शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

नीति-आयोग का मसौदा तैयार:यूपी

लखनऊ ! राज्य नीति आयोग का मसौदा तैयार कर लिया गया है। जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इसका प्रस्तुतीकरण करके, अंतिम रूप दिया जाएगा। इस दौरान सीएम से अगर कोई सुझाव मिलता है तो उसे मसौदे में शामिल कर, मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद औपचारिक रूप से आयोग के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। नीति आयोग के गठन से संबंधित कार्यवाही मुख्य सचिव की निगरानी में नियोजन विभाग कर रहा है।
बता दें, हाल ही में केंद्रीय नीति आयोग की टीम प्रदेश के दौरे पर आई थी। आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान प्रदेश के समग्र विकास के लिए जल्द से जल्द राज्य नीति आयोग के गठन पर जोर दिया था। इसके बाद शासन स्तर पर राज्य नीति आयोग के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।


मावा के 1468 सैंपल, 21 लाख जुर्माना

भोपाल। मध्यप्रदेश में सिंथेटिक दूध और दुग्ध उत्पाद की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। स्टेट फूड लेबोरेटरी की जांच में आधे सैंपल फेल हो गए हैं। अब तक कुल 40 सैंपल की जांच हुई है। जिसमें से 20 सैंपल फेल पाए गए हैं। इन 20 सैंपल में से दो में हानिकारक केमिकल मिले हैं, जबकि तीन मिस ब्रांडेड और 15 नमूने तय मानक के अनुसार नहीं निकले है।मिलावट खोरों पर बड़ी कार्यवाही, 3 मावा कारोबारियों पर लगाया गया 21 लाख का जुर्माना, 2016-17 में लिए गए थे सेम्पल, भोपाल लैब में पाए गए अमानक।रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वाले इन 20 कारोबारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। कारोबारियों के खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही इन सबके खिलाफ क्षेत्रीय पुलिस थानों में भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। आपको बता दें दूध और दूध से बने खाद्य उत्पादों में मिलावट का खुलासा होने के बाद प्रदेशभर से अब तक 1468 सैंपल लिए गए हैं। जिनकी अभी रिपोर्ट आना बाकी है।


दिव्यांगों को विवाह पर मिलेगा अनुदान

गोंडा ! दिव्यांग व्यक्तियों से विवाह करने पर दम्पत्ति व युवती को संयुक्त रूप में प्रोत्साहन पुरस्कार अनुदान प्रदान किया जायेगा। यह जानकारी देते हुए जिला दिव्यांगजन श्सशक्तीकरण अधिकारी मोतीलाल ने बताया कि ऐसे दिव्यांग दम्पत्ति जो भारत के नागरिक हों, दम्पत्ति उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी या कम से कम पांच वर्ष से उसका अधिवासी हो, दम्पत्ति में से कोई सदस्य किसी आपराधिक मामले में दण्डित न किया गया हो, शादी के समय युवक की आयु 21 वर्ष से कम तथा 45 वर्ष से अधिक न हो। युवती की उम्र 18 वर्ष से कम, 45 वर्ष से अधिक न हो, दम्पत्ति का विवाह सामान्य युवक/युवती अथवा दिव्यांग में प्रचलित समाज की रीति-रिवाज के अनुसार हुआ हो या सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी विवाह किया गया हो, दम्पत्ति में से कोई सदस्य आयकरदाता की श्रेणी में न हों, जिसके पास पूर्व से कोई जीवित पति या पत्नी न हो और उनके ऊपर महिला उत्पीड़न या अन्य आपराधिक वाद न चल रहा हो,। उन्होने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष एवं विगत वित्तीय वर्ष में सम्पन्न विवाह के ही आवेदन पत्र नियमानुसार अनुदान हेतु मान्य होगें, अनुदान की धनराशि दम्पत्ति में युवक के दिव्यांग होने पर सामान्य युवती द्वारा विवाह करने पर पन्द्रह हजार रूपये होगी तथा अनुदान की धनराशि दम्पत्ति में युवती के दिव्यांग होने पर सामान्य युवक द्वारा विवाह करने पर केवल बीस हजार रूपए होगी। इसी प्रकार अनुदान की धनराशि दम्पत्ति (युवक-युवती दोनों) के दिव्यांग होने की दशा में विवाह करने पर केवल पैंतीस हजार रूपये होगी। योजना का लाभ लेने वाले दिव्यांगजन विभागीय वेबसाइट http://divyangjan.upsdc.gov.in पर आनलाइन कराकर हार्ड कापी विकास भवन, गोण्डा में स्थित जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, गोण्डा के कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं।


वित्त-मंत्रालय वैश्विक व्यापार बढ़ाने को प्रतिबद्ध

नई दिल्ली ! वित्त मंत्रालय का राजस्‍व विभाग वैश्विक व्‍यापार बढ़ाने की अपनी रणनीतिक प्रतिबद्धता के तहत 1 से 7 अगस्‍त के बीच भारत का प्रथम राष्‍ट्रीय 'टाइम रिलीज स्‍टडी (टीआरएस)'कराएगा। इसके बाद से हर साल इसी अवधि के दौरान इस कवायद को संस्‍थागत रूप प्रदान किया जाएगा। टीआरएस दरअसल अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर मान्‍यता प्राप्‍त एक साधन (टूल) है जिसका उपयोग अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार के प्रवाह की दक्षता एवं प्रभावकारिता मापने के लिए किया जाता है और इसकी वकालत विश्‍व सीमा शुल्‍क संगठन ने की है।


उत्‍तरदा‍यी गवर्नेंस से जुड़ी इस पहल के जरिये कार्गो यानी माल के आगमन से लेकर इसे भौतिक रूप से जारी करने तक वस्‍तुओं की मंजूरी के मार्ग में मौजूद नियम आधारित और प्रक्रियागत बाधाओं (विभिन्‍न टचप्‍वाइंट सहित) को मापा जाएगा। इसका मुख्‍य उद्देश्‍य व्‍यापार प्रवाह के मार्ग में मौजूद बाधाओं की पहचान करना एवं उन्‍हें दूर करना है और इसके साथ ही प्रभावशाली व्‍यापार नियंत्रण से कोई भी समझौता किए बगैर सीमा संबंधी प्रक्रियाओं की प्रभावकारिता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्‍यक संबंधित नीतिगत एवं क्रियाशील उपाय करना है। इस पहल के अपेक्षित लाभार्थी निर्यात उन्‍मुख उद्योग और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) होंगे जो तुलनीय अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के साथ भारतीय प्रक्रियाओं के और अधिक मानकीकरण से लाभ उठाएंगे।इस पहल से भारत को 'कारोबार में सुगमता' विशेषकर सीमा पार व्‍यापार संकेतक के मामले में अपनी बढत को बरकरार रखने में मदद मिलेगी जो सीमा पार व्‍यापार की व्‍यवस्‍था की दक्षता को मापता है। पिछले वर्ष इस संकेतक से जुड़ी भारत की रैंकिंग 146वीं से सुधरकर 80वीं हो गई।इससे पहले व्‍यक्तिगत सीमा शुल्‍क संगठन बंदरगाह स्‍तर पर स्‍वतंत्र रूप से 'टीआरएस' यानी 'कार्गो जारी करने के समय से जुड़े अध्‍ययन' करते रहे थे। राष्‍ट्रीय स्‍तर पर किए जाने वाले टीआरएस ने इसे एक कदम और आगे बढ़ा दिया है तथा एकसमान एवं बहुआयामी क्रिया विधि विकसित की है जो कार्गो मंजूरी प्रक्रिया के नियामकीय एवं लॉजिस्टिक्‍स पहलुओं को मापती है और वस्‍तुओं के लिए औसत रिलीज टाइम को प्रमाणित करती है।


यह अध्‍ययन एक ही समय में 15 बंदरगाहों पर कराया जाएगा! जिनमें समुद्री, हवाई, भूमि एवं शुष्‍क बंदरगाह शामिल हैं और जिनका आयात संबंधी कुल प्रवेश बिलों ( (बिल ऑफ एंट्री)) में 81 प्रतिशत और भारत के अंदर दाखिल किए जाने वाले निर्यात संबंधी शिपिंग बिलों में 67 प्रतिशत हिस्‍सेदारी होती है। राष्‍ट्रीय स्‍तर वाला टीआरएस आधारभूत प्रदर्शन माप को स्‍थापित स्‍थापित करेगा और इसके तहत सभी बंदरगाहों पर मानकीकृत परिचालन एवं प्रक्रियाएं होंगी।टीआरएस के निष्‍कर्षों के आधार पर सीमा पार व्‍यापार से जुड़ी सरकारी एजेंसियां उन मौजूदा एवं सभावित बाधाओं को पहचानने में समर्थ हो जाएंगी जो व्‍यापार के मुक्‍त प्रवाह के मार्ग में अवरोध साबित होती हैं। इसके साथ ही ये सरकारी एजेंसियां माल या कार्गो जारी करने के समय को घटाने के लिए आवश्‍यक सुधारात्‍मक कदम भी उठाएंगी। यह पहल केंद्रीय अप्रत्‍यक्ष कर एवं सीमा शुल्‍क बोर्ड की अगुवाई में हो रही है।


पांच सूत्रीय मांगो को लेकर धरना:सपा

फिरोजाबाद। मुलायम सिंह यादव यूथ बिग्रेड  ने आज सुभाष  चौराहे पर उन्नाव  रेप केस के  संबंध में आंदोलन किया! साथ ही उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम ज्ञापन समर्पित किया! ज्ञापन में लिखा है कि सरकार के मुख्यमंत्री व अन्य मंत्री गण भाषणों में महिला सुरक्षा का नारा लगाते हैं! कानून-व्यवस्था,किसान-कल्याण एवं अन्य योजनाओं व कार्यक्रमों की सुनती व बुनियाद घोषणाएं दिन-प्रतिदिन करते है! जबकि वास्तव में धरातल पर महिलाओं की सुरक्षा की दयनीय स्थिति है! निम्नलिखित समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया गया! 


1- उन्नाव रेप कांड में सरकार की उदासीनता
2-  समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न
3-  पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद आजम खां पर सरकार का तानाशाही  रवैया
4-  फिरोजाबाद में स्वास्थ्य विभाग की  बेहाल चिकित्सा व्यवस्था  से 1 बच्चों की मृत्यु
5- बिगड़ती कानून व्यवस्था
इन सभी मुद्दों को लेकर आज मुलायम सिंह यादव यूथ बिग्रेड के कार्यकर्ता व समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी धरने पर बैठे और यूपी सरकार व केंद्र सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए!


संवाददाता- रिहान अली 


पुलिसकर्मी ने लगाया डीएसपी पर आरोप

राणा ओबराय
रोहतक ! रोहतक में विजिलेंस विभाग के एक डीएसपी पर महिला पुलिसकर्मी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है! जिसके बाद आरोपी डीएसपी के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है! वहीं आरोपी डीएसपी को पंचकूला हैड क्वार्टर भेज दिया गया है। मामला विभाग से जुड़ा हुआ है! इसलिए पुलिस विभाग के अधिकारी भी ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक रोहतक विजिलेंस में तैनात डीएसपी नरेंद्र कुमार पर उन्ही के विभाग की एक महिला पुलिसकर्मी ने छेड़छाड़ करने और अश्लील बातें करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद रोहतक के अर्बन इस्टेट थाने में धारा 354, 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं पुलिस विभाग ने तुरंत ही आरोपी डीएसपी का तबादला भी कर दिया है। इधर पीड़ित महिला पुलिसकर्मी का कहना है कि उसे डीएसपी नरेंद्र कुमार परेशान करता है और उसके साथ अश्लील बातें करता है! वहीं कई बार छुट्टी के बाद भी रोक लेता है। महिला पुलिस कर्मचारी ने कहा कि उसकी सामाजिक प्रतिष्टा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है तथा वह खुद ही मानसिक रुप से परेशान हो रही है। वहीं पुलिस ने आरोपी डीएसपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है और आरोपी डीएसपी को जांच में शामिल करने की बात कही है।


हाई-ऑपरेशन अलर्ट:इंडियन आर्मी-एयरफोर्स

मोदी सरकार ने 28 हजार अतिरिक्‍त जवान कश्‍मीर भेजे, हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर आर्मी-एयरफोर्स


नई दिल्ली ! कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ और अन्य पैरामिलिटरी जवानों की तेजी से तैनाती के लिए सरकार ने C-17 समेत भारतीय वायुसेना के विमानों को भी सेवा में लगाया है। वहीं, कश्मीर घाटी में मौजूदा हालात के मद्देनजर सरकार ने आर्मी और एयरफोर्स को हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर रखा है।जम्‍मू-कश्‍मीर में पिछले लगभग 15 दिनों में भारी संख्‍या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के फैसले के हफ्ते के भीतर मोदी सरकार कश्‍मीर घाटी में 28 हजार और जवानों को भेज रही है। खबरों के मुताबिक, लगभग 28 हजार जवान शुक्रवार की सुबह से घाटी में पहुंचने लगे हैं और उन्हें राज्य के अलग-अलग इलाकों में तैनात किया जा रहा है।


मोदी सरकार इसे आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को और मजबूती देने का कदम बता रही है। हालांकि, इतनी बड़ी संख्‍या में सुरक्षबलों की तैनाती को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। गृह मंत्रालय का कहना है कि केंद्रीय बलों की तैनाती और वापसी लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।


न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...