शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

'अजान' का हिंदी अर्थ पुकार है

नामाज़ (उर्दू) या सलाह (अरबी), नमाज संस्कृति शब्द है, जो उर्दू में अरबी शब्द सलात का पर्याय है। कुरान शरीफ में सलात शब्द बार-बार आया है और प्रत्येक मुसलमान स्त्री और पुरुष को नमाज पढ़ने का आदेश ताकीद के साथ दिया गया है। इस्लाम के आरंभकाल से ही नमाज की प्रथा और उसे पढ़ने का आदेश है। यह मुसलमानों का बहुत बड़ा कर्तव्य है और इसे नियमपूर्वक पढ़ना पुण्य तथा त्याग देना पाप है।


पाँच नमाजें 
नमाज पढ़ने के पहले प्रत्येक मुसलमान वज़ू करता है अर्थात् दोनों हथेलियों को धोना,कुल्ली करना,नाक साफ करना,चेहरा धोना,कुहनियों तक हाथ का धोना,सर के बालों पर भीगा हाथ फेरना और दोनों पैरों को धोना। फ़र्ज़ नमाज के लिए "अज़ान" दी जाती है। नमाज तथा अज़ान के बीच में लगभग कुछ मिनटों का अंतर होता है। उर्दू में अज़ान का अर्थ पुकार है। नमाज के पहले अज़ान इसीलिए दी जाती है कि आस-पास के मुसलमानों को नमाज की सूचना मिल जाए और वे सांसारिक कार्यों को छोड़कर कुछ मिनटों के लिए मस्जिद में खुदा का ध्यान करने के लिए आ जाएँ। सुन्नत/नफ्ल नमाज अकेले पढ़ी जाती है और फ़र्ज़ समूह के साथ। फ़र्ज़ नमाज साथ मिलकर पढ़ी जाती है उसमें एक मनुष्य आगे खड़ा हो जाता है, जिसे इमाम कहते हैं और बचे लोग पंक्ति बाँधकर पीछे खड़े हो जाते हैं। इमाम नमाज पढ़ाता है और अन्य लोग उसका अनुसरण करते हैं। नमाज पढ़ने के लिए मुसलमान मक्का की ओर मुख करके खड़ा हो जाता है, नमाज की इच्छा करता है और फिर "अल्लाह अकबर" कहकर तकबीर कहता है। इसके अनंतर दोनों हाथों को कानों तक उठाकर नाभि के करीब इस तरह बाँध लेता है कि दायां हाथ बाएं हाथ पर। वह बड़े सम्मान से खड़ा होता है उसकी नज़र सामने ज़मीन पर होती हैं। वह समझता है कि वह खुदा के सामने खड़ा है और खुदा उसे देख रहा है। कुछ दुआ पढ़ता है और कुरान शरीफ से कुछ लेख पढ़ता है, जिसमें फातिह: (कुरान शरीफ का पहला बाब) का पढ़ना आवश्यक है। ये लेख कभी उच्च तथा कभी मद्धिम स्वर से पढ़े जाते हैं। इसके अनंतर वह झुकता है जिसे रुक़ू कहते हैं, फिर खड़ा होता है जिसे क़ौमा कहते है, फिर सजदा में गिर जाता है। कुछ क्षणों के अनंतर वह घुटनों के बल बैठता है और फिर सिजदा में गिर जाता है। फिर कुछ देर के बाद खड़ा हो जाता है। इन सब कार्यों के बीच-बीच वह छोटी-छोटी दुआएँ भी पढ़ता जाता है, जिनमें अल्लाह की प्रशंसा होती है। इस प्रकार नमाज की एक रकअत समाप्त होती है। फिर दूसरी रकअत इसी प्रकार पढ़ता है और सिजदा के उपरांत घुटनों के बल बैठ जाता है। फिर पहले दाईं ओर मुँह फेरता है और तब बाईं ओर। इसके अनंतर वह अल्लाह से हाथ उठाकर दुआ माँगता है और इस प्रकार नमाज़ की दो रकअत पूरी करता है अधिकतर नमाजें दो रकअत करके पढ़ी जाती हैं और कभी-कभी चार रकअतों की भी नमाज़ पढ़ी जाती है। पढ़ने का तरीका कम अधिक यही है।


रूद्ररूप,महायोगी गुरु गोरखनाथ

गोरखनाथ या गोरक्षनाथ जी महाराज प्रथम शताब्दी के पूर्व नाथ योगी के थे। प्रमाण भी है राजा विक्रमादित्य के द्वारा बनाया गया पञ्चाङ्ग जिन्होंने विक्रम संवत की सुरुआत प्रथम सताब्दी से की थी जब कि गुरु गोरक्ष नाथ जी राजा भरथरी एवं इनके छोटे भाई राजा विक्रमादित्य के समय मे थे। गुरु गोरखनाथ शिव के रूद्र रूप है जो अजन्‍मे और मृत्यु के भय से रहित है। गुरु गोरखनाथ नाथ पंथ के शिरोमणि और अग्रणी रहे हैं। सत्य सनातन के मूल प्रचार और प्रसार को ही उन्होंने अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य चुना और उसी के अंतर्गत देश के विभिन्न अथवा विदेशों में धर्म की स्थापना की। इस संसार में सदा विचरण करने वाले महायोगी गुरु गोरखनाथ सूक्ष्म एवं संक्षिप्त रूप में सदैव इस संसार में व्याप्त रहते हैं। गुरु गोरखनाथ जी ने पूरे भारत का भ्रमण किया और अनेकों ग्रन्थों की रचना की। गोरखनाथ जी का मन्दिर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर में स्थित है। गोरखनाथ के नाम पर इस जिले का नाम गोरखपुर पड़ा है।


गुरु गोरखनाथ जी के नाम से ही नेपाल के गोरखाओं ने नाम पाया। नेपाल में एक जिला है गोरखा, उस जिले का नाम गोरखा भी इन्ही के नाम से पड़ा। माना जाता है कि गुरु गोरखनाथ सबसे पहले यहीं दिखे थे। गोरखा जिला में एक गुफा है जहाँ गोरखनाथ का पग चिन्ह है और उनकी एक मूर्ति भी है। यहाँ हर साल वैशाख पूर्णिमा को एक उत्सव मनाया जाता है जिसे 'रोट महोत्सव' कहते हैं और यहाँ मेला भी लगता है। गुरू गोरक्ष नाथ जी का एक स्थान उच्चे टीले गोगा मेड़ी,राजस्थान हनुमानगढ़ जिले में भी है।इनकी मढ़ी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नजदीक वेरावल में है। इनके साढ़े बारह पंथ होते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
2019-8-9 • RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-13(साल-01)
2.शनिवार,17अगस्‍त 2019
3.शक-1941,भादपद्र कृष्ण पक्ष प्रदोष,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:46,सूर्यास्त 7:08
5.न्‍यूनतम तापमान 27 डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै., हवा में आद्रता रहेगी!
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा!
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा प्रकाशित।


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बुधवार, 14 अगस्त 2019

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं:यूनिवर्सल एक्सप्रेस

 देश-दुनिया आज किस आयाम पर, किस स्थिति और परिस्थिति में संघर्षशील है? यह आप सभी लोगों के सामने हैं। इसमें यदि आप राजनीति करना चाहते हैं तो कोई बड़ी विचित्र बात नहीं है। आप इसमें राजनीति कर सकते हैं, लेकिन जहां राष्ट्रहित की बात होती है। वहां पर हम सब लोग हिंदुस्तानी होते हैं। ऐसी स्थिति में जो भी निर्णय हिंदुस्तान के पक्ष में है वह निर्णय हमारा स्वयं का निर्णय होता है। चाहे वह निर्णय हमारा को छोटा बच्चा ले रहा हो या हमारे देश का प्रधानमंत्री ले रहा हैं।क्योंकि जब देश के हित की बात आती है तो फिर देश ही सर्वोपरि है उसके लिए किसी प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री या किसी मंत्री,संतरी, अगरा, वगैरह, आलतू-फालतू आम आदमी के विश्लेषण की आवश्यकता नहीं है। हम हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तान के लिए हम अपना सब कुछ सर्वत्र करने के लिए पहले से ही तत्पर है। हमेशा रहेंगे। यह हमारी सद्भावना है ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो काम किया है वह शायद कोई और प्रधानमंत्री नहीं कर पाता।इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार धन्यवाद और उसके बाद देश के विकास के लिए और भी कई ऐसे मसले हैं। कई विवाद है, कई मुद्दे हैं, जिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काम करने की जरूरत है। ऐसी उम्मीद भी है कि प्रधानमंत्री उन विषयों पर कार्य कर रहे हैं।परिणाम भी उत्कृष्ट होंगे।आज यूनिवर्सल एक्सप्रेस परिवार पूरी दुनिया को भारतीय स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करता है। धन्यवाद करता है जो लोग आज इस वर्तमान में इस भौतिकवाद से रूबरू हैं। वास्तविकता को बहुत बारीकी से समझ रहे हैं उनके लिए पुन: एक बार फिर धन्यवाद।हम सब भारतीय लोकतंत्र में स्वतंत्र दिवस मनाएंगे। वह भी पूरी स्वतंत्रता के साथ। धन्यवाद। यदि देशवासियों को किसी प्रकार की कोई भी समस्या और आपत्ति है तो वह लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी समस्याओं को अग्रेषित करने का अधिकारी है।


राष्ट्रपति का देश वासियों के लिए साधारण संदेश

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 73वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी। राट्रपति कोविंद ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है।यह निर्णय वहां के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।


मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निवासी इस बदलाव से अधिक लाभान्वित होंगे। संबोधन में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि 2 अक्टूबर को हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे।गांधीजी हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। वे समाज को हर प्रकार के अन्याय से मुक्त कराने के प्रयासों में हमारे मार्गदर्शक भी थे। उन्होंने कहा कि गांधीजी का मार्गदर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है. उन्होंने हमारी आज की गंभीर चुनौतियों का अनुमान पहले ही कर लिया था। गांधीजी मानते थे कि हमें प्रकृति के संसाधनों का उपयोग विवेक के साथ करना चाहिए ताकि विकास और प्रकृति का संतुलन हमेशा बना रहे।


राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि वर्तमान में चल रहे हमारे अनेक प्रयास गांधीजी के विचारों को ही यथार्थ रूप देते हैं। अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से हमारे देशवासियों का जीवन बेहतर बनाया जा रहा है। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने पर विशेष ज़ोर देना भी गांधीजी की सोच के अनुरूप है।


 


एयर इंडिया की फ्लाइट में घबराए यात्री

नई दिल्ली। कुत्तों की मौजूदगी की वजह मुंबई से गोवा आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट डाबोलिम रनवे पर पहले प्रयास में लैंडिंग नहीं कर पाई। पहले प्रयास में सफल लैंडिंग नहीं होने के कारण यात्री घबरा गए लेकिन विमान ने दूसरे प्रयास में लैंड किया गया। सभी यात्री सुरक्षित हैं।जानकारी के मुताबिक, मंगलवार रात को आवारा कुत्तों की मौजूदगी की खबर एटीसी यानि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के पास नहीं थी।अंधेरा होने के कारण रनवे कंट्रोलर ने रनवे पर किसी भी कुत्ते को नहीं देख सका, जिस वजह से फ्लाइट के लैंडिग में देरी हुई।गोविंद गांवकर नाम के यात्री का दावा है कि वह मुंबई से गोवा जाने वाली उड़ान में सवार थे।उन्होंने दावा किया कि कुत्तों को देखकर पायलट ने 'टचडाउन' से कुछ क्षण पहले लैंडिंग रोक दी। उन्होंने ट्वीट किया कि विमान करीब 15 मिनट के बाद उतरा गया। पायलट से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि रनवे पर पांच-छह कुत्ते थे। यह बिल्कुल परेशान करने वाली बात है. संपर्क करने पर, गोवा हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने कहा कि कथित घटना की जांच की जाएगी।  गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता दिगंबर कामत ने डीजीसीए को टैग करते हुए कहा कि क्या डीजीसीए इस मामले पर संज्ञान लेगा? यात्रियों को खतरे में रखा जा रहा है। मैं गोवा के मुख्यमंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अपील करता हूं कि इस पर ध्यान दिया जाए।


 


हिंदू-मुस्लिम सब में देशभक्ति का जज्बा

ईद की तरह देश की आजादी का पर्व भी जोश के मनाएं कश्मीरी। 
ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन का देशभक्ति भरा बयान। 
अजमेर में निकली तिरंगा रैली। देश की खातिर कुर्बानी देने का संकल्प।

अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के बाहर देशभक्ति का जज्बा देखने को मिला। पाकिस्तानी यदि यह समझता है कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत पर हमला करने पर मुसलमानों का समर्थन मिल जाएगा तो उसे अजमेर आकर ख्वाजा साहब की दरगाह का माहौल देखना चाहिए। 14 अगस्त को जहां मुस्लिम प्रतिनिधियों ने देश की खातिर कुर्बानी देने का संकल्प लिया तो वहीं दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन ने देश के सबसे बड़े माने जाने वाले न्यूज चैनल आर भारत को जोशीला इंटरव्यू दिया। आबेदीन ने कहा कि अनुच्छेद 370 में बदलाव होने से कश्मीर के लोगों का फायदा ही होगा। अब तक जो सुविधाएं और अधिकार कश्मीरियों को नहीं मिल रहे थे, वो सब अब मिलने लगेंगे। कश्मीरियों ने गत 12 अगस्त को जिस प्रकार ईद का पर्व शांति और उत्साह के साथ मनाया, उसी प्रकार 15 अगस्त को भी देश की आजादी का पर्व मनाए। अनुच्छेद 370 में बदलाव कर केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को देश मुख्य धारा से जोडऩे का प्रयास किया है। एक और दरगाह दीवान ने न्यूज चैनल पर देशभक्ति से भरा इंटरव्यू दिया, वहीं ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर उस समय देशभक्ति का माहौल हो गया, जब तिरंगा रैली निकाली गई। रैली के संयोजक नवाब हिदायउल्ला, महमूद खान के साथ साथ मुस्लिम प्रतिनिधि शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती, सरवर चिश्ती, माजीद चिश्ती आदि ने कहा कि यदि देश की खातिर कुर्बानी की जरूरत हुई तो मुसलमान सबसे आगे होगा। कुरान शरीफ का हवाला देते हुए मुस्लिम प्रतिनिधियों ने कहा कि मुसलमान जिस देश में रहता है, उस देश का मरते दम तक वफादार होता है। इसी सोच के साथ 800 साल पहले ख्वाजा साहब इरान से हिन्दुस्तान और फिर अजमेर आए। दरगाह के बाहर मुस्लिम प्रतिनिधियों ने हिन्दुस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाकर पाकिस्तान को भी ललकारा। प्रतिनिधियों ने कहा कि पाकिस्तान को किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए। यदि पाकिस्तान हमला करता है तो भारत की सीमा पर मुसलमान खड़े मिलेंगे। तिरंगा रैली दरगाह के मुख्य द्वार से शुरू होकर देहली गेट तक पहुंची। रैली में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह शेखावत, नगर निगम के उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता, थानाधिकारी हेमराज, अंजुमन के पदाधिकारी अब्दुल माजीद चिश्ती आदि ने लोगों को तिरंगे झंडे वितरित किए। 
एस.पी.मित्तल


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...