बिलासपुर। ग्राम पंचायत जाली रतनपुर में लगभग 15 वर्षों से भी ज्यादा समय से खसरा नम्बर 18 के करीब 45 एकड़ भूमि पर 19 लोगों द्वारा ढाबा, बाड़ी व खेत बनाकर कब्जा किया गया था। इसे लेकर ग्राम कर्रा के लोगो के द्वारा लगातार शिकायत किया गया था। राजस्व विभाग द्वारा इस मामले की सुनवाई करते हुए उन्हें खाली करने का नोटिस कई बार जारी किया, परंतु अतिक्रमण नहीं हटाने पर राजस्व विभाग ने शुक्रवार को कार्रवाई की जहाँ कब्जा भूमि में बन रहे मकान को जेसीबी से तोड़वाया गया वही कब्जा भूमि के बने खेतो के फिनिसिंग तार को तोड़ा गया। कब्जा भूमि से फिनिसिंग तार टूटते ही गाँव के लोगो के द्वारा मवेशियों को खेतों में चरने के लिए छोड़ दिया गया था। सोमवार को कलेक्ट्रेड पहुँचे ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगो को 2006 में ग्राम पंचायत के द्वारा प्रस्ताव पास कर नवा अंजोर के तहत दो महिला समूह को जमीन दिया गया था। जिसमे महिला समूह के द्वारा खेती बाड़ी की जाती थी, जिसकी जानकारी हम लोगो के द्वारा दी गई थी। लेकिन हम लोगो की बातों को नजरअंदाज कर दिया गया और उन्हें बेदखल कर फसलों को बर्बाद कर दिया गया। वही उन्होंने कार्रवाई में पक्षपात का भी आरोप लगाया है केवल उन दोनों महिला समूह को ही बेदखल किया गया बाकी लोगो पर कार्रवाई नही की गई है।
मंगलवार, 27 अगस्त 2019
जाति को लेकर अजीत जोगी की मुश्किलें बढ़ी
रायपुर। छानबीन समिति के फैसले के खिलाफ अजीत जोगी फिर से हाईकोर्ट जायेंगे। रिपोर्ट मिलते ही जोगी ने समिति के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली है। अमित जोगी खुद बिलासपुर में हैं। तैयारी यही है कि फैसले की कॉपी जैसे ही जोगी परिवार को मिलेगी, वो याचिका दायर करेंगे। अमित जोगी ने फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऐसे फैसले की ही उम्मीद थी, देर शाम जो फैसला आया है, उससे उन्हें थोड़ी भी हैरानी नहीं हुई है।
अमित जोगी ने छानबीन समिति पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार के इशारे पर पूरी रिपोर्ट तैयार की गयी है। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान उनके पिता अजीत जोगी ने ग्राम सभा का अनुमोदन, हाईकोर्ट का फैसला, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी प्रस्तुत किया था, लेकिन उन सभी फैसले को रिकार्ड में लेने से कमेटी ने इनकार कर दिया, इससे साफ जाहिर होता है कि कमेटी ने पहले से ही मन बना लिया था कि किस तरह का रिपोर्ट दिया जाना है।इससे पहले सोमवार को अजीत जोगी की जाति छानबीन समिति ने निरस्त कर दी थी। 20 अगस्त को अजीत जोगी छानबीन समिति के सामने पेश हुए थे और अपना पक्ष रखा था, उसके बाद छानबीन समिति ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। छानबीन समिति ने अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है। लिहाजा अब अजीत जोगी की मुश्किलें बढ़ गयी है। इससे पहले रमन सिंह के कार्यकाल के वक्त में भी अजीत जोगी की जाति को लेकर छानबीन समिति बनी थी। रीना बाबा साहब कंगाले के नेतृत्व में बनी कमेटी को तब पूर्व मुख्यमत्री अजीत जोगी ने ये कहकर चुनौती हाईकोर्ट में दे दी थी कि रीना बाबा कंगाले की कमेटी कोरम नहीं पूरा करती । रिपोर्ट में कई जगहों पर रीना बाबा ने खुद ही हस्ताक्षर किया था।
भजनलाल के बेटे पर 'आयकर' का शिकंजा
चंडीगढ़। आयकर विभाग ने गुरुग्राम स्थित 150 करोड़ रुपए के होटल को बेनामी संपत्ति के तहत जब्त कर लिया है। जांच में पता चला कि यह बेनामी संपत्ति हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे और कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई और चंदर मोहन की है। आयकर विभाग ने यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम, 1988 की धारा 24 (3) के तहत की है। आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई (BPU) ने यह कार्रवाई की है।आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई संपत्ति का स्वामित्व ब्राइट स्टार होटल प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है, जिसमें 34% शेयर अन्य कंपनी के नाम है जो ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (BVI) में रजिस्टर्ड है। यह कंपनी संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होती है। आयकर विभाग ने यह कार्रवाई जुलाई 2019 में कंपनी से जुड़ी जांच में सबूत के आधार पर की है। इस जांच में आयकर विभाग को कई ऐसे सबूत हाथ लगे थे जिससे कंपनी के स्वामित्व पर शक हुआ था. ब्रिस्टल होटल के स्वामित्व को लेकर आयकर विभाग ने अनियमितता पाई थी। इसके बाद कार्रवाई करते हुए बेनामी संपत्ति को जब्त कर लिया।बेनामी शेयरधारकों ने इस कार्रवाई के बाद कहा कि ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड बिश्नोई परिवार के बेहद करीबी है। ब्राइट स्टार होटल प्राइवेट लिमिटेड में शेयरों के अधिग्रहण के लिए भुगतान का अंतिम निर्णय भी बिश्नोईयों द्वारा किया गया था और वह भारत और विदेशों में स्थित अपने सहयोगियों के माध्य से इन पर नियंत्रण रखते थे।
जुलाई में IT ने की थी छापेमारी- आयकर विभाग के अधिकारियों ने जुलाई में टैक्स चोरी से जुड़े मामले में बिश्नोई के हरियाणा के हिसार, मंडी आदमपुर और गुरुग्राम समेत कुल 13 स्थानों पर 23 जुलाई को छापेमारी की थी। जिसमें कई बेनामी संपत्तियों सहित करोड़ो रुपए के लेनदेन, चल-अचल संपत्तियों से संबंधित डील के बारे में जानकारी और सबूत मिले थे। आयकर विभाग को यूएई और पनामा में कुलदीप बिश्नोई की कंपनी के शेयर की जानकारी और दस्तावेज मिले थे। छापेमारी के दौरान आयकर अधिकारियों ने कहा था कि वित्तीय लेनदेन के साथ दस्तावेज और बैंक खाता नंबर और कई संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा सर्च ऑपरेशन में अधिकारियों ने बिश्नोई के कंप्यूटर और लैपटॉप को भी जब्त किया था।
अपने घर और क्षेत्र पर ध्यान दें:ब्राजील
नई दिल्ली। ब्राजील ने अमेजन वर्षावन में लगी भयावह आग को बुझाने के लिए जी7 देशों की ओर से की गई मदद की पेशकश ठुकरा दी है। ब्राजील के एक शीर्ष अधिकारी ने यह मदद अस्वीकार करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से कहा कि वह 'अपने घर और अपने क्षेत्र' पर ध्यान दें। राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो के 'चीफ ऑफ स्टाफ' ओनिक्स लोरेन्जॉनी ने कहा, हम (मदद की पेशकश की) सराहना करते हैं लेकिन शायद वे संसाधन यूरोप में पुन:वनीकरण के लिए ज्यादा प्रासंगिक हैं।'ओनिक्स की यह टिप्पणी जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेजन वर्षा वन में लगी भयावह आग को बुझाने के लिए फ्रांस की ओर से दो करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता देने का संकल्प लेने के संदर्भ में थी। गौरतलब है कि फ्रांस के बिआरित्ज में 26 अगस्त को संपन्न हुए जी-7 शिखर सम्मेलन में इस समूह के नेताओं ने अमेजन वर्षा वन में लगी आग से निपटने में ब्राजील की मदद करने का संकल्प जाहिर किया था। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि शिखर सम्मेलन के नेता ब्राजील की सहायता करने के लिए एक समझौते के करीब हैं। सम्मेलन में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा था कि आग पर काबू पाए जाने के बाद उनका देश और अन्य देश अमेजन में फिर से वन लगाए जाने पर ब्राजील से बात करेंगे। गौरतलब है कि अमेजन का करीब 60 फीसदी हिस्सा ब्राजील में पड़ता है। इस वर्षा वन का एक बड़ा हिस्सा बोलीविया, कोलंबिया, इक्वाडोर, फ्रेंच गुएया, गुएना, पेरू, सूरीनाम और वेनेजुएला में भी पड़ता है।
स्त्री पक्ष से सावधानी बरतें:कुंभ
राशिफल
मेष-आप का झुकाव आज कलात्मक कार्यों की ओर रहेगा। ऊंची आकांक्षा आप पर हावी रहेगी। लक्ष्य को लेकर आप गंभीर हैं और इसलिए इसका फायदा भी आपको आज मिल सकता है। मेहनत करते रहिए और खुद में भरोसा करें। नौकरीपेशा जातकों के लिए दिन व्यस्तता भरा होगा।
वृषभ-आज आर्थिक बोझ के कारण आप चिंतित रहेंगे। दिन के उतर्राध में कहीं से पैसे आने के बाद यह चिंता कम होगी। वाद-विवाद से दूर रहें। व्यापार में शाम तक लाभ का योग है। स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है।
मिथुन-आज आपकी लव लाइफ बहुत अच्छी रहने वाली है। अपने जीवनसाथी या पार्टनर के साथ कुछ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। आपकी वाकपटुता लोगों को आकर्षित करेगी। नकारात्मक भावना को मन में प्रवेश नहीं करने दें। छात्रों के लिए दिन अच्छा रहेगा। पढ़ाई में मन लगेगा।
कर्क-अगर आप शेयर बाजार आदि के कार्य में संलग्न हैं तो आपके लिए दिन बहुत अच्छा नहीं गुजरने वाला है। बिजनेस के लिए दिन अच्छा है। कुछ नई शरुआत की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। गलफहमी से दूर रहें और काम में ध्यान दें। नौकरीपेशा जातकों को अपने काम में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। कोई भी गलती महंगी पड़ सकती है।
सिंह-यात्रा के दौरान खुद का आज विशेष ध्यान रखें। खासकर वाहन चलाते समय सावधान रहें। मित्र वर्ग और विशेष कर स्त्री मित्रों से लाभ मिलेगा। व्यापार में लाभ का योग है। नौकरीपेशा जातकों के लिए दिन चुनौतीपूर्ण है। सीनियर या बॉस की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
कन्या-आज अत्यधिक भावुकता से खुद को बचाने की कोशिश करें। नये कार्यों को सफलता पूर्वक आज शुरू कर सकते हैं। व्यापारी वर्ग के लिये आज का दिन लाभदायी होगा। गृहस्थ जीवन में आनंद का माहौल रहेगा। पिता से विशेष लाभ मिलेगा।
तुला-आज नौकरी में उच्च वर्ग के अधिकारियों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। संतान पक्ष के संबंध में चिंता बनी रहेगी। काम के सिलसिले में यात्रा का योग बन सकता है। गहरे जल से दूर रहें। छात्रों के लिए विदेश जाने का योग बन सकता है।
वृश्चिक-आज का दिन उर्जा से भरा है। काम में पूरे मन से जुटे रहेंगे और रोजमर्रा के काम को खत्म करने की कोशिश करेंगे। इसका फायदा ऑफिस में मिलेगा और बॉस की नजर में आपका कद बढ़ेगा। क्रोध और वाणी पर संयम रखें। अत्यधिक खर्च की आशंका है।
धनु-आपके काम और व्यवहार की बदौलत आज समाज में यश होगा। पुराने मित्रों से अचानक मुलाकात या फिर फोन पर बात हो सकती है। शरीर का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। हालांकि, किसी रिश्तेदार के बारे में कोई समाचार मन को दुखी कर सकता है। विपरीत लिंग के व्यक्तियों का साथ लगाव बढ़ेगा।
मकर-आज आप पर काम का आज अत्यधिक बोझ रहने वाला है। ऑफिस से लेकर घर तक के कामों में व्यस्त रहेंगे। बिजनेस को लेकर भावी योजनाओं में सफलता मिलेगी। ससुराल पक्ष से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। शल्य चिकित्स संबंधी फैसले आज के लिए टालना बेहतर होगा। हालांकि इसके लिए आप चिकित्सक की राय ले सकत हैं।
कुंभ-अत्यधिक खर्च आपकी मुश्किलें बढ़ाने वाला है। इसका ध्यान रखें। वैसे दिन अच्छा गुजरेग। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। नये काम को आज के लिए टाल दें। स्त्री पक्ष से बच कर रहने की जरूरत है।
मीन-आज मकान, वाहन आदि में पैसे निवेश कर सकते हैं। दिन अच्छा रहने वाला है। वाद-विवाद से दूर रहें। माता का स्वास्थ्य चिंतित करेगा। नई नौकरी तलाशने वालों को आज शुभ समाचार मिल सकता हैं।
इसलिए पत्तों का रंग हरा होता है
क्लोरोफिल का महत्व इस कारण है कि यही सूर्यप्रकाश की ऊर्जा का अवशोषण कर वायु के कार्बन डाइऑक्साइड से पौधों में शर्कराओं, पॉलिशर्कराओं तथा अन्य जटिल कार्बनिक यौगिकों का सृजन करता है। यह स्वयं भी सूर्य के प्रकाश द्वारा ही बनता है। बहुत समय तक इसके संघटन के संबंध में हमारा ज्ञान अधूरा था। विल्स्टेटर (Willstatter) नामक जर्मन रसायनज्ञ ने 1911 ई. में इस वर्णक को शुद्ध रूप में पृथक् किया और इसके विघटित अवयवों के संघटन का अध्ययन करके इसका अस्थायी रासायनिक सूत्र निर्धारित किया। उन्हांने यह भी पता लगाया कि क्लोरोफिल दो प्रकार के होते हैं। एक को उन्होंने क्लारोफिल ऐल्फा, या क्लोरोफिल-ए और दूसरे को क्लारोफिल बीटा, या क्लारोफिल-बी, की संज्ञा दी। ये दोनों 3:1 के अनुपात में पत्तों में पाए जाते हैं। हरे पत्तों के 1,000 भाग में 2 भाग क्लोरोफिल-ए का, 3/4 भाग क्लोरोफिल-बी का, भाग ज़ैंथोफिल का और 1/6 भाग कैरोटीन का रहता है।
हरे पत्तों या सूखे पत्तों के चूर्ण से 85% ऐल्कोहल या 80% ऐसीटोन विलायक द्वारा क्लोरोफिल का निष्कर्ष निकाला जाता है। सूखे चूर्ण के लगभग दो किलोग्राम से प्राय: 13 ग्राम क्लोरोफिल प्राप्त होता है। क्लोरीफिल-ए कुछ नीलापन लिए हरे रंग का होता है और क्लोरोफिल-बी कुछ पीलापन लिए हरे रंग का। दोनों के संघटन में कोई विशेष अंतर नहीं है। एक में जहाँ मेथिल मूलक है, दूसरे में उसके स्थान में ऐल्डिहाइड़ मूलक है। इससे दोनों की ऑक्सीकरण क्रिया में अंतर आ जाता है। ऐल्फा क्लोरोफिल का विशिष्ट घूर्णन - 262 डिग्री और बीटा का - 267 डिग्री है। क्लोरोफिल-ए का आणविक सूत्र C55 H72 O5 N4 Mg और क्लोरोफिल-बी का C55 H70 O6 N4 Mg है।
क्लोरोफिल, में 2.6% मैग्नीशियम रहता है। इसमें लोहा या फॉस्फोरस नहीं होता। इसके जलविश्लेषण से मेथिल ऐल्कोहल और फीटोल ऐल्कोहल (C20 H400) तथा 8 पाइरोल केंद्रक प्राप्त होते हैं।
क्लोरोफिल, हीमोग्लोबिन से बहुत कुछ समानता रखता है। हीमोग्लोबिन मानव तथा अन्य प्राणियों के रक्त का आवश्यक अवयव है। इनमें कुछ अंतर भी है। क्लोरोफिल मोम सा पदार्थ है। हीमोग्लोबिन हीम और ग्लोबिन का आणविक यौगिक है। क्लोरोफिल वस्तुत: एस्टर प्रकार का यौगिक है, जिसमें मेथिल और फीटोल ऐल्कोहल संयुक्त हैं।
क्लोरोफिल के जलविश्लेषण से मेथिल और फीटोल ऐल्कोहलों के साथ-साथ कार्बोक्सीलिक अम्लों के लवण प्राप्त होते हैं, जिन्हें क्लोरोफिलिन कहते हैं। क्लोरोफिलिन में अब भी मैग्नीशियम रहता है, जिसके कारण उसका रंग हरा होता है। यदि क्लोरोफिल का जल विश्लेषण क्लोरोफिलेज नामक एंजाइम में किया जाय, तो जो उत्पाद प्राप्त होता है उसे क्लोरोफिलाइड कहते हैं। क्लोरोफिलाइड सूक्ष्म क्रिस्टलीय पदार्थ है, जबकि क्लोरोफिल अक्रिस्टली होता है। अम्लों के उपचार से मैग्निशियम निकल जाता है और अब जो उत्पाद प्राप्त होता है उसे पॉरफिरिन कहते हैं। पॉरफिरिन में अम्ल और क्षार दोनों के गुण होते हैं। विभिन्न अवस्थाओं में विभिन्न अभिकर्मकों के उपचार से क्लोरोफिल से अनेक उत्पाद प्राप्त हुए हैं, जिनसे पता लगता है कि क्लोरोफिल में पाइरोल केंद्रक रहते हैं। इन उत्पादों के संघटन के आधार पर क्लोरोफिल का फिशर ने एक रासायनिक सूत्र 1939 ई. में दिया था।
यम नचिकेता वार्ता (ब्रह्मऋषि कृष्णदत्त)
यम नचिकेता वार्ता
28 जुलाई 1985 लाजपत भवन चंडीगढ़
मुनिवरो, आज हम तुम्हारे साथ पूर्व की भांति कुछ मनोहर वेद मंत्रों का गुणगान गाते चले जा रहे हैं। यह भी तुम्हें प्रतीत हो गया होगा,आज हमने पूर्व से जिन वेद मंत्रों का पठन-पाठन किया। हमारे यहां परंपरागत उसे कुछ मनोहर वेदवाणी का प्रसार होता रहता है। जिस पवित्र वेद वाणी में मेरे देव परमपिता परमात्मा के ज्ञान और विज्ञान का वर्णन किया जाता है। क्योंकि वह परमपिता परमात्मा ज्ञान और विज्ञानमयी स्वरूप माने गए हैं। जितना भी ध्यान है अथवा विज्ञान है। वेद की प्रतिभा का स्रोत माना गया है। क्योंकि सृष्टि के प्रारंभ से लेकर वर्तमान के काल तक नाना वैज्ञानिक हुए हैं। परंतु कोई भी विज्ञानवेता ऐसा नहीं हुआ जो परमपिता परमात्मा के ज्ञान और विज्ञान की सीमा पार कर सकें। क्योंकि वह परमपिता परमात्मा सीमा से रहित है। वह सीमा में आने वाले नहीं हैं इसलिए उसका ज्ञान और विज्ञान नितांत है। एक-एक परमाणु में,एक-एक अणु-अंग में ब्रह्मांड का दर्शन होता है। इस सृष्टि के गर्भस्थल में नाना प्रकार की तरंगों में उस परमपिता परमात्मा की महती निहित है। सृष्टि के प्रारंभ से लेकर वर्तमान काल तक मानव अनुसंधानकर्ता रहा। विचार करता रहा। विज्ञान की पराकाष्ठा पर जाने का प्रयास करता रहा। परंतु जो वह उड़ता रहा। अंत में अतं हो गया। इंद्रियों का और चिंतन का विषय नहीं रहा। इसलिए उस परमपिता परमात्मा का ज्ञान है अथवा विज्ञान अनुसंधान, अनुसंधान करता के द्वारा किए गए अनुसंधान अंतिम चरण में मौन हो जाते हैं। गंभीर मुद्रा में परिणित हो जाते हैं। इसी प्रकार वेद मंत्र यह कह रहा है कि उस परमपिता की महती और उसके ज्ञान-विज्ञान के ऊपर मानव को विचार-विनिमय करना चाहिए। क्योंकि दो प्रकार की विज्ञान हमारे यहां परंपरागत है। उसे ही मानव के मस्तिष्क में स्थापित किया हैं। एक भौतिक विज्ञान है और दूसरा आध्यात्मिक। दोनों प्रकार का विज्ञान अपने अपने अनूठे हैं महान है। विज्ञान के ऊपर अन्वेषण करना प्रारंभ करता है ।एक चाहता है, मै प्रतिष्ठित हो जाऊं एक चाहता है मैं मृत्युंजय बन जाऊं। परंतु दोनों प्रकार में अपनी-अपनी भिन्नता है। विचारों में भिन्नता लिए हुए रहते हैं। एक वैज्ञानिक राष्ट्र से जुड़ा हुआ है। अणु और परमाणु में रत रहने वाला है। एक आध्यात्मिक विज्ञानवेता। इस भौतिकवाद के मार्ग से होता हुआ इंद्रियों के तथ्यों को जानता हुआ। अध्यात्मिकवाद के क्षेत्र को विजय कर लेता है और प्रभु के राष्ट्र में चला जाता है। आज मैं उसी अनोखे विचारों में ले जाना चाहता हूं। जो मोक्ष की पगडंडी को ग्रहण करना चाहते हैं। जो मानव अपने में अध्यात्मिक वादी बनना चाहते हैं तो वह कैसे बनते हैं? मेरे प्यारों,तुम्हें मैं उस आसन पर ले जाना चाहता हूं। जहां नाना ऋषि-मुनियों का विचार ब्रह्म बेताओं का विचार, जो मृत्युंजय बन गए हैं। जो मृत्युंजय की पिपासा में लगे हुए हैं। परंतु आज मैं तुम्हें उस पर ले जाना चाहता हूं। जहां मुनिवर ऋषि उद्दालक गोत्र ब्रह्मचारी नचिकेता ने आचार्य मृत्यु के गृह में प्रवेश किया। उन्हें अपना विचार व्यक्त किया। अंतिम चरण में आचार्य के गृह में हुए उनका नाम आचार्य था। परंतु जब अध्यात्मिकवाद कर लिया। आचार्य कहलाने लगे,जब वह प्रवेश द्वार पर पहुंचे तो मृत्यु आचार्य पत्नी ने कहा, प्रभु!आइए,कुछ अन्न और जल का पान कीजिए। मुनिवर उद्दालक गोत्र पुत्र नचिकेता ने कहा, हे मातेश्वरी, मैं जब तक भोजन नहीं करूंगा। जब तक मुझे आचार्य मृत्यु के दर्शन नहीं होंगे। मैं अपने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए आचार्य के समीप पहुंचा हूं। आपत्ति व्याकुल हो गई है। उन्होंने एक मंत्र का अध्ययन किया।
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