबसे प्यारा हैं
अगर ज़िन्दगी हो तेरे संग हो
हम लाख छुपाए प्यार मगर
मिलने की तुम कोशिश करना
प्यार हमारा अमर रहेगा
ये मेरा दिल प्यार का दीवाना
और जवानी जानेमन हसीन दिलरुबा जैसे कई हज़ारो नगमे हैं जो आशाजी की आवाज़ पाकर अमर हो गए। आज आशाजी के जन्म दिन पर हम ईश्वर से उनके स्वस्थ और उज्ज्वल जीवन की कामना करते हैं और आशाजी ऐसे सदैव ही हँसती ,मुस्कुराती रहे और आगे भी अपनी आवाज़ के ज़रिए अपने गीतों की मिठास घोलती रहे।


शरीर के मूल बीज का घटक 'धातु'

धातु' शब्द सभी शास्त्रों में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। धातु शब्द की व्युत्पत्ति 'धा' धातु में 'तुन्' प्रत्यय लगाने से हुआ है। व्याकरण में 'धातु' का अर्थ है - 'जिससे शब्द निष्पन्न होता है'। महर्षि पाणिनि ने लगभग दो हजार धतुओं का उल्लेख किया है। भाषा का मूल बीज 'धातु' है। आयुर्वेद में वात-पित्त-कफ को 'धातु' कहा गया है, जिससे समस्त जीव-शरीर का निर्माण हुआ है। आयुर्वेद में प्रयुक्त धतु को देखा नहीं जा सकता, परन्तु इनमें से किसी एक में भी विकार होते ही उसे हम अनुभव करते हैं। मनुष्य के शरीर मे 'ओज' को 'धातु' की संज्ञा दी गई है। यह शरीर के मूल बीज का घटक है जिन्हें हम सत्त्व-रज-तम भी कहते हैं। इन्हें भी नहीं देखा जा सकता परन्तु आचरण आदि में किसी एक गुण का विकास होता है इसी प्रकार वीणा की वादन क्रिया में प्रयुक्त समस्त युक्तियों का सार 'धातु' है। प्रबन्ध के अवयव को भी धातु कहा गया है।


शास्त्रीय संगीत के सन्दर्भ में 'धातु' विभिन्न विशेष अर्थों में प्रयुक्त हुआ है जैसे प्रबन्ध का अवयव धातु, विविध वादनों में प्रयुक्त धातु, वाग्गेयकार के संदर्भ में धातु, वाचिक अभिनय के संदर्भ में धातु आदि।


धातु शब्द 'धा' में 'तुन्' प्रत्यय जोड़ने से बना है। यह शब्द कई अर्थों में प्रयुक्त होता है-


धातु (खनिज): आधुनिक रसायन विज्ञान की परिभाषा के अनुसार धातु उस खनिज पदार्थ को कहते हैं जो चमकीला तो हो, परन्तु पारदर्शी न हो, जिसमें ताप, विद्युत आदि का संचार होता हो, जो कूटने, खींचने पीटने आदि पर बढ़ सके अर्थात् जिसके तार और पत्तर बन सके। खानों में ये धातुएँ अपने विशुद्ध रूप में नहीं निकलती, बल्कि उनमें अनेक दूसरे तत्त्व भी मिले रहते हैं। उन मिश्रित रूपों को साफ करने पर धातुएँ अपने बिलकुल शुद्ध रूप में आती हैं।
धातु (आयुर्वेद) : शरीर को धारण करने या बनाये रखनेवाले तत्त्व जिनकी संख्या वैद्यक में ७ कही गई है। यथा—रस, रक्त, मांस, भेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र। कहा गया है कि जो कुछ हम खाते-पीते हैं, उन सबसे क्रमात् उक्त सात धातुएँ बनती हैं, जिनसे हमारा शरीर बनता है।
धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द) : संस्कृत व्याकरण में, क्रियाओं के वे मूल रूप जिससे उनके भिन्न-भिन्न विकारी रूप बनते हैं। जैसे — अस्, कृ, घृ, भू आदि।
इसके अतिरिक्त स्तूप को भी धातु कहते हैं। गौतम बुद्ध अथवा अन्य बौद्ध महापुरुषों की अस्थियाँ भी 'धातु' कहलाती हैं जिनको उनके अनुयायी डिब्बों में बन्द करके स्मारक रूप में स्थापित करते थे।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...