मंगलवार, 3 सितंबर 2019

रामपुर में बीडी कारखानों पर छापेमारी

तुषार सक्सेना- ब्यूरो चीफ रामपुर
रामपुर जनपद में वाणिज्य विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर तीन बीड़ी बनाने के कारखाने पर की छापेमारी 


रामपुर। तहसील टांडा के उपजिलाधिकारी ने बीड़ी के तीन कारखाने में की छापेमारी। बीड़ी के तंबाकू व पत्तों के सैंपल भी लिए गयेे। घनी आबादी में चल रहे तीनों कारखाना  संचालक करा रहे थे नाबालिक किशोर से काम।अधिकारियो द्वारा जीएसटी का बिल नहीं दिखाने पर नोटिस जारी किया गया। इस दौरान क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा। उत्तर-प्रदेश के रामपुर तहसील टांडा में उस वक्त खलबली मच गई। जब अचानक एसडीएम टांडा और वाणिज्य विभाग की टीम ने तीन कारखाने में छापेमारी की। इन कारखाने में बीड़ी के तंबाकू और बीड़ी पत्ते के सैंपल भरे गए। वही से वाणिज्य विभाग की टीम ने पॉलिथीन और बीड़ी बनाने के उपकरण भी बरामद किए। बीड़ी बनाने की कारखाने से एक नाबालिक किशोर को कार्य करते हुए वाणिज्य विभाग की टीम ने पकड़ा है। इस मामले में तीनों कारखाने  स्वामियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। बरामद प्रतिबंध पॉलिथीन के इस्तेमाल करने पर विभाग की टीम ने कार्यवाही करते हुए ₹27000हजार रुपये का जुर्माना दंड के रूप में भी लगाया।संचालक युसूफ नजाकत अली, अतीक अहमद तीनों के खिलाफ कई धाराओं में कार्यवाही की जा रही है। तीनों थाना टांडा तहसील के रहने वाले बताए जा रहे हैं। ऋचा कक्कड टीम की महिला अधिकारी ने बताया टांडा विधानसभा में 3 बीड़ी के कारखानों में छापेमारी की गई है। तंबाकू और बीड़ी के पत्ते को सैंपल के लिए भेज दिए गए हैं।


मनमोहन की भविष्यवाणी सच हुई

नई दिल्ली। लोग कह रहे है कि मनमोहन ने पहले ही बता दिया था कि नोट बन्दी से अर्थ व्यवस्था में 2%तक गिरावट आएगी।
आप जानते हो की अर्थ व्यवस्था में गिरावट का असली कारण है। नकली मुद्रा का चलन से बाहर हो जाना। नोट बन्दी के समय देश में आधिकारिक तौर पर करीब 15लाख करोड़ की मुद्रा रिजर्व बैंक द्वारा जारी थी जो वर्तमान में 21लाख करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। उसके बाद भी महंगाई दूर दूर तक नहीं सोचिए क्यों? हकीकत है कि उस समय की कांग्रेस सरकार ने पैरलल यानी समानांतर मुद्रा चलाकर चिदम्बरम और वाड्रा जैसों को नया रिजर्व बैंक बना रखा था। जिसका परिणाम महंगाई और अर्थव्यवस्था की कृत्रिम तेजी थीं। चूंकि मनमोहन सिंह उस सरकार के सरगना थे इसलिए उन्हें ज्ञात था कि लगभग कितनी समानांतर मुद्रा इस देश में चलाई गई है और नोट बन्दी से कितनी मुद्रा चलन से बाहर होने वाली है इसीलिए उनका आंकलन लगभग सटीक बैठा है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती आयी है। वरना कोई अन्य कारण नहीं कि देश की अर्थ व्यवस्था में सुस्ती आय जबकि सरकार लगभग 2लाख करोड़ की अतिरिक्त मुद्रा प्रतिवर्ष बाजार में जारी कर रही हो। एक मोटे अनुमान के अनुसार नोट बन्दी से पहले आधिकारिक से अधिक अनाधिकृत मुद्रा चलन में थी। मतलब आप समझिए की आपके हाथों में नोट नहीं बल्कि चिदम्बरम और वाड्रा के दिए कागज थे। जिनका मूल्य शून्य था।


अगस्त ने बढ़ाई सरकार की मुश्किल

नई दिल्ली। मोदी सरकार को एक के बाद एक आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबरों का सामना करना पड़ रहा है। अब उसको जीएसटी की तरफ से बुरी खबर सुननी पड़ रही है। अगस्त महीने में जीएसटी के कलेक्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई। देश का कुल जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ से नीचे पहुंचकर 98,202 करोड़ हो गया। इससे सरकार के लिए एक औऱ चिंता खड़ी हो गई। राजस्व विभाग ने आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि जीएसटी कलेक्शन जुलाई में 1.02 लाख करोड़ रुपये था। जो कि अगस्त में 98,202 करोड़ घटकर पहुंच गयाा।


आज का दिन मुश्किल भरा रहेगा:धनु

राशिफल


मेष-राशि वालों के लिए आज का दिन आर्थिक रूप से शुभ रहेगा. कारोबार में प्रगति करेंगे! नए लोगों से मुलाकात होगी जिसका फायदा निकट भविष्य में मिलेगा! पूरे दिन लाभ के योग बने रहेंगे! घर-परिवार की स्थिति अच्छी रहेगी!जीवनसाथी के साथ संबंधों में मधुरता आएगी! सेहत का ख्याल रखें!


वृषभ-राशि के लोगों के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा! अपने दुष्मनों को अपने कौशल से पराजित करेंगे! कार्यक्षेत्र पर नई ऊर्जा के साथ काम करेंगे! आर्थिक लाभ के पूरे योग हैं। व्यापार की स्थिति सुधरेगी! पारिवारिक जीवन खुशहाल रहे!


मिथुन-राशि वालों को आज सफलता हाथ लगेगी! नौकरीपेशा वाले लोगों को आज अपने काम की तारीफ मिलेगी! व्यापार में नए निवेश की योजना बनेगी! प्रभावशाली लोगों से मुलाकात होगी! सामाजिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी!लोगों के बीच पहचान बढ़ेगी! पारिवारिक जीवन यथावत रहेगा! जीवनसाथी से अनबन हो सकती है!


कर्क-राशि के लोगों के लिए आज का दिन लाभकारी है! व्यापार को नए मुकाम पर ले जाएंगे! साझेदारी व्यवसाय में प्रवेश के लिए अच्छा वक्त है! आमदनी में बढ़ोतरी होगी और आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा! पारिवारिक संबंधों में खटास आएगी! किसी रिश्तेदार से अनबन हो सकती है!जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा!


सिंह-राशि वालों के लिए आज का दिन आर्थिक रूप से शुभ है! कानूनी मामलों में आज सफलता मिलेगी. पुराना अटका धन प्राप्त होगा! सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी! यात्रा की योजना बन सकती है! पूरे दिन व्यस्त रहने के चलते थकान महसूस करेंगे! घर-परिवार की स्थिति ठीक रहेगी! वैवाहिक संबंधों में सुधार आएगा!


कन्या-राशि वाले लोग आज परेशान रहेंगे! काम की व्यस्तता के चलते परिवार और खुद के लिए समय नहीं निकाल पाएंगे! व्यापार की स्थिति कुछ खास नहीं रहेगी! आर्थिक मोर्चे पर असफल रहने पर चिंतित रहेंगे! प्रेम संबंधों के लिए अभी अच्छा समय है! खर्च में बढ़ोतरी आपकी चिंता बढ़ा सकती है!


तुला-राशि वाले आज भाग्यशाली रहेंगे! कार्यक्षेत्र पर सफलता के कई मौके मिलेंगे! व्यापार को एक नए मुकाम पर ले जाएंगे! नए निवेश की योजना बनेगी! नए लोगों से मुलाकात होगी! आमदनी में बढ़ोतरी होगी! पारिवारिक जीवन यथावत बना रहेगा! यात्रा पर निकल सकते हैं!


वृश्चिक-राशि के लोगों के लिए आज का दिन कुछ खास नहीं रहेगा! कार्यक्षेत्र पर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा! निरंतर मिलती असफलता से चिंतित रहेंगे! कारोबार की स्थिति सामान्य रहेगी! पूरे दिन लाभ के योग बने रहेंगे! पुराना अटका धन प्राप्त हो सकता है! पारिवारिक संबंधों में खटास आ सकती है!


धनु-राशि वालों के लिए आज का दिन मुश्किलों भरा रहेगा!व्यापार में नए निवेश के बारे में अभी न सोचें! साझेदार से धोखा मिल सकता है! कार्यक्षेत्र पर कार्य को सिद्ध करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी! मानसिक परेशानी बढ़ेगी!खर्च में कमी लाएं! जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा!


मकर-राशि के लोगों के लिए आज का दिन अच्छा बितेगा! कारोबार की स्थिति सामान्य रहेगी! लाभकारी सौदे होंगे! सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी. परिवार के साथ समय बिताएंगे! पुराने दोस्तों-रिश्तेदारों से मुलाकात होगी! सेहत का ख्याल रखें!


कुंभ-राशि वालों के लिए आज का दिन परेशानियों से भरा रहेगा। खर्च में बढ़ोतरी आपको चिंतित करेगी। आर्थिक और सामाजिक मोर्चे पर असफलता मिलने से निराशा होगी।रोजगार के क्षेत्र में प्रयासरत लोगों को आज खुशखबरी मिल सकती है। पारिवारिक संबंधों में मधुरता आएगी। प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी।


मीन-राशि के लोगों के लिए आज का दिन कुछ खास नहीं रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी पी़ड़ा से परेशान रहेंगे। पुराना अटका धन प्राप्त होगा। व्यापार की स्थिति सामान्य रहेगी। नए निवेश की ओर कदम न बढ़ाएं, भविष्य में हानि हो सकती है।जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा।


पवित्र नारियल की विशेषता

नारियल की तासीर ठंडी होती है। नारियल का पानी हल्का, प्यास बुझाने वाला, अग्निप्रदीपक, वीर्यवर्धक तथा मूत्र संस्थान के लिए बहुत उपयोगी होता है।


सूखे नारियल से तेल निकाला जाता है। इस तेल की मालिश त्वचा तथा बालों के लिए बहुत अच्छी होती है। नारियल तेल की मालिश से मस्तिष्क भी ठंडा रहता है। गर्मी में लगने वाले दस्तों में एक कप नारियल पानी में पिसा जीरा मिलाकर पिलाने से दस्तों में तुरंत आराम मिलता है।
बुखार के कारण बार-बार लगने वाली प्यास के इलाज के लिए नारियल की जटा को जलाकर गर्म पानी में डालकर रख दें। जब यह पानी ठंडा हो जाए तो छानकर इसे रोगी को पीने दें। इससे प्यास मिटती है।
आँतों में कृमि की समस्या से निपटने के लिए हरा नारियल पीसकर उसकी एक-एक चम्मच मात्रा का सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। नारियल के पानी की दो-दो बूँद सुबह-शाम कुछ दिनों तक नाक में टपकाने से आधा सीसी के दर्द में बहुत आराम मिलता है।
सभी प्रकार की चोट-मोच की पीड़ा तथा सूजन दूर करने के लिए नारियल का बुरादा बनाकर उसमें हल्दी मिलाकर प्रभावित स्थान पर पट्टी बाँधें और सेंकें। विभिन्न त्वचा रोगों जैसे खाज-खुजली में नारियल के तेल में नीबू का रस और कपूर मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है।
हृदय के विकारो के जोखिम कम करने के लिए सूखा नारियल का सेवन करना चाहिए। सूखा नारियल में अधिक फाइबर होता है। जो हृदय को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है।
सूखे नारियल का सेवन करने से पाचन सम्बंधित सभी समस्याओं से बचने में मदद करता है।


पित्तजन्य विकारों के निदान में नारियल विशेष रूप से लाभकारी है। इसके लिए कच्चे नारियल की गिरी, रस तथा सफेद चंदन का बुरादा मिला लें। इस मिश्रण की 10 ग्राम मात्रा को रात को पानी में भिगो दें। सुबह छानकर इसे खाली पेट पिएँ।
स्वस्थ सुंदर संतान प्राप्ति के लिए गर्भवती महिला को 3-4 टुकड़े नारियल प्रतिदिन चबा-चबाकर खाने चाहिए। इसके साथ एक चम्मच मक्खन, मिसरी तथा थोड़ी सी पिसी कालीमिर्च मिलाकर चाटें। बाद में थोड़ी सी सौंफ चबाएँ। इसके आधे घंटे बाद तक कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। पुराने सूजाक और मूत्रकृच्छ में भी इससे आश्चर्यजनक लाभ होता है।
नारियल क्रोहन्स डिजीज के इलाज के लिए एक रामबाण औषधि है। इस बीमारी में रोगी की आँतों में जलन, डायरिया, मल में रक्त आना, वजन कम होना आदि लक्षण होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार क्रोहन्स डिजीज के उपचार में प्रयोग किए जाने वाले कॉर्टिकोस्टेराइड्स के समकक्ष नारियल में फाइटोस्टेराल्स नामक समूह तत्व होता है जो क्रोहन्स डिजीज में मुकाबला करता है।
नारियल हमें मोटापे से भी बचाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक स्वस्थ वयस्क के भोजन में प्रतिदिन 15 मिग्रा जिंक होना जरूरी है जिससे मोटापे से बचा जा सके। ताजा नारियल में जिंक भरपूर मात्रा में होता है।
हैजे में यदि उल्टियाँ बंद न हो पा रही हों तो रोगी को तुरंत नारियल पानी पिलाना चाहिए। इससे उल्टियाँ बंद हो जाती हैं।


ई-शिक्षा कार्मिक विकास की राह पर

ई-शिक्षा सेवाओं का विकास उस समय हुआ जब पहली बार शिक्षा में कंप्यूटरों का इस्तेमाल किया गया। मिश्रित शिक्षा सेवाओं की तरफ बढ़ने की एक प्रवृत्ति होती है। जहां कंप्यूटर-आधारित गतिविधियों को व्यावहारिक या कक्षा-आधारित परिस्थितियों के साथ एकीकृत किया जाता है।


बेट्स एवं पूल (2003) और ओईसीडी (2005) का सुझाव है कि विभिन्न प्रकार या रूप के ई-शिक्षा को कोई ई-शिक्षा नहीं, अर्थात् अध्यापन एवं शिक्षा के लिए कंप्यूटर और या इंटरनेट का कोई उपयोग नहीं, से लेकर कक्षा सहायता, जैसे - एक पाठ्यक्रम या शिक्षा प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से छात्रों के लिए कक्षा व्याख्यान के पॉवरपॉइंट स्लाइड को उपलब्ध कराना, से होते हुए लैपटॉप प्रोग्राम, जहां छात्रों को कक्षा में लैपटॉप लाने और उन्हें आमने-सामने कक्षा के भाग के रूप में इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है और संकर शिक्षा, जहां कक्षा के समय को कम किया जाता है न कि इसे ख़त्म किया जाता है और साथ में सम्पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा के लिए अधिक समय समर्पित किया जाता है। जो दूरस्थ शिक्षा का ही एक रूप है, तक एक सातत्यक माना जा सकता है। यह वर्गीकरण कुछ हद तक ई-शिक्षा की स्थिति पर आधारित स्लोन कमीशन की रिपोर्ट के वर्गीकरण की तरह ही है, जो प्रौद्योगिकी के उपयोग की बढ़ती तीव्रता को दर्शाने के लिए वेब वर्धित, वेब पूरक और वेब आधारित शिक्षा को संदर्भित करता है। बेट्स एवं पूल के सातत्यक में, 'मिश्रित शिक्षा' में कक्षा सहायता, लैपटॉप एवं संकर शिक्षा समाहित हो सकता है। जबकि 'वितरित शिक्षा' में या तो संकर या सम्पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा शामिल हो सकता है।


तो यह देखा जा सकता है कि ई-शिक्षा अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला का वर्णन कर सकता है और यह सहकर्मी की समीक्षा वाले शोध प्रकाशनों में भी बिलकुल स्पष्ट नहीं है कि किस तरह की ई-शिक्षा पर चर्चा की जा रही है। हालांकि, बेट्स एवं पूल का तर्क है कि जब अनुदेशक यह कहते हैं कि वे ई-शिक्षा का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह अक्सर ज्यादातर कक्षा सहायता के रूप में प्रौद्योगिकी के उपयोग को ही संदर्भित करता है। हालांकि समय के साथ सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा में एक क्रमिक वृद्धि भी हुई है।


यमआचार्य नचिकेता वार्ता 'कर्तव्यवाद'

गतांक से ...


यमआचार्य नचिकेता वार्ता कर्त्तव्यवाद


मुनिवर, पत्र और पुष्पों को लेकर उनका रस बनाकर के सेवन करते रहे हैं। उनको तपा-तपा करके उनका सेवन करना। और 'आनंद ब्रह्म' मन को पवित्र बनाना, अपने आप में रमण करना। विशुद्ध पवित्रता कहलाती है। परमात्मा के समीप जाने की एक पगडंडी है। तो पगडंडी क्या है? अन्‍न को पवित्र बनाना है। मन की उत्पत्ति उसी के द्वार से होती है। साकल्य मुनि महाराज ने 12 वर्ष के पांच अनुष्ठान किए और अनुष्ठान करने से उन्होंने यह यज्ञ में प्रतिक्रियाओं में लगे रहने से अग्नि के मुख में कुछ ना कुछ आहुति देना है। वह 'अग्नि ब्रह्मा' मुनिवर, देखो दो प्रकार की होती है। एक जो ब्रह्म जगत में प्रदीप्त हो रही है। उसका शोधन करना भी अनिवार्य है। एक अग्नि हमारे अंतर ह्रदय में प्रदीप्‍त हो रही है। उसे भी आहुती देना है। उसको आहुति वह पत्र और उसको को पान कराना है। जिससे मानव का ह्रदय पवित्रता की वेदी पर मानो रत हो जाए। महर्षि साक्‍लय मुनि महाराज प्रातः कालीन खेचरीमुद्रा में प्रणायाम करते थे। उससे उनकी अन्न की पूर्ति हो जाती थी। मध्यकालीन आता तो वह नाना वृक्षों के पुष्पों को ले करके उनको अग्नि में तपा करके रस बनाकर के पान करते थे। सायंकाल को सूर्य प्रणायाम ,सूर्य प्रणायाम में संकल्प, प्रणायाम की पुट लगा कर के, उसमें शीतली प्राणायाम करके, उस रस को सेवन करते थे ।जो वायु में परमाणुओं के रूप में बह रहा है। इस प्रकार का उन्होंने 12 वर्षों का अनुष्ठान किया। इससे उनका मन पवित्र बन गया। उनका मन महान बन गया। उन्होंने मोक्ष की पगडंडी प्राप्त कर ली। मोक्ष के निकट चले गए। क्या मानव के अंतकरण में, क्या चित के मंडल में जो ब्रह्मा संस्कारों की उदबुदता हो रही है। महानता हो रही है वह एक बार एकांत स्थली में विद्यमान थे। कहीं से विहीतं नामक एक दैत्य मांसाहार करने के लिए एक हिरनी के पीछे गति करने लगा। वह पूर्ण रूपेण गर्भवती थी। तो जैसे उसने अस्त्रों का प्रहार किया तो साकल्‍य मुनि ने आश्रम में आभाष किया हिरणी और 'प्रो' मानव है। गर्भाशय से विहीन हो गई। शावक को जन्म देकर हिरनी आगे चली गई। वह जलाईदी सावक साक्‍लय मुनि के आश्रम में रह गया। हिरनी तो आगे चली गई, दैत्य ब्रह्मा भी आगे गति करता रहा, तो ऐसा मुझे स्मरण है। साक्‍लय मुनि महाराज ने उस हिरनी के शावक को दृष्टिपात किया। अरे, इसमें तो कोई गति हो रही है और सांस की प्राण की गतियां हो रही है। तो साक्‍लय मुनि ने अपने कमंडल में से जल् उसके मुखारविंद में परिणित किया। उसकी सांसों की गति कुछ माध्यम बनी। अपनी स्थलीयो पर आ गई, सावक ने जल का और उपयोग किया तो है जीवित हो गया। साकलय मुनि ने उसे आलिंगन कर लिया तो उसकी पालना में, पोषण में लग गए। जब उसकी पालन-पोषण में लग गए। मेरे प्यारे, नाना प्रकार की भोज्‍य उसे प्राप्त कराआते रहते। समय पर जल प्रदान करते, समय पर उसे दुग्ध प्रदान करते हैं।मुनि वेचूक नामक राज्य के समीप पहुंचे और वेतकेतू राजा के द्वार पर जा करके उन्होंने कहा 'संभव लोकाम, मुनि को जब राजा ने दृष्टिपात किया तो वेतकेतू राजा ने उनसे कहा यहां मुनि का आगमन ,मैं दृष्टिपात कर रहा हूं। मेरा बड़ा अहोभाग्य, उन्होंने राज स्‍थल को त्याग दिया और यह कहा, आइए राजस्थान पर खडे हो गए और विधमान हो कर के राजा ने चरणों को स्पर्श करके कहा, कि भगवान कैसे आगमन हुआ? उन्होंने कहा, मुझे गौ की इच्छा है। मुझे दूध देने वाली गौ प्रदान कीजिए। महाप्रभु यह तो आप मुझे सूचना दे देते, मैं गौ आपके आश्रम में पहुंचा देता। प्रभु आपने कष्ट क्यों किया है? उन्होंने कहा कि भ्रमण करता हुआ मैं आ गया हूं कोई बात नहीं है। राजा ने ऋषि का स्वागत किया और अपने सेवको से कहा जाओ देखो ऋषि आश्रम में एक गौ को ले जाओ जो दूध देने वाली होनी चाहिए। मेरे प्यारे गौ आश्रम में पहुंच गई। ऋषि ने वहां से गमन किया। राजा ने कहा प्रभु और कुछ देख लीजिए। साक्‍लय मुनि ने कहा राजन तुम्हारी राष्ट्र में महानता होनी चाहिए। क्योंकि तुम्हारा राष्ट्र चरित्र में उत्पन्न होना चाहिए। तुम्हारे राष्ट्र में विद्या का मध्यम पवित्र होना चाहिए। तुम्हारा राष्ट्र विज्ञानवेता होना चाहिए। राजा को यह उपदेश देकर के वहां से आज्ञा पाकर के उन्होंने गमन किया। वह भ्रमण करते हुए अपने आश्रम में पहुंचे तो उन्हें वहां एक गाय प्राप्त हो गई। उसके दुग्ध को उस हिरनी के शावक को दुग्ध का आहार कराते हुए। दूध का पान कराते रहते थे। ऋषि ममता और मोह ऐसी विचित्र होती है। बेटा क्या मानो, जिन्होंने अपने शरीर का मोह नहीं किया। देखो हिरणी के बालक से कितना मोह हुआ? उसको कंठ से आलिंगन,उसका चुंबन करते रहते। उसको पुत्र की भांति पालन पोषण करते रहते हैं। मेरे प्यारे देखो, हिरनी के बालक को भिन्न-भिन्न प्रकार की शिक्षा देते रहते हैं। साक्‍लय मुनि महाराज श्वेतकेतु मुनि महाराज के पुत्र कहलाते थे और श्वेतकेतु मुनि महाराज की आयु बड़ी  दीर्घ थी। देखो उनकी जो माता थी सोमवती वाचन उनकी जो माता थी। वह वरुणा वाचन  नामकरण था। श्‍वेधा अपनी लोरियों का पान करा करके उसे यही शिक्षा देती है। बालक निर्वस्त्र बन जाए परंतु तू किसी से इच्छा प्रगट मत कर। माता की यह शिक्षा रही । श्वेतकेतु यही कहते रहे है,ब्रह्मचारी,राजा के राष्ट्र में अपने विचार के पान को प्रकट करो। अपने स्वार्थ के लिए स्वार्थपरता में नहीं आना चाहिए। पिता की भी यही शिक्षा, आचार्यों की भी यही शिक्षा रही, परंतु अपने जीवन काल में आकर मुनि महाराज ने पांच अनुष्ठान किए। 12 वर्षों के पांच अनुष्ठान, जिसमें दो अनुष्ठान उन्होंने याज्ञिक होने के लिए किए। देखो उनकी लगभग 400 वर्ष की आयु में किसी से कोई इच्छा अपने लिए प्रगट नहीं की। कितना त्याग और तपस्या में उनका जीवन रहा है।


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...