शनिवार, 31 अगस्त 2019

गैंगरेप पीड़ित की इलाज के दौरान मौत

मुंबई। महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी गैंगरेप पीडि़त लड़की की इलाज के दौरान मौत हो गई है। जुलाई में लड़की के साथ उसके ही चार दोस्तों ने मुंबई में रेप किया था। इस घटना में पीडि़ता बुरी तरह जख्मी हो गई थी। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा था। पुलिस ने बताया कि लड़की के साथ बर्थडे सेलिब्रेट करने के बहाने उसके चार दोस्तों ने उससे गैंगरेप किया था। इस घटना के बाद पीडि़ता अपने घर औरंगाबाद लौट आई थी। पीडि़ता ने डर के चलते किसी को इसकी जानकारी नहीं दी, लेकिन तबीयत बिगडऩे पर उसे 25 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में जांच के दौरान डॉक्टरों को उसके साथ गैंगरेप होने की बात का पता चला।


बच्चों पर जानलेवा हमला,खुद लगाई आग

रायपुर। राजधानी के धरसीवां थाना इलाके में एक पिता ने अपने दो बच्चों पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद आरोपी ने खुद को आग लगाकर जलाने का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि पत्नी के मायके जाने से नाराज आरोपी ने देर रात इस घटना को अंजाम दिया। आरोपी लगभग 70 प्रतिशत जल चुका है। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। धरसीवां थाना प्रभारी नरेन्द्र बंछोर ने बताया कि घटना सड्डू इलाके की है। आरोपी शंकर निषाद की पत्नी तीजा मनाने मायके चली गई थी। शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात आरोपी घर पहुंचा। बच्चे खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे कि आरोपी ने बच्चों पर जान से मारने की नीयत से चाकू से हमला कर दिया। छोटे बच्चे के गले में काफी ज्यादा चोटें आई हैं। वहीं दूसरा बच्चा भी घायल है। जान बचाकर बड़ा बेटा मदद के लिए पड़ोसियों को गुहार लगाई। पड़ोसी जब मदद के लिए घर के अंदर दाखिल हुए तब तक आरोपी खुद पर मिट्टीतेल डालकर आग लगा चुका था। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी शंकर निषाद का शरीर लगभग 70 प्रतिशत जल चुका था, जिसे इलाज के लिए डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्चों का भी इलाज जारी है। बड़े बेटे की शिकायत पर पुलिस ने मामले में धारा 307, 309 के तहत अपराध कायम किया है।


आईफा अवॉर्डस का 20 वां संस्करण

मुम्बई। यह आईफा अवार्ड्स का 20 वां संस्करण हैं जो आइफा के रिकॉर्ड में पहली बार भारत की मायानगरी बालीवुड मुंबई में होस्ट किया जाएगा। इस धमाकेदार इवेंट का आयोजन इस साल सितम्बर में महाराष्ट्र मुंबई में होगा। यहाँ पर बॉलीवुड का टेलेंट, ग्लैमर, डांस, नए कलाकारों की प्रतिभा, दुनिया भर की मीडिया, फेन्स के सामने बॉलीवुड के सितारों को सम्मानित किया जाएगा। आइफा मुंबई से इस बार दुनिया को हिलाने के लिए तैयार हैं। तारों-सितारों से सजा यह वार्षिक उत्सव एक बहुत बड़े सेलिब्रेशन का गवाह बनने को तैयार हैं।


पिछले 5 सालों की ही तरह इस बार भी NEXA अपनी कंसिस्टेंसी दिखाते हुए आइफा अवार्ड्स का टाइटल प्रायोजक बना हुआ हैं। वहीं Woosh डिटर्जेंट लगातार तीसरे वर्ष भी कॉज पार्टनर के रूप में लैंगिक समानता के एजेंडे को लिए हुए आइफा के साथ बना हुआ हैं। साथ ही टाटा टी गोल्ड इस इवेंट में ब्रांड पार्टनर हैं।


आइफा द्वारा दिए जाने वाले स्पेशल अवार्ड्स
• IIFA अवार्ड्स 2019 में कुछ नए 5 विशेष पुरस्कारों के साथ और भी बड़ा और बेहतर बनकर आने वाला हैं।
आइफा ने इस अवार्ड को और भी शानदार बनाने के लिए कुछ नए अवार्ड्स की घोषणा की हैं भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म अकादमी ने अपने पिछले 19 वर्षों के विजेताओं के बीच आइफा बिग 20 सम्मान की घोषणा की हैं इसमें वह इन विजेताओं में से किन्ही चुनिंदा विजेताओं को स्पेशल तरीके से सम्मानित करेगा। यह सब आपको देखने को मिलेगा 2019 सितम्बर मायानगरी मुंबई में।


आइफा बिग 20 में विनर्स इस आधार पर चुने जाएंगे।
• बेस्ट परफॉरमेंस फीमेल इन लीडिंग रोल
• बेस्ट परफॉरमेंस मेल इन लीडिंग रोल
• बेस्ट डायरेक्टर
• बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर
• बेस्ट पिक्चर


वहीं आइफा के 11 लोकप्रिय नॉमिनेशन इस प्रकार हैं.
इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी (IIFA) ने 20 वें संस्करण के लिए अपनी पॉपुलर 11 कैटेगरी का एलान कर दिया हैं। बेस्ट पिक्चर से लेकर डायरेक्शन और स्टोरी तक, 11 पॉपुलर कैटेगरी के लिए आपके सुपरस्टार नॉमिनेट हुए हैं. जो कि इस प्रकार हैं।
• सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म
• सर्वश्रेष्ठ निर्देशक
• सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
• सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
• सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता
• सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री
• सर्वश्रेष्ठ कहानी 
• सर्वश्रेष्ठ गीतकार
• सर्वश्रेष्ठ संगीतकार
• सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक
• सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका


युवा दिलों पर राज करने का हुनर

मुंबई।  जाने ये कौन मेरी रूह को छूकर ग़ुज़रा, एक क़यामत हुई बेदार…ख़ुदा ख़ैर करे! आई ज़ंजीर की झनकार ख़ुदा ख़ैर करे.!! फिल्म रजिया सुल्तान में कब्बन मिर्ज़ा की बेमिसाल आवाज में इस गाने के हर एक बोल, दिल में किसी तीर की तरह आर पार हो जाते हैं। खूबसूरती और उस पर चढ़ता जवानी का नशा, किस कदर किसी को अपना दिवाना बनाता है, इस गाने के के जरिए मिर्जा साहब ने इसे बड़ी ही मासूमियत से फरमाने की कोशिश की है। हालांकि उस दौर में खुदा खैर करे तो को अपनी तरह की एकलौती अभिनेत्री हेमा मालिनी पर फिल्माया गया था। लेकिन आज के दौर में इस तरह के जहन की गहराई में उतर जाने वाले गाने को, फिल्माए जाने के लिए किसी ऐसे चेहरे की जरुरत महसूस होती है। जो मासूमियत की ऊंचाईयां को पार करता हुआ हॉटनेस की नयी परिभाषा को जन्म देने की काबिलियत रखता हो।


“मिलावट है तेरे हुस्न में “इत्र” और “शराब” की, तभी मैं थोड़ा महका हूं, थोड़ा सा बहका हूं…” यूँ तो भारतीय फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में ऐसे कई चेहरे हैं जो एक नजर में दिल को भा जाते हैं लेकिन कुछ ही चेहरे ऐसे है जिनकी तस्वीर आँखों में समा जाती है और लाख मुद्दतों बाद में उसकी रौनक धूमिल नहीं पड़ती। कौशिकी राठौर एक ऐसा ही चमकता दमकता सितारा है। जिसने अपनी अदायिकी से तो सबको दिवाना बनाया ही है साथ ही ट्रेडिशनल और मॉडर्न युग की सुंदरता का बेमिसाल उदाहरण पेश किया है।कौशिकी मुंबई की बारिश में आग लगाने से लेकर स्टार प्लस के मशहूर शो, कृष्ण चली लन्दन, तक का एक बेहतरीन सफर पूरा करने के साथ अपनी अदायिकी और हॉटनेस से तमाम युवा दिलों पर राज करने का का हुनर कमाया है। कहते हैं तस्वीरें बोलती हैं, और इसमें कोई आश्चर्य नहीं हैं कि कौशिकी की हर अदा किसी जंजीर की झंकार से कम नहीं है और यही वजह है कि लेख की पहली लाइन में कब्बन मिर्ज़ा के गीत को लिखना एक मजबूरी महसूस होने लगती है।


प्रोफेशनल फ्रंट पर बात करें तो स्टार प्लस के मशहूर शो कृष्णा चली लन्दन में गुड्डन का किरदार निभाने वाली कौशिकी को जल्द ही एक वेब सीरीज में देखा जायेगा। एक्टिंग के साथ-साथ मॉडलिंग और फोटोग्राफी का शौक रखने वाली कौशिकी, हाल में हुए एक फोटोशूट में अपने तड़कते भटकते बोल्ड अंदाज में भी दिखी थी। गुस्से से दूर खुशमिजाजी को अपने पास रखने में यकीन करने वाली कौशिकी शो कृष्णा चली लन्दन में गुड्डन के किरदार में देखा गया था, जहां उन्हें उनकी एक्टिंग के लिए दर्शकों की काफी सराहना मिली थी। गुड्डन ने भाभी के किरदार में थोड़ी पागल और चुलबुल भाभी की भूमिका निभाते हुए सबका दिलजीत लिया था।


कौशिकी असल में भी काफी चुलबुली स्वभाव की है। दूरदर्शन के लिए काम कर चुकी कौशिकी जल्द ही एक वेब सीरीज में भी दिखने वाली है। हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्हें गुस्सा बहुत कम आता है और बचपन से ही सिगिंग और डांसिंग का शौक रखती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कौशिकी ने मेरा इंतकाम गाने से पहले एक बोल्ड फोटो शूट भी कराया था जिसकी सोशल मीडिया पर लम्बे समय तक चर्चा रही थी।


6 सालों में सबसे बुरे दौर मे जीडीपी

नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर में है, इसके संकेत मिलने लगे हैं। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जिस तरह से गोता लगा रहे है, वह अर्थव्यवस्था की सुस्ती की ओर साफ इशारा कर रहे हैं। विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में आई सुस्ती से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.8 से घट कर 5 प्रतिशत रह गई। यह पिछले छह साल से अधिक समय में सबसे कम वृद्धि रही है।


शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) वृद्धि 0.6 प्रतिशत रही जो एक साल पहले की इसी अवधि में 12.1 प्रतिशत थी। इसी तरह कृषि क्षेत्र में जीवीए वृद्धि कमजोर पडक़र दो प्रतिशत रही जो 2018-19 की अप्रैल-जून अवधि में 5.1 प्रतिशत पर थी। निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटकर 5.7  प्रतिशत पर आ गयी है जो एक साल पहले की पहली तिमाही में 9.6 प्रतिशत थी। हालांकि, खनन क्षेत्र की वृद्धि में इजाफा हुआ है। आलोच्य अवधि में यह 2.7 प्रतिशत रही है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 0.4 प्रतिशत थी।


इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च में) देश की आॢथक वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत के निचले स्तर पर रही थी जबकि एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आॢथक वृद्धि दर 8 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही थी। पिछली तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2019 में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2018- 19 की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही।


राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्यों के आधार पर वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार 35.85 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जून तिमाही में यह  34.14 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार यह जीडीपी में पांच प्रतिशत वृद्धि दर को दर्शाता है। वहीं 2011-12 के स्थिर मूल्य के आधार पर समीक्षावधि में सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) इस अवधि में 11.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।


वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में यह 11.21 लाख करोड़ रुपये था। जीएफसीएफ को निवेश का मानक माना जाता है। समीक्षाधीन अवधि में वर्तमान और स्थिर कीमतों पर जीडीपी के समक्ष जीएफसीएफ क्रमश:  29.7  प्रतिशत और 32.5  प्रतिशत रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह क्रमश: 30  और 32.8 प्रतिशत रहा था। भारतीय रिजर्व बैंक ने जून की मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आॢथक वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.9  प्रतिशत कर दिया था। वर्ष 2019 की अप्रैल-जून अवधि में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही है जो उसके पिछले 27 साल में सबसे कम रही।


सीएम पोर्टल से उठ रहा लोगों का विश्वास

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए सीएम पोर्टल की शुरुआत की थी। इससे त्वरित न्याय के साथ सरकार की छवि बेहतर होने की उम्मीद थी, लेकिन जनपद में अधिकांश अधिकारियों की लापरवाही सीएम के इस सपने पर पानी फेर रही है। इसका खुलासा कई मामलो में निस्तारण बिना छानबीन के ही झूठी रिपोर्ट लगाने का सामने आया हे । मामला ये है की गांव सुहावली अकराबाद निवासी गजराज सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने सहयोगी रवेंद्र पुत्र नेत्रपाल निवासी गांव सुहावली के माध्यम से जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी कि एनआरएलएम के तहत गांव में स्वयं सहायता समूहों का गठन नहीं हुआ है।इनका गठन कराया जाए।


जवाब में खंड विकास अधिकारी अकराबाद एवं ग्राम पंचायत अधिकारी सुहावली तथा सहायक विकास अधिकारी पंचायत अकराबाद ने गांव सुहावली में अंबेडकर स्वयं सहायता समूह नाम से समूह बनाने और खाता खोले जाने की प्रक्रिया पूर्ण होने की जानकारी दी।रिपोर्ट पर ग्राम प्रधान सोनू कुमारी व उनके जेठ प्रेम कुमार पुत्र तोताराम तथा राशन डीलर विनोद पुत्र जानकी प्रसाद निवासी गांव सुहावली को गवाह बनाया जाना दर्शाया।सूचना के हश्र को देख कर तो ऐसा ही लगता है।अफसरों ने यहां स्वयं सहायता समूह का गठन दिखा दिया।इसके बाद उन्होंने आरटीआई से जानकारी मांगी तो कार्यालय खंड विकास अधिकारी अकराबाद से जानकारी मिली कि उक्त योजना में आज तक कोई समूह गठित नहीं हुआ है।उन्होंने डीएम से मामले की जांच कराने एवं पोर्टल पर गलत निस्तारण दर्ज कराने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।


इसी तरह तमाम लोगों ने सैकड़ों जन शिकायतें सीएम हेल्प लाइन और संबंधित अधिकारियों से कीं, लेकिन जिले के संबंधित अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आदेश को ठेंगा दिखाकर उनको ठंडे बस्ते में डाल दिया। आइजीआरएस पोर्टल पर बहुत से मामलों में केवल औपचारिकता स्वरूप शिकायत को केवल विभाग में ट्रांसफर कर निस्तारित बता दिया गया।


एनआरसी की लिस्ट में 1906657 लोग बाहर

नई दिल्ली। असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई है। गृह मंत्रालय ने फाइनल लिस्ट की सूची जारी की है। सुरक्षा-व्यवस्था के लिए 51 कंपनियां तैनात की गई हैं, एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों को एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जगह मिली और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया, जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाखिल कर सकते हैं।


एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी हो जाने के बाद व्यक्ति की नागरिकता रहेगी या नहीं इसका निर्णय फ़ॉरेन ट्रायब्यूनल ही करेगी।


असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि वह राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर सारी उम्मीदें छोड़ चुके हैं, क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार विदेशियों को राज्य से बाहर करने के नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं। अंतिम एनआरसी सूची जारी होने से पहले शर्मा ने कहा, ” मैंने एनआरसी को लेकर सभी उम्मीदें खो दी हैं। मैं बस चाहता हूं कि दिन बिना किसी बुरी घटना के शांति से गुजर जाए.” हिमंता बिस्वा ने आगे कहा, “दिल्ली और असम सरकार विदेशियों को राज्य से बाहर निकालने के लिए नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं। मुझे नहीं लगता कि यह अंतिम सूची है, अभी और भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है।”


केंद्र ने कहा कि जिन लोगों के नाम फाइनल एनआरसी में नहीं हैं, उनको तब तक विदेशी घोषित नहीं किया जा सकता जब तक सभी कानूनी विकल्प खत्म नहीं हो जाते। एनआरसी से बाहर हुए सभी लोग फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं और अपील फाइल करने के लिए समय सीमा को 60 दिनों से 120 दिन बढ़ा दिया गया है। बाहर किए गए और शामिल किए गए लोगों की सूची को एनआरसी की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। एनआरसी की वेबसाइट  www.nrcassam.nic.in. है। एनआरसी लिस्ट जारी होने के कुछ ही समय बाद इसकी वेबसाइट क्रैश हो गई।


कई बीजेपी नेताओं ने बंगाली हिंदुओं के लिस्ट से बाहर होने पर चिंता जताई। सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने बीते हफ्ते गृह मंत्री अमित शाह से मीटिंग के बाद कहा था, 'केंद्र एक कानून पर विचार कर सकता है। जिससे लिस्ट में शामिल विदेशियों को बाहर किया जा सके और उन लोगों को लिस्ट में शामिल किया जा सके जो सच में भारतीय हैं।असम में 60 हजार पुलिस के जवानों को पोस्ट किया गया है और केंद्र ने 20 हजार की अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्स को असम भेजा है। किसी भी जगह 4 से ज्यादा लोगों के एक साथ खड़े होने पर प्रतिबंध है। खास तौर पर उन जगहों का ध्यान रखा जा रहा है जो संवेदनशील हैं और जहां पहले भी हिंसा हो चुकी है।


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...