गुरुवार, 1 अगस्त 2019

सलाह के अनुसार ही कार्य करें:कुंभ

राशिफल


1मेषराशि(Aries)-आज का दिन अच्छा रहेगा। आय में वृद्धि होगी। अपरिचित व्यक्ति पर अधिक भरोसा ना करे।नये कारोबार बारे सोच-विचार करेंगे।मेहनत करेगें तो सफलता मिलेगी।आज कोई पुरानी घरेलू समस्याओ का समाधान निकलेगा।अपने परिवार की सहमति से कार्य करे।माता पिता की सेवा करके अच्छा फल प्राप्त करें।


2वृषराशि(tauras)- परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेंगा।बच्चो के भविष्य बारे उचित सोचे।आज आपका कोई नजदीकी रिश्तेदार आपकी मदद करेगेंअचानक धन लाभ का योग है।आज परेशानी से निजात पाने के लिये कोशिश करेंगे।किसी भी व्यक्ति पर अधिक विश्वास नही करे।कारोबारी यात्रा का योग बन रहा हैं।सफलता मिलेगी।योगा व सुबह की सैर अवश्य करें ।
3 मिथुन राशि (gemini)-आपके विचार स्करातमक हो।किसी बारे नकारात्मक ना सोचे।आज गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए।आपकी बेटी का रिश्ता अच्छे परिवार में होगा।वर उच्च सरकारी पद पर आसीन होगा।आज यात्रा का योग सुभ होगा।सच्चाई का मार्ग अपनाए।लड़ाई झगडे से बचने की कोशिश करे।माता पिता की सेवा करे।रक्तदान का मौका मिले तो अवश्य करें।


4कर्क राशि ( cancer)-आज अचानक धनलाभ का योग है।कोई पुराना मित्र आपके कारोबार मे आपकी मदद करेगा।लड़ाई झगड़े से बचे।रिश्तेदारों को नाराज नहीं करे।आपकी पुत्री के लिये अच्छा रिश्ता आएगा।माता का की सेवा करना आपका धर्म है।इसे पूरी तरह से निभाए।स्वास्थ्य के लिए सुबह की सैर अवश्य करें ।
5सिंह राशि(leo)- आज कुछ ऐसा होगा जिससे आपको सफलता प्राप्त होगी।धनलाभ का योग है।परेशानी से छुटकारा पाने की कोशिश करें।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।वरिष्ठ अधिकारी की नाराजगी से निजात पाये।अच्छी सेहत के लिये सुबह योगा या व्यायाम अवश्य करे।बुजुर्गो की सेवा करना आपका कर्तव्य है।दायित्व निभाए।
6कन्या राशि( virgo)-आज का दिन भाग्यशाली होगा।मनचाहा कार्य सफल होगा।धनलक्ष्मी का योग है।आपके पुत्र को सरकारी नौकरी मिलने का योग है।आज परेशानी से निजात पाने की कोशिश करें।रोजाना अच्छे स्वास्थ्य के लिये व्यायाम करें या सुबह की सैर करे।अपने दैनिक जीवन में नियमितताअपनाए।


7-तुला राशि (libra)- किसी अनजान व्यक्ति से दुरी बनाएँ रखना उचित होगा।आज किसी से लड़ाई झगड़ा ना करे।अपने व्यवसाय की सफलता के राज अपने निजी व्यक्ति को ही बताए।धन लाभ का योग है।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।रोजाना कसरत या व्यायाम करना जरुरी है।
8-वृश्चिक राशि(scorpion)-आपका व्यवहार अन्य लोगों के लिये आदर्श साबित होगा।दूर स्थान की यात्रा लाभदायक सिद्ध होगी।आज पुराने मित्रों से मुलाकत अच्छी-खासी लाभकारी होगी।अच्छा सोचे।बुरे विचार त्यागे।गरीब रिश्तेदारों की मदद अवश्य करें।
9धनु राशि(Sagittarius)- अधूरे कार्य पूरे करे।रिश्तेदारों से अच्छा व्यवहार करे।कोशिश करें कि आप उन्हें नाराज ना करे।माता पिता की सेवा करके अपना फर्ज निभाए।अचानक उधार मिलने के योग है।आज यात्रा टालना आपके लिए हितकारी होगा।
10-मकर राशि(capricon)-आपका व्यवहार सबके साथ मीठा और सौहार्दपूर्ण होना चाहिये।अहंकार व क्रोध से बचने की कोशिश करें।आज अटका हुआ धन प्राप्त होगा।रेगुलर स्वास्थ्य की जांच अति आवश्यक है।डाक्टर की सलाह अवश्य माने।सबको साथ लेकर चलने की आदत बनाये।
11कुम्भ राशि(Aquarius)-सबसे मीठा और अच्छा व्यवहार करे।क्रोध व ईर्ष्या से निजात पाये।धनलाभ का योग है।नया कार्य शुरू करने से पहले विचार विमर्श करे।अनुभवी व्यक्तियों की सलाह अनुसार कार्य करे।सेहत के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें।
12-मीन राशि ( pisces)-अपने माता-पिता की सेवा करना अपका दायित्व है।किसी भी व्यक्ति पर अधिक भरोसा नहीँ करे।अपने ब्च्चॉ के भविष्य बारे कदम उठायें।लड़ाई झगड़े से बचने की कोशिश करें।। आपकी बेटी के लिये अच्छा वर योग है विवाह की तैयारियाँ शीघ्र करे।धनलाभ का योग है।


न्यायपालिकाओ में अंग्रेजी का हव्वा क्यों?

ये है हमारे देश की कथित न्यायपालिका उच्च न्यायालय इलाहाबाद


संजय आजाद 


हमारे देश की कथित न्यायपालिकाओं में अंग्रेजी का हव्वा आखिर क्यों?


मातृभाषा हिंदी का आवेदन पत्र गायब कर अंग्रेजी का फरमान भेज दिया गया, आखिर कोई खास वजह है क्या भाई? जी हाँ, जहां के उप-निबंधक  द्वारा भेजा गया पंजीकृत लिफाफा जिसमें मेरे द्वारा पूर्व में अपनी मातृभाषा हिंदी में भेजे गए जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (1 )  के आवेदन पत्र को गायब करते हुए मात्र एक पेज का अंग्रेजियत से परिपूर्ण अनाप-शनाप चिड़ीमार भाषा भरकर भेज दिया गया जिसे अभी अभी देखा। घरवालों ने बताया लिफाफा ऐसे ही डाकिया बाबू दे गए हैं। लिफाफे के भीतर संलग्नक के रूप में कुछ भी नहीं मिला तो मैंने अपने प्रिय डाकिया बाबू जी बात की तब उन्होंने बताया कि लिफाफा फटा ही था। इसपर मैंने हिदायत देते हुए कहा कि फटा या खुला लिफाफा कतई न दिया करें बल्कि अपनी प्यारी सी नोटिंग लिखकर  उसे संबंधित को वापस कर दिया करें। इसपर डाकिया बाबू ने सहमति जताते हुए आगे से ऐसा ही करने का आश्वासन दिया है। 


वैसे विदित कराना है कि मेरे  इसी आवेदन पत्र को पूर्व में भी हाईकोर्ट प्रशासन ने दो नामों का फर्जी का हवाला देकर बड़ी सफाई से खोलकर बाकायदा देखकर वापस कर दिया था। यानि इलाहाबाद हाईकोर्ट में खुलेआम फर्जीवाड़ा चल रहा है। मामला यहीं पर खत्म नहीं होने वाला है बल्कि यहां पर यह भी बताना अति आवश्यक हो गया है कि संपूर्ण भारतवर्ष के कार्यालयों में जन सूचना से संबंधित आवेदन पत्र का निर्धारित शुल्क रूपये 10/- ही लेने का प्रावधान है, परंतु हमारे देश की कथित न्यायपालिका यानि हाईकोर्ट इलाहाबाद में रूपये 10/- के नोट को इस निर्देश के साथ वापस कर दिया गया है कि उनके कार्यालय में 10/- के बजाय रूपये 250/- का शुल्क जमा करायें। अजीबोगरीब विडम्बना है इस देश की जहां कथित न्यायपालिका में ही  खुलेआम 10/- रूपये की जगह आम आदमी से 250/- रूपये की धनराशि वसूली जा रही है! 


मुझे तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हमारे देश की कथित न्यायपालिकाएं ही आम उत्पीड़ित जनता को ठगने में जरा भी कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं। एक तरफ देश खासकर उत्तर प्रदेश सूचना आयोग द्वारा सरकारी भ्रष्टाचारी लुटेरों पर  अपनी भरपूर कृपादृष्टि बरसाई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ कथित न्याय के मंदिरों में बड़ी खूबसूरती के साथ आम उत्पीड़ित आदमी को अंग्रेजी की आंड़ में बुरी तरह से पागल बनाकर लूटा जा रहा है। ऐसे में यह कहना भी गलत नहीं लगता है कि कहीं ऐसा तो नहीं अंग्रेजियत के भीतर भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का बहुत बड़ा कुनबा छिपा बैठा हो? या फिर कहीं ऐसा तो नहीं इसी डर से हमारी मातृभाषा को सन् 1947 से लेकर आज की तारीख में भी पूरी तरह से हम भारतवासियों से दूर रखा जा रहा हो? फिलहाल यह तो बहुत बड़ा सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है कि अपने देश की कथित न्यायपालिका के ऊपर, जिसका जवाब दिया जाना देश और खासकर उत्तर प्रदेश की संवैधानिक संस्थाओं में कामिल-काबिज शख्सियतों का नैतिक कर्तव्य भी बनता दिखाई पड़ रहा है।


भारतीय होने का गर्व

जिस प्रकार हिंदू समाज की धार्मिक पुस्तकों में कुछ कुरीतियों को कानून द्वारा ठीक किया गया है! उसी प्रकार मुस्लिम समाज में भी बहुत ऐसी कुरीतियां है! जिसके कारण मुस्लिम समाज में बहुत लोग चाहे वह पुरुषों या महिला, वह अपने आप को स्वतंत्र नहीं मान सकते हैं! क्योंकि जब तक देश के हर नागरिक को समान रूप से हर प्रकार से जीने की स्वतंत्रता नहीं मिलेगी,जब तक हमारे देश के संविधान का मूल उद्देश्य पूरा नहीं होगा और समय की मांग भी है! चाहे वह हिंदू समाज हो या मुस्लिम समाज या अन्य समाज, या धर्म हो जो भी कुरीतियां रह गई है! उनको कानून द्वारा ठीक किया जाए! इसके लिए देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होना चाहिए! जिससे हमारे देश में हर नागरिक को चाहे वे किसी भी धर्म का हो उसे  अपना जीवन जीने की स्वतंत्रता हो और जब भी हम सनातन धर्म की सच्ची परिकल्पना कर सकते हैं! क्योंकि सनातन धर्म जियो और जीने दो के सिद्धांत पर चलता है! सनातन धर्म में मानवता या इंसानियत को चलने की सीख दी जाती है! जिस प्रकार सूर्य और चंद्रमा प्रकृतिक नियमों से चलती है! इंसान को भी नियमों से ही चलना होगा और जो अच्छे  नियम है! जो इंसान को अच्छी मार्ग पर ले जाते हैं! उनको लेकर हमारे भारत के हर नागरिक को चलना होगा! जभी हमे एक सच्चे हिंदुस्तानी और भारतीय होने का गर्व होगा, कि हम भारतीय हैं!


संदीप गुप्ता


परम गति को प्रदान करने वाला

सूत जी ने पूछा, महाज्ञानी शौनक जी आप संपूर्ण सिद्धांतों के ज्ञाता है! प्रभु मुझसे पुराणों की कथाओं के सार तत्व का विशेष रूप से वर्णन कीजिए! ज्ञान और वैराग्य सहित भक्ति से प्राप्त होने वाले विवेक की वृद्धि कैसे होती है? तथा साधु पुरुष किस प्रकार अपने काम क्रोध आदि मानसिक विकारों का निवारण करते हैं ?इस घोर कलीकाल में जीव पर आए असुर स्वभाव के जो प्रभाव हो गए हैं !उस जीव समुदाय को शुद्ध बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय क्या है? आप इस समय मुझे ऐसा कोई शाश्वत साधन बताइए जो कल्याणकारी वस्तुओं में भी सबसे उत्कृष्ट एवं परम मंगलकारी हो तथा पवित्र करने वाले उपायों में भी सर्वोत्तम पवित्रकारक उपाय हो! तो वह समाधान ऐसा हो जिसके अनुष्ठान से शीघ्र ही अंत: करण की विशेष शुद्धि हो जाए तथा उससे निर्मल चित् वाले पुरुषों को सदा के लिए शिव की प्राप्ति हो जाए! सूत जी कहते हैं, मुनि श्रेष्ठ शौनक तुम धन्य हो! क्योंकि तुम्हारे हृदय में पुराण कथा सुनने का विशेष प्रेम एवं लालसा है! इसलिए मैं शुद्ध-बुद्धि से विचार कर तुमसे परम उत्तम शास्त्र का वर्णन करता हूं !वह संपूर्ण शास्त्रों के सिद्धांत से संपन्न भक्ति आदि को बढ़ाने वाला तथा भगवान शिव को संतुष्ट करने वाला है! कानों के लिए रसायन अमृत समरूप तथा दिव्य है !तुम उसे श्रवण करो, परम उत्तम शास्त्र है! शिवपुराण जिसका पूर्व काल में भगवान शिव ने ही प्रवचन किया था! यह काल से प्राप्त होने वाले महान त्राश का विनाश करने वाला उत्तम साधन है! गुरुदेव व्यास ने सनतकुमार मुनि का उपदेश पाकर बड़े आदर से ही इस पुराण का प्रतिपादन किया है! कलयुग में उत्पन्न होने वाले मनुष्य को शिवपुराण शास्त्र को भगवान शिव का रूप समझना चाहिए और सब प्रकार से इसका सेवन करना चाहिए! इसका पठन और श्रवण अमृत स्वरूप है !इससे शिव भक्ति पाकर श्रेष्ठतम स्थिति में पहुंचा हुआ मनुष्य शीघ्र ही शिव पद को प्राप्त कर लेता है! इसलिए संपूर्ण कल्‍याण हेतु मनुष्य ने इस पुराण को पढ़ने की इच्छा की है! अथवा इसके अध्ययन को अभिष्‍ट साधन माना है! इसी तरह इसका प्रेम पूर्वक पठन-पाठन संपूर्ण मनोवांछित फल देने वाला है! भगवान शिव के इस पुराण को सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है तथा इस जीवन में बड़े-बड़े उत्कृष्ट भोगों का उपभोग कर के अंत में शिवलोक को प्राप्त कर लेता है! यह शिव पुराण नामक ग्रंथ 24000 श्लोकों से युक्त है! इसकी सात सहितांए हैं! मनुष्य को चाहिए कि वह भक्ति, ज्ञान और वैराग्य से संपन्न हो बड़े आदर से इसका श्रवण करें! सात सहिताओं युक्त यह दिव्य शिवपुराण परब्रह्म परमात्मा के समान विराजमान है और सबसे उत्कृष्ट गति प्रदान करने वाला है!


बुधवार, 31 जुलाई 2019

साधारण पत्र:सुप्रीम कोर्ट (संपादकीय)


तो देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई साधारण पत्र पर भी संज्ञान लेते हैं। 
उन्नाव केस में एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई। 

31 जुलाई को देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि यूपी के बहुचर्चित उन्नाव बलात्कार कांड की पीडि़ता ने 12 जुलाई को जो पत्र लिखा उसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने नहीं दी। जस्टिस गोगोई ने पत्र को विलम्ब से प्रस्तुत करने की जांच के निर्देश भी दिए हैं। गोगोई का कहना रहा कि 30 जुलाई को अखबारों से पता चला कि पीडि़ता ने मुझे भी पत्र लिखा था। जब मैंने अपने कार्यालय से पूछा तो मुझे 30 जुलाई को ही पत्र की जानकारी दी गई। अब जस्टिस गोगोई ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर एक अगस्त को सुनवाई मुकर्रर की है। पीडि़ता ने यह पत्र 28 जुलाई को सड़क हादसे से पहले ही लिख दिया था। इस पत्र में भाजपा विधायक और बलात्कार के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर से सुरक्षा की मांग की गई थी। 12 जुलाई को लिखे पत्र में पीडि़ता ने उसकी हत्या की आशंका जताई थी। आशंका के अनुरूप ही 28 जुलाई को पीडि़ता की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें पीडि़ता की चाची और मौसी की तो मृत्यु हो गई, जबकि स्वयं पीडि़ता और उसका वकील गंभीर रूप से जख्मी है। अब इस मामले में सीबीआई भी जांच कर रही है, लेकिन देश के परेशान लोगों के लिए यह अच्छा संदेश है कि प्रधान न्यायाधीश गोगोई साधारण पत्र पर भी संज्ञान लेते हैं। यानि कोई पीडि़त व्यक्ति जस्टिस गोगोई को पत्र लिखेगा तो उस पर कार्यवाही होगी। यह तो सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री विभाग की लापरवाही है जो उन्नाव पीडि़ता का पत्र जस्टिस गोगोई के सामने पेश नहीं किया, यदि 12 जुलाई के बाद ही पत्र को पेश कर दिया जाता तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीडि़ता की सुरक्षा बढ़ाई जा सकती थी। तब 28 जुलाई वाला हादसा भी नहीं होता। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब एक अगस्त को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट सख्त आदेश दे, ताकि सेंगर जैसे अपराधियों को कड़ा सबक मिल सके। हालांकि सेंगर अभी भी जेल में बंद हैं। लेकिन आरोप है कि जेल के अंदर ही रणनीति बना कर 28 जुलाई को पीडि़ता की कार को ट्रक से कुचलवा दिया। इससे आरोपी की गुंडाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि भाजपा ने सेंगर को निलंबित कर दिया है, लेकिन इस घटनाक्रम से यूपी की भाजपा सरकार की भी बदनामी हो रही है। 
एस.पी.मित्तल


तीन तलाक पर बिफरा विपक्ष,सकारात्मक


तीन तलाक पर बिखर गया विपक्ष। 
यह देश के लिए सकारात्मक संदेश है। 
किसी की हार और जीत नहीं देखी जानी चाहिए।

30 जुलाई को तीन तलाक बिल राज्यसभा में भी पास हो गया और अब राष्ट्रपति के आदेश के बाद बिल कानून बन जाएगा। जिस किसी मुस्लिम पुरुष ने एक साथ तीन बार तलाक कह कर अपनी पत्नी को घर से निकाला उसे अब जेल जाना होगा। यह तभी होगा जब उसकी पत्नी या रिश्तेदार पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाए। अनेक मुस्ल्मि महिलाएं इस कानून की लम्बे अर्से से मांग कर रही थीं, लेकिन जो राजनीतिक मुसलमानों के वोट पर जीत कर आते हैं वे लगातार विरोध करते रहे। भाजपा एक मात्र राजनीतिक दल रहा जो तीन तलाक बिल के पक्ष में था। इसे भाजपा की रणनीति ही कहा जाएगा कि राज्यसभा में बहुमत नहीं होते हुए भी बिल को 84 के मुकाबले 99 मतों से पारिज करवा लिया। बिल को स्वीकृत करवाने में अखिलेश यादव की सपा, मायावती की बसपा, शरद पवार की एनसीपी, राहुल गांधी की कांग्रेस, ममता बनर्जी की टीएमसी, लालू प्रसाद की आरजेडी आदि पार्टियों के सांसदों का सहयोग मिला। यदि ये नेता अपने सांसदों को छूट नहीं देते तो 22 सांसद वोटिंग के समय अनुपस्थित नहीं रहते। भाजपा की सहयोगी अन्ना द्रमुक और जेडीयू ने बहिष्कार कर बिल को पास करवाने में मदद की। अब जब तीन तलाक बिल पर कांग्रेस से लेकर एनसीपी तक की पोल खुल गई तो यह माना जाना चाहिए कि यह देश के लिए एक सकारात्मक संदेश है। हर राजनीतिक चाहता है कि मुस्लिम महिलाओं को अधिकार मिले। अब इस मामले में किसी की हार और जीत नहीं तलाशी जानी चाहिए। भले ही भाजपा की रणनीति रही हो, लेकिन बिल को स्वीकृत करवाने में सभी दलों के सांसदों का सहयोग रहा है। इसलिए बिल को पास करवाने के लिए कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों का धन्यवाद किया जाना चाहिए। कुछ मुसलमानों को खुश करने के लिए कांग्रेस के गुलामनबी आजाद जैसे नेताओं ने राज्यसभा में विरोध का दिखावा किया हो, लेकिन ऐसे नेता भी बिल को पास करवाना चाहते थे। आजाद इस समय राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता है। यदि आजाद का सहयोग नहीं होता तो विपक्ष के 22 सांसद अनुपस्थित नहीं रहते। इसमें कोई दो राय नहीं कि इस बिल से तीन तलाक की पीडि़त महिलाओं को राहत मिलेगी। अब किसी मुल्ला-मौलवी के फतवे से आरोपी बच नहीं पाएगा। मुस्लिम महिला भी आरोपी पति के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा सकेगी। 
एस.पी.मित्तल


ईमानदारी का इससे बड़ा क्या सर्टिफिकेट


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में आईएएस समित शर्मा की प्रशंसा की। 
शर्मा को ईमानदारी का इससे बड़ा सर्टीफिकेट नहीं मिल सकता। 
दबंग मंत्री के दबाव में किया था तबादला।  


एस पी मित्‍तल

जयपुर ! राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 29 जुलाई को विधानसभा में आईएएस अफसर समित शर्मा की जयपुर में प्रशंसा की। बजट पर विपक्षी नेताओं के आरोपों का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि 2013 में भाजपा की सरकार बनने पर तब के चिकित्सा मंत्री ने नि:शुल्क दवा योजना के प्रभारी आईएएस को बुलाया और कहा कि इस योजना में 150 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इस अफसर ने कहा कि मैं तो होली-दीवाली मिठाई का डिब्बा भी नहीं लेता हंू। गहलोत ने कहा कि जिस नि:शुल्क दवा योजना की प्रशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की उस योजना में भाजपा के मंत्री घोटाला तलाश रहे थे। यहां यह उल्लेखनीय है कि गहलोत ने अपने 2009 से 2013 तक के कार्यकाल में प्रदेशभर में नि:शुल्क दवा योजना लागू की थी और इसका प्रभारी आईएएस समित शर्मा को बनाया गया था। शर्मा ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी और स्वास्थ्य सचिव के पद पर रहते हुए जैनेरिक दवाओं का चलन भी बढ़ाया। गहलोत को भी पता है कि समित शर्मा की मेहनत से ही प्रदेश में नि:शुल्क दवा योजना सफल हुई। यही वजह रही कि गहलोत ने अपनी योजना के साथ साथ समित शर्मा की भी प्रशंसा की। शर्मा की यह प्रशंसा इसलिए भी मायने रखती है कि पिछले दिनों ही एक दबंग मंत्री के दबाव की वजह से शर्मा का चिकित्सा सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी के पद से हटाया गया था। इस समय शर्मा श्रम आयुक्त और कौशल एवं आजीविका विकास निगम के एमडी के पद पर नियुक्त हैं। जिन हालातों में शर्मा को हटाया उससे वे भी मायूस रहे, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने शर्मा की जोरदार हौंसला अफजाई कर दी है। दबंग मंत्री कुछ भी कहें, लेकिन मुख्यमंत्री ने दर्शा दिया है कि समित शर्मा आज भी उनकी नजर में बेहद ईमानदार आईएएस हैं। शर्मा के लिए ईमानदारी और मेहनत का इससे बड़ा सर्टीफिकेट नहीं हो सकता। एक तरह से मुख्यमंत्री ने अपने मंत्री को भी संकेत दे दिए हैं। गहलोत उन मुख्यमंत्रियों में से है जो समय आने पर सबका हिसाब चुकता करते हैं। यदि शर्मा को राजनीतिक दबाव से हटाया भी तो अब विधानसभा में भरपाई कर दी।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...