मंगलवार, 27 अगस्त 2019

तबादला नीति में बदलाव,महिलाओं को राहत

योगी सरकार ने टीचरों की तबादला नीति में किया बड़ा बदलाव, महिलाओं को बड़ी राहत


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के टीचरों को बड़ी सौगात दी है। अब बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर्स ट्रांसफर के लिए 5 साल की समय सीमा को घटाकर 3 साल कर दिया गया है। यही नहीं महिलाओं के लिए ये बाध्यता सिर्फ सिर्फ 1 साल कर दी गई है। इसके अलावा सरकार ने फौजियों की पत्नियों को ट्रांसफर में प्राथमिकता देना तय किया है।


बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश दि्ववेदी ने बताया कि यूपी के प्राथमिक शिक्षा को और बेहतर बनाना है। वह बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए अन्य विभाग की भी मदद लेंगे। उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा में फ्लाइंग स्क्वाड का गठन किया गया है। यह उड़न दस्ता सभी स्कूलों का निरीक्षण करेगा. वहीं मिड डे मील व्यवस्था में पंचायती राज विभाग भी शामिल होगा। जहां गड़बड़ी ग्राम प्रधान करेगा, वहां पंचायती राज उस पर कार्रवाई करेगा।


लापरवाह सीएमएस पर विभागीय कार्रवाई

लापरवाही पर नपे जिला अस्पताल के सीएमएस


प्रतापगढ़। लापरवाही के चलते जिला अस्पताल के सीएमएस का शासन ने तबादला कर दिया। उन्हें प्रतापगढ़ से हटाकर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। एडी स्वास्थ्य ने सीएमएस पर लापरवाही का आरोप लगाकर शासन को पत्र भेजा था। अब सीएमएस का चार्ज लेने के लिए जिला अस्पताल के डॉक्टर तैयार नहीं हैं।


जिला अस्पताल के सीएमएस योगेंद्र यति का माह भर पहले शासन ने आजमगढ़ जिला अस्पताल तबादला कर दिया था। सीएमएस के पद से हटाते हुए उन्हें वरिष्ठ परामर्शदाता बनाया गया था। संचारी रोग अभियान के चलते शासन ने सीएमओ और सीएमएस के तबादले पर रोक लगा दी थी। बीच में डीएम के निरीक्षण में तमाम खामियां मिलीं। डीएम ने शासन को लिखापढ़ी करते हुए सीएमएस योगेंद्र यति को आजमगढ़ के लिए रिलीव करवा दिया। एसी दूबे को प्रभार दिया गया।


गुटों के बीच खूनी संघर्ष,37 की मौत:सूडान

खार्तूम। सूडान के पूर्वी क्षेत्र में आदिवासियों के दो गुटों के बीच लड़ाई में 37 लोगों को मार दिया गया। जबकि 200 से ज्यादा जख्मी हो गए। यह संघर्ष किस कारण से हुआ, इसका पता नहीं चल सका। दो गुटों के बीच संघर्ष बीते एक हफ्ते से हो रहा था, सोमवार को मरने वालों की संख्या सामने आई।


मीडिया के मुताबिक, यह खूनी संघर्ष बानी अमेर और नुबा आदिवासी समुदाय के बीच हुआ था। देश की नवगठित सोवेरिन काउंसिल ने लाल सागर राज्य के गवर्नर को बर्खास्त कर दिया। साथ ही संघर्ष के बाद राज्य में आपातकाल घोषित कर दिया गया। वहीं, सूडान में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालत बने हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अब तक बाढ़ से देशभर में 60 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 100 से ज्यादा घायल हैं। 900 से ज्यादा घर गिर गए हैं। 32 हजार से ज्यादा परिवार बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।


आतंकी'अंडर वाटर अटैक'की तैयारी में:सेना

पुणे। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि हमें खुफिया जानकारी मिली है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अंडर वाटर अटैक की तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि हमले के लिए जैश आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहा है, पर हम भरोसा दिलाते हैं कि ऐसे किसी भी हमले के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। उधर, पाकिस्तान और चीन के हवाई अभ्यास पर भारतीय वायु सेना ने कहा कि हम इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।


एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा, ''2008 में हुए 26/11 हमले के बाद हमने तटीय सुरक्षा बढ़ा दी है। हम यह भरोसा दिलाते हैं कि समुद्री मार्ग से कोई घुसपैठ नहीं होगी।''
सिंह से जब भारतीय नौसेना के बजट आवंटन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बजटीय आवंटन के कारण हमें अपनी योजना में थोड़ा सुधार करना होगा। हां, इसकी वजह से हम कुछ हद तक सीमित हो गए हैं।वहीं, उन्होंने कहा कि हिंद महासागर में नौसेना चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। हम हिंद महासागर क्षेत्र में विकास कार्यों पर ध्यान दे रहे हैं। चीन एक वैश्विक शक्ति बनना चाहता है, इसलिए वे इस क्षेत्र में आएंगे। हमारे लिए राष्ट्र हित सर्वोपरि है, इसके खिलाफ कुछ भी होगा तो हम कार्रवाई करेंगे।


वायुसेना के मुताबिक, चीन के होटन शहर में दो दिनों से पाकिस्तान-चीन के बीच हवाई अभ्यास चल रही है। इसमें दोनों देशों ने नवीनतम लड़ाकू जेट तैनात किए हैं। पाकिस्तान अपने जेएफ-17 लड़ाकू विमानों के साथ इसमें शामिल हुआ है। जबकि चीन अपने जे-10 और जे-11 लड़ाकू विमानों के साथ हिस्सा ले रहा है।भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि हवाई अभ्यास का कोड नेम शाहीन है। जो लद्दाख के लेह शहर से 200 किमी दूर होटन शहर में हो रहा है। पाकिस्तानी सेना ने चीन जाने से पहले गिलगिट बाल्टिस्तान रीजन के स्कर्दू इलाके में नजर आए थे।


कश्मीर के लिए किसी भी 'हद' तक जाएंगे

इस्लामाबाद। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के अप्रत्याशित कदम से पाक अभी तक चौंका हुआ है। पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि जब तक हम अपने खिलाफ भारत की कार्रवाई को समझ पाए। तब तक उन्होंने कश्मीर को अपना हिस्सा बना लिया। अहंकार की वजह से मोदी ने ऐतिहासिक भूल की है। ये कहेंगे कि पीओके से दहशतगर्द और इस्लामिक दहशतगर्द आ रहे हैं। दहशतगर्द मारने के लिए फौजें बढ़ाने पर मजबूर हैं। इन्होंने आजाद कश्मीर में बालाकोट की तरह का एक हमला प्लान किया था। दुनिया की नजर कश्मीर से हटाकर पाकिस्तान पर डालने की योजना थी। लेकिन अब हमारी फौजे पीओके में पूरी तरह तैयार हैं। अब भारत के लिए कोई भी कार्रवाई करना मुश्किल होगा।


इमरान ने कहा,“हिंदुस्तान से हमने बात की और मैंने सबके सामने कहा था कि आप एक कदम लेंगे तो हम दो कदम आगे आएंगे। शुरुआत से ही इसमें दिक्कतें आनी शुरू हो गईं। जब बातचीत की कोशिश की तो वो मौका देखते थे हमारे ऊपर दहशतगर्दी का इल्जाम लगाने का। हमें लगा कि भाजपा का एंटी मुस्लिम और एंटी पाकिस्तान कैम्पेन चल रहा था, तब हम पीछे हट गए। फिर पुलवामा हो गया था। हिंदुस्तान ने इसकी जांच करने के बजाय सीधे हमारे ऊपर उंगली उठाई, ताकि पाकिस्तान के ऊपर सारा इल्जाम चला जाए।''


इमरान ने कहा, ''हमने कहा कि आपके पास कोई सबूत है तो हम एक्शन लेने को तैयार हैं। इन्होंने पूरी कोशिश की कि पाकिस्तान को दिवालिया किया जाए। पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कराने की कोशिश की। अभी हम ये देख ही रहे थे कि भारत आगे क्या करते हैं और उसने 5 अगस्त को कश्मीर में अतिरिक्त फौजें भेजकर उन्हें अपना हिस्सा बना लिया।''


इमरान ने कहा, “सबसे पहले मैं दुनिया को कश्मीर के हालात को बताऊंगा। जिन राष्ट्राध्यक्षों से मेरी बात हुई है, उन्हें मैंने आगाह किया है। 27 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूएन में भी पूरी दुनिया को कश्मीर के बारे में बताऊंगा। हम दुनिया के हर फोरम पर बताएंगे कि 80 लाख कश्मीरियों के साथ किस तरह जुल्म हो रहा है।”


इमरान ने कहा,दुनिया कश्मीर के साथ खड़ी हो या न हो, हमारी अवाम और हमारी सरकार उनके साथ खड़ी होगी। हम हर हफ्ते एक कार्यक्रम करेंगे, जिसमें हमारी पूरी अवाम निकलेगी। इस शुक्रवार 12 से 12.30 बजे तक आधा घंटा लोगों को बताएं कि कश्मीर में क्या हो रहा है और ये भी बताएं कि हम उनके साथ खड़े हैं। जब तक उन्हें आजादी नहीं मिलेगी हम उनके साथ खड़े रहेंगे। 27 सितंबर तक हफ्ते में एक बार हमें ये इवेंट करनी है।


मोदी-सरकार आर्थिक संकट की जिम्मेदार

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की आर्थिक स्थिति को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री को खुद से पैदा किए गए आर्थिक संकट का समाधान नहीं सूझ रहा है। इसको लेक उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'प्रधानमंत्री तथा वित्तमंत्री खुद के पैदा किए हुए आर्थिक संकट को हल करने के बारे में कुछ समझ नहीं पा रहे हैं । आरबीआइ से चोरी करना काम नहीं आएगा। यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसे गोली लगने से हुए घाव पर लगाने के लिए डिस्पेंसरी से बैंड-एड चुराई जाए।” बता दें, रिजर्व बैंक ने विमल जालान समिति की सिफारिशों को अमल में लाते हुये रिकार्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये का लाभांश और अधिशेष आरक्षित कोष सरकार को हस्तांतरित करने का फैसला किया। इससे नरेंद्र मोदी सरकार को राजकोषीय घाटा बढ़ाये बिना सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।
वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा केंद्र सरकार को लाभांश और अधिशेष कोष के मद से 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के निर्णय को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि आरबीआई से ”प्रोत्साहन पैकेज” लेना इस बात का सबूत है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि सरकार ने यह नहीं बताया कि इस पैसे का इस्तेमाल कहां होगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा,सरकार द्वारा खुद को प्रोत्साहन पैकेज देना इस बात का सबूत है कि अर्थव्यवस्था संकट में है। सरकार अपनी खुद की एक इकाई यानि आरबीआई से मिलने वाले घरेलू अनुदान पर निर्भर है।


जेटली के परिवार से मिलने घर गए मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवंगत अरुण जेटली के परिवार से मिलने उनके घर गए। इस दौरान मोदी भावुक हो गए। गृह मंत्री अमित शाह भी उनके साथ थे। 24 अगस्त को जेटली के निधन के वक्त वे विदेश दौरे पर थे। उस दौरान उन्होंने जेटली की पत्नी संगीता से बात की थी। संगीता ने उन्हें विदेश दौरा बीच न छोड़कर आने के लिए कहा था।


मोदी ने बहरीन में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। इस दौरान अरुण जेटली को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “मैं एक दर्द दबा कर आपके बीच खड़ा हूं। विद्यार्थीकाल से लेकर सार्वजनिक जीवन में हम मिलकर साथ चले। हर पल एक-दूसरे के साथ जुड़े रहना, साथ मिलकर जूझते रहना। जिस दोस्त के साथ यह सब किया, उसने आज देश छोड़ दिया। कल्पना नहीं कर सकता कि इतनी दूर बैठा हूं और मेरा एक दोस्त चला गया। बड़ी दुविधा का पल है। लेकिन मैं एक तरफ कर्तव्य और दूसरी तरफ दोस्ती की भावना से भरा हूं। मैं दोस्त अरुण को बहरीन की धरती से श्रद्धांजलि देता हूं। ईश्वर उनके परिवार को शक्ति दे।”


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