मंगलवार, 30 जुलाई 2019

लापरवाही के विरुद्ध होगा क्रमिक अनशन

18 अगस्त से शुरू होगा क्रमिक अनशन... मनोज सिंह


कुशीनगर ! जनपद के दुदही विकास खण्ड के दुमही ग्रामसभा मे चेतावनी सभा को सम्बोधित करते हुए! सामाजिक कार्यकर्ता मनोज सिंह ने कहा कि लम्बे अर्शे से जीर्ण-शीर्ण अवस्था मे पड़े मातृ-शिशु उपकेंद्र का लाभ ग्रामीणों को नही मिल पा रहा है। जिसके जीर्णोद्धार व एएनएम की नियुक्ति के संदर्भ में कई बार शासन प्रशासन से मांग किया जाता रहा लेकिन हालत जस की तस बनी रही जबकि यह इंसेफेलाइटिस से प्रभावित गांव की सूची में है। फिर भी पहले से मौजूद उपकेंद्र प्रशासन द्वारा संचालित नही किया जा रहा है। समय रहते सकारात्मक पहल नही हुआ तो 18 अगस्त दिन रविवार से उक्त स्थान पर क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा। सैकड़ों लोगों ने समर्थन किया इस दौरान आयोजन जितेंद्र गुप्ता, अध्यक्षता रामाकांत पाण्डेय व संचालन हरिकेश रावत ने किया। 


सोनू कुमार गुप्ता 


वर्ष में एक बार खिलने वाला ब्रह्मकमल

साल में एक बार खिलने वाला ब्रह्म कमल का फूल बृजलाल की "बगिया" में खिलेगा आज रात


लखनऊ ! बागबानी के शौकीन प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं अनुसूचित जाति,जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल के गोमतीनगर विस्तार (सरस्वती अपार्टमेंट के निकट) स्थित उनके आवास की बगिया में साल में एक बार खिलने वाला "ब्रह्म कमल" का फूल आज रात खिलेगा, जिसको लेकर बृजलाल काफी रोमांचित व प्रसन्न हैं।


बस्ती पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार:विरोध


बस्ती। बस्ती नगर पालिका के सभासदों के शिकायती पत्र पर हुई कार्यवाही।अपर जिलाधिकारी ने टेंडर जांच में पाई अनियमितताये।अपर जिलाधिकारी ने दिया निर्देश जो भी निविदाएं पूर्व में जारी हुई है उनको रोका जाए ! अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को दिया निर्देश।अपर जिलाधिकारी ने कहा कि सारी औपचारिकताये पूरी होने के बाद ही किया जाए निविदा जारी।बस्ती नगर पालिका चेयरमैन और सभासदों  के बीच की लड़ाई ।बस्ती के कई सभासदो ने नगर पालिका अध्यक्ष रूपम मिश्रा के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा।ठेकेदारों के पंजीयन को लेकर सभासदों ने खोल रखा है अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा।सभासद कृष्ण कुमार पांडेय उर्फ सोनू पांडेय के नेतृत्व परमेश्वर शुक्ला उर्फ पप्पू , मीरा राय, कृष्ण कुमार , पूनम शुक्ला ने मंडलायुक्त और डीएम को दिया था शिकायती पत्र।नगर पालिका अध्यक्ष पर लगाया था मनमानी का आरोप।ठेकेदारों के पंजीयन में शासनादेश का उलंघन का आरोप।निविदा को निरस्त करने की सभासदों ने की थी मांग।नगर पालिका अध्यक्ष का फोन न उठने से नही मिल पाया उनका पक्ष।



रिपोर्ट, विवेक गुप्ता


धनलक्ष्मी का बन रहा है योग:धनु

राशिफल


1-मेषराशि(Aries)-आज का दिन अच्छा रहेगा। आय में वृद्धि होगी। अपरिचित व्यक्ति पर अधिक भरोसा ना करे।आज आपके रूके हुए कार्य बनेगें।अटका हुआ धन मिल सकता है।आपके कार्यक्षेत्र में तरक्की मिलेगी।बुजुर्गो की सेवा करके अच्छा फल प्राप्त करें।सेहत के लिए सुबह की सैर अवश्य करें।


2 -वृषराशि(tauras)- परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेंगा।बच्चो के भविष्य बारे उचित सोचे।आज आपका कोई नजदीकी रिश्तेदार आपकी मदद करेगें।आज कुछ ऐसा होगा जिससे आपको लाभ होगा।कारोबारी यात्रा का योग बन रहा हैं।अपने ब्च्चॉ के भविष्य बारे सोच विचार करे।सबसे अच्छा व्यवहार् करे। सावधानी बरतनी चाहिए।
3 -मिथुन राशि (gemini)-आपके विचार स्करातमकहो।नकारात्मक ना सोचे।अपनी पत्नि से लड़ाई झगड़ा नही क्ररे।उस पर पुर्ण विश्वास करें।आज आपके कार्यक्षेत्र में तरक्की का योग है।आज गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए।पुरानी परेशानियों से निजात पाने की कोशिश करें।आज यात्रा का योग शुभ होगा।सच्चाई का मार्ग अपनाए।


4 -कर्क राशि ( cancer)-आज अचानक धनलाभ का योग है।कोई पुराना मित्र आपके कारोबार मे आपकी मदद करेगा।आपकी पुत्री के लिये अच्छा रिश्ता आएगा।माता पिता की सेवा करना आपका धर्म है।मेहनत करोगे तो सफलता आपके कदम चूमेगी।इसे पूरी तरह से निभाए ।
5-सिंह राशि(leo)- आज कुछ ऐसा होगा जिससे आपको सफलता प्राप्त होगी।धनलाभ का योग है।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।बुजुर्गो की सेवा करना आपका कर्तव्य है।पुरानी घरेलू समस्या का समाधान निकलेगा। दायित्व निभाए।सबसे अच्छा व्यवहार करे।भाग्य-65%। 6 -कन्या राशि( virgo)-आज का दिन भाग्यशाली होगा।मनचाहा कार्य सफल होगा।अपने माता पिता की सेवा करके परमार्थ कमाइए।आपके पुत्र को सरकारी नौकरी मिलने का योग है।हो सके तो गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए। नियमितता अपनाए।


7-तुला राशि (libra)- किसी अनजान व्यक्ति से दुरी बनाएँ रखना उचित होगा।अपने व्यवसाय की सफलता के राज अपने निजी व्यक्ति को ही बताईए।आज आपके कार्यक्षेत्र मे तरक्की के योग है।ईश्वर की प्रार्थना आपके जीवन में खुशियों लायेगी।धनलक्ष्मी का योग है।
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।रोजाना कसरत या व्यायाम करना जरुरी है।
8 -वृश्चिक राशि(scorpion)-आपका व्यवहार अन्य लोगों के लिये आदर्श साबित होगा।दूर स्थान की यात्रा लाभदायक सिद्ध होगी।आज पुराने मित्रों से मुलाकत अच्छी-खासी लाभकारी होगी।गरीब रिश्तेदारों की मदद अवश्य करें।परेशानी से निजात पाने की कोशिश करे।
9 -धनु राशि(Sagittarius)- अधूरे कार्य पूरे करे।रिश्तेदारों से अच्छा व्यवहार करे कोशिश करें कि आप उन्हें नाराज ना करे।सुबह की सैर आपकी सेहत के लिये फायदेमंद साबित होगी।धनलक्ष्मी का घर में शुभ योग है।आज यात्रा टालना आपके लिए हितकारी होगा।आपकी बेटी के लिये अच्छा वर् मिलेगा।
10 -मकर राशि(capricon)-आपका व्यवहार सबके साथ मीठा और सौहार्दपूर्ण होना चाहिये।रेगुलर स्वास्थ्य की जांच अति आवश्यक है। डाक्टर की सलाह की पालना अवश्य करें।अटका धन प्राप्ति के योग हैं।सबको साथ लेकर चलने की आदत बनाये।
11 -कुम्भ राशि(Aquarius)-सबसे मीठा और अच्छा व्यवहार करे।धनलाभ का योग है।नया कार्य शुरू करने से पहले विचार विमर्श करे।अनुभवी व्यक्तियों की सलाह अनुसार कार्य करे।सेहत के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।सुबह की सैर अवश्य करें!
12-मीन राशि ( pisces)-अपने माता-पिता की सेवा करना अपका दायित्व है।अपने ब्च्चॉ के भविष्य बारे कदम उठायें।आपकी कोई पुरानी घरेलू समस्या से छुटकारा मिलने के योग है।आपकी बेटी के लिये अच्छा वर योग है विवाह की तैयारियाँ शीघ्र करे।धनलाभ का योग है।सेहत के लिए सुबह की सैर अवश्य करें ।


शिवउपासना से वंचित केतकी पुष्प

केतकी एक छोटा सुवासित झाड़ होता हैं। इसकी पत्तियाँ लंबी, नुकीली, चपटी, कोमल और चिकनी होती हैं! जिसके किनारे और पीठ पर छोटे छोटे काँटे होते हैं। यह दो प्रकार की होती है। एक सफेद, दूसरी पीली। सफेद केतकी को लोग प्राय: 'केवड़ा' के नाम से जानते और पहचानते हैं और पीली अर्थात्‌ सुवर्ण केतकी को ही केतकी कहते हैं।


बरसात में इसमें फूल लगते हैं जो लंबे और सफेद होते है! और उसमें तीव्र सुगंध होती है। इसका फूल बाल की तरह होता है और ऊपर से लंबी पत्तियों से ढका रहता है। इसके फूल से इत्र बनाया और जल सुगंधित किया जाता है। इससे कत्थे को भी सुवासित करते हैं। केवड़े का प्रयोग केशों के दुर्गंध दूर करने के लिए किया जाता है। प्रवाद है कि इसके फूल पर भ्रमर नहीं बैठते और शिव पर नहीं चढ़ाया जाता। पुरातन काल में  केतकी के पुष्प  के द्वारा सनातन सत्य का विरोध किया गया अथवा असत्य के समर्थन में पक्षपात किया गया! जिसके कारण केतकी के स्वर्ण फूल को शिव उपासना से भिन्न कर दिया गया! इसी वजह से केतकी का फूल  शिवालय अथवा शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है!  शास्त्रोक्त यदि शिव उपासना में केतकी के फूल का उपयोग किया जाता है तो वह अभिष्‍टो को सिद्ध करने में अनुपयोगी रहता है! प्रकृति के अनुरूप केतकी के पुष्प ,तना पत्ती आदि सभी का प्रकृति में विभिन्न उपयोग किया जाता है! इसकी पत्तियों की चटाइयाँ, छाते और टोपियाँ बनती हैं। इसके तने से बोतल बंद करने वाला काग बनाए जाते हैं। कहीं-कहीं लोग इसकी नरम पत्तियों का साग भी बनाकर खाते हैं। वैद्यक में इसके शाक को कफनाशक बताया गया है।


शिवरात्रि की कथा (शिव-महापुराण)

ब्रह्मा जी ने कहा ,कन्यादान करके दक्ष ने भगवान शंकर को नाना प्रकार की वस्तुएं दहेज में थी! यह सब करके बड़े प्रसन्न हो फिर उन्होंने ब्राह्मणों को भी नाना प्रकार के धन बांटे !तत्पश्चात लक्ष्मी सघं भगवान विष्णु शंभू के पास आकर हाथ जोड़कर खड़े हुए और बोले, देवदेव! महादेव! दयासागर,प्रभु आप संपूर्ण जगत के पिता है और सती देवी सबकी माता है! आप दोनों साथ पुरुषों के कल्याण तथा दुष्टों के दमन के लिए सदा लीला पूर्वक अवतार ग्रहण करते हैं! यह सनातन श्रुति का कथन है! आप चिकने नील अंजन के समान शोभापाने वाली सती के साथ जिस प्रकार सुखा पा रहे हैं मैं उससे उल्टे लक्ष्मी के साथ सुख पा रहा हूं अर्थात सती नील वर्ण तथा आप गोरवण॔, उससे उल्टे मैं नीलवण॔ लक्ष्मी गगौरवण॔ है! नारद,मैं, देवी सती के पास आकर गृह सूत्रों विधि से विस्तारपूर्वक सारा अग्नि कार्य कराने लगा! आचार्य तथा ब्राह्मणों की आज्ञा से शिवा और शिवा बड़े हर्ष के साथ विधिपूर्वक अग्नि की परिक्रमा की उस समय वहां बड़ा अद्भुत उत्सव मनाया गया! गाजे-बाजे और नृत्य के साथ होने वाला वह सब, सबको बड़ा सुखद जान पड़ता! तदनंतर भगवान शिव भोले सदाशिव मैं आपकी आज्ञा से यहां से तत्व का वर्णन करता हूं! समस्त देवता एक दूसरे मुनि अपने मन को एकाग्र करके इस विषय को सुनें! भगवान और प्रधान प्रकृति और उससे अतीत है! आप के अनेक भाग है फिर भी आप भागरहित है! ज्योतिर्मय स्वरूप वाले आप परमेश्वर के ही हम तीनों देवता अंश है! आप कौन, मैं कौन और ब्रह्मा कौन आप परमात्मा के ही यह अंश है! जो सृष्टि पालन और संहार करने के कारण एक-दूसरे से भिन्न प्रतीत होते हैं! आप अपने स्वरूप का चिंतन कीजीए, आपने स्वयं ही ईच्‍छापूर्वक शरीर धारण किया है! आप निर्गुण ब्रह्म रूप से एक है, आप ही सगुण ब्रह्म और ब्रह्मा विष्णु तथा रूद्र के वंश है! जैसे एक ही शरीर के भिन्न-भिन्न अवयव, मस्तक,ग्रईवा आदि नाम धारण करते हैं! तथापि उस शरीर से विभिन्न नहीं है! उसी प्रकार हम तीनों आप परमेश्वर के ही अंग है! जो सिर में आकाश के समान सर्वव्यापी एवं सवऺज्ञ हैं! स्वयं ही अव्यक्त, अनंत, नित्य तथा दीर्घ विशेष सहित है वही आप रहित है अतः आप ही सब कुछ है! ब्रह्मा जी कहते हैं मुनीश्वर भगवान विष्णु की यह बात सुनकर महादेव जी बड़े प्रसन्न हुए तदनंतर उस विभाग के स्वामी यजमान परमेश्वर शिव प्रसन्न हो लोकीक की गति का आश्रय ले,हाथ जोड़कर खड़े हुए मुझ  ब्रह्मा से प्रेम पूर्वक बोले कहा, ब्राह्मण आपने सारा वैवाहिक काय॔ विधी अनुसार संपन्न करा दिया! अब आप मेरे आचार्य है बताइए आपको क्या दूं? महाभाग मुझे आपके लिए कुछ भी अदेय नहीं है! मुने! भगवान शंकर का यह वचन सुनकर मैं हाथ जोड़कर,अधीरता से, उन्हें बारंबार प्रणाम करके बोला!देवेश यदि आप प्रसन्न हो और महेश्वर यदि मैं वर पाने के योग्य हूँ तो प्रसन्नता पूर्वक जो बात कहता हूं उसे आप पूर्ण कीजिए! महादेव आप इसी रूप में इसी वेदी पर सदा विराजमान रहे! जिससे आप के दर्शन से मनुष्यों के पाप धुल जाए, चंद्रशेखर आप का सानिध्य होने से मैं इस निधि के समीप आश्रम बना कर तपस्या करुगां! यह मेरी अभिलाषा है, चैत्र के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में रविवार के दिन इस भूतल पर जो मनुष्य भक्ति भाव से आपका दर्शन करें उसके सारे पाप तत्काल नष्ट हो जाए और समस्त रोगों का नाश हो जाए! जो नारी दुर्भागा अथवा रूप हीन हो, वह भी आपके दर्शन मात्र से ही अवश्य निर्दोष हो जाए! मेरी आवाज सुनकर,जो उनकी आत्मा को सुख देने वाली थी! जिसे सुनकर भगवान शिव ने प्रसन्न चित्त से कहा ,विधाता! ऐसा ही होगा!


अरुंधति का कौतूहल पूर्ण चरित्र

नारद ने पूछा, भगवन! संध्या ने कैसे, किस लिए और कहां तप किया? किस प्रकार शरीर त्यागकर वह मेधातिथि की पुत्री हुई! ब्रह्मा ,विष्णु और शिव इन तीनों देवताओं के बताए हुए श्रेष्ठ व्रतधारी महात्मा वशिष्ठ को उसने किस तरह अपना पति बनाया? पितामह मैं यह सब में विस्तार के साथ सुनना चाहता हूं! अरुंधति के इस कोतुहल पूर्ण चरित्र का आप यथार्थ रूप से वर्णन कीजिए ! ब्रह्मा जी ने कहा, मुने! संध्या के मन में एक बार सकाम भाव आ गया था! इसलिए उस साध्वी ने यह निश्चय किया कि वैदिक मार्ग के अनुसार मै अग्नि में अपने इस शरीर की आहुति दे दूंगी! आज से इस भूतल पर कोई भी देहधारी उत्पन्न होते ही काम भाव से युक्त नहीं होगा! इसके लिए मैं कठोर तपस्या करके मर्यादा स्थापित करूंगी,तरुण अवस्था से पूर्व किसी पर भी काम का प्रभाव नहीं पड़ेगा, ऐसी सीमा निर्धारित करूंगी! इसके बाद इस जीवन को त्याग दूंगी! मन ही मन ऐसा विचार करके संध्या चंद्रभाग नामक उस श्रेष्ठ पर्वत पर चली गई, जहां से चंद्रभागा नदी का प्रादुर्भाव हुआ है! मन में तपस्या का दृढ़ निश्चय ले संध्या उस श्रेष्ठ पर्वत पर गई! मैंने अपने समीप बैठे हुए वेदवेदांग के पारंगत विद्वान सर्वज्ञ जीतात्मा एवं ज्ञान योगी पुत्र वशिष्ठ ! संध्या तपस्या की अभिलाषा से चंद्रभाग नामक पर्वत पर गई है तुम जाओ और उसे विधि पूर्वक दिक्षा दो!  तपस्या के भाव को नहीं जानती है इसलिए जिस तरह तुम्हारे यथोचित उपदेश से उसे अभीष्ट लक्ष्य की प्राप्ति हो सके, वैसा प्रयत्न करो! नारद! मैंने दया पूर्वक जब वशिष्ठ को इस प्रकार आज्ञा दी, तब वे जो आज्ञा पाकर एक तेजस्वी ब्रह्मचारी के रूप में संध्या के पास गये! चंद्र पर्वत पर एक सरोवर है जो संसार के सूचित गुणों से परिपूर्ण है ! मानसरोवर के समान शोभा पाता है! वशिष्ठ ने सरोवर को देखा और उसके तट पर बैठी हुई संध्या पर भी दृष्टिपात किया! कमलो से प्रकाशित होने वाला वह सरोवर संध्या से उपलक्षित हो उसी तरह सुशोभित हो रहा था! जैसे प्रदोष काल में उदित हुए चंद्रमा और नक्षत्रों से युक्त आकाश शोभा पाता है! सुंदर भाव वाली संध्या को वहां बैठी देख ,मुनि ने कोतुहल पूर्वक उस बृल्‍लोहित नाम वाले सरोवर को अच्छी तरह देखा! उसी प्रकार पर्वत के शिखर से दक्षिण समुद्र की ओर जाती हुई चंद्रभागा नदी का भी उन्होंने दर्शन किया! जैसे गंगा हिमालय से निकलकर समुद्र की ओर जाती है! उसी प्रकार चंद्रभाग के पश्चिम से करवा भेदन करके वह नदी समुद्र की ओर जा रही थी! उस चंद्रभाग पर्वत पर बृल्‍लोहित सरोवर के किनारे बैठी हुई संध्या को देखकर वशिष्ठ ने आदर पूर्वक पूछा!


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...