बुधवार, 28 अगस्त 2019

किट देकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन

पांसल विद्यालय को कबड्डी किट भेट


राजकुमार गोयल 


भीलवाड़ा। नेहरु युवा संसथान पान्सल द्वारा राजकिय उच्च माध्यमिक विद्यालय पान्सल के खिलाडियों को किट वितरित कर हौसला बढ़ाया। अध्यक्ष रामपाल चौधरी ने बताया कि आज से होने वाले वर्त-स्तरीय कबड्डी टूर्नामेंट मे पान्सल से कबड्डी की टीम भाग ले रही है। जिसमे 12 खिलाडियों का चयन किया गया सभी खिलाडियों को ड्रेस(किट)देकर उनका हौशला अफजाई किया गया। साथ ही श्रीमति प्रिन्सिपल से खेल से जुडी समस्याओ के बारे मे चर्चा की गई। साथ ही विस्वास दिलाया की खेल से जुड़ी समस्या को खत्म कर खेल को बढ़ावा देने मे हर एक प्रयास करेंगे।
इस मौके पर संसथान के सरंक्षक विकास शर्मा,प्रिंसिपल इन्द्रा आर्य ओर पीटीआई सत्यनारायण खटीक मौजुद थे।


सर्वसम्मति से'माया'को चुना गया अध्यक्ष

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी समित और आॅल इंडिया स्टेट पार्टी यूनिट के वरिष्ठ सदस्यों और चयनित प्रतिनिधियों की विशेष बैठक बुधवार को लखनऊ में हुई। इस बैठक में मायावती को सर्वसम्मति से फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। इस चुनाव के दौरान सभी प्रक्रियाओं को राष्ट्रीय महासचिव और सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने पूरा किया। इसके बाद मायावती को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा हुई। इस दौरान मायावती ने सभी का आभार प्रकट किया और भरोसा दिलाया कि वह सभी संतों गुरुओं, मान्यवर कांशीराम के बीएसपी मूवमेंट को आगे बढ़ाने के लिए हर कुबार्नी देने को तैयार रहती हैं। इस दौरान मायावती ने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कहा कि बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर इस अनुच्छेद के पक्ष में नहीं थे। यही कारण है कि बीएसपी ने इस धारा को हटाए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने में थोड समय जरूर लगेगा इसलिए थोड़ा इंतजार कीजिए। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और इनकी सरकारों में खासकर बहुजन समाज की इतनी ज्यादा उपेक्षा हुई है, जिसे भुला पाना असंभव है। इन्होंने बाबा साहेब को पहले संसद में चुनकर जाने नहीं दिया, फिर मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न की उपाधि से भी सम्मानित नहीं किया। वहीं आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में होने वाले चुनाव को पार्टी को पूरी मजबूत से लड़ना है। बसपा को खासकर इन राज्यों में बीजेपी व कांग्रेस दोनों के खिलाफ इन चुनावों में लड़ना है और पहले बैलेंस आॅफ पावर बनकर आगे बढ़ना है।


बॉलीवुड में सलमान खान के 31 साल

मुंबई। सलमान खान ने बॉलीवुड में 31 वर्ष का सफर पूरा करने पर अपने प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया। अभिनेता (53) ने सोशल मीडिया पर अपने बचपन की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, '' भारतीय फिल्म जगत का बहुत-बहुत शुक्रिया, उन सभी का जो इस 31 साल के सफर का हिस्सा रहें, विशेषकर मेरे सभी प्रशंसक और मेरे शुभचिंतक, जिन्होंने इस बेहतरीन सफर को मुमकिन बनाया।''


सलमान ने 1988 में आई फिल्म 'बीवी हो तो ऐसी'से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। लेकिन बतौर मुख्य अभिनेता उनकी पहली फिल्म 1989 में आई 'मैनें प्यार किया' थी। 'हम आपके हैं कौन '(1994), 'करण अर्जुन' (1995), 'खामोशी' (1996), 'जुड़वां' (1997), 'बीवी नंबर-1' (1999) उनके करियर की हिट फिल्में रहीं।
 वहीं पिछले एक दशक में, सलमान ने 'दबंग' (2010), 'रेडी' (2011), 'बॉडीगार्ड' (2011),  एक था टाइगर' (2012), 'किक' (2014), 'सुल्तान' (2016), 'टाइगर जिंदा है' (2017), 'भारत' (2019) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म दे चुके हैं। वहीं अभी वह फिल्म 'दबंग3' की शूटिंग में मसरूफ हैं।


एटीएम से कैश निकालने पर ओटीपी जरूरी

एटीएम से 10,000 से ज्यादा पैसे निकालने पर डालना होगा ओटीपी


नई दिल्ली। आज तकरीबन हर कोई एटीएम का इस्तेमाल करता है। लेकिन एटीएम के इस्तेमाल के साथ इससे होने वाली धोखाधड़ी भी काफी बढ़ रही है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब पिन के अलावा वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी ) की सुविधा की शुरुआत की गई है। आइए जानते हैं इसकी शुरुआत किस बैंक ने की है।अगर आप एक दिन में एटीएम से 10,000 रुपये से अधिक की निकासी करना चाहते हैं तो आपको पिन के अतिरिक्त ओटीपी भी डालना होगा। सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक ने एटीएम से कैश निकालने के लिए ओटीपी सुविधा की शुरुआत की है।


ऐसा माना जा रहा है कि अन्य बैंक भी जल्द ही केनरा बैंक के इस फैसले को अपनाएंगे और एटीएम से 10,000 रुपये से ज्यादा कैश निकालने पर ओटीपी अनिवार्य करेंगे। इस संदर्भ में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, आरबीआई के निर्देश का सभी बैंकों को पालन करना होगा। आरबीआई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एटीएम फ्रॉड रोकना होगा।


पीडब्ल्यूडी ऑफिस में ठेकेदार ने मारी गोली

चीफ इंजीनियर के ऑफिस में ठेकेदार ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी, कमिश्नर-डीएम मौके पर पहुंचे


वाराणसी। कैंट थाना क्षेत्र में पीडब्लूडी के ठेकेदार ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। सूचना के बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई है। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।वाराणसी के नदेसर स्थित पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के दफ्तर में बुधवार को ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव(45) ने लाइसेंसी असलहे से खुद को गोली मार ली। ठेकेदार निर्माण कार्य के लाखों का बकाया और विभागीय उत्पीड़न का आरोप लगा रहा था।सूचना पाकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल, डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी घटनास्थल पर पहुंचे। चीफ इंजीनियर कार्यालय का गेट बंद करा कर उनसे पूछताछ की जा रही है।  वहीं ठेकेदार की कार से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। फारेंसिक टीम ने उसे कब्जे में लिया है। पुलिस ने असलहे को अपने कब्जे में ले लिया है।


जानकारी के मुताबिक ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव की पीडब्ल्यूडी पर लंबे समय से काफी रकम बकाया थी। विभाग की लापरवाही के कारण अवेधश का भुगतान नहीं हो पा रहा था। बुधवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे अवधेश नदेसर स्थित चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कार्यालय में पहुंचे तो बकाया भुगतान करने को कहा।इस पर चीफ इंजीनियर ने उनको बुरी तरह डांट दिया। इसी दौरान ठेकेदार ने मुख्य अभियंता अंबिका सिंह के सामने ही बंदूक निकालकर खुद को गोली मार ली। इस दौरान मौके पर हड़कंप मच गया। जब तक दफ्तर के लोग पहुंचे, तब तक ठेकेदार की मौत हो चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार अवधेश की शिवप्रसाद गुप्ता महिला चिकित्सालय के भवन निर्माण से संबधित पीडब्लूडी पर लगभग चार करोड़ रुपये बकाया थे।


उपचुनाव में सपा दिखेगी नए कलेवर में

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) खुद को नए कलेवर में तैयार कर संगठन को विस्तार देने की तैयारी में है। इसके लिए यह युवा कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के अलावा पिछड़ों और दलितों पर भी फोकस करना चाह रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनाव में उतरने के पहले अपनी पार्टी को सोशल इंजीनियरिंग के हिसाब से मजबूत कर मैदान में लाने के प्रयास में हैं, क्योंकि इस बार उन्हें कई मोर्चों पर संघर्ष करना पड़ेगा। अखिलेश द्वारा विधानसभा स्तर तक की कमेटियां भंग किए जाने के अलावा फ्रंटल संगठनों को नए सिरे से गठित करने की तैयारी की जा रही है, क्योंकि इस बार उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी अलग से मैदान में रहने वाली है और यह चुनाव सपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण भी है।


विश्वासपात्रों को ही तवज्जों
सूत्रों के अनुसार, अखिलेश ने प्रमुख नेताओं के साथ मंथन करके उपचुनाव में मजबूती से उतरने का फैसला किया गया है। उपचुनाव में सभी वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगाई जाएगी। परिणाम के आधार पर संगठनात्मक जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। संगठन में संघर्ष करने वाले और विश्वासपात्रों को ही तवज्जों देने की बात कही जा रही है।


नई कमेटियां गठित करेगी पार्टी 
सपा सरकार में मंत्री रहे रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि सपा के लिए अभी संघर्ष का समय चल रहा है। ऐसे में हमें भरोसेमंद और संघर्षवान पदाधिकारी चाहिए। इस बात को ध्यान में रखकर पार्टी नई कमेटियां गठित करेगी। नई कार्यकारिणी में लोकनायक के संघर्षो से प्रेरित पुराने और नए चेहरों को शामिल किया जाएगा।



सभी वर्गों का रखा जाएगा पूरा ख्याल 
उन्होंने कहा कि कमेटियों में सभी वर्गों का पूरा ख्याल रखा जाएगा. पिछड़े, अति पिछड़े, मुस्लिम और दलित वर्ग के लोगों को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। दलित समाज के उन लोगों को जोड़ा जाएगा जो अपने वर्ग में अच्छी पैठ रखते हों। पार्टी संगठन उपचुनाव की तैयारी में मजबूती के साथ लगा हुआ है। चयन प्रक्रिया चल रही है।


वरिष्ठों के साथ ही नए प्रत्याशी भी मैदान में उतरेंगे
पूर्व मंत्री ने कहा कि हमारा संसदीय बोर्ड प्रत्याशियों के चयन में लगा हुआ है। उपचुनाव में वरिष्ठों के साथ ही नए प्रत्याशी भी मैदान में उतरेंगे। हम लोग पूरी ताकत से विरोधियों को जवाब देंगे। सपा की नई कार्यकारिणी जल्द ही घोषित होगी।


'ओवरहॉलिंग' पर अधिक फोकस
पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बसपा से गठबंधन का प्रयोग विफल होने के बाद समाजवादी पार्टी संगठन की 'ओवरहॉलिंग' पर अधिक फोकस कर रही है। इस बार विश्वासपात्र और परिवार के जो लोग चुनाव हारे, उन्हें भी संगठन में जगह देने की कवायद चल रही है।



सबसे महत्वपूर्ण है साल 2022 का चुनाव
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रेमशंकर मिश्रा का कहना है कि सपा में अब जो संगठन बनेगा, उसमें उपचुनाव छोटा हिस्सा है। इनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है साल 2022 का चुनाव। सपा के लिए 2022 अस्तित्व की अंतिम लड़ाई है, इसलिए ऐसा संगठन बनाया जाएगा, जिसमें सब कुछ समाहित हो।


अब 'करो या मरो' की स्थित
उन्होंने कहा कि सपा के लिए अब 'करो या मरो' की स्थित है। इसलिए अब जो संगठन बनेगा, वह 2022 के चुनाव को ध्यान में रखकर ही बनेगा। अब इस पर ध्यान होगा कि जो पार्टी छोड़कर जा चुके हैं, उनकी भरपाई हो सके। जो वोटबैंक खिसक रहा है, उसे भागीदारी दी जा सके। मिश्रा ने कहा कि अति पिछड़े, सवर्ण जैसे वोटर जो वैल्यू एडिशन बढ़ाते हैं, उन्हें पार्टी से जोड़ने का प्रयास करना होगा।अखिलेश यादव को तमाम झटकों के बावजूद ऐसा संगठन बनाना होगा, जिसमें प्रभावशाली और विश्वासपात्र लोग हों। पार्टी में सबको समाहित करने के लिए सबको भागीदारी देनी होगी।


उन्होंने कहा कि परिवार के तमाम चेहरे जो चुनाव हार चुके हैं, उनकी भागीदारी संगठन में प्रमुख तौर पर दिखेगी। परिवार का समायोजन ठीक से किया जाएगा। साल 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही शिल्पी तलाशे जाएंगे। उपचुनाव में सपा के आगे बसपा से बेहतर प्रदर्शन की चुनौती है, क्योंकि बसपा भी पहली बार उपचुनाव में उतरेगी। इसी कारण सपा उपचुनाव में छोटे दलों से भी समझौता कर उनके वोट बैंक का लाभ लेना चाहती है। यही वजह है कि ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से गठबंधन की बातचीत चल रही है।


सूत्र बताते हैं कि अभी एक-दो दल और भी सपा से उपचुनाव के लिए संपर्क कर रहे हैं। सपा बसपा में जो पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी, 2022 के विधानसभा चुनाव में उसी की बढ़त की उम्मीद जगेगी। वर्ष 2022 के लिए संगठन तैयार करते समय सपा सारी जातियों की गोट बिठाकर सबको समाहित करने का प्रयास करेगी।


स्वास्थ्य विभाग मनाएगा कृमि मुक्ति दिवस

आगरा। बच्चों को कृमि संक्रमण (पेट के कीड़े) से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग 29 अगस्त को कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन करेगा। इस दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के 1 से 19 साल तक के सभी बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेण्डाजोल खिलायी जायेगी। दवा सभी सरकारी व निजी स्कूलों, सहायता प्राप्त विद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खिलायी जायेगी। इस दिन जो बच्चे दवा खाने से छूट जायेंगे उनके लिए माॅपअप सप्ताह के तहत 30 अगस्त से 4 सितम्बर तक दवा खिलाने का कार्य किया जायेगा। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य और किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ. आर के अग्निहोत्री ने बताया कि फरवरी माह में करीब 9.98 लाख बच्चों को दवा खिलायी गयी थी। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ऐसे बच्चों को चिन्हित करने का कार्य जारी है जो आंगनबाड़ी या किसी भी स्कूल में रजिस्टर्ड नहीं हैं । उनकों चिन्हित कर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवा खिलायी जायेगी। डाॅ. अग्निहोत्री ने बताया कि पिछले 13 अगस्त को जिलाधिकारी एन जी रवि कुमार की अध्यक्षता में एक अंतर्विभागीय बैठक बुलायी गयी थी जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज व अल्पसंख्यक विभाग सहित निजी विद्यालयों को सहयोग करने के निर्देश दिये गये थे।


इन जगहों पर खिलायी जायेगी दवा
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के सभी सरकारी विद्यालय, सहायता प्राप्त विद्यालय, मदरसे, कस्तूरबा गांधी विद्यालय और नवोदय विद्यालय के अलावा सभी निजी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एल्बेंडाजाॅल दवा खिलायी जायेगी।


दवा के फायदे
– बच्चों में एनीमिया की कमी एवं पोषण में वृद्धि
– बच्चों में शारीरिक वृद्धि और वजन बढ़ना
– मानसिक एवं शारीरिक विकास
– स्कूल में उपस्थिति बढ़ने में सहायक होना
– बच्चों की याददाश्त में वृद्धि और सक्रियता बढ़ना


कृमि संक्रमण के कारण
– नंगे पैर खेलना व घूमना
– हाथ धोये बिना खाना खाना
– शौच करने के बाद ठीक से हाथ नहीं धोना
– फल और सब्जियों को बिना धोये यानि बिना साफ किये खाना
– खाने को ढक कर न रखना


इस तरह खिलाये दवा
– 1 से 2 साल तक के बच्चों को आधी गोली खिलायेँ । गोली को बारीक पीस लें और पानी के साथ खिलायें।
– 2 से 3 साल तक के बच्चों को एक पूरी गोली का चूरा बनाकर पानी में मिलाकर खिलाये।
– 3 से 19 साल के बच्चों को हमेशा दवाई को चबाकर खाने की सलाह दें। चबाकर खायी गयी दवा का ज्यादा प्रभाव पड़ता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दवा उसी के सामने बच्चे को खिलाई जाये। दवा को घर न ले जाने दें।


कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...