शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

योगी की सुरक्षा अभेद,कार्यालय बुलेट प्रूफ

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा होगी अभेद्य, लखनऊ कार्यालय को बनाया जाएगा 'बुलेटप्रूफ'


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में सतर्कता बरतते हुए लखनऊ के लोकभवन स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय को बुलेटप्रूफ बनाने के निर्देश दिए गए हैं।केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) ने लोकभवन स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में बाहरी तरफ लगे शीशों को मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।इसलिए राजकीय निर्माण निगम को अब मुख्यमंत्री योगी के लखनऊ कार्यालय को बुलेटप्रूफ बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में सीसीटीवी कंट्रोल रूम बनाने और इनके जरिए पूरे परिसर पर नजर रखने की व्यवस्था भी होगी। जबकि लोकभवन में पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय के शीशों को बुलेटप्रूफ बनाने के साथ लोकभवन के पंचम तल पर एक एक्स-रे बैगेज स्कैनर भी लगाने को कहा गया है। कार्यालय की चहारदीवारी पर लेजर आधारित या इसी तरह का कोई अन्य इंट्रजन डिटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा।


बाढ़ पीड़ितों के लिए 500 घर बनाएंगे नाना

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर महाराष्ट्र के बाढ़ पीड़ितो के लिये 500 घर बनाने जा रहे हैं। महाराष्ट्र में बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। पश्चिमों महाराष्ट्र के जिलों में हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इस भयंकर स्थिति में कई लोगों के घर तहस-नहस हो गए। नाना पाटेकर उनकी मदद करने के लिए आगे आए हैं। नाना पाटेकर, नाम फाउंडेशन नाम का एनजीओ चलाते हैं। इस एनजीओ के माध्यम से वह बाढ़ पीड़ितों के लिए घर बनाएंगे। नाना पाटेकर ने एक कार्यक्रम में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। वहां पर उन्होंने 500 घर बनाने का ऐलान किया। नाना पाटेकर ने कहा , चिंता मत करिए. एक बार आपको छत मिल जाएगी तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। सरकार ने हमें कुछ फंड दिया है। नाम फाउंडेशन पैसे इकट्ठा कर रहा है। जो भी काम हो सकता है हम कर रहे हैं। हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कई लोग खुद आकर सहायता करने की पहल कर रहे हैं। नाना पाटेकर ने कहा , कई लोग आर्थिक मदद रूप से मदद कर रहे हैं। वह इसलिए आगे आ रहे हैं क्योंकि उन्हें विश्वास है. जब कभी भी किसी को कोई जरूरत होगी हम सभी मदद करने के लिए उनके साथ खड़े होंगे। जब मैं शिरोल आया तो वहां पर मुझे स्थिति का पता चला। इसलिए हमने 500 घर बनवाने का फैसला किया है।


नौकरी दिलाने के बहाने किया दुष्कर्म

पंकज सिंह यादव 


महोबा। एसएससी की तैयारी कर रही युवती को कॉल सेंटर में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कारोबारी होटल में ले गया। होटल के कमरे में युवती को बंद करके उसने अपनी हवस पूरी की। पीडि़ता की तहरीर पर पुलिस ने दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया है।मूलरूप से महोबा निवासी 22 वर्षीय युवती छपेड़ा पुलिया में किराये का कमरा लेकर रहती है और एसएससी की तैयारी कर रही है। कुछ साल पहले उसकी मुलाकात कल्याणपुर केशवपुरम निवासी मौरंग गिïट्टी कारोबारी हरीश चंद्र पांडेय से उरई में हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत और वाट्सएप पर चैटिंग होती थी। युवती का आरोप है कि हरीश चंद्र ने उसे कॉल सेंटर में नौकरी लगवाने का झांसा दिया था।मंगलवार को हरीश ने कॉल सेंटर संचालक से मुलाकात कराने के बहाने फोन करके विजय नगर चौराहे बुलाया। यहां से वह अपनी कार से उसे होटल में ले गए। हरीश ने नशीली कोल्डड्रिंक पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। किसी तरह होश आने पर वह फजलगंज थाने पहुंची और पुलिस को आपबीती बताई। थाना प्रभारी फजलगंज अनुराग मिश्र ने बताया कि पीडि़ता की तहरीर पर आरोपित कारोबारी को गिरफ्तार किया गया है। युवती को मेडिकल के लिए भेजा गया है।


इबोला की दवाई इजाद करने में सफलता

कांगो। घातक इबोला बुखार का इलाज ढूंढने की दिशा में डॉक्टर एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। क्लिनिकल ट्रायल के दौरान प्रायोगिक दवा के इस्तेमाल से जान बचाने में 90 फीसदी तक कामयाबी मिली है। डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो यानी डीआरसी में इबोला वायरस के संक्रमण से जूझ रहे लोगों को दो प्रायोगिक दवाएं दी जाएगी। इन्हें फार्मा कंपनी रिजेनेरॉन ने विकसित किया है इनमें एक है- एंटीबॉडी कॉकटेल आरईजीएन-ईबी3 और दूसरी है- मोनक्लोनल एंटी बॉडी एमएबी114। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इनफेक्शियस डिजीज (एनआईएआईडी) के मुताबिक इन दवाओं ने “साफ तौर पर अच्छे” नतीजे दिखाए हैं। चार संभावित इलाजों का परीक्षण किया गया। कांगो में इबोला वायरस के संक्रमण का यह दूसरा साल है। इलाज के दूसरे दो तरीकों की तुलना में इन दवाओं ने बेहतर नतीजे दिखाए। एनआईएआईडी का कहना है कि दूसरी दवाओं का इस्तेमाल जिन मरीजों पर किया गया, उनमें करीब आधे मरीजों की इस बीमारी की वजह से मौत हो गई। कांगो के नेशनल बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर (आईएनआरबी) के महानिदेशक ज्यां जैक्स मुएम्बे ने संयुक्त रूप से इन परीक्षणों का नेतृत्व किया था।


उनका कहना है “अब से , हम यह नहीं कहेंगे कि इबोला का इलाज नहीं है। इस प्रगति से हजारों लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी.” एनआईएआईडी का कहना है कि इलाज के लिए लाए गए जिन मरीजों के खून में इस वायरस का संक्रमण निचले स्तर का था उनमें से आरईजीएन-ईबी3 के इस्तेमाल से 94 फीसदी और एमएबी114 के इस्तेमाल से 89 फीसदी मरीज ठीक हो गए। पूर्वी कांगो में इबोला अगस्त 2018 से ही फैल रहा है। इसने अब तक कम से कम 1,800 लोगों की जान ली है।


इसे नियंत्रित करने की कोशिशों में यहां चल रही हिंसा और बाहरी लोगों से मदद नहीं लेने की प्रवृत्ति की वजह से बाधा आ रही है। पश्चिमी अफ्रीका में 2013 से 2016 के बीच इबोला वायरस ने बड़ी तेजी से सिर उठाया था और तब यह अपने सबसे विकराल रूप में सामने आया था। गिनी, लाइबेरिया और सिएरा लियोन में इसकी वजह से 11,300 लोगों की जान गई। कांगो में इसके इलाज का परीक्षण पिछले साल नवंबर में शुरू किया गया।


यह काम विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से एक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च ग्रुप कर कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपातकालीन कार्यक्रम के प्रमुख माइक रेयान का कहना है,”आज की खबर शानदार है, इसने हमारे औजारों के बक्से में इबोला के खिलाफ एक नया औजार दे दिया है लेकिन सिर्फ इससे इबोला नहीं रुकेगा।” कांगों के अलग अलग उपचार केंद्रों में 681 मरीजों का नाम इन दवाओं के परीक्षण के लिए पहले ही दर्ज कर लिया गया है। रिसर्च का लक्ष्य 725 मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल करना है।


कार्रवाई पर हम मुनासिब जवाब देंगे:इमरान

इस्लामाबाद । पाकिस्तान ने जाने-अनजाने पहली बार कुबूल कर लिया है कि भारत ने बालाकोट में भीषण हवाई हमला किया था। बौखलाए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान के पास ठोस जानकारी है कि भारत बालाकोट पर हुए भयावह हवाई हमले से भी बड़े हमले की योजना बना रहा है। कश्मीर के ताजा हालात से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए वह ऐसा करने वाला है। मेरा मोदी को यही संदेश है कि अगर वह कार्रवाई करेंगे तो हम भी मुनासिब जवाब देंगे।


गुलाम कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में बुधवार को इमरान खान ने कथित विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा, 'भारत अब पुलवामा के बाद किए हवाई हमले से भी खतरनाक योजना बना रहा है। वह कश्मीर (गुलाम कश्मीर) में कुछ कार्रवाई कर सकता है। इस आधार पर हम राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी की दो बैठकें कर चुके हैं।' इमरान ने धमकाते हुए कहा, 'हम हर ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। आप जो भी करेंगे हम उसका जवाब देंगे। अगर आप हमको सबक सिखाने की सोच रहे हैं तो ध्यान से सुनें, अब हम आपको सबक सिखाएंगे।'


बाढ़ की यात्रा पर चले (समसामयिक)

बाढ की यात्रा पर चले और नेताजी हवाई 



जब बाढ़ आती है, तो फिर मजबूरन हमारे नेता को हवाई सर्वेक्षण करना पड़ता है। जब कोई नेता ऐसा करता है, तो मुझे बहुत बेबस जान पड़ता है।


आप कहेंगे कि वाह साहब वाह! आपको डूबी हुई जनता नहीं नेता बेबस नजर आ रहा। फिर मैं आप से कहूंगा कि जी हाँ, मुझे नेता बेबस नजर आ रहा है। और जनता कब नहीं डूबी थी, जो आज कुछ नया है! संसद में बढ़ते दागी प्रतिनिधियों के बारे में आपका क्या खयाल है! सूखा पड़ा तो सूखी थी, बाढ़ आई तो डूबी है। अब आप से इल्तजा है कि अब आप जरा हवाई जहाज में बैठे उस नेता के बारे में सोचें। जितनी देर उसे बैठना है, मुंह लटकाए रखना है। किसी नेता-नगरी के लिए मुद्दा लटकाना आसान है, ठीक उसी तरह जैसे किसी अधिकारी के लिए फाइल लटकाना, मगर मुंह लटकाने में मेहनत लगती है। अनुभव, कौशल सब लगता है। आप जरा वह दृश्य सोचें, जब फोटो खींचने वाला फोटो खींचने से पहले आप से मुस्कराने के लिए कहता है, सोचिए सांस रोके, पेट अंदर खींचे 10-15 सेकेंड में ही क्या हालत हो जाती है! मैं अपनी कहता हूं! बचपन में ऐसी परिस्थिति में कई बार तो मैं रोने लगा हूं और कुछेक बार हंसने। पिटाई हुई अलग से। अब फिर जरा उस नेता पर आते हैं, जो हवा में उड़ रहा! अगर वह अकेले होता या ऐसा करते वक्त उसकी फोटो-वीडियो न बनती तो उसके लिए आसान होता। वह हंस-मुस्कुरा सकता था। थकावट होने के फलस्वरूप अंगड़ाई ले सकता था। एक जैसा दृश्य निहारते-निहारते जंभाई ले सकता था। अरे कुछ नहीं अपनी बोरियत दूर करने हेतु अपनी उंगलियां चटका सकता था। जरा सोचिए! कितने सारे विकल्प मौजूद थे, मगर वह कुछ नहीं कर सकता सिवाय मुंह लटकाने के, जो ठीक इस वक्त वह बखूबी कर रहा। वह जानता है कि बगल में उसके फोटोग्राफर बैठा है, जो उसकी फोटो उतार रहा है, सो उसे अपना मुंह लटका कर रखना है। कहीं जरा सी भी कुछ ऊंच-नीच हुई तो अपोजिशन को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल जाएगा! जोकि उसकी पोजिशन के लिए बिल्कुल भी ठीक न होगा! ऐसे ही मुझे याद पड़ता है कि एक श्रद्धाजंलि समारोह में कुछ नेता हंस पड़े थे, फिर अगले दिन जनता ने उनको बहुत श्रद्धा से याद किया। जिसने जोक सुनाया था, वह नहीं हंसा था। वह संवेनशील माना गया। ऐसे मौकों पर एक संवेनशील नेता (अनुभवी पढ़ें) तनिक भी रिस्क नहीं लेता। सो, नेता को मुंह लटकाना है, और ऐसे लटकाना है कि कम से कम इतना तो हो कि कल जब अखबार में लोग उसे देखें (बाढ़ पीड़ित नहीं) तो बाढ़ की विकरालता से ज्यादा त्रासद उनका चेहरा दिखे! लोगों को पता चलना चाहिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को देखने के बाद नेताजी बहुत प्रभावित हुए।अब सोचिए, जब तक वह जलमग्न क्षेत्रों को देखेगा, तब तक उसे देखते हुए स्वयं को चिंतामग्न होते दिखाना भी है। यह काम कम चुनौतियों से भरा नहीं है! आप इसे ऐसे समझें, किसी स्विमिंग पूल में नहाने वाले को जलमग्न क्षेत्र को देखकर फिलिंग लानी है! कल को अखबार में वह अपनी छपी फोटो देखें और खुद को दाद भी न दे पाएं, फिर इतने वर्षों की राजनीति करने का क्या फायदा!
सर्वेक्षण तो भारत की जनता के साथ जुड़ा हुआ है। रोजमर्रा के अनुभव से उसने जाना है कि अधिकतर सर्वेक्षण हवा हवाई होते हैं। और यहां नेता जमीनी हकीकत जानने के हवाई सर्वेक्षण कर रहा है। चाहत तो टाल सकता था, मगर हवाखोरी का अवसर कौन जाने देता है। वह हवाई जहाज की किनारे वाली सीट पर बैठ कर मन ही मन उनको जरूर नमन करता होगा, जिसने इस गरीब देश मे हवाई दौरा करने की रस्म रखी। जब वह हवाई सर्वेक्षण कर रहा होता है तब वह जानता है कि ऐसा करने से बाढ़ प्रभावित जनता कोई फायदा नहीं होगा। होगा वही जो होता आ रहा है। पिछले साल भी बाढ़ आई थी। परसाल भी वही हुआ था, जो इस साल अभी हो रहा है। उसे संतोष है कि जो भी होगा वह आपदा कोष से होगा। आपदा कोष का खयाल आते ही वो मन ही मन मुस्कुराता है। वह एकदम से दार्शनिक हो जाता है। देखा जाए तो बाढ़ क्या है! इफरात पानी। जरूरत से बहुत ज्यादा एकमुश्त पानी। पानी था तो आपदा हुई। पैसा होता तो बरकत कहते।


बाढ़ में नेता का हवाई दौरा देख कर मेरा एक मित्र कहता है कि इनको बोट से जायजा लेने जाना चाहिए था, तब अच्छे से जानते और महसूस करते। मुझे महसूस शब्द सुनकर हंसी आई। मैंने उससे कहा', इतना सोचना भी ठीक नहीं मित्र! समानुभूति छोड़ो सहानभूति ही मिल जाए, कृपा समझो! और रही बात बोट से जाने की, अगर चुनाव होते और वोट लेना होता, तो बोट से नेता जरूर जाता' मेरा वह मित्र फिर बोलता है', बरसात के मौसम में फिर चुनाव होने चाहिए!'
मैं इसके जवाब में शायर जमाली का यह शेर उसकी तरफ बढ़ा देता हूं,


'तुम आसमाँ की बुलंदी से जल्द लौट आना 
हमें ज़मीं के मसाइल पे बात करनी है'


संजय शर्मा


आतंकी संगठनों ने दी 'जिहाद' की धमकी

पीओके में एकजुट हो रहे आतंकी संगठन, कश्मीर में 'जिहाद' की दे रहे धमकी


नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान के आंतकी संगठन कश्मीर का माहौल बिगाड़ने की हर मुमकिन कोशिश में लगे हुए हैं। इसी बीच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वहां के लोग भारत के खिलाफ प्रदर्शन करते दिख रहे हैं।वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि भारत के खिलाफ 'जिहाद' शुरू करने के उद्देश्य से आतंकी संगठनों को फिर से एक करने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। हिजबुल मुजाहिद्दीन का मुखिया सैयद सलाहुद्दीन की अध्यक्षता में पाकिस्तानी अधिकारी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) को भारत के खिलाफ जिहाद शुरू करने के लिए उत्साहित कर रहे हैं।


जम्मू-कश्मीर के आर्टिकल 370 और 35A हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान के साथ ही आतंकी संगठनों में भी बौखलाहट देखी जा रही है। हिजबुल मुजाहिदीन के खालिद सैफुल्ला और नायब अमीर के साथ मुजाहिदीन के पूर्व आतंकियों ने गुरुवार को मुजफ्फराबाद में प्रेस क्लब के बाहर भारत विरोधी प्रदर्शन किया। सैफुल्ला ने भारत के खिलाफ अपने नफरत भरे भाषण में कहा, 'कोई भी कार्रवाई शब्दों से ज्यादा काम करती है। मेरे दोस्त, हम सब जिहाद के लिए तैयार हैं।'दूसरी तरफ खबर है कि मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अब नए सिरे से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में है। पिछले दिनों हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा को पाकिस्तान में बैन कर दिया था। ऐसे में अब वो दूसरे संगठनों से हाथ मिला रहा है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक हाफिज सईद दूसरे आतंकी संगठनों को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए पैसा पहुंचा रहा है। सईद को इसी साल जुलाई में गिरफ्तार किया गया था।


'बीएसए' द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया गया

'बीएसए' द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया गया  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार द्वारा कस्तूरब...