शनिवार, 31 अगस्त 2019

धार्मिक यात्रा-भ्रमण कर सकते हैं:तुला

राशिफल


मेष: आज बच्चों पर ध्यान दें और उनके साथ समय बितायें। उग्र स्वभाव पर संयम रखने की जरूरत है। दिन मिलाजुला रहेगा। बचे हुए कार्य पूरे करने में सफल रहेंगे। मानसिक तौर पर थकान का अनुभव करेंगे। 
वृषभ: पारिवारिक कार्यों में आज आप व्यस्त होंगे। पिता की ओर से लाभ मिलेगा। कोई आपका करीबी आपको निराश करेगा। इसलिए बहुत ज्यादा किसी पर भरोसा दिखाने से बचें। पढ़ाई में रुचि होगी। आर्थिक सफलता मिलेगी।
मिथुन: आज किसी खास और नये शख्स से आपकी मुलाकात हो सकती है जो भविष्य़ में आपके जीवन में बड़ी भूमिका निभाने वाला है। दिन अच्छा रहेगा और आप खुश महसूस करेंगे। 
 
कर्क: आज आपके लिए दिन बहुत फायदे और लाभ वाला नहीं है। वैसे, बहुत नुकसान भी नहीं होने वाला है। दिन मध्यम रहेगा। अगर आपके बच्चे हैं और दूर रह रहे हैं तो आज उनकी कमी आपको खल सकती है। 
सिंह: आज आप आत्मविश्वास से भरे होंगे। बिजनेस में कोई नया और बड़ा प्रस्ताव आपके हाथ आ सकता है। आप तेजी से और सही फैसले लेंगे और इसका फायदा भी कार्यों में आपको मिलेगा। मान-सम्मान बढ़ेगा। 
कन्या: आज अपने वाणी और क्रोध पर संयम रखें। अपने अहम को दूर रखें। इससे बड़े नुकसान की आशंका है। शारीरिक थकान और सुस्ती का अनुभव करेंगे। आकस्मिक धन का खर्च हो सकता है। संतान पक्ष से विवाद की आशंका है। 
तुला: आज आप परिवारजनों और अपने संतान के साथ अच्छा समय व्यतीत करने वाले हैं। कहीं छुट्टी या पिकनिक आदि मनाने जा सकते हैं। धार्मिक स्थलों का भी भ्रमण कर सकते हैं। नौकरीपेशा वालों के लिए भी दिन अच्छा है। वैवाहिक सुख की प्राप्ति होगी। स्त्री से लाभ होगा। 
वृश्चिक: आज का दिन आपके लिए फलदायी है। गृहस्थजीवन में आनंद और उल्लास का वातावरण बना रहेगा। आपके कार्य आराम से बिना किसी अवरोध के संपन्न होंगे। बड़े-बुजुर्गों की कृपा दृष्टि रहेगी। आरोग्य अच्छा रहेगा।
धनु: कला या मीडिया के क्षेत्र से आप जुड़े हैं तो आज का दिन आपके लिए अच्छा रहने वाला है। संपत्ति आदि खरीदने के बारे में विचार कर रहे हैं तो इसे आज के लिए टालना बेहतर होगा। उमंग- उत्साह का अभाव रहेगा। 
मकर: आज आप क्या करें और क्या न करें जैसी उलझन में फंसा हुआ महसूस करेंगे। कोई निर्णय लेने से कतरायेंगे। वैसे ऑफिस एवं व्यवसाय क्षेत्र में आज परिस्थिति अनुकूल होगी। आकस्मिक खर्च के योग हैं। यात्रा के दौरान वाहन चलाते समय विशेष ध्यान रखें। 
कुंभ: आपकी ऑफिस एवं व्यवसाय क्षेत्र में दिन अच्छा गुजरने वाला है। आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी। प्रणय प्रसंग आपके दिन को और खूबसूरत बनाएंगे। नया वाहन खरीद सकते हैं। विवाह के संबंध में अच्छा समाचार मिल सकता है। 
मीन: आज धार्मिक कार्यों में आपकी रूचि रहेगी। किसी धार्मिक स्थल पर जा सकते हैं। स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। दैनिक कार्य आराम से पूरे होंगे। धनलाभ का योग है। पुराने मित्रों से मुलाकात हो सकती है।


लिव-इन-रिलेशनशिप व्यवस्था

लिव-इन सम्बन्ध या लिव-इन रिलेशनशिप एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें दो लोग जिनका विवाह नहीं हुआ है, साथ रहते हैं और एक पति-पत्नी की तरह आपस में शारिरिक सम्बन्ध बनाते हैं। यह सम्बंध स्नेहात्मक होता है और रिश्ता गहरा होता है। सम्बन्ध कई बार लम्बे समय तक चल सकते हैं या फिर स्थाई भी हो सकते हैं।इस प्रकार के सम्बंध विशेष रूप से पश्चिमी देशों में बहुत आम हो चुके हैं। यह रुझान को पिछले कुछ दशकों में काफ़ी बल मिला है, जिसका कारण बदलते सामाजिक विचार हैं, विशेषकर विवाह, लिंग भागीदारी और धर्म के मामलों में।


भारत के सर्वोच्च न्यायाल ने लिव-इन सम्बंधों के समर्थन में एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए कहा है कि यदि दो लोग लंबे समय से एक दूसरे के साथ रह रहे हैं और उनमें संबंध हैं, तो उन्हें शादीशुदा ही माना जाएगा।


सम्बन्ध के लाभ:-साथी को पूर्ण समय मौजूद होने के कारण जानने में आसानी होती है।
दोनो पक्ष आम तौर से आर्थिक रूप से स्वतंत्र और किसी पर निर्भर नहीं होते।
इस रिश्ते में सामाजिक और पारिवारिक नियम लागू नहीं होते।
वैवाहित जीवन की जवाबदारी इस रिश्ते पर लागू नहीं होती।
हर पक्ष दूसरे का सम्मान करता है।
सम्बन्ध के समाप्त होने पर तलाक जैसे झंजट-भरे मुकदमे कम ही देखे गए हैं।
असुविधाएँ:-समाज की अस्वीकृति और तिरस्कार।
सम्बंध का विवाह की तरह टिकाव न होना।
स्त्रियों की समस्याएँ, विशेष रूप से सम्बंध अचानक टूटने की स्थिति में पुरुषों से अधिक होती हैं।
इस सम्बंध से पैदा होने वाले बच्चे पारम्परिक पारिवारिक मर्यादाओं को समझने और अपनाने में असमर्थ होते हैं।
विवाह जैसे सम्बंध के आदर की कमी साफ़ दिखाई देती है।


यमआचार्य नचिकेता वार्ता

गतांक से...


हे ब्रह्मावाह वॉचन्‍नम है' जिस राजा के राष्ट्र में विचारों में भिन्नता आ जाती है। राष्ट्र और प्रजा दोनों में एक दूसरे का मत भिन्न होता रहता है । राष्ट्र को नारकीय  बनाता है। वह समाज नरक है। इसलिए यमआचार्य ने कहा, नचिकेता, हमारे प्यारे आचार्य से संबंधित रहना चाहिए। दोनों का परस्पर विवाद मे परस्पर समन्वय हो। परस्पर एक विचारों में प्रश्न करता उत्तर देने वाला है और वह दर्शनिक दर्शनों से उठा हुआ हो। ज्ञान और विज्ञान में गुथा हुआ हो। इस प्रकार का जो तुम्हारा विद्यालय है यह स्वर्ग कहलाता है ।प्रथम अग्नि का पूजन ग्रह पथ्‍य नाम की अग्नि कहलाती है। जिस अग्नि का हमें पूजन करना है और द्वितीय अग्नि का नाम हमारे यहां आहावह अन्य नाम की अग्नि कहलाती है। जिस अग्नि में ब्रह्मचारी मानव तपस्या करता है। द्वितीय का नाम। मेरे प्यारे देखो वह ग्रहपथ्‍य नाम की अग्नि ग्रहपथ्‍य नाम की अग्नि क्या है? जहां बैठा देखो माता पिता अग्नि में तपाया रहते हैं उस अग्नि का हमें पूजन करना है। आज कोई भी यह चाहता है कि मेरा गृह स्वर्ग बन जाए। मेरे गृह में स्वर्ग का वायुमंडल बन जाए। तो माता-पिता अंतरस्थली पर विराजमान होकर के लक्षणों का विचार-विनिमय करें और प्रातः कालीन अग्निहोत्र। जिसे ग्रहपथ्‍य नाम की अग्नि कहते हैं, का पूजन करें। अग्नि नाम कई रूपों में रहने वाली है। यह वाणी से उद्गार शब्द गीत होता है। इसका नाम भी अग्नि कहलाता है। जब माता-पिता अपने अपने आचरण से विशुद्ध होते हैं। आचरण के होते हैं उनके गृह स्वर्ग बनते हैं और जिनके आचरण की भिन्नता हो जाती है। वहां ग्रह शांत हो जाती है अपने को स्वर्ग बनाना है। तो हमें चरणों को इतना पवित्र बनाना चाहिए। अंतरात्मा के अनुकूल बनाना चाहिए ।पति-पत्नी माता-पिता बालक बालिका अपने श्रवण करेंगे। अपने में अध्ययन करेंगे उनके आचरण से उनके आचरण बन जाते हैं। उनकी प्रतिक्रिया विचित्र बन जाती है। हे मातेश्वरी, हे मित्रों, आज अपने चरणों को पवित्र बनाओ। तुम्हारे ग्रह में नर्क का वास ने बन जाए। तुम नारकीय बनो। तुम देवपुरी में अपना वास करने वाले। ग्रह को स्वर्ग बनाना है तो स्वर्ग उस काल में बनेगा जब ग्रहपथ्‍य नाम की अग्नि का प्रकाश होगा। प्रकाश कैसे होता है। प्रातः कालीन वेद मंत्रों का अध्ययन ध्वनि होती रहे। गृह प्रातः कालीन ध्वनित होता रहे। मुझे स्मरण आता रहता है नाना ऋषि-मुनियों का जीवन वह माता और पिता अपने शिकानकेतू ऋषि हुए हैं उद्दालक गोत्र में। शिकनकेतु ऋषि महाराज और उनकी पत्नी प्रातः कालीन याग करते तो याग क्रम में मानव दर्शनों का अध्ययन करते। विज्ञान की तरंगों में उड़ान उड़ते रहते। बाल बालिकाएं माता-पिता के आश्रमों का अध्ययन करते जब अध्ययन करते तो स्वर्ग बन गया। ग्रह में जीवन बन गया और मैं आज तुम्हें ग्रहपथ्‍य नाम की अग्नि के पूजन के संबंध में कुछ विवेचना करना चाहता हूं । महाराज दिलीप जब अध्ययन करते थे और उनकी पत्नी जब ग्रहपथ्‍य नाम की अग्नि का पूजन करती तो राष्ट्र पवित्र बंधन बन जाता। प्रातः कालीन अपनी क्रियाओं से निवृत्त होकर के वेदों का अध्ययन करना, ज्ञान की चर्चा करना।  प्रातः कालीन अग्निहोत्र करना प्रकाश और सुगंध में अपने जीवन को ले जाना और दर्शनों का अध्ययन करना हमारा मानवीय कर्तव्य है। जब तप कर देता है तो दूसरा प्राणी भी तपायमान हो जाता है। बालक बालिकाओं में परिणित हो जाते हैं। अथवा निश्चित हो जाते हैं। विचार-विनिमय क्या है। देखो, विशाखा वायुमंडल केवल पानी से प्रारंभ होता है। इसलिए वाणी में नम्रता के उद्गार होने चाहिए जिससे बालक कहे कि मेरे माता-पिता बड़े प्रसन्न है, वह कितने उदार हैं।  कितने गीत गाने वाले हैं। मेरे पुत्रों, मदालसा जब वेदों का गाना गाती थी। उसके बालक बालिका प्रातः कालीन वेद गाती रहती तो ब्रह्मचारी बालक उनके समीप विद्वान है। माता के गानों को सुनकर के ग्रह को पवित्र बना रही है। गृह में वायुमंडल पवित्र बन रहा है जगत और मन दोनों ऊंचे बन रहे हैं। तो स्वर्ग की कल्पना करने वाला आचार्य कहता है वेद मंत्र कहता है कि हमारे यहां स्वर्ग होना चाहिए। मुझे, मनु के यहां महाराज अक्षु का जीवन उनके साहित्य में प्रवेश करते हैं, प्रातः कालीन वेद का अध्ययन करते हैं। समुद्रों के तटों पर विद्यमान हो करके उपासना करते हैं। राष्ट्र में प्रजा उनके अनुकूल बरतने लगे, इस प्रकार राष्ट्र बन गया, मानव का आचरण मानव की प्रतिभा ऊंची नहीं बनेगी। मानव कल्पना करें कि मैं स्वर्ग में चला जाऊं यह असंभव है। बालक वर्ग कहलाता है। परमपिता परमात्मा है,माता की प्रतिभा का निर्माण हो रहा है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्रधिकृत प्रकाशन विवरण
september 01, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-29 (साल-01)
2. रविवार,01सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष दूज ,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:53,सूर्यास्त 6:54
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी, बरसात की संभावना।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई के छापे

नई दिल्‍ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ शुक्रवार को देशभर में अचानक 150 जगहों पर छापेमारी की।
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, गुवाहाटी, श्रीनगर, शिलांग, चंडीगढ़, शिमला, चेन्नई, मदुरै, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, गांधीनगर, गोवा, भोपाल, जबलपुर, नागपुर, पटना, रांची, गाजियाबाद, लखनऊ और देहरादून में की गई। उन्होंने कहा कि विशेष अभियान मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के उन बिंदुओं को ध्यान रखकर चलाया गया जिनकी वजह से सरकारी तंत्र में आम आदमी और छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा चोट पहुंचती है।


वित्त मंत्री ने किया,बैंकों के विलय का ऐलान

नई दिल्ली। सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को कई बड़े एलान किए हैं।  इस खबर के बाद सरकारी बैंकों के शेयरों में गिरावट आई। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को दस बैंकों के प्रमुखों को बुलाया था। इनमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक और आंध्रा बैंक शामिल हैं। पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक और केनरा बैंक में बाकी सरकारी बैंकों का विलय करने की घोषणा कर दी गई है।


भारत सरकार ने कई बैंकों के विलय का एलान कर दिया है। इनमें सरकारी बैंकों के मुनाफे की स्थिति, लोन रिकवरी का स्तर और नीरव मोदी जैसे बड़े घोटाले रोकने पर किए जा रहे कार्यों के बारे में उल्लेख किया है। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा। अठारह में से छह सरकारी बैंकों का विलय कर दिया गया है। अब विलय के बाद केवल बारह सरकारी बैंक बचेंगे। वहीं देश में पहलेदस बड़े सरकारी बैंक थे, जिनकी शाखाएं विदेशों में भी थी। अब ऐसे बैंकों की संख्या घटकर चार रह जाएगी।


वित्त मंत्री ने कहा कि बैकों ने उपभोक्ताओं के हित में घोषणाएं की हैं। 
पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था पर काम जारी है,तीन लाख फर्जी कंपनियां बंद कर दी गई हैं, बैंकों में कई बड़े सुधार किए गए हैं, बैंक अच्छे प्रबंधन के साथ काम करेंगे, 250 करोड़ से ज्यादा के कर्ज पर निगाह रखेंगे, बड़े कर्ज पर निगरानी के लिए एजेंसी बनेगी, भगोड़ों की संपत्ति पर कार्रवाई जारी रहेगी, कम वक्त में ज्यादा लोन की स्कीम जारी, नीरव मोदी जैसे मामले रोकने के लिए सतर्कता, अभी तक आठ सरकारी बैंकों ने रेपो रेट पर आधारित ब्याज दर की शुरुआत की है, मुश्किल हालात में चार एनबीएफसी को सरकारी बैंकों से मदद मिली है, बैंकों के एनपीए में कमी आई है, एनपीए घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपये हुआ है, 18 में से 14 सरकारी बैंकों का मुनाफा बढ़ा है, बैंकों में कर्मचारियों की छंटनी नहीं की गई है, लोन रिकवरी रिकॉर्ड स्तर पर है, रिटेल लोन में हुई बढ़ोतरी, पंजाब नेशनल बैंक में होगा दो बैंकों, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का होगा विलय , इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का होगा विलय, यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का होगा विलय, सरकारी बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 हुई।


सरकार फेल, संस्था आगे आई

गैस आधारित शवदाह गृह के उपयोग के लिए समाज में जागरुकता जरूरी। अजमेर में बेकार पड़ा है संयंत्र। लावारिस शवों एवं जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सेठ साहिबराम गोयल धर्मार्थ ट्रस्ट तथा अग्रवंशज संस्थान आगे आए। जैन समाज की सार्थक पहल।

अजमेर। विकास प्राधिकरण ने जनप्रतिनिधियों, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों की मांग पर अजमेर के पुष्कर रोड स्थित शमशान स्थल पर कोई सवा करोड़ रुपए की लागत से गैस आधारित शवदाह गृह बनाया गया था। इस गृह का निर्माण शिवशंकर हेड़ा के अध्यक्ष पद पर रहते हुए वर्ष 2018 में हुआ। तब यह उम्मीद जताई गई कि इस संयंत्र में शवों का दाह संस्कार होगा, लेकिन समाज में जागरुकता के अभाव में अब इस संयंत्र का उपयोग नहीं हो रहा है। प्राधिकरण के अधिशाषी अभियंता प्रकाश सोलंकी ने बताया कि संयंत्र में शव दाह के मात्र दो हजार रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है, जबकि लकड़ी व अन्य सामग्री से दाह संस्कार पर दस हजार रुपए से भी ज्यादा की राशि खर्च होती है। लेकिन धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के चलते संयंत्र का उपयोग नहीं हो रहा है। जबकि प्राधिकरण प्रतिवर्ष बड़ौदा की फर्म मैसर्स अल्फा इक्विपमेंटस को प्रतिमाह 46 हजार 750 रुपए का भुगतान कर रहा है। यह राशि संयंंत्र के रख-रखाव की एवज में की जाती है। सोलंकी ने बताया कि कोई भी परिवार कभी शव का दाह संस्कार संयंत्र में कर सकता है। श्मशान स्थल पर हर समय संबंधित फर्म के कर्मचारी उपलब्ध रहते हैं। मोबाइल नम्बर 8003217992 व 8003720117 पर फर्म के कर्मचारियों से संवाद किया जा सकता है। शवदाह गृह से परिजन को अस्थियां भी दी जाती हैं। 
जैन समाज के प्रतिनिधियों की अपील:
पुष्कर रोड स्थित श्मशान स्थल पर स्थापित गैस संयंत्र में शवदाह के लिए जैन समाज के प्रतिनिधि और अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने भी अपील की है। डॉ. जैन ने कहा कि जैन संस्कृति में यह मान्यता है कि लकडिय़ों के जलने पर जीव हत्या होती है, जबकि हमारे यहां किसी प्रकार से जीव हत्या निषेध हैं। यदि अजमेर के जैन समाज के परिवार भी अपने परिजन का अंतिम संस्कार गैस संयंत्र में करते हैं तो उल्लेखनीय कार्य होगा। अन्य समाजों को भी पहल करनी चाहिए, इससे पर्यावरण भी दूषित होने से बचेगा। आज पर्यावरण को बचाने की सख्त जरूरत है। अजमेर के केसरगंज स्थित दिगम्बर जैसवाल जैन मंदिर कमेटी के प्रतिनिधि आर्किटेक्ट प्रवीण जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के अधिकांश बड़े शहरों तथा दिल्ली में जैन समाज के लोग अपने परिजन के शवों का दाह संस्कार विद्युत या गैस आधारित संयंत्र में ही करते हैं। जैन समाज के साधु संत भी विद्युत या गैस संयंत्र में शवों के दहन पर जोर देते हैं। डॉ. अनिल जैन और प्रवीण जैन कहा कि अजमेर में गैस संयंत्र के उपयोग के लिए समाज में जागरुकता की जाएगी। 
दो संस्थाएं आगे आईं:
चूंकि लावारिस शवों के दाह संस्कार के लिए पुलिस के पास बड़ा फंड नहीं होता, इसलिए पुलिस को भी मुश्किल होती है। कई गरीब परिवार भी अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार करने में आर्थिक परेशानी महसूस करते हैं। ऐसी परेशानियों और गैस संयंत्र के प्रति जागुरकता बढ़ाने के लिए ही अजमेर के सेठ साहिबराम गोयल धमार्थ ट्रस्ट के सीताराम गोयल और अग्रवंशज संस्थान के प्रतिनिधि सतीश बंसल ने घोषणा की है कि जिन शवों का अंतिम संस्कार गैस संयंत्र में होगा, उसकी दो हजार रुपए की राशि उनके  संस्थान प्राधिकरण में जमा कराएंगे। दोनों प्रतिनिधियों ने पुलिस विभाग से भी आग्रह किया है कि लावारिस शवों का अंतिम संस्कार गैस संयंत्र में ही करवाएं। इसके लिए मोबाइल नम्बर 9414003475 पर सीताराम गोयल और 9414002423 पर सतीश बंसल से सम्पर्क किया जा सकताक है। दोनों प्रतिनिधियों का कहना रहा कि शुल्क जमा कराने पर संबंधित परिवार की पहचान भी गुप्त रखी जाएगी। 
नेत्रदान की तरह संकल्प लें:
गैस संयंत्र में शव का दाह संस्कार कोई एक समाज का मामला नहीं है। इसमें सभी समाजों के परिवारों को पहल करनी चाहिए। जिस प्रकार जागरुक व्यक्ति अपने जीते जी नेत्रदान का संकल्प लेता है, उसी प्रकार गैस संयंत्र में शव दाह का भी संकल्प लें। यदि कोई व्यक्ति जीवत रहते हुए गैस संयंत्र में दाह संस्कार करने का संकल्प लेगा तो मृत्यु पर उसके परिवार को कोई असमंजस भी नहीं होगा। ऐसा संकल्प  करवाने के लिए अजमेर के पर्यावरणविद् और जागरुक लोगों को आगे आना चाहिए। 
आभार:
30 अगस्त को जब मेरा ध्यान अजमेर के गैस आधारित शवदाह गृह की ओर खींचा गया तो मैंने तभी ब्लॉग लिखने का मानस बनाया। प्राधिकरण के कार्य की विस्तृत जानकारी मुझे अधिशाषी अभियंता प्रकाश सोलंकी ने पूरे उत्साह के साथ उपलब्ध करवाई। वहीं मैं समाजसेवी सीताराम गोयल और सतीश बंसल का भी आधार प्रकट कना चाहता हंू कि मेरे एक बार के आग्रह पर दोनों ने गैस संयंत्र का शुल्क वहन करना स्वीकार कर लिया। सीताराम गोयल तो पहले से ही अपने परिवार के सेठ साहिबराम गोयल धमार्थ ट्रस्ट के माध्यम से अजमेर में बैकुंड रथ यात्रा का संचालन कर रहे हैं। परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर गोयल का ट्रस्ट शववाहन को नि:शुल्क उपलब्ध करवाता है। समाज में धन्नासेठ तो बहुत होते हैं, लेकिन वहीं सेठ कहलाने लायक होता है जो समाज सेवा के लिए तत्पर हो। 
एस.पी.मित्तल


कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...