शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

आज का दिन भाग्यशाली रहेगा:कन्या

राशिफल


1-मेषराशि(Aries)-आज का दिन अच्छा रहेगा। आय में वृद्धि होगी। अपरिचित व्यक्ति पर अधिक भरोसा ना करे।नये कारोबार बारे सोच-विचार करेंगे।मेहनत करेगें तो सफलता मिलेगी।आज कोई पुरानी घरेलू समस्याओ का समाधान निकलेगा।अपने परिवार की सहमति से कार्य करे।माता पिता की सेवा करके अच्छा फल प्राप्त करें!


2वृषराशि(tauras)- परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेंगा।बच्चो के भविष्य बारे उचित सोचे।आज आपका कोई नजदीकी रिश्तेदार आपकी मदद करेगेंअचानक धन लाभ का योग है।आज परेशानी से निजात पाने के लिये कोशिश करेंगे।किसी भी व्यक्ति पर अधिक विश्वास नही करे।कारोबारी यात्रा का योग बन रहा हैं।सफलता मिलेगी।योगा व सुबह की सैर अवश्य करें ।
3 मिथुन राशि (gemini)-आपके विचार स्करातमक हो।किसी बारे नकारात्मक ना सोचे।आज गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए।आपकी बेटी का रिश्ता अच्छे परिवार में होगा।वर उच्च सरकारी पद पर आसीन होगा।आज यात्रा का योग सुभ होगा।सच्चाई का मार्ग अपनाए।लड़ाई झगडे से बचने की कोशिश करे।माता पिता की सेवा करे।रक्तदान का मौका मिले तो अवश्य करें।


4कर्क राशि ( cancer)-आज अचानक धनलाभ का योग है।कोई पुराना मित्र आपके कारोबार मे आपकी मदद करेगा।लड़ाई झगड़े से बचे।रिश्तेदारों को नाराज नहीं करे।आपकी पुत्री के लिये अच्छा रिश्ता आएगा।माता का की सेवा करना आपका धर्म है।इसे पूरी तरह से निभाए।स्वास्थ्य के लिए सुबह की सैर अवश्य करें ।
5सिंह राशि(leo)- आज कुछ ऐसा होगा जिससे आपको सफलता प्राप्त होगी।धनलाभ का योग है।परेशानी से छुटकारा पाने की कोशिश करें।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।वरिष्ठ अधिकारी की नाराजगी से निजात पाये।अच्छी सेहत के लिये सुबह योगा या व्यायाम अवश्य करे।बुजुर्गो की सेवा करना आपका कर्तव्य है।दायित्व निभाए।
6कन्या राशि( virgo)-आज का दिन भाग्यशाली होगा।मनचाहा कार्य सफल होगा।धनलक्ष्मी का योग है।आपके पुत्र को सरकारी नौकरी मिलने का योग है।आज परेशानी से निजात पाने की कोशिश करें।रोजाना अच्छे स्वास्थ्य के लिये व्यायाम करें या सुबह की सैर करे।अपने दैनिक जीवन में नियमितताअपनाए।


7-तुला राशि (libra)- किसी अनजान व्यक्ति से दुरी बनाएँ रखना उचित होगा।आज किसी से लड़ाई झगड़ा ना करे।अपने व्यवसाय की सफलता के राज अपने निजी व्यक्ति को ही बताए।धन लाभ का योग है।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।रोजाना कसरत या व्यायाम करना जरुरी है।
8-वृश्चिक राशि(scorpion)-आपका व्यवहार अन्य लोगों के लिये आदर्श साबित होगा।दूर स्थान की यात्रा लाभदायक सिद्ध होगी।आज पुराने मित्रों से मुलाकत अच्छी-खासी लाभकारी होगी।अच्छा सोचे।बुरे विचार त्यागे।गरीब रिश्तेदारों की मदद अवश्य करें।
9धनु राशि(Sagittarius)- अधूरे कार्य पूरे करे।रिश्तेदारों से अच्छा व्यवहार करे।कोशिश करें कि आप उन्हें नाराज ना करे।माता पिता की सेवा करके अपना फर्ज निभाए।अचानक उधार मिलने के योग है।आज यात्रा टालना आपके लिए हितकारी होगा।
10-मकर राशि(capricon)-आपका व्यवहार सबके साथ मीठा और सौहार्दपूर्ण होना चाहिये।अहंकार व क्रोध से बचने की कोशिश करें।आज अटका हुआ धन प्राप्त होगा।रेगुलर स्वास्थ्य की जांच अति आवश्यक है।डाक्टर की सलाह अवश्य माने।सबको साथ लेकर चलने की आदत बनाये।
11कुम्भ राशि(Aquarius)-सबसे मीठा और अच्छा व्यवहार करे।क्रोध व ईर्ष्या से निजात पाये।धनलाभ का योग है।नया कार्य शुरू करने से पहले विचार विमर्श करे।अनुभवी व्यक्तियों की सलाह अनुसार कार्य करे।सेहत के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें।
12-मीन राशि ( pisces)-अपने माता-पिता की सेवा करना अपका दायित्व है।किसी भी व्यक्ति पर अधिक भरोसा नहीँ करे।अपने ब्च्चॉ के भविष्य बारे कदम उठायें।लड़ाई झगड़े से बचने की कोशिश करें।। आपकी बेटी के लिये अच्छा वर योग है विवाह की तैयारियाँ शीघ्र करे।धनलाभ का योग है।


कुंडलिका (जलेबी) का इतिहास

जलेबी उत्तर भारत, पाकिस्तान व मध्यपूर्व का एक लोकप्रिय व्यंजन है। इसका आकार पेंचदार होता है और स्वाद करारा मीठा। इस मिठाई की धूम भारतीय उपमहाद्वीप से शुरू होकर पश्चिमी देश स्पेन तक जाती है। इस बीच भारत,बांग्लादेश, पाकिस्तान, ईरान के साथ तमाम अरब मुल्कों में भी यह खूब जानी-पहचानी है। आमतौर पर तो जलेबी सादी ही बनाई व पसंद की जाती है, पर पनीर या खोया जलेबी को भी लोग बडे चाव से खाते हैं। जलेबी भारत की राष्ट्रीय मिठाई हैं।


इतिहास
कुछ लोगों का मानना है कि जलेबी मूल रूप से अरबी शब्द है और इस मिठाई का असली नाम है जलाबिया। यूं जलेबी को विशुद्ध भारतीय मिठाई मानने वाले भी हैं। शरदचंद्र पेंढारकर (बनजारे बहुरूपिये शब्द) में जलेबी का प्राचीन भारतीय नाम कुंडलिका बताते हैं। वे रघुनाथकृत 'भोज कुतूहल' नामक ग्रंथ का हवाला भी देते हैं जिसमें इस व्यंजन के बनाने की विधि का उल्लेख है। भारतीय मूल पर जोर देने वाले इसे 'जल-वल्लिका' कहते हैं। रस से परिपूर्ण होने की वजह से इसे यह नाम मिला और फिर इसका रूप जलेबी हो गया। फारसी और अरबी में इसकी शक्ल बदल कर हो गई जलाबिया। उत्तर पश्चिमी भारत और पाकिस्तान में जहां इसे जलेबी कहा जाता है वहीं महाराष्ट्र में इसे जिलबी कहा जाता है और बंगाल में इसका उच्चारण जिलपी करते हैं। जाहिर है बांग्लादेश में भी यही नाम चलता होगा।


 


तनाव के कारण और बचाव

जब कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में रुकावटों का सामना करता है तो वह तनावग्रस्त हो जाता है। यह अक्सर व्यक्ति में द्वन्द्व और निराशा की भावना पैदा करता है। प्रबल निराशा मिलने के कारण यह द्वन्द्व और भी तनावपूर्ण हो जाता है। आमतौर पर व्यक्ति द्वन्द्व में तब पड़ जाता है जब वह परस्पर विरोधी स्थिति का सामना करता है। उद्देश्य और परिस्थिति के स्वरूप पर निर्भर व्यक्ति जीवन में तीन प्रकार के द्वन्द्वों का सामना करता है।


(क) प्रस्ताव-प्रस्ताव द्वन्द्व
(ख) परिहार-परिहार द्वन्द्व
(ग) प्रस्ताव-परिहार द्वन्द्व
प्रस्ताव-प्रस्ताव द्वन्द्व : इस तरह का द्वन्द्व तब उत्पन्न होता है जब किसी व्यक्ति को दो या अधिक वांछित उद्देश्यों में से चुनाव करना पड़ता है। इस तरह के द्वन्द्व में दोनों ही लक्ष्यों की प्राप्ति की चाहत होती है। उदाहरण के लिए, एक ही दिन में दो विवाहों के निमंत्रण में से किसी एक का चुनाव करना।


परिहार-प्रस्ताव द्वन्द्व : इस तरह का द्वन्द्व तब उत्पन्न होता है जब किसी व्यक्ति को दो या अधिक अवांछित लक्ष्यों में चुनाव करना पड़ता है। इस तरह के द्वन्द्व को अक्सर 'एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई' वाली स्थिति कहा जाता है। जैसे कि कम शैक्षिक योग्यता वाले युवा को या तो बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा या फिर बहुत ही कम आय की अनचाही नौकरी को स्वीकार करना पड़ेगा। इस तरह का द्वन्द्व बहुत ही गम्भीर सामंजस्य की समस्याएं उत्पन्न करता है, क्योंकि द्वन्द्व का समाधान करने पर भी चैन की बजाय निराशा ही उत्पन्न होगी।


प्रस्ताव-परिहार द्वन्द्व : इस तरह के द्वन्द्व में किसी व्यक्ति में समान उद्देश्य का चुनाव करने एवं उसे नकारने दोनों के प्रति प्रबल रूझान होता है। जैसे कि एक युवा सामाजिक और सुरक्षा कारणों से विवाह करना चाहता है लेकिन उसी स्थिति में वह विवाह की जिम्मेदारियों और निजी स्वतंत्रता के खत्म हो जाने का भय भी रखता है। ऐसे द्वन्द्व का समाधान लक्ष्य के कुछ नकरात्मक और सकरात्मक पहलुओं को स्वीकृत करने से ही सम्भव है।


बहुसंख्यक विकल्पों के होने के कारण कभी-कभी प्रस्ताव-परिहार द्वन्द्व को "मिश्रित-अनुग्रह" द्वन्द्वों के संदर्भ में भी देखा जाता है।


कुंठा : (देखें, कुण्ठा) कुंठा एक प्रयोगात्मक अवस्था है जो कि कुछ कारणों के परिणामस्वरूप होती है जैसे


(क) बाहरी प्रभावों के कारण आवश्यकताओं और अभिप्रेरणाओं में अवरोध पैदा होना जो कि लक्ष्य में बाधाएं उत्पन्न करता है और आवश्यकताओं की पूर्ति होने से रोकता है।
(ख) वांछित लक्ष्यों की अनुपस्थिति द्वारा।
अवरोध व बाधाएं भौतिक एवं सामाजिक दोनों प्रकार की हो सकती हैं और ये व्यक्ति में निराशा या कुंठा का भाव उत्पन्न करती हैं। इस में दुर्घटना, अस्वस्थ अंतरवैयक्तिक संबंध, प्रिय की मृत्यु हो जाना। व्यक्तिगत् अभिलक्षण जैसे शारीरिक विकलांगता, अपूर्ण योग्यता और आत्मानुशासन का अभाव भी कुंठा की जड़ है। कुछ साधारण कुंठाएं हैं जो अक्सर कुछ निश्चित मुश्किलों का कारण बन जाती है। इनमें वांछित लक्ष्य की प्राप्ति में विलम्ब, संसाधानों का अभाव, असफलता, हानि, अकेलापन और निरर्थकता सम्मिलित है।


रुद्राक्ष महिमा एवं विभिन्न भेद

रुद्राक्ष की महिमा एवं विविध भेद
सूत जी कहते हैं, महाप्रज्ञ, महामति, शौनक अब मैं संक्षेप में रुद्राक्ष का महत्व बता रहा हूं सुनो! रुद्राक्ष शिव को बहुत ही प्रिय है, इसे परम-पावन समझना चाहिए! रुद्राक्ष के दर्शन से, स्पर्श से तथा उस पर जप करने से वह समस्त पापों का अपहरण करने वाला माना गया है! मुनि, पूर्व काल में परमात्मा शिव ने समस्त लोगों का उपकार करने के लिए देवी पार्वती के सामने रुद्राक्ष की महिमा का वर्णन किया था! भगवान शिव बोले, महेश्वरी, शिवा, मैं तुम्हारे प्रेम बस भक्तों के हित की कामना से रुद्राक्ष की महिमा का वर्णन करता हूं सुनो! पूर्व काल की बात है मैं मन को संयम में रखकर हजारों दिव्य वर्षों तक घोर तपस्या में लगा रहा! एक दिन ऐसा मेरा मन होता, परमेश्वरी मै संपूर्ण लोकों का उपकार करने वाला स्वतंत्र परमेश्वर हूं! अतः उस समय मैंने लीलावश अपने दोनों नेत्र खोले, खोलते ही मेरे मनोहर नेत्र से कुछ जल की बूंदें गिरी ,आंसू की उन बूंदों से वहां रुद्राक्ष नामक वृक्ष पैदा हो गया ! भक्तों पर अनुग्रह करने के लिए अश्रुबिंदु स्थावर भाव को प्राप्त हो गए! वे रुद्राक्ष मैंने विष्णुभक्त को तथा चारों वर्णों के लोगों को बांट दिए! भूतल पर अपने प्रिय रुद्राक्ष को मैंने गौड देश में उत्पन्न किया! मथुरा,अयोध्या,लंका, मलयाचल, सहस्त्र गिरी,काशी तथा अन्य देशों में भी उनके अंकुर उगाए! उत्तम रुद्राक्ष सहायता आवेदन करने वाले तथा सूचियों के बीच प्रेरक है! मेरी आज्ञा से वे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र जाति के भेद से इस भूतल पर प्रकट हुए !रुद्राक्ष की ही जाति के सुभाक्ष भी है! उन ब्राह्मण आदि जाति वाले रुद्राक्ष के वर्ण श्वेत, रक्त, पित्,तथा कृष्ण जानने चाहिए !मनुष्य को चाहिए कि वह क्रम से वर्ण के अनुसार अपनी जाति का ही रुद्राक्ष धारण करें और मोक्ष की इच्छा रखने वाले चारों वर्णों के लोगों और विशेषत: शिव भक्तों को शिव-पार्वती की प्रसन्नता के लिए रुद्राक्ष के फलों को अवश्य धारण करना चाहिए! आंवले के फल के बराबर जो रुद्राक्ष श्रेष्‍ट बताया गया है! बेर के फल के बराबर हो उसे मध्यम श्रेणी का कहा गया है और जो चने के बराबर हो उसकी गणना निम्न की गई है! अब इसकी क्षमता को परखने की यह दूसरी उत्तम प्रक्रिया बताई जाती है! इसे बताने का उद्देश्य है भक्तों की कामना, पार्वती तुम भली-भांति प्रेम पूर्वक इस विषय को सुनो,जो  रुद्राक्ष चने फल के बराबर होता है! छोटा होने पर भी उत्तम फल देने वाला होता हैं!भाग्य की वृद्धि करने वाला होता है! जो रुद्राक्ष आंवले के फल के बराबर होता है समस्त अभिष्‍टो का विनाश करने वाला है! जो चने के फल के सामान बहुत छोटा होता है वह संपूर्ण मनोरथ और फलों की सिद्धि करने वाला है! रुद्राक्ष जैसे जैसे छोटा होता है वैसे ही अधिक फल देने वाला होता है! 1111 छोटे रुद्राक्ष को विद्वानों ने 10 गुना अधिक फल देने वाला बताया है! पापों का नाश करने के लिए रुद्राक्ष धारण अवश्य करना बताया गया है! वह निश्चय ही संपूर्ण मनोरथों का साधक है! अतः अवश्य धारण करना चाहिए! परमेश्वरी लोक के मंगल में रुद्राक्ष जैसा फल देने वाला देखा जाता है वैसे ही फलदाई दूसरी कोई माला नहीं दिखाई देती! देवी समान आकार-प्रकार वाले चिकने मजबूत स्थूल और सुरक्षित पदार्थों के दाता है! मोक्ष देने वाले  भी है!जिसे कीड़ों ने दूषित कर दिया हो, जो टूटा-फूटा हो! जिसमें जो नियुक्त हो तथा पूरा-पूरा गोल हो,उत्‍तम गति प्रदान करने वाले होते हैं! पांच प्रकार के रुद्राक्ष धारण करने चाहिए ! जिसमें अपने आप छेद होता हैं,वह उत्‍तम, वही यहां उत्तम माना गया है! जिसमें मनुष्य के पर्यतन से छेद किया गया हो वह मध्यम श्रेणी का होता है! रुद्राक्ष धारण बड़े-बड़े पापों का नाश करने वाला है! इस जगत में 11100 रुद्राक्ष धारण करके मनुष्य जिस फल को पाता है उसका वर्णन सैकड़ों वर्षो में भी नहीं किया जा सकता है! भक्ति मान पुरुष साडे 500 रूद्राक्ष का मुकुट बना ले और उसे सिर पर धारण करें! 360 दानों को लंबे सूत्र में पिरो कर ले, वैसे-वैसे तीन हार बनाकर भक्ति पुरुष धारण किए रहे! इसके बाद किस अंग में कितने रुद्राक्ष धारण करने चाहिए?कौन रुद्राक्ष कंहा धारण करना चाहिए?......


गुरुवार, 1 अगस्त 2019

जनता के द्वारा निर्मित लोकतंत्र:मुखर्जी

राकेश पाण्डेय 
नई दिल्ली ! पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत का लोकतंत्र न तो ब्रिटेन की गिफ्ट है और न ही एक्सीडेंटल है, यह हिंदुस्तान की आवाम की ताकत है। यह बात मुखर्जी ने राजस्थान विधानसभा में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान चैप्टर की ओर से आयोजित उद्घाटन समारोह के दौरान कही।


मुखर्जी ने कहा कि भारत की संसदीय यात्रा तीन चरणों से गुजरी है। 1952 से 57 तक का शुरुआती फेज रहा है। इस चरण में भारत संवैधानिक और भौगोलिक रूप से मजबूत हुआ। 1967 से 1989 के बीच लोकतंत्र ने कई रूप देखे हैं। गठबंधन की सरकार भी बनी है। 2014 के बाद से फिर से मतदाताओं का रुझान नेशनल पार्टियों की ओर बढ़ा और फिर दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार आई है।


सदस्यता अभियान:भाजपा की समीक्षा बैठक

भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय ग़ाज़ियाबाद पर बैठक 


गाजियाबाद ! भारत माता व डा श्याम प्रसाद मुखर्जी व पं दीन दयाल उपाध्याय पर पुष्प अर्पण कर व वंदेमातरम कर शुभारंभ किया गया ! सदस्यता अभियान विशेष बैठक की अध्यक्षता  बसंत त्यागी द्वारा की गई सभी भाजयुमो के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं द्वारा लक्ष्य पूरा हो सके व पुनः जिला गाजियाबाद प्रदेश में सदस्यता मे प्रथम स्थान प्राप्त हो जाए !उसके लिए हम निरंतर रूप से साथ मिलकर सदस्यता पर्व में सहयोगी बनना होगा! जिला बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में जिला महामंत्री एवं सदस्यता अभियान के जिला प्रमुख दिनेश ने कहा कि कार्यकर्ता भाजपा कि रीढ़ है! भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष सुनील गुर्जर निठौरा के द्वारा बताया गया कि ग्रेड श्रेणी A - 90% को A+100% बनाना होगा व B ग्रेड 50% - 60% को 90 % A ग्रेड तक बनाना व C ग्रेड को B ग्रेड 60% तक पहुंचना ओर यह कार्य यौजना सैक्टरो व बूथो पर विस्तारको द्वारा सदस्य बना सकते हैं !


हम पहले सदस्य बनाऐगे फिर हम सक्रिय सदस्य बनेंगे हम सभी का लक्ष्य है C ग्रेड को B तक व B ग्रेड को A ग्रेड तक पहुंचना है हमारा लक्ष्य रहेगा! हम सभी कार्यकर्ता व पदाधिकारियों को सदस्यता अभियान द्वारा सवचछता अभियान चलाना होगा व जल संचय हो चला होगा व पेड पौधा रोपण करने का कार्यक्रम विशेष रूप से चलाना होगा 
सैक्टरो का परिसमन करना होगा सैक्टर पर सिर्फ 6 या 7 बूथ पर सत्यापन कर व योजनाओं को विस्तारको द्वारा बनाया जायेंगा ।
बैठक में उपस्थित युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विपिन मावी,के डी त्यागी,पूरन सिंह जिले के महामंत्री निशांत गौड़ , अनुज त्यागी जिले के मंत्री पुनीत चौधरी,आर्यन त्यागी,आकाश शर्मा मोदी नगर ,जिला कोषाध्यक्ष नील नक्शा भारद्वाज उर्फ मोनू, राम विहार मंडल अध्यक्ष रन सिंह कश्यप मोदीनगर देहात मंडल अध्यक्ष रोहित किसान मोर्चा से महामंत्री जितेंद्र चित्तौड़ा जी,बबलू तिवारी उपस्थित रहे।


लेखपाल के खिलाफ अधिवक्ता हुए लामबंद

शिवाकांत अवस्थी
रायबरेली,महराजगंज ! बीते 48 घंटे पूर्व तहसील परिसर में अधिवक्ता व लेखपाल के बीच हुए विवाद के मामले में आज तहसील सभागार में अधिवक्ताओं की एक आम बैठक आहूत की गई। जिसमें सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि, जब तक लेखपाल इंद्रेश मौर्या को उच्चाधिकारियों द्वारा निलंबित नहीं किया जाता है। तब तक 2 अगस्त से महराजगंज तहसील के समस्त अधिवक्ता कलम बंद हड़ताल पर रहेंगे तथा किसी भी प्रकार का कोई कार्य अधिवक्ताओं द्वारा नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि, विगत 2 दिन पूर्व अधिवक्ता राधेश्याम व लेखपाल इंद्रेश मौर्य के बीच मारपीट हो गई थी, जिसमें दोनों पक्षों की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया था! लेकिन, 48 घंटे बीत जाने के बाद लेखपाल पर कोई कार्यवाही न होते देख महराजगंज तहसील के अधिवक्ता उच्चाधिकारियों पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए एक आम बैठक अधिवक्ता संघ सभागार में बुलाई गई! जिसमें महराजगंज तहसील में दोनों अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों द्वारा बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि, जब तक लेखपाल इंद्रेश मौर्या को राजस्व प्रशासन द्वारा निलंबित नहीं किया जाता है। तब तक अधिवक्ता कलम बंद हड़ताल पर रहेंगे! अधिवक्ताओं द्वारा कोई भी जमानत नहीं कराई जाएगी! दस्तावेज नहीं लिखे जाएंगे और न ही किसी भी मुकदमे में न्यायालय का कार्य किया जाएगा। यह निर्णय तहसील के समस्त अधिवक्ताओं द्वारा लिया गया है। अब देखना होगा कि, दोनों पक्षों से दर्ज मुकदमे की विवेचना कर रहे  तेज तर्रार क्षेत्राधिकारी विनीत सिंह व उपजिलाधिकारी विनय कुमार सिंह मामले में कौन सा रुख अख्तियार करेंगे या फिर लेखपाल व अधिवक्ताओं के बीच छिड़ी जंग कहां तक जाएगी। यह तो समय के गर्भ में है।
यदि जल्द ही उच्चाधिकारियों द्वारा मामले में कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया तो, दूरदराज से आने वाले वादकारियो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
इस मौके पर शिवसागर अवस्थी, नागेंद्र सिंह, विद्यासागर अवस्थी, सुरेंद्र श्रीवास्तव, ज्योति प्रकाश अवस्थी, मनोज कुमार श्रीवास्तव, राधेश्याम, मनीष तिवारी, प्रदीप श्रीवास्तव, शैलेंद्र सिंह, सरोज गौतम, प्रवीण त्रिपाठी, अमित प्रताप सिंह, सुमित चौरसिया, भूपेश मिश्रा, प्रदीप श्रीवास्तव सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...