बुधवार, 21 अगस्त 2019

रोशनी से जगमगाएगी शहर की चार सड़के

रोशनी से जगमगाएगी शहर की चार सड़कें। 


मुरादाबाद। शहर में चार सड़कें जल्द रोशनी से जगमगाएगी। नगर निगम ने सभी सड़कों पर लगे स्ट्रीट लाइट पोल पर रंगीन लाइट लगाएगा। दिल्ली रोड को संवारने का काम शुरू हो गया है। स्ट्रीट लाइट पोल को सिल्वर रंग से रंगा जाने लगा है। इसके साथ ही प्रकाश नगर रोड को भी चमकाया जाएगा। दोनों सड़कों पर पौने दो सौ पोलों पर रंगीन लाइटें लगेंगी। इसके अलावा रामपुर और कांठ रोड को भी लिया गया है। निगम रोशनी की चमक बिखेरने पर छह लाख रुपये खर्च होंगे।प्रदेश के अन्य शहरों की तर्ज पर नगर निगम ने मुरादाबाद में भी स्ट्रीट लाइट पोल पर रोशनी के लगाने का प्रस्ताव पारित किया। स्वतंत्रता दिवस पर निगम ने दिल्ली रोड को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अपनाया। इन खंबों पर तिरंगे की लाइटें लगाई गई। पर इसे खूबसूरत बनाने को अब खंबों को सिल्वर रंग से रंगा जा रहा है। दिल्ली रोड पर लोकोशेड से गागन तिराहे तक 153 और प्रकाश नगर के 26 खंबों को रोशन किया जाएगा। नगर आयुक्त का कहना है कि इसी तरह रामपुर और कांठ रोड पर स्ट्रीट लाइट पोल को भी चमकाया जाएगा।


गुरु तेग बहादुर अस्पताल की सिल्वर-जुबली

कानपुर। शहर की निजी स्वास्थ्य सेवाओं में लाजपत नगर स्थित गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल ने अपनी सेवाओं की सिल्वर जुबली जिस सेवा में मनाई है। यह मुकाम एक से नये-नये व पुराने-पुराने अत्याधुनिक व वातानुकूलित नर्सिंग होमो को भी हासिल नहीं है। जिनकी कभी न कभी स्वास्थ्य सेवाएं विवादित रही हैं। किन्तु यह हॉस्पिटल मरीजों की तत्पर सेवाओं का मामला हो या किफायती रेटों पर आम मरीजों का इलाज हो। यह अस्पताल प्रबंधक ने अस्पताल के शुरुआत होने से लेकर बखूबी पूर्वक आज तक निभाया है। इतना ही नही डॉक्टर सेवाओं में जो तत्परता कुछ वर्गीय मरीजों में दिखाई जाती है। वहीं तत्परता नि:शुल्क इलाज करा रहे गरीबों के साथ भी उपलब्ध रहती है। यही कारण है। कि अस्पताल स्टाफ को गरीबों की पल-पल दुआये मिलती हैं।


जिससे यह हॉस्पिटल शहर की नर्सिंग होम की सेवाओं के मुकाबले में नम्बर वन में है। ऐसा नहीं है कि गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल प्रबंधन ने उच्च क्वालिटी के नर्सिंगहोमों से अपने यहां सेवाएं व अत्याधुनिक बंदोबस्त काम किये हो। हॉस्पिटल में जनरल वार्ड ए०सी० क्यूबिकल, सेमी प्राइवेट वार्ड एवं डीलक्स प्राइवेट रूमों तक के बंदोबस्त हैं। इसके अलावा वेन्टिलेटर, सघन चिकित्सा कक्ष (आई० सी० यू०) व नवजात शिशु चिकित्सा कक्ष (एन०आई०सी०यू०) सुविधाएं भी उपलब्ध है। इस हॉस्पिटल कीरीड की हड्डी माने जाने वाले आर्थोपेडिक सर्जन डॉ श्री दीपक श्रीवास्तव बताते हैं। कि चिकित्सा सेवाओं के क्रम में अत्याधुनिक वातानुकूलित माड्यूलर ऑपरेशन थियेटर, दूरबीन विधि द्वारा पित्त थैली गुर्दे की पथरी, प्रोस्टेट व अन्य पेट के ऑपरेशन।


सी-आर्म मशीन द्वारा सूक्ष्म चीरे से हड्डी के सभी प्रकार के ऑपरेशन, डायलिसिस की सुविधा, ज्वाइन्ट रिप्लेसमेन्ट एवं आर्थोस्कोपिक सर्जरी, फेको विधि से मोतियाबिन्द का ऑपरेशन, दर्द रहित प्रसव एवं बच्चेदानी कॉर्पोरेशन, नवजात शिशु में पीलिया के इलाज के लिए फोटोथिरेपी यूनिट,बच्चों का टीका करण बेड साइड अल्ट्रासाउंड, ईसीएचओ, ई० सीजी एक्सरे। 24 घण्टे इमरजेन्सी से वाएं और साथ ही 5 किमी० दूर तक की मुक्त सेवा एम्बुलेन्स सुविधा भी उपलब्ध है। डॉ० श्रीवास्तव बताते हैं। कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आयुष्मान योजना के तहत गरीब पात्र मरीजों के मुफ्त इलाज, बीमा कम्पनियों के चिंहित मरीज के पास ये सब के प्रमाण पत्र नहीं है। वह गरीब है। अगर वह किसी तरह से अस्पताल ले आया गया तो उसकी स्वास्थ्य सेवाएं पैसे के अभाव में नहीं रोकी जाती हैं। बल्कि अस्पताल स्टाफ ऐसे मरीज का खास ख्याल रखते हैं। यह अस्पताल प्रबंधन की हर कर्मी को विशेष हिदायत है कि पैसे के अभाव में किसी का इलाज बंद ना हो।


विद्युत विभाग की लापरवाही ने ली एक जान

बिजली विभाग की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत


रिपोर्ट-सन्तोष कुमार पान्डेय


कौशाम्बी। जिले में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते एक व्यक्ति की करेंट की चपेट में आ जाने के चलते मौत हो गई।यह हादसा मंगलवार को रात लगभग 11 से 12बजे का है ।जब सब स्टेशन शाहपुर पर तैनात किसी कर्मचारी द्वारा बुला कर कहने पर दस्सू पुत्र राम भरोसे उर्म 20 वर्ष निवासी गौरा तफारीक महेवाघाट की तरफ जाने वाली हाईवोल्टेज तार को बनाने के लिए बैरागीपुर के पास विद्युत पोल पर चढ़कर काम कर रहा था ,उसी दौरान आपसी खुन्नस में लाइन किसी ने चालू कर दी। जिससे दस्सू हाईवोल्टेज तार मे चिपक कर मौके पे ही मौत हो गई ।जिससे पूरे परिवार मे कोहराम मचा हुआ है।परिवार वालों द्वारा थाना महेवाघाट मे प्रार्थना पत्र दिया गया है ।


सूत्रों कि माने तो पाॅवर हाउस शाहपुर के कर्मचारियो द्वारा अक्सर ही जेई की जानकारी पर कही भी लाइट खराब होने पर दस्सू को बुला कर बन वाते थे। दस्सू हिनौता के एक टेंट हाउस मे काम करता था। जिससे अपने परिवार का भरण पोषण करता था।दस्सू की मौत से परिवार भुखमरी की कगार पर हो गया है।


वन विभाग कर रहा,जगंली लक्कड़ का खेल

रामपुर। भारतीय किसान यूनियन अन्नदाता के पदाधिकारी व कार्यकर्ता काशीराम आवास स्वार में एकत्रित हुए और गरीबों के राशन कार्ड बनवाने काशीराम आवास में पुलिस चौकी बनवाने पात्र लोगों की पेंशन बनवाने और गरीबों को आवाज दिलाने आदि मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पूर्व हुई पंचायत में बोलते हुए युवा प्रदेश अध्यक्ष उस्मान अली पाशा ने कहा जिला वन अधिकारी की मिलीभगत से क्षेत्र के पीपलीवन से रोजाना कई ट्रक खैर जैसी बेशकीमती लकड़ी वन माफिया काट रहे हैं। वन विभाग हाथ पर हाथ रखे पंगु बना यह सब कुछ देख रहा है। जबकि कोई किसान अगर वन विभाग के किसी कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक किसी के भी पास कोई कार्य कराने जाए तो उसको महीनों महीनों से टहलाया जाता है। अगर किसी किसान का कोई पेड़ सूख जाए और वह उसके काटने की परमिशन लेना चाहे तो वन विभाग उसको परमिशन नहीं दे सकता। इतना ही नहीं जिला वन अधिकारी की लापरवाही की वजह से जनपद में वृक्षारोपण में भी बहुत बड़ा घोटाला किया गया है। उसके बाद सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में तहसील स्वार पहुंचे और कई मांगों के निस्तारण के संबंध में एसडीएम सवार को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन करने वालों में जिला अध्यक्ष संजोर अली पाशा जिला महासचिव अदाब खान,नन्हे कादरी शबाब खान, मीना जेनब, रामप्यारी, रूबी, शबीना, मनीषा, शैजी अली, खालिद मियां, रामू, रामप्यारे, रामलाल, राजू, विनोद कुमार, चंद्र पाल आदि लोग मौजूद रहे।


यूपी कैबिनेट:आज मंत्री बन जाएंगे विधायक

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की करीब ढाई वर्ष पुरानी योगी आदित्यनाथ सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार बुधवार सुबह 11 बजे होगा। इससे पहले यह विस्तार सोमवार को होना था लेकिन रविवार देर रात अपरिहार्य कारणों से इसे टाल दिया गया था। इस विस्तार में आधा दर्जन नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। कुछ मंत्रियों का कद बढ़ सकता है तो वहीं कुछ मंत्रियों के विभाग में फेरबदल किया जा सकता है।


मंत्रिमंडल में जगह पाने वालों में मुख्य रूप से एमएलसी अशोक कटारिया, एमएलसी विद्या सागर सोनकर, सिद्धार्थनगर इटवा के विधायक सतीश द्विवेदी, देवरिया के श्रीराम चौहान व बुंदेलखंड से झांसी के रवि शर्मा के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आरएलडी से भाजपा में आए सहेंद्र सिंह 'रमाला' व साहिबाबाद से सुनील शर्मा को जगह मिल सकती है। वहीं फर्रुखाबाद से सुशील कुमार शाक्य व सुनील दत्त द्विवेदी में से किसी एक को लिया जा सकता है।बुलंदशहर के शिकारपुर से विधायक अनिल शर्मा का नाम भी कतार में है । वहीं अलीगढ़ से एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह या बरौली विधायक ठाकुर दलवीर सिंह में से एक मंत्री बन सकता है। अलीगढ़ से चर्चा शहर विधायक संजीव राजा की भी है।


पांच हजार करोड़ की ठगी,बाप-बेटा गिरफ्तार

हिसार। तेलंगाना की साइबराबाद सिटी पुलिस ने हरियाणा समेत 10 राज्याें के 17 लाख लोगों से 5000 करोड़ रुपए ठगी के मामले में ई-बिज डॉट काॅम कंपनी के एमडी पवन मल्हान व डायरेक्टर बेटे हितिक मल्हान को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। सोमवार को कंपनी के विभिन्न बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया। जिनमें 389 करोड़ रुपए जमा हैं। जांच में सामने आया है कि हरियाणा, दिल्ली, यूपी, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद के निवेशकों को ठगा गया है। कुकटपल्ली थाने के जांच अधिकारी गोपीनाथ ने बताया कि ई-बिज डॉटकॉम के विरुद्ध तेलंगाना व आंध्रप्रदेश के थानों में 8 केस दर्ज हैं।


 
2001 में नोएडा से शुरू हुई थी कंपनी


साइबराबाद सिटी पुलिस के अनुसार नोएडा में 2001 में ई-बिज डॉट कॉम कंपनी की शुरुआत हुई थी। न्यू दिल्ली के रजिस्ट्रार कार्यालय में कंपनी का रजिस्ट्रेशन है। कंपनी के विरुद्ध ईडी भी जांच कर रही है।
पैसे से पैसा बनाने के नाम पर ऐसे ठगते थे


मनी सर्कुलेशन स्कीम के तहत मल्टी लेवल मार्केटिंग MLM, नेटवर्क मार्केटिंग, रेफरल मार्केटिंग, चेन मार्केटिंग, डायरेक्ट सीलिंग शुरू करके युवाओं, विद्यार्थियों, बेरोजगारों, सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी, गृहणियों को सेमिनार में लाकर बड़े-बड़े सपने दिखाते थे।


यूं चलता था चेन सिस्टम


16821 रुपए लेकर कंपनी का सदस्य बनाते थे। निवेशक को राइट व लेफ्ट साइड तीन तीन लोगों की चेन बनानी थी, इस पर 2700 रुपए मिलते थे। 50 सदस्य जुड़ने पर 25 हजार रुपए कमीशन मिलता था। ऐसे चेन बढ़ने पर लाखों की रुपए लालच देते थे।
सेमिनार में दिखाते थे बड़ा बनने के सपने


हरियाणा में भी ई-बिज डॉट कॉम कंपनी ने कारोबार किया है। काफी संख्या में युवा वर्ग कंपनी में करीब 16821 रुपए निवेश करके सदस्य बने हैं। सदस्य अलग-अलग जगह पर सेमिनार का आयोजन कर लोगों को लेकर आते थे। उन्हें कंपनी के शीर्ष पर पहुंच चुके लोगों से मिलवाते थे, ताकि बड़े सपने दिखाकर उन्हें सच करने के लिए कंपनी में पैसा निवेश करें।


अवैध नागरिकता

अवैध नागरिकता
 देश में कितने घुसपैठिए हैं? इस बात को तो रहने ही दीजिए। हमारे देश की किसी भी एजेंसी के पास यह डाटा नहीं है कि हमारे देश में वास्तविक भारतीय नागरिकों की संख्या कितनी है? देश के कई राज्यों में घुसपैठिए एक बहुत बड़ी समस्या है। पूर्वोत्तर के राज्यों में यह समस्या और भी अधिक विकराल हो गई है। जिसके लिए सरकार कई प्रकार के प्रयास कर रही है। लेकिन ज्यादातर प्रयास असफल साबित हो रहे हैं। जिसकी वजह से घुसपैठिए अवैध होते हुए भी देश में अपनी जड़ें जमा चुके हैं। हमारे पास जनगणना के आंकड़े हैं। जिनमें वैद्य नागरिकों एवं घुसपैठिए सबके नाम शामिल है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने आसम में वैध नागरिक को एवं घुसपैठियों की पहचान के लिए एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन) को अद्यतन करने का आदेश दिया। हमारे देश में पहली जनगणना वर्ष 1991 में हुई थी। उसी के आधार पर सूची तैयार की गई थी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने 1951 की जनगणना को आधार मानते हुए आदेश दिया कि कोई व्यक्ति दावा करता है कि वह भारतीय नागरिक है। इसका मतलब है कि उसके पूर्वज भी भारतीय नागरिक रहे होंगे अर्थात 1951 की एनआरसी में सम्मिलित व्यक्ति के पिता या मां दादा-दादी, परदादा-परदादी का नाम मिलना चाहिए। यदि नाम मिलता है तो उसकी भारतीय नागरिकता प्रमाणिक मानी जाएगी। लेकिन यदि उसके माता-पिता या किसी परिजन का नाम 1991 की एनआरसी में नहीं मिलता तो सुप्रीम कोर्ट ने दूसरी व्यवस्था भी की है। यदि बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम 1971 में हुआ इसे मुक्तिसंग्राम भी कहते हैं। यह वर्ष 1971 से 25 मार्च 16 दिसंबर तक चलता रहा। युद्ध के माध्यम से बांग्लादेश ने पाकिस्तान से स्वाधीनता प्राप्त की ।16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश के निर्माण के लिए 25 मार्च 1971 से शुरू हो गया था। इसलिए 24 मार्च 1971 से पहले तक भारतीय नागरिक मानते हुए पंचायत चुनाव हुए हैं। चुनाव की मतदाता सूची में यदि उनके माता-पिता का नाम है तो उन्हें भी भारतीय नागरिक माना जाएगा । लेकिन उनके पूर्वजों के नाम मतदाता सूची में नहीं है तो उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता प्रमाणित करने के लिए 24 मार्च  से पहले निम्नलिखित के रूप में सूचीबद्ध प्रारूपों में से कोई प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। जिसमें उनके माता पिता का मतदाता सूची में नाम, भूमि और नागरिकता प्रमाण पत्र, शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र, पासपोर्ट ,एलआईसी, सरकार द्वारा लाइसेंस प्रमाण पत्र,बैंक के खाते प्रमाण पत्र, विद्यालय प्रमाण पत्र इस प्रकार के सर्कल ऑफिसर, ग्राम पंचायत सेक्रेटरी का सर्टिफिकेट, उन विवाहित महिलाओं के संबंध में जो विवाह के बाद किसी अन्य स्थान पर रहने लगी। उपरोक्त दस्तावेज 24 मार्च 1971 की आधी रात से पहले या बाद के किसी भी वर्ष का हो सकता है। राशन कार्ड जो 24 मार्च 1971 की रात से पहले जारी किए गए हो। समर्थन के रूप में ऐसे दस्तावेजों को जोड़ा जा सकता है। सूचीबद्ध 14 दस्तावेजों में से किसी एक के साथ प्रस्तुत किए गए हो। बाद में घुसपैठियों द्वारा घूस देकर ग्राम पंचायत सेक्रेटरी का सर्टिफिकेट बनवाने के कई मामले सामने आने के बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट में विवाहित महिलाओं के संबंध में पंचायत द्वारा जारी प्रमाण पत्र को एनआरसी के लिए अयोग्य मानते हुए ,उसे अवैध घोषित कर दिया।


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नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...