शनिवार, 27 जुलाई 2019

हरिद्वार पहुंचे डेढ़ करोड़ शिवभक्त

1.5 करोड़ शिवभक्त पहुंचे हरिद्वार, 20 लाख ने किये नीलकण्ड महादेव के दर्शन


देहरादून ! सावन के पावन महीने में उत्तराखण्ड पुलिस देवभूमि आ रहे कावड़ियों की सुरक्षा पर तैनात है। उन्हें हर प्रकार सहयोग उत्तराखण्ड की पुलिस द्वारा किया जा रहा है, जिससे उत्तराखण्ड आ रहे कांवड़ियों के साथ देवभूमि का अनूठा रिश्ता बन रहा है। श्री अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड ने बताया कि कांवड़ यात्रा में अभी तक कुल 1.5 करोड़ कांवड़ियों द्वारा पवित्र गंगा जल भरकर अपने गन्तव्यों को प्रस्थान किया जा चुका है और 20 लाख ने नीलकण्ड महादेव के दर्शन कर लिये हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान अपने परिजनों से बिछड़े व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलाने हेतु उत्तराखण्ड पुलिस ने हरिद्वार और ऋषिकेश के नगर नियंत्रण कक्ष (सीसीआर) में खोया-पाया केन्द्र बनाया है। खोया-पाया केन्द्र द्वारा अब तक अपने परिवार से बिछड़े 616 लोगों को उनके परिवार से मिलाया है। इसके साथ ही 20 स्थानों पर एसडीआरएफ डीप डाइविंग टीम, जल पुलिस और पीएसी आपदा राहत कम्पनी के लगभग 150 जवान भी गंगा के तेज बहाव से बचाने के लिए तैनात हैं। इन जवानों ने अब तक कुल 41 लोगों को गंगा में डूबने से बचाया है। उत्तराखण्ड पुलिस के इस कार्य को कांवड़ियों द्वारा भी खूब सराहा जा रहा है!


पुलिस बदमाशों के बीच मुठभेड़,1गिरफ्तार

गाज़ियाबाद ! क्राइम ब्रांच और विजय नगर पुलिस की बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ विजय नगर थाना क्षेत्र की जल निगम चौकी के अंतर्गत आने वाले सिद्धार्थ विहार में "टी एंड टी" चौराहे के समीप बदमाशों  और "विजय नगर पुलिस व क्राइम ब्रांच गाज़ियाबाद" की टीम की हुई मुठभेड़,,बताया जा रहा है। की बदमाश यहां "सिद्धार्थ विहार टी एंड टी पर बोलेरो गाड़ी को बेचने आए थे।पुलिस को विश्वस्नीय सूत्रों ने सूचना दी तो,, पुलिस ने घेरा बंदी कर बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की तो इस घेराबंदी में बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई।बताया जा रहा है। कि मुठभेड़ के बाद एक बदमाश जिसका नाम आकिल है।को घायल अवस्था में गिरफ़्तार कर लिया गया है।तथा वहीं इसके दो अन्य साथी फरार हो गए हैं।


रिपोर्ट के,के,शर्मा


जॉइंटवार गेम:8 देशों के बीच होगी टक्कर

भारत में पहली बार होगा ज्‍वाइंट वॉर गेम, जैसलमेर में 8 देशों के बीच होगी टक्‍कर


जैसलमेर ! भारतीय सेना देश में पहली बार ज्‍वाइंट वॉर गेम एक्‍सरसाइज का आयोजन करने जा रही है। इस ज्‍वाइंट वार गेम एक्‍सरसाइज का आयोजन जैसलमेर में होगा। इस एक्‍सरसाइज में कुल 8 देश भाग लेने वाले हैं।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जैसलमेर में आयोजित होने वाले वॉर गेम एक्‍सरसाइज में भाग लेने वाले देशों में बेलारूस, रूस, चीन, कजाकिस्‍तान, उज्‍बेकिस्‍तान, अर्मेनिया शामिल हैं। इस सभी देशों के प्रतिभागी जैसलमेर पहुंच चुके हैं।उन्‍होंने बताया कि सूडान के प्रतिभागी सदस्‍य एक अगस्‍त को जैसलमेर पहुंच जाएंगे। उल्‍लेखनीय है कि जैसलमेर पहुंचने के बाद भारतीय सेना के अधिकारियों ने इन सभी देशों के प्रतिभागियों का स्‍वागत किया है।


बेरोजगारी होगी दूर : वृश्चिक

राशिफल 


 


मेष ----व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नए काम मिलेंगे। लेनदारी वसूली के लिए शुभ समय है, प्रयास करें। सफलता मिलेगी। भाग्य का साथ रहेगा। पारिवारिक चिंता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। निवेश में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।



वृष -----कमजोर तबके के लोगों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कारोबार अच्छा चलेगा। नए काम मिलेंगे। काफी समय से अटके काम पूर्ण होंगे। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। लाभ होगा।


मिथुन -----किसी धार्मिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। दूसरे के कार्य में हस्तक्षेप न करें। निवेश में जल्दबाजी न करें।



कर्क ------वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण आवश्यक है। अड़ियलपना हानि देगा। विवेक का प्रयोग करें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अधिकारियों की अपेक्षाएं बढेंगी। आय बनी रहेगी।


सिंह -----दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कारोबार में मनोनुकूल स्थिति रहेगी। निवेश से लाभ होगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। छोटी-मोटी यात्रा हो सकती है। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ होगा।


कन्या ----स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य में सफलता प्राप्त करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। किसी यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। बहस में न पड़ें। प्रेम-प्रसंग में सफलता प्राप्त होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा।


तुला ----शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। निवेश से लाभ होगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात हो सकती है।



वृश्चिक---- किसी बड़ी समस्या का हल सहज ही प्राप्त होगा। बेरोजगारी दूर करने की इच्छा पूर्ण होगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। निवेश शुभ रहेगा। भाग्य अनुकूल है। प्रसन्नता रहेगी।


धनु ------कोई बड़ा खर्च हो सकता है। आर्थिक‍ स्थिति बिगड़ सकती है। किसी व्यक्ति से अकारण विवाद हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें।


मकर ----किसी तरह की शारीरिक पीड़ा की आशंका है। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। नकारात्मकता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। भागदौड़ रहेगी। आय बनी रहेगी।


कुंभ ----थोड़े प्रयास से कार्यसिद्धि होगी। लोगों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उमंग उत्साह बना रहेगा | भविष्य के कार्यों की प्लानिंग बनेगी, पुरुषार्थ सिद्धि होगी। आय होगी। निवेश लाभदायक रहेगा।


मीन ----घरेलू कार्यों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। निवेश लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यस्तता रहेगी।


शिवप्रिय धतूरा (आस्‍था)


भगवान शिवकी प्रसन्नता के लिए पूजा में कुछ विशेष पूजा सामग्री को चढ़ाने का महत्व है। इनमें बेलपत्र, सफेद फूल के साथ धतूरा चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। बेलपत्र की तरह धतूरा भी शिव को प्रिय बताया गया है। हालांकि धतूराजहरीला फल होता है। लेकिन सनातन धर्म से जुड़ा हर जन यह जानता है कि शिव ने समुद्र मंथन से निकले गरल यानी जहर को पीकर ही जगत की रक्षा की।
शिव ने विषपान कर ही जगत को परोपकार, उदारता और सहनशीलता का संदेश दिया। शिव पूजा में धतूरे जैसा जहरीला फल चढ़ाने के पीछे भी भाव यही है कि व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में कटु व्यवहार और वाणी से बचें। स्वार्थ की भावना न रखकर दूसरों के हित का भाव रखें। तभी अपने साथ दूसरों का जीवन सुखी हो सकता है।
शिव को धतूरा प्यारा होने की बात में भी संदेश यही है कि शिवालय में जाकर शिवलिंग पर धतूराचढ़ाकर मन और विचारों की कड़वाहट निकालने और मिठास को अपनाने का संकल्प लें। ऐसा करना ही शिव की प्रसन्नता के लिए सच्ची पूजा होगी क्योंकि शिव शब्द के साथ सुख, कल्याण व अपनत्व भाव ही जुड़े हैं।


मर्यादाओं के पार (आलोचना)

आज तक यह देखकर  बहुत हैरानी होती है की लोग अपने सनातन  धर्म के अनुसार हिंदू धर्म की प्रणाली को भूल गए हैं आजकल पूरे देश में सावन मास के महीने में कावड़ यात्रा प्रारंभ है और शिव भक्त कावड़ यात्रा में तन मन धन और आत्मा से भक्ति कर रहे हैं! यात्रा कर रहे हैं परंतु यह देखकर हैरानी होती है कि की कावड़ यात्रा में भगवान शिव और माता पार्वती  के नाम से अश्लील गाने आजकल हमारे सम्मानित गायकों ने बना दिए हैं! जोकि भगवान शिव और माता पार्वती का अपमान प्रतीत होता है! जिस में शिव भगवान को नशे का आदी दिखाने की कोशिश की जाती है और साथ में माता पार्वती को घसीटा जाता है जो कि गलत है इस प्रकार हमारे गायकों को हमारे देवी देवताओं का अपमान करने का हक नहीं मिल गया है और सभी शिव भक्तों को अपने आप में जागरूकता लानी चाहिए कि प्रभु श्री शिव कल्याणमय और भोलेनाथ है किसी आडंबर से प्रसन्न नहीं होते हैं! वह सिर्फ भक्ति से प्रसन्न होते हैं संपूर्ण प्रकृति का और संपूर्ण विश्व का कल्याण चाहेगा तो भगवान शिव की कृपा उस पर सदा बनी रहती है! क्योंकि शिव ही कल्याण है और कल्याण ही शिव है सत्य ही शिव है और शिव ही सत्य है! शिव ही धर्म है और धर्म ही शिव है सत्यम शिवम सुंदरम वाक्य हमारे पुराणों में मिलता है उसका अर्थ ही सत्य ही शिव है और शिव ही  सत्य है और सत्य की भांति ही शिव सुंदर है और यदि शिव सुंदर है तो सत्य भी सुंदर है! शिव जिसका अर्थ है, की शक्ति के बिना शिव शव है और जब शव से शक्ति का मिलन हो जाता है तो वह शिव बन जाते है! इसलिए मित्रो सत्य को पहचानो और कोशिश करो की भक्ति के साथ साथ अपने देवी देवताओं का माता पिता का और गुरु का मान सम्मान सही प्रकार से हो सके जभी हम अपने सनातन संस्कृति को सुरक्षित कर पाएंगे और सनातन धर्म भक्ति मार्ग सिखाता है! और भक्ति की शक्ति है शिव है!


संदीप गुप्ता


शिवलिंग के भेद (शिव-महापुराण)

माता देवी बिंदुरूपा नादरुप:शिवा: पिता! पूजिताभ्‍यां पितृभ्‍यां तु परमानंद एव ही! परमानंदलाभार्थ:शिवलिंग प्रपूज्येत्‌!!
  सादेवी जगतां माता स शिवो जगत: पिता ! पित्रो: शुश्रूषके नित्यं कृपाधिक्‍यं ही वर्धते!!



सारा चराचर जगत बिंदु नाद स्वरूप है! बिंदु शक्‍ति है और नाद शिव इस तरह है! जगत शिव शक्ति स्वरूप ही है नाद बिंदु का और बिंदु इस जगत का आधार है! यह बिंदु और नाद शक्ति और शिव संपूर्ण जगत के आधार सब रूप से स्थित है! बिंदु और नाद से युक्त सब कुछ शिवस्वरूप है! क्योंकि वही सब का आधार है! आधार में ही आध का समावेश अथवा लय होता है! यही समीकरण है इस समीकरण की स्थिति से ही सृष्टि काल में जगत का प्रादुर्भाव होता है! इसमें संयस नहीं है! शिवलिंग बिंदु नाद स्रवत है! अतः उसे जगत का कारण बताया जाता है! बिंदु देवी और नाद शिव इन दोनों का संयुक्त रूप ही शिवलिंग कहलाता है! अतः जन्म के संकट से छुटकारा पाने के लिए शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए! बिंदु रूपा देवी उमा माता है और नाद स्वरूप भगवान शिव पिता! इन माता-पिता के पूजित होने से परम आनंद की प्राप्ति होती है! आनंद का लाभ लेने के लिए शिवलिंग का विशेष रूप से पूजन करें! देवी उमा जगत की माता है और भगवान शिव जगत के पिता! जो इनकी सेवा करता है उस पुत्र पर इन दोनों माता-पिता की कृपा अधिकाधिक बढ़ती रहती है! वह पूजा कर कृपा करके उसे अपना आंतरिक ऐश्वर्य प्रदान करते हैं !आंतरिक आनंद की प्राप्ति के लिए शिवलिंग को माता-पिता का स्वरूप मानकर उसकी पूजा करनी चाहिए ! भाग से शुरू है ! शक्ति प्रकृति कहलाती है ,अंतरिक्ष उपग्रह को कहते हैं, और आंतरिक अधिष्ठान भूत गर्व करती है! वह प्राकृतिक रूप से युक्त होने के कारण भगवान है !क्योंकि वही प्रकृति का जनक है, प्रकृति में जो पुरुष का सहयोग होता है यही तो उससे उसका प्रथम पुरूष कहलाता है! प्रकृति से महत्व आदि के कर्म से जो जगत का व्यर्थ होना है यही उस प्रकृति का द्वितीय जन्म कहलाता है! जीव पुरुष से ही बारंबार जन्म और मृत्यु को प्राप्त होता है! माया द्वारा अन्य रूप से प्रकट किया जाना है ,उसका जन्म कहलाता है! जीव का शरीर जन्म काल से ही जीर्ण 6 विकारों से युक्त होने लगता है! इसलिए उसे जीव संज्ञा दी गई है! जो जन्म लेता है और विभिन्न पाशो द्वारा बंधन में पड़ता है उसका नाम जीव है! और बंधन जीव शब्द का अर्थ ही है! अतः जन्म-मृत्यु के बंधन की निवृत्ति के लिए जन्म के अधिष्ठान भूत मात्र पित्र स्वरूप शिवलिंग का पूजन करना चाहिए!
 गाय का दूध, दही ,घी इन तीनों को पूजन के लिए शहद और शक्कर के साथ पृथक-पृथक भी रखें और इन सबको मिलाकर सम्मिलित रूप से पंचामृत भी तैयार कर ले! इनके द्वारा शिवलिंग का अभिषेक एवं स्नान कराएं! फिर गाय के दूध और अन्‍न के मेल से नवैध तैयार करके प्रणव मंत्र के उच्चारण पूर्वक उसे भगवान शिव को अर्पित करें! संपूर्ण प्रणव को ध्यान लिंग कहते हैं! स्वयंभू लिंग नाद स्वरूप होने के कारण नाद लिंग कहा गया है! इस प्रकार अकार, उकार, मकार बिंदु ,नाद और ध्वनि के रूप में लिंग के छह भेद हैं! इन 6 लिंगों की नित्य पूजा करने से देहधारी जीव ,जीवन मुक्त हो जाता है इसमें सयंस नहीं है!


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...