शनिवार, 10 अगस्त 2019

हत्या आरोपी कैदी,पेशी से हुआ फरार

हत्या के आरोप में सजा काट रहा कैदी रात में ट्रेन से हुआ फरार, सुबह पुलिस ने पैर में मारी गोली


महाेबा । जिला कारागार में हत्या के मामले में सजा काट रहा एक कैदी, कानपुर से पेशी से लौटते समय ट्रेन से कूद कर फरार हो गया। कैदी के फरार होते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आननफानन में कैदी को ढूंढने के लिए पुलिस बल भेजा गया।
महोबा में हत्या के मामले में सजा काट रहे कैदी मदनपाल 24 निवासी ग्राम करहरा कानपुर से पेशी कराकर ट्रेन से गुरुवार की रात करीब 11 बजे लौट रहा था। इसी दौरान वो बाथरूम के बहाने ट्रेन से कूदकर भाग निकला। रातभर पुलिस कैदी को ढूंढने के लिए उसका पीछा करती रही। शुक्रवार को सुबह 10 बजे पीछा करते हुए पुलिस ने कैदी के पैर में गोली मारी। जिससे वो घायल होकर गिर पड़ा। पुलिस ने कैदी को अस्पताल में भर्ती कराया है।


200 के खिलाफ मोबलीचिंग का मामला

मॉब लिंचिंग पर 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज


आगरा । देशभर में मॉब लिंचिंग के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश पुलिस ने आगरा में मॉब लिंचिंग में 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन पर आरोप है कि एक व्यक्ति के बच्चा चोर होने के संदेह में उसकी पिटाई की गई थी।


 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आगरा में मंगलवार को मॉब लिचिंग हुई थी, लेकिन बुधवार को जब मारपीट का वीडियो फुटेज सामने आया तो पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लिया। आगरा सर्कल ऑफिसर (सदर) विकास जायसवाल ने बताया कि 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस घटना के वीडियो फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की जा रही है।पुलिस का कहना है कि आरोपी लोगों की पहचान होने के बाद गिरफ्तारी होगी। विकास जायसवाल ने कहा कि स्थानीय पुलिस इस संबंध में निवासियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है। बच्चे को उठाने की घटनाओं से संबंधित किसी भी गतिविधि के मामले में लोगों को पुलिस को जानकारी देने के लिए कहा जा रहा है।बच्चा चोरी के संदेह पर बुधवार को मॉब लिंचिंग की यह घटना आगरा जिले में होने वाली दूसरी ऐसी घटना थी। पुलिस ने इससे पहले एक 60 वर्षीय मानसिक विक्षिप्त महिला की बच्चा चोर होने के संदेह में पिटाई करने के आरोप में 9 युवकों को गिरफ्तार किया था।बता दें ऐसी ही घटना बिहार के दानापुर के रूपसपुर से सामने आई थी, जहां बच्चा चोरी के आरोप में तीन लोगों को पिटाई कर दी थी। भीड़ ने लोगों को इतना पीटा कि एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग बुरी तरह से घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल दानापुर में भर्ती कराया गया, जबकि पुलिस ने मृत शख्स के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।


कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आयोजित

नई दिल्ली । कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की शनिवार को बैठक होने जा रही है।दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में यह बैठक शुरू हो गई है। बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा एवं निर्णय होने की संभावना है। चार राज्यों में विधानसभा चुनाव को भी ध्यान में रखा गया है। काफी दिनों से कांगेस  शिथिलता के चरम पर पहुंच गई थी। लेकिन अब कांग्रेस  कूटनीति और रणनीति के आधार पर आगे बढ़ने की तैयारी में दिख रही है। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में भारी परिवर्तन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसी परिवर्तन का कांग्रेस को कहीं न कहीं लाभ भी मिलेगा। कांग्रेसका पुनर्गठन और विचारधारा को तेजी से बढ़ाने के लिए,जनाधार को बढ़ाने के लिए, कांग्रेस कई प्रकार के परिवर्तन कर सकती है।अब देखना यह है कि कांग्रेस के द्वारा किए गए परिवर्तन,भावी निर्णय धरातल पर किस प्रकार उतरते हैं, और किस प्रकार स्थाई रूप से कार्य करते हैं। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत कई नेता शामिल हुए हैं, कहा जा रहा है कि इस बैठक में नेताओं से अध्यक्ष के नाम पर भी सलाह ली जाएगी और चर्चा की जाएगी।


'शांति' से खेलने वाले को खत्म कर देगे

श्रीनगर ।कश्मीर में धारा 370 क्या हटी पाकिस्तान के पेट में दर्द हो गया।पड़ोसी देश अब कश्मीर को किसी भी तरीके से अशांत करने पर जुट गया है। लेकिन भारतीय सेना भी उसकी हरकतों को लेकर पूरी तरह तैय्यार है।भारतीय सेना ने साफ साफ चेतावनी दी है कि कश्मीर में किसी ने भी शांति बाधित की तो उसे हर हाल में खत्म कर दिया जाएगा ।सेना की चिनार कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा, पाकिस्तान और उसकी सेना कश्मीर में अशांति फैलाने में माहिर रहे हैं औऱ वे फिर ऐसा करने से बाज नहीं आएंगे। सेना हर तरह के हालात का सामना करने के लिए तैय्यार है और अगर किसी ने भी कश्मीर की स्थिति बिगाड़ने की कोशिश की तो हम उसे खत्म कर देंगे।


एससी:बोर्ड के वकील की आपत्ति खारिज

अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की वक्फ बोर्ड के वकील की आपत्ति


नई दिल्ली । अयोध्‍या के बाबरी मस्जिद-राम मंदिर भूमि विवाद मामले की रोजाना सुनवाई पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील की ओर से एतराज को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वक्फ बोर्ड के वकील की ओर से कहा गया है कि जितनी तैयारी इस केस की तारीख के लिए करनी होती है, उसे देखते हुए हफ्ते में पांच दिन सुनवाई ज्यादा है। इस पर विचार के बाद सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि सुनवाई हफ्ते में पांच दिन चलती रहेगी।


सुप्रीम कोर्ट छह अगस्त से अयोध्या भूमि विवाद मामले में हफ्ते में पांच दिन सुनवाई कर रहा है। शुक्रवार को जब अदालत में मामले का सुनवाई शुरू हुई तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने चीफ जस्टिस के सामने अपनी बात रखते हुए हफ्ते में पांच दिन सुनवाई के लिए वो खुद को असमर्थ पा रहे हैं। धवन ने अदालत से कहा कि ये लंबे समय तक चलने वाला केस है।वकील के तौर पर बहुत तैयारी करनी होती है, काफी सारे दस्तावेजों का अनुवाद करना होता है, उन्हें पढ़ना होता है। ऐसे में रोज सुनवाई पर अदालत विचार करे। धवन की ओर से रखी गई बात सुनने के बाद चीफ जस्टिलस रंजन गोगोई ने कहा है कि इस पर हम आपको बताएंगे। बाद में सीजेआई ने साफ किया कि सुनवाई रोजाना होगी।अयोध्‍या के बाबरी मस्जिद-राम मंदिर भूमि विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने के लिए बनाई गई मध्यस्थता समिति के मामले का कोई हल ना खोज पाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर छह अगस्त से हर रोज सुनवाई शुरू की है। अयोध्या विवाद की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सदस्यीय पीठ कर रही है। पीठ में सीजेआई गोगोई के साथ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।


जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने की होड़

जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने की मची होड़


श्रीनगर । अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए खत्म किए जाने के बाद देशभर के लोगों में जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए लोगों में होड़ मच गई है। हालात यह हैं कि जम्मू कश्मीर के हर डीलर के पास हर रोज पूरे देश से 20 से ज्यादा कॉल आ रही हैं। कॉल करने वाला हर व्यक्ति जम्मू और कश्मीर में जमीन के रेट पता कर रहा है।


अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए खत्म किए जाने से जम्मू कश्मीर के प्रॉपर्टी डीलर्स में खुशी का माहौल है। जम्मू में महाजन प्रॉपर्टी डीलर एंड बिल्डिंग मैटेरियल के मालिक कुणाल गुप्ता ने मनी भास्कर से बातचीत में बताया कि उन्हें अब स्थिति सामान्य होने का इंतजार है। कुणाल ने बताया कि दिल्ली, बंबई, लखनऊ समेत देश के सभी बड़े शहरों से उनके पास रोजाना 15 से 20 कॉल्स आ रहे हैं। फोन करने वाले सभी लोग जम्मू और कश्मीर में जमीनों का भाव पता कर रहे हैं।कुणाल ने बताया कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए खत्म होने से यहां प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने का कार्य करने वाले लोगों में खुशी का माहौल है। सभी लोगों का मानना है कि अब दूसरे राज्यों के लोग भी यहां पर जमीन खरीद सकेंगे और उनके कारोबार में बढ़ोतरी होगी। कुणाल का कहना है कि अधिकांश लोग कश्मीर में जमीन खरीदने के बारे में जानकारी ले रहे हैं, लेकिन वहां यह कारोबार अभी पूरी तरह से बंद पड़ा है। हालात सामान्य होने के बाद वहां पर जमीनों के रेट नए सिरे से तय होंगे।


जम्मू में प्रॉपर्टी डीलिंग का कारोबार करने वाले विक्की शाह ने मनी भास्कर से फोन पर बातचीत में कहा कि जम्मू शहर में खाली प्लॉट बड़ी मुश्किल से मिल पाते हैं। हां, यहां आप 1 बीएचके से लेकर 4 बीएचके का मकान आसानी से खरीद सकते हैं। शाह के अनुसार, शहर में 2बीएचके का घर 45 से 60 लाख रुपए में मिल जाता है। हालांकि, घर की बनावट, इंटीरियर, जमीन की उपलब्धता के आधार पर यह कीमत ज्यादा भी हो सकती है।


क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश

लखनऊ ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार अफसरों से मीटिंग में तैयारी के साथ आने, मीटिंग के पहले जरूरी सूचनाएं उपलब्ध कराने और बैठक में लिए गए निर्णय पर कार्यवाही की तय समय पर सूचना देने का निर्देश देते रहे हैं। पर, अफसर हैं कि मानते ही नहीं। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की इस कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है और नए सिरे से दिशानिर्देश जारी कर अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। शासन के एक आला अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री की बैठक सर्वोच्च स्तर पर निर्णय के लिए होती है। ऐसे में वहां विभाग का नेतृत्व करने वाले विभाग और शासन के अफसरों को ही आना चाहिए। मगर, अभी भी कई बार कनिष्ठ अधिकारियों को बैठक में भेज दिया जाता है जो स्पष्ट राय भी नहीं दे पाते हैं। समय-समय पर यह बात भी सामने आती है कि जिस विषय पर मुख्यमंत्री बैठक ले रहे हैं, उसके विभागीय मंत्री को सूचना तक नहीं है। मुख्यमंत्री ने इस पर अप्रसन्नता व्यक्त की है। इसी तरह मुख्यमंत्री के सामने प्रजेंटेशन से जुड़े प्रकरण से जानकारी एक दिन पहले मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने तथा बैठक में लिए गए निर्णय से जुड़े कार्यवृत्त को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए अधिकतम तीन दिन में भेजने के निर्देश हैं। इन निर्देशों का भी पालन नहीं हो पा रहा है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में समस्त अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने को कहा है।
अफसरों को इस तरह करना होगा काम- मुख्यमंत्री की बैठक में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अधिकारी व विभागाध्यक्ष स्तर के अधिकारी ही विषय की संपूर्ण जानकारी के साथ उपस्थित हों। कनिष्ठ अधिकारी अपरिहार्य स्थिति में ही मुख्यमंत्री की बैठक में सम्मिलित हो सकेंगे। बैठक का एजेंडा, शामिल होने वाले अधिकारियों की सूची व प्रजेंटेशन एक दिन पहले सीएम कार्यालय भेजा जाए। बैठक के कार्यवृत्त अधिकतम तीन दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय को अनुमोदन करना होगा। मुख्यमंत्री के स्तर पर लिए जाने वाले निर्णयों के मुद्दे स्पष्ट रूप से इंगित किए जाएं। अंतर-विभागीय समन्वय के लिए मुख्यमंत्री के स्तर से प्राप्त किए जाने वाले निर्देशों को स्पष्ट रूप से इंगित किया जाए।


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...